Friday, April 23, 2021

सूर्या देवी का अलौकिक दरबार रहस्य, रोमांच,आस्था व भक्ति का अद्भूत संगम

सूर्या देवी का अलौकिक दरबार रहस्य, रोमांच,आस्था व भक्ति का अद्भूत संगम

यहाँ पेड़ की गोद में विराजमान है,शेरावाली

राजेंद्र पंत  रमाकान्त
*गौलापार,/हल्द्वानी/सूर्या देवी की महिमां स्थानीय जनमानस में काफी लोकप्रिय है, दूर-दराज क्षेत्रों से भी भक्तों का आवगमन यहाँ लगा रहता है, नवरात्रि को भक्तों की खासी भीड़ यहां पर लगी रहती है, समय- समय पर आयोजित धार्मिक समारोह में लोग काफी संख्या अपनी -अपनी भागीदारी यहाँ अदा करते है, हालाकि कोरोना वायरस संक्रमण काल के इस दौर में भक्तों की आवाजाही में कमी जरुर है। मगर विश्वास में कोई कमी नहीं है, लोग आस्था व भक्ति के साथ माँ सूर्या देवी को निरंतर याद करते है।

सूर्या देवी मंदिर क्षेत्र पाण्डव कालीन गाथाओं को भी अपने आप में समेटे हुए है, माना जाता है, कि वनवास काल के दौरान पाण्डवों ने अपना काफी समय सूर्या देवी की शरण में व्यतीत किया, सूर्या देवी शक्ति क्षेत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि यह देवी शैलजाम नदी के तट पर एक वट वृक्ष के मध्य में है, "भक्तजनों को देवी की पूजा अर्चना के लिए वृक्ष के मध्य में अपना भाव अर्पित करना पड़ता है,

*सदियों से स्थित यह वृक्ष सूर्या देवी की विराट महिमा का बखान करता प्रतीत होता है, वट वृक्षों में विराजित शक्ति के बारे में देवी भागवत में आता है।*
*🌿अश्वत्थवट निम्बाम्रकपित्थ बदरीगते । पनसार्ककरीरादिक्षीर वृक्षस्वरुपिणी* ॥
*🍃दुग्ध वल्लीनिवासार्हे दयनीये दयाधिके । दाक्षिण्यकरुणारुपे जय सर्वज्ञवल्ल्मे* ।।
*🍃अर्थात् पीपल, वट, नीम, आम, कैथ, बेर में निवास करने वाली देवी महान दयालु कृपालुता करुणा की साक्षात् मूर्तिस्वरुपा है,

*☘️वट वृक्षों के मध्य निवास करने वाले शक्तियाँ साक्षात् शिव का ही स्वरुप मानी जाती है। जगदम्बा माता की महाविराट शक्ति के रूप में ही लोग यहाँ माता सूर्या देवी की वंदना करते है, हिमालय भूमि में पूज्यनीय तमाम शक्तिपीठों की भांति ही माता सूर्या देवी पूज्यनीयां व वदनीया है, इस स्थान पर शक्ति का अवतरण कब व किस प्रकार हुआ इसका कोई उल्लेख नही है, सदियों से लोग यहाँ देवी की पूजा अर्चना बड़ी श्रद्धा व भक्ति के साथ करते आ रहे है, जानकार लोग बताते है सूर्या देवी की आराधना श्रावण मास में दही से, भाद्रपद मास में शर्करा से,अश्विन मास में खीर कार्तिक मास में दूध, मार्गशीर्ष महीने में फेनी एवं पौष में दूधि कूर्चिका माघ में महीने में गाय के घी का फाल्गुन के महीने में नारियल चैत्र में भावनाओं के निर्मल मोती वैशाख मास में गुड़ मिश्रित प्रसाद, ज्येष्ठ में शहद, आधार में नवनीत व महुए के रस का नेवैद्य माँ सूर्या देवी को अर्पित करना चाहिए,

महामंगल मूर्तिस्वरुपा महेश्वरी महादेवी परमेश्वरी सूर्या देवी को इनके भक्तजन सिद्धिकारिणी व कष्ट निवारिणी देवी के रुप में पूजते है। आस्थावान भक्तजन बताते है, इस दरबार में आकर जिसने सच्चे मन से सूर्या देवी का स्मरण कर लिया वह सदैव वैभवशाली रहता है, कोटि सूर्यो की आभाधारण करने वाली सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाली देवी सूर्या की महिमा अपरम्पार बतायी जाती है,

*देवी के उपासक इन्हें सर्वशक्तिस्वरुपा महेश्वर की शाश्वत शक्ति साधकों को सिद्धि देने वाली सिद्विरुपा, सिद्वश्वेरी, ईश्वरी आदि तमाम नामों से पुकारते है। कहा जाता है अनेकों साधकों ने यहाँ साधन करके अलौकिक सिद्धियां प्राप्त की, इस क्षेत्र की पर्वतमालाएं कल- कल धुन में नृत्य करती नदियां पूरे क्षेत्र को नवजीवन प्रदान करती है, कहा जाता है, कि यूं तो असंख्य धनाढ्य लोग मॉ के भक्त है कोई भी यहां पर मंदिर का निर्माण करवा सकता है परन्तु मान्यता है कि इस स्थान पर माता मन्दिर में नही बल्कि प्रकृति के खुले वातावरण में रहना चाहती है, कहा जाता है कि एक बार किसी भक्त ने यहा पर भव्य मंदिर के निर्माण की बात सोची तो उसी रात्रि स्वप्न में प्रकट होकर माता ने ऐसा करने से कदाचित मना किया कहा तो यहां तक जाता है कि यहां पर भव्य मंदिर के निर्माण की योजना एक बार महायोगी हैड़ाखान बाबा ने संकल्प पूर्वक बनायी तो माता सूर्या देवी ने बाबा हैड़ाखान जी को भी इस कार्य को करने से रोक दिया था, सेलजाम के पवित्र नदी के तट पर पर्वत की तलहटी पर स्थित आदि काल से पेड़ की गोद में विराजमान इस वट वृक्ष का नदी का तेज बहाव भी कुछ नही बिगाड़ पायी है,

गौलापार नामक गाँव से पूर्व दिशा में लगभग सत्रह किलोंमीटर की यात्रा के साथ इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है, इसी के समीप काल भैरव जी का मंदिर स्थित है। माँ के साथ महादेव जी के दर्शन से लोग यहाँ आकर धन्य हो उठते है।

राजेंद्र पंत रमाकान्त , पत्रकार
माँ सूर्या,मंगला,वैष्णवी, माया, कालरात्रि, महामाया मंतगी, काली, कमलवासिनी, शिवा, सर्वमंगलरुपिणी सहित अनन्त नामों से भक्तों के हृदय में वास करने वाली महेश्वरी महादेवी की पूजा अर्चना से व आराधना करने पर भगवती नरक रुपी दुर्ग से उद्धार कर परम पद प्रदान करती है, देवभूमि उतराखण्ड में शक्तिपीठों के क्रम में स्थान-स्थान पर स्थित देवी के शक्ति स्थल परम पूजनीय है, इन्ही स्थलों पर गौला पार से लगभग 17 किमी आगे सेलजाम नदी के तट पर सूर्या देवी का पावन स्थान सदियों से भक्तों को असीम व अलौकिक शान्ति प्रदान करता आ रहा है।इस स्थान पर पहुंचने पर सांसारिक मायाजाल में भटके मानव की समस्त व्याधियाँ शान्ति को प्राप्त हो जाती है। जय माँ सूर्या देवी

Tuesday, April 20, 2021

कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्ति के लिए राप्ती नदी के तट पर किया विशाल यज्ञ शुरु

 


राजेन्द्र पंत रामाकांत

बहराइच / नवरात्रीयों के पावन अवसर पर साधनारत सत्यसाधक श्री बिजेन्द्र पाण्डेय गुरुजी ने लोक मंगल की कामना एंव कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्ति के लिए राप्ती नदी के तट पर किया विशाल यज्ञ शुरु बालयोगी ब्रह्मचारीबाबा मालिक दास भी ले रहे यज्ञ में भाग

 

सत्य साधक श्री गुरुजी ने कहा माई पीताम्बरी की कृपा अपरम्पार है

उन्होनें बताया पृथ्वी पर उत्पन्न महा विनाशकारी तूफान को रोकने के लिए भगवान श्री विष्णु ने शिवजी की आज्ञा से की थी, माँ त्रिपुर सुन्दरी की आराधना*

माँ पीताम्बरी के रुप में प्रकट हुई थी देवी, और जगत में कहलायी विष्णु चिंताहरणी अर्थात जिन्होंने भगवान विष्णु की भी चिंता का हरण किया था*

 

प्रलयंकारी तूफान को रोकने के लिए आध्यात्मिक जगत में सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र माना जाता है, माँ पीताम्बरी का पूजन व महायज्ञ

वर देने वालों को भी वरदान देती है,माँ पीताम्बरी

श्री शिव,श्री विष्णु,श्री राम,श्रीकृष्ण,श्रीश्याम,भगवान

परशुराम,गुरु द्रोणाचार्य ने भी किया था,माँ बगलामुखी देवी का पूजन

बगलामुखी देवी अर्थात मॉंपीताम्बरी

सत्य साधक श्री बिजेन्द्र पाण्डे गुरुजी ने कहा बगलामुखी देवी को ही पीताम्बरी देवी अथवा पीताम्बरा देवी कहा जाता है। यह देवी सृष्टि की दश महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। स्वयं प्रभु श्री राम,श्री कृष्ण,भगवान शंकर इस देवी का पूजन करते है,इनकी कृपा से ही राम ने रावण पर विजय पायी थी इसलिए देवी का एक नाम महारावण हारिणी भी है, तंत्रशास्त्र में इस देवी को विशेष महत्व दिया गया है। अपनी उत्पत्ति के समय यह देवी पीले सरोवर के ऊपर पीले वस्त्रों से सुशोभित अद्भुत कांचन आभा से युक्त थी। इसीलिए साधकों ने इस देवी को ‘पीताम्बरी’ अथवा ‘पीताम्बरा’ देवी के नाम से भी सम्बोधित किया है*।

इस तरह यही बगलामुखी देवी पीताम्बरी देवी के रूप में जगत में पूजित, वन्दित एवं सेवित हैं।

एक पौराणिक प्रसंगानुसार जब दक्ष प्रजापति ने अपने यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया तो सती अत्यधिक क्रोधित हो उठी। सती के रौद्र रूप को देख कर भगवान शिव अत्यधिक विचलित हो गये और इधर-उधर भागने लगे। तब सहसा दशों दिशाओं में सती का विराट स्वरूप उद्घाटित हो गया। भगवान शिव ने जब देवी से पूछा कि वे कौन हैं, तो विराट स्वरुपा देवी सती ने दश नामों के साथ अपना परिचय दिया जो दश महाविद्याओं ने रूप में जगत प्रसिद्ध हुई।

एक अन्य पौराणिक कथानुसार ‘कृत’ युग में सहसा एक महाप्रलयंकारी तूफान उत्पन्न हो गया। सारे संसार को ही नष्ट करने में सक्षम उस विनाशकारी तूफान को देख कर जगत के पालन का दायित्व संभालने वाले भगवान विष्णु चिन्तित हो उठे। श्री हरि ने सौराष्ट्र के हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे महात्रिपुर सुन्दरी को प्रसन्न करने के लिए घोर तप आरम्भ कर दिया। भगवान के तप से प्रसन्न होकर तब उस श्री विद्या महात्रिपुर सुन्दरी ने बगलामुखी रूप में प्रकट होकर उस वातक्षोभ (विनाशकारी तूफान) को शान्त किया और इस तरह संसार की रक्षा की*।

ब्रह्मास्त्र रूपा श्री विद्या के अखण्ड तेज से युक्त मंगल चतुर्दशी की मकार कुल नक्षत्रों वाली रात्रि को ‘वीर रात्रि’ कहा गया है, क्योंकि इसी रात्रि के दूसरे पहर में भगवती श्री बगलामुखी देवी का आभिर्भाव बताया जाता है*। यथा-

अथ वचामि देवेशि बगलोत्पत्ति कारणम्।
*🌹पुराकृत युगे देवि वात क्षोभ उपस्थिते।।*
*🌹🍀चराचर विनाशाय विष्णुश्चिन्ता परायणः।*
*🌹🍀तपस्यया च संतुष्टा महात्रिपुर सुन्दरी।।*
*🌹🍀हरिद्राख्यं सरो दृष्ट्वा जलक्रीड़ा परायणा।*
*🌹🍀महाप्रीति हृदस्थान्ते सौराष्ट्र बगलाम्बिका।।*
*🌹🍀श्रीविद्या सम्भवं तेजो विजृम्भति इतस्ततः।*
*🌹🍀चतुर्दशी भौमयुता मकारेण समन्विता।।*
*🌹🍀कुलऋक्ष समायुक्ता वीररात्रि प्रकीर्तिता।*
*तस्या मेषार्धरात्रि तु पीत हृदनिवासिनी।।*
*🌹🍀ब्रह्मास्त्र विद्याा संजाता त्रैलोक्यस्य च स्तंभिनी।*
*🌹🍀तत् तेजो विष्णुजं तेजो विधानुविधयोर्गतम्।।*

उन्होनें कहा आज के भौतिक युग में सर्वत्र द्वन्द एवं संघर्ष का वातावरण व्याप्त है। जीवन में उन्नति करने के लिए स्वस्थ स्पर्धा के स्थान पर ईर्ष्या, रागद्वेष और घृणा का भाव अधिक प्रभावी है। परिणामस्वरूप हर तरफ अशान्ति, अभाव, लड़ाई-झगड़े आपराधिक गतिविधियों तथा पापाचार का बोलबाला है। जनसामान्य में असुरक्षा का भाव घर गया है। अधिकांश लोग परेशान व विचलित हैं। ऐसी परिस्थिति में जो कोई भी सुख व शान्ति की इच्छा रखते हैं, वे अन्ततः भगवान के शरण में जाना ही श्रेयष्कर मानते हैं।*

माँ भगवती बगलामुखी ममतामयी हैं, करुणामयी हैं तथा दयामयी हैं। ऐसी विषम स्थितियों में भगवती बगलामुखी देवी की शरण ही सबसे सरल व प्रभावी मानी गयी है। शास्त्रों में कहा गया है-‘बगलामुखी देवी की शरणागति भक्तों को सहारा व साहस प्रदान करती है तथा सभी प्रकार के संशयों, दुविधाओं एवं खतरों से निर्भय कर देती है। यह एक सर्वविदित मान्यता है कि मनुष्य को तभी शान्ति की अनुभूति होती है, जब वह अपनी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त हो जाता है। प्रत्येक व्यक्ति की यह परम् अभिलाषा होती है कि उसे सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा तथा शत्रुओं से सुरक्षा प्राप्त हो। शास्त्रकारों ने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए, विजय श्री का वरण करने के लिए तथा अपने प्रभाव व पराक्रम में बृद्धि करने के लिए भगवती बगलामुखी देवी की साधना को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया है।*
*इसमें तनिक भी संदेह नहीं है, कि सभी दश महाविद्याओं की सिद्धि के परिणाम अत्यधिक सुखद एवं चमत्कारिक होते हैं। यद्यपि साधना विधि जटिल है* *और इसीलिए साधारण साधक इस साधना में रुचि नहीं लेते, इसीलिए दुर्लभ एवं चमत्कारिक लाभों से सर्वथा वंचित रहते हैं।* *अनेकानेक जटिलताओं के बावजूद जो साधक भगवती बगलामुखी की साधना सम्पूर्ण श्रद्धा व विश्वास से करते हैं, वे स्वयम् तो लाभान्वित होते ही हैं,दूसरों को भी लाभ पहुंचाते हैं।*
*अनेक प्राचीन वैदिक संहिताओं तथा धर्म ग्रन्थों में महाविद्या बगलामुखी देवी के स्वरूप, शक्ति व लीलाओं का अत्यन्त विषद वर्णन मिलता है। उपनिषदों में जिसे ब्रह्म कहा गया है, उसे भी इस शक्ति से अभिन्न माना गया है। यानी ब्रह्म भी शक्ति के साथ संयुक्त होकर ही सृष्टि के समस्त कार्यों को कर पाने में समर्थ हो पाता है। इसीलिए तो शक्ति तत्व की उपासना, वंदना व साधना को मनुष्य मात्र के लिए ही नहीं* *अपितु देवताओं के लिए भी परम् आवश्यक बताया गया है। इसी शक्ति तत्व में नव दुर्गा तथा सभी दश महाविद्याएं समाहित हैं*, *जो सृष्टि के कल्याण के लिए अनेकानेक लीलाओं का सृजन करती हैं। दश महाविद्याओं में भगवती बगलामुखी को पंचम शक्ति के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है।* यथा-
काली तारा महाविद्या षोडसी भुवनेश्वरी।
बाग्ला छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा।।
मातंगी त्रिपुरा चैव विद्या च कमलात्मिका।
एता दश महाविद्या सिद्धिदा प्रकीर्तिता।।
कृष्ण यजुर्वेद अन्तर्गत ‘काठक संहिता’ में मॉ भगवती बगलामुखी का बड़ा ही मोहक तथा सुन्दर वृतान्त मिलता है-

सभी दिशाओं को प्रकाशित करने वाली, मोहक रूप धारण करने वाली ‘विष्णु पत्नी’ वैष्णवी महाशक्ति त्रिलोक की ईश्वरी कही जाती है। इसी को स्तम्भनकारिणी शक्ति, नाम व रूप से व्यक्त एवं अव्यक्त सभी पदार्थों की स्थिति का आधार व पृथ्वी रूपा कहा गया है। भगवती बगलामुखी इसी स्तम्भन शक्ति की अधिष्ठात्री दवी हैं।

बगलामुखी देवी को जन सामान्य ‘बगुला पक्षी’ के मुखाकृति वाली देवी समझ बैठते हैं, जबकि यह बगुला की मुखाकृति वाली देवी नहीं हैं। पुरातन ग्रन्थों में इस देवी को ‘बल्गामुखी’ अर्थात अखण्ड व असीम तेजयुक्त मुखमण्डल वाली देवी कहा गया है। कालान्तरण के साथ साधकों ने अपनी सुविधानुसार देवी को बगलामुखी नाम से पूजना आरम्भ कर दिया तथा बाद के ग्रन्थों में भी इसका इसी नाम से उल्लेख किया जाने लगा और यही नाम जग प्रसिद्ध हो गया। समाज में कई साधक ऐसे भी देखे जाते हैं जो आम व्यवहार में इस देवी को भगवती बगुलामुखी नाम से भी सम्बोधित करते हैं। इसलिए नये भक्त शुरुआत में महामाया बगलामुखी को बगुला नामक पक्षी के रूप वाली देवी समझने की भूल कर बैठते हैं।

इस बात पर संशय की जरा भी गुंजाइश नहीं है कि भगवती बगलामुखी देवी की श्रद्धा व विश्वास के साथ आराधना करने वाले साधक अपने विरोधियों तथा प्रतिद्वदियों पर सदैव विजय प्राप्त करने में समर्थ हो जाते हैं और दुखियों के दुःख दूर करने में भी सक्षम हो जाते हैं। आमतौर पर असाध्य रोगों व संकटों से छुटकारा पाने के लिए, दूसरों को अपने अनुकूल बनाने के लिए, हर तरह की विघ्न बाधाएं शान्त करने के लिए तथा नवग्रहों की शान्ति के लिए मॉ भगवती बगलामुखी का विधिपूर्वक किया जाने वाला अनुष्ठान अत्यधिक प्रभावशाली एवं तत्काल फलदायी माना गया है। अनुष्ठान या उपासना मत्र, तंत्र अथवा यंत्र किसी भी माध्यम से सम्पन्न करने पर यह देवी त्वरित व चमत्कारिक फल प्रदान करती हैं। देवी के साधक यह भी कहते हैं कि साधना यदि मंत्र व यंत्र का प्रयोग करते हुए की जाये तो इसमें सर्वाधिक सुखद एवं विशेष प्रभाव की अनुभूति होती है। फिर लोक कल्याण की भावना से की जाने वाली साधना का तो कहना ही क्या, देवी ऐसे साधकों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। इस सम्बन्ध में ग्रन्थकार कहते हैं*
‘ *बगला सर्वसिद्धिदा सर्वान कामानवाप्नुयात’ अर्थात देवी बगलामुखी का पूजन, वन्दन तथा* स्तवन करने वाले भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है

माई पीताम्बरी के पावन मन्त्रों की सुगंध से महक रही है, निर्मल राप्ती नदी*

इस नदी का प्राचीन नाम इरावती नदी रहा*

यह नदी धर्म व आध्यात्म का महासंगम मानी जाती है। बहराइच, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर ज़िलों में बहती हुई बरहज के निकट यह लगभग 640 किमी० लम्बी पावन नदी घाघरा नदी से मिल जाती है*

🌹भगवान बुद्ध से भी इस नदी की कहानी जुड़ी हुई है*
🌹माई पीताम्बरी स्तम्भन की देवी हैं। सारे ब्रह्माण्ड की शक्ति मिल कर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती* *🌹मंगलयुक्त चतुर्दशी की अर्धरात्रि में इसका प्रादुर्भाव हुआ माई को ब्रह्मास्त्र के नाम से भी जाना जाता है*

माई पीतांबरी से की गयी कोई पुकार कभी अनसुनी नहीं होती राजा हो या रंक, मां के नेत्र सभी पर एक समान कृपा बरसाते हैं*

भगवती पीताम्बरी की उपासना करने वाले साधक के सभी कार्य बिना व्यक्त किये पूर्ण हो जाते हैं और जीवन की हर बाधा को वो हंसते हंसते पार कर जाता है* राजेन्द्र पंत रमाकान्त

Monday, April 19, 2021

जल्द प्रारम्भ होगा मसूरी अस्पताल में आईसीयू

जल्द प्रारम्भ होगा मसूरी अस्पताल में आईसीयू
 
देहरादून  सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एमएसएमई एवं खादी ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने अपने न्यू कैंट रोड़ स्थित कैंप कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली।
     कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उप जिला चिकित्सालय मसूरी में आईसीयू का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है किन्तु विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नहीं होने के कारण आईसीयू लोकार्पित नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्टाफ नर्स के लिए एनएचएम के माध्यम से स्वीकृति ले ली जाए ताकि आईसीयू को प्रारम्भ किया जा सके। ओएनजीसी के माध्यम से अस्पताल को उपकरण खरीद हेतु धनराशि की जानकारी लेते हुए मंत्री ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी सीएसआर मद से धनराशि देने को तैयार है किन्तु अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण धनराशि अभी तक प्राप्त नहीं हो सकी है। उन्होंने मसूरी अस्पताल में पार्किंग निर्माण के लिए सीएमओ को तत्काल पत्राचार करने के निर्देश दिये।
    डीजी स्वास्थ्य ने बताया कि अस्पताल में आपरेशन थियेटर प्रारम्भ करने के लिए सीएमएस अपने स्तर से सामाग्री क्रय करेंगे और जल्द ही आपरेशन थियेटर को प्रारम्भ कर दिया जाऐगा। साथ ही, उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की नयी नियुक्ति होते ही मसूरी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक भेजे जाऐंगे।
     इस अवसर पर स्वास्थ्य महानिदेशक डा0 तृप्ति बहुगुणा, संयुक्त निदेशक डा0 राजीव पाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अनूप डिमरी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 यतेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

प्रोजेक्ट ब्लू के माध्यम से मुम्बई के समुद्र को स्वच्छ करने का अभियान

मायानगरी मुम्बई से परमार्थ निकेतन आये डा राजेश सर्वज्ञ
 
प्रोजेक्ट ब्लू के माध्यम से मुम्बई के समुद्र को स्वच्छ करने का अभियान

एच एस ब्रह्म
ऋषिकेश, । परमार्थ निकेतन में प्रोजेक्ट ब्लू के माध्यम से मायानगरी मुम्बई के समुदों को स्वच्छ करने हेतु अभियान चलाने वाले विवेकानन्द यूथ कनेक्ट फाउंडेशन के संस्थापक डाॅ राजेश सर्वज्ञ और उनकी टीम आयी। राजेश सर्वज्ञ के मार्गदर्शन में प्रोजेक्ट ब्लू की टीम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंटवार्ता की।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने डाॅ राजेश सर्वज्ञ से समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि प्लास्टिक का बढ़ता प्रयोग पर्यावरण विकास और जीवन विकास की प्रक्रिया में बाधक है। हम सभी को धरती की हरियाली और खुशहाल के लिये सोचसमझ कर प्लास्टिक का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करना होगा। साथ ही प्लास्टिक आदि कचरे का बेहतर प्रबंधन करना होगा तभी हम अपने समुद्रों और धरती को प्रदूषणमुक्त रख सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि प्लास्टिक के अंधाधुंध और अवैज्ञानिक प्रयोग पर्यावरण के लिये एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। दुनिया भर में हर साल लाखों टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें सिर्फ 9 फीसदी ही रिसाइकिल होता है। 12 फीसदी जला दिया जाता है जो हमारी हवा को जहरीला बनाता है, जबकि 79 फीसदी प्लास्टिक कचरा इधर-उधर बिखर कर हमारे पर्यावरण को दूषित करता है। इसका बुरा प्रभाव समुद्री जीव-जंतुओं पर पड़ रहा है। अगर प्लास्टिक का सही तरह से निपटारा नहीं किया गया तो 2050 तक हमारे आसपास 1 अरब 20 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा जमा हो जाएगा। स्वामी जी ने डाॅ राजेश सर्वज्ञ जी से कहा कि समुद्रों की सफाई के साथ-साथ जन समुदाय को एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करने हेतु जागरूक करना होगा। आंकडों के अनुसार भारत में हर साल प्रति व्यक्ति प्लास्टिक प्रयोग करीब 13 किलोग्राम है। प्लास्टिक के सही इस्तेमाल को लेकर जनता के बीच जागरूकता बढ़ाए जाने की जरूरत है।
स्वामी जी ने कहा कि हमें बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट तकनीक के इस्तेमाल पर जोर जोर देना होगा तथा बायोडीग्रेडेबल पॉलीमर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की जरूरत है। समुद्र में प्लास्टिक के बढ़ते ढेर को लेकर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि हम अपनी धरा को स्वस्थ, समृद्धि और प्रदूषण मुक्त रखना चाहते है तो प्लास्टिक को समुद्र में जाने से रोकना होगा।
स्वामी जी ने कहा कि प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग के कारण प्रकृति में कई नकारात्मक बदलाव हो रहे है। प्लास्टिक हमारी मिट्टी, समुद्र और हमारे शरीर को नुकसान पहुँचाता है। प्लास्टिक की थैलियाँ खाने से प्रतिवर्ष तकरीबन एक लाख से अधिक पशु-पक्षी मर जाते हैं। समुद्र के अलावा यह जहरीला प्लास्टिक मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी खत्म करता है क्योंकि इसके जलने से जहाँ जहरीली गैस निकलती है वहीं यह मिट्टी में पहुँच कर भूमि की उर्वरा शक्ति को नष्ट करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, प्लास्टिक के नष्ट होने में 500 से 1000 साल का वक्त लगता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि जन जागरूकता लाकर प्लास्टिक की वजह से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम किया जा सकता है। उन्होंने डाॅ राजेश सर्वज्ञ और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद देते हुये रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। स्वामी जी के साथ प्रोजेक्ट ब्लू की टीम ने विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।

एक ऐसा धाम जहां निर्मल मन से की गयी प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती

राजेंद्र पंत रमाकांत 

हल्द्वानी / कल्याणी कालिका के इस भू-लोक में अनेक शक्ति स्थल है, जिनकी विमल आभा में प्राणी जगत स्वयं को सदैव सुखी व सुरक्षित महसूस करता है। ऐसा ही एक परम शक्ति स्थल है कालीचौड़ धाम।

एक ऐसा धाम जहां निर्मल मन से की गयी प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। कालीचौड़ धाम की महिमा किसी शक्तिपीठ से कम नहीं है।

देवालयों की लम्बी श्रृंखला के क्रम में जगतजननी जगदम्बा के कालीचौड़ स्थित काली मंदिर की महिमा का यहां विशेष महत्व है।


आध्यात्मिक शांति को समेटे कालीचौड़ का काली मंदिर माता जगदम्बा की ओर से भक्तों के लिए अनुपम भेंट है। पावन भूमि उत्तराखण्ड में कुमाऊं क्षेत्र के अन्तर्गत काठगोदाम के पास वियावान वन में स्थित काली का यह मंदिर प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की आराधना और तपस्या का केन्द्र रहा है*।

यह देवी दरबार प्राचीन काल से ही पूजनीय रहा है। कथाओं के अनुसार सतयुग में सप्त ऋषियों ने इस स्थान पर भगवती की आराधना, तपस्या करके मनोवांछित लौकिक व अलौकिक सिद्वियां प्राप्त की इन्हीं सिद्वियों के प्रताप से उन्होंने सप्तऋषि लोक की प्राप्ति की। श्री मार्कण्डेय ऋषि ने भी यहां तपस्या करके काली की कृपा को प्राप्त किया। महायोगी महेन्द्र नाथ, सोमवारी बाबा की तो यह अद्भुत साधना स्थली कही जाती है। इतना ही नहीं नानतिन बाबा, टाटम्बरी बाबा, हैड़ाखान बाबा सहित अनेकों संतों ने इस स्थान पर साधना करके कालिका माता से निर्मल ज्ञान की प्राप्ति की यहां की प्राचीन सिद्व शक्ति पीठ में सिद्वबली हनुमान, काल भैरव व भगवान शिव की मूर्तियां विराजमान हैं। 

पौराणिक काल से अनेक कथाओं को समेटे यह स्थल ऋषि-मुनियों की आराधना के पश्चात काफी समय तक गोपनीय रहा आधुनिक समय में यह स्थान लगभग सात दशक पूर्व प्रकाश में आया कहा जाता है कि वर्ष 1942 से पूर्व कलकत्ता में एक बंगाली भक्त को माता कालिका ने स्वप्न में दर्शन देकर कृतार्थ किया व इस स्थान पर अपनी अलौकिक शक्ति होने का भान कराया। दिव्य प्रेरणा से अभिभूत उस काली भक्त ने इस स्थान की खोज की। व बाद में हल्द्वानी निवासी रामकुमार जी ने इस स्थान को बंगाली बाबा के साथ मिलकर माँ की कृपा से मंदिर रूप में स्थापित किया।* *मंदिर के समीप ही एक तामपत्र निकला इसमें पाली भाषा में महाकाली मंदिर महात्म्य का उल्लेख किया गया है।*

*🌹माता कालिका के इस दरबार में इन दिनों डॉक्टर मनोज पांडे जी की सुधामयी वाणी की धार से श्रीमद्देवी भागवत नवाह ज्ञान यज्ञ का आयोजन हो रहा है आज के आयोजन में मुख्य यजमान श्रीमती संध्या डालाकोटी, व किरण डालाकोटी रहे, मंदिर से जुड़े आस्थावान भक्त अर्जुन सिंह बिष्ट, बसंत सनवाल, मनोज शर्मा, अभिषेक सुयाल ,नवल भट्ट, ललित सुयाल, गणेश कार्की, गंभीर सिंह बिष्ट, पंकज सिंह बिष्ट, मुकेश जोशी, गजेंद्र सिंह बजवाल, भास्कर मिश्रा, पवन सिंह ,विनय दानी, विनोद दानी, धर्मेंद्र शर्मा, कोविड-नियमों का पालन कराते हुए भक्तों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।*
लालकुआँ क्षेत्र के आस्थावान भक्तों ने आज कालीचौड़ मंदिर में पहुंचकर माँ काली के दर्शन किए एवं लोक कल्याण की कामना की तथा कोरोनावायरस संक्रमण से मुक्ति के लिए माँ से प्रार्थना की,
इस अवसर पर आचार्य चन्द्रशेखर जोशी, दिनेश लोहनी, महेश भट्ट, भूवन पाण्डे(छोटा भुवन), पिन्टू यादव, जीवन भण्डारी, मोहित मियान,विनय रजवार, ललित मिश्रा, भुवन सनवाल आदि मौजूद रहे।* ////// रमाकान्त पन्त/////

Sunday, April 18, 2021

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने व्यापारियों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की

हरिशंकर सैनी

देहरादून ,अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत उत्तराखंड के प्रांतीय संगठन मंत्री लाखन सिंह ने निरंतर मास्क पहने रखने,घर से बाहर और अंदर जाते समय बार बार सेनेटाईज से हाथ धोने, सामाजिक दूरी बनाए रखने एवं लोगों और व्यापारियों से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर  सतर्क रहने की अपील की है। उन्होने कहा कि हमारे देश में कोरोना को लेकर भयानक स्थिति बनी है। उससे निपटने के लिए  व्यापारी एकजुट होकर अपनी -अपनी दुकानों में मास्क पहनें और अगर कोई ग्राहक मास्क पहन कर नहीं आता है तो उस  ग्राहक को मास्क स्वयं दें और उन्हें समझायें कि मास्क पहनना कितना जरुरी है। ऐसे समय में अपनी दुकान पर सैनिटाइजर रखें। खुद भी समय—समय पर अपने हाथों को सैनिटाइजर करें और जो भी ग्राहक आये उनके हाथों को भी सेनीटाइज कराते रहें। उन्होने कहा कि व्यापारी समाज का एक अभिन्न हिस्सा है, जो हमेशा समाज के हर क्षेत्र के साथ जुड़ा रहता है। इस तरह सतर्कता बरतते हुए समाज को इस महामारी से बचा सकता है। उन्होने शासन और प्रशासन से भी आग्रह किया कि कोरोना काल में व्यापार को मद्देनज़र रखते हुए व्यापारी हित में हर निर्णय विचार पूर्वक लें। लाखन सिंह ने लोगों से अभी सतर्कता बरतने की अपील की। साथ ही उन्होंने कोरोना काल में जान की परवाह किए बिना काम करने वालों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में काम करने वाले डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, पुलिस, प्रशासन, पत्रकार, व्यापारी, समाजसेवी आदि की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि व्यापारी 'मास्क मतलब, मेरा आपका सुरक्षा कवच' अभियान चलाएं। सभी को संदेश दिया जाए कि मास्क नहीं तो सामान नहीं।
लाखन सिंह ने कहा की सुरक्षा की शुरुआत अपने घर से करें, सबसे पहले अपने घर को वायरस से निपटने के लिए तैयार करें. बच्चों को सकारात्मक रखें और उन्हें कोरोना का संक्रमण फैलने के बारे में सावधानी से बताएं.
आपके घर पर जिन चीजों का इस्तेमाल रोज हो रहा है और हर व्यक्ति उसका उपयोग करता है, उनकी रोज सफाई करें. कुर्सी, मेज, स्विच, दरवाजे और हैंडल को घर के सभी लोग इस्तेमाल करते हैं, इन्हें रोज साफ करें.
कोरोना वायरस से बचाव के लिए पानी और साबुन का इस्तेमाल करते हुए हाथों को बीस सेकेंड तक रगड़कर साफ करें. खाने के पहले और बाद, शौचालय के इस्तेमाल के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं. हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें ,विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोज़ाना साबुन से हाथ धोते रहना ग्लव्स की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कारगर है.

Saturday, April 17, 2021

पहल:आस्था, संस्क्रति और सम्मान से नवाजा जा रहा है कुंभ वीरों को

पहल:आस्था, संस्क्रति और सम्मान से नवाजा जा रहा है कुंभ वीरों को

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,कुम्भ मेला भव्यता के साथ अपने समापन की सीढ़ियां चढ़ रहा है प्रमुख पर्व बैसाखी के सकुशल सम्पन होने के पश्चात अधिकांश फोर्स को वापस भेजा जा रहा है जहां वापसी के दौरान कुंभ बीरों को नवाजने के लिए *श्री संजय गुंज्याल महानिरीक्षक कुम्भ* ने शुरुआत की है उत्तराखंड सँस्कृति ,कला और आस्था के सांकेतिक चिन्ह की सांकेतिक कुम्भ यानी एक तांबे के छोटे से कलश से । इसे विशेष रूप से तैयार किया गया है अल्मोड़ा शहर के कारीगरों द्वारा, इस कलश की एक और विशेषता इसे विशिष्ट बनाती है वो हैं कलश पर बनाई गई *उत्तराखंड सँस्कृति की पहचान ऐपण* की कलाकृति।


उत्तराखंड लोक कला ऐपण जो एक प्रकार से अल्पना का ही प्रतिरूप है एक ऐसी अल्पना एक ऐसी लोक कला, जिसका इस्तेमाल उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में सदियों से जारी है। उत्तराखंड सँस्कृति के हृदय में समाहित ऐपण कलात्मक अभिव्यक्ति का भी प्रतीक है। इस लोक कला को अलग-अलग धार्मिक अवसरों के मुताबिक बनाया किया जाता है।देखने में भले ही ये ऐपण आसान से नजर आते है, लेकिन इन्हें बनाने में ग्रहों की स्थिति और धार्मिक अनुष्ठानों का खास ध्यान रखा जाता है।
कुम्भ ड्यूटी के दौरान कर्तव्य निर्वहन करने वाले पैरामिलेट्री फोर्स


पुलिस अनुषांगिक शाखाएं एवमं कुम्भ मेला ड्यटी के दौरान कर्तव्य निर्वहन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस बल या कुम्भ मेले से सम्बंधित किसी कार्य मे अपनी विशेष भूमिका निभाने वाले जनमानस अथवा संस्था को सांकेतिक *आस्था कलश* से नवाजा जा रहा है

इंस्पेक्टर ने इनाम की राशि दान की कुष्ट आश्रम में

इंस्पेक्टर ने इनाम की  राशि दान की कुष्ट आश्रम में

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,यदि मन ने ठान लिया हो तो मानव सेवा के अवसर हमारे इर्द गिर्द ही घूमते है खाकी यूं तो अपनी व्यस्तता के लिए जानी जाती है किंतु कुम्भ मेला पुलिस ने आधात्म की दुनिया के केंद्र बिंदु महाकुम्भ में मानवीय सेवा को अपना प्रथम लक्ष्य चुना है बात चाहे श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने की हो या खाना खिलाने की , यात्रियों को कुम्भ दर्शन की हो या बिछुडो को मिलाने की। सभी स्तम्भो में कुम्भ मेला पुलिस अपनी अमिट छाप छोड़ रही है।
बैशाखी पर्व में पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा विशिष्ट कार्य के लिए अन्य कर्मियों के साथ आज कुम्भ मेला पुलिस लालजीवाला इंस्पेक्टर होशियार सिंह को भी 2000 रुपये का नगद इनाम से पुरुष्कृत किया था, जिस इनाम की राशि को इंस्पेक्टर होशियार सिंह ने चंडीघाट स्थित आजाद कुष्ट आश्रम में जाकर शाही स्नान के सकुशल संपन्न होने की खुशी में मिठाइयां जूस और बिस्कुट खिलाएं और वितरित किये साथ ही वहां 50 किलो चावल 50 किलो आटा दाल नमक मिर्च मसाला चीनी चायपत्ती और साबुन इत्यादि दान किए ।

अपने मानवीय क्रिया कलापों के माध्यम से पूर्व में भी चर्चा में आये इंस्पेक्टर होशियार सिंह के इस कार्य की आम जन और श्रद्धालुओं द्वारा सराहना एवम की जा रही है।
निश्चय ही इस प्रकार के कार्य जनसमुदाय में पथप्रदर्शक का उदाहरण बनते है और बनते ही एक तीक्ष्ण कटाक्ष जो पुलिस के मानवीय स्वरूप को अनदेखा करते है।

Thursday, April 15, 2021

डीआईजी ने दिए समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश - रघुनाथ सिंह नेगी

डीआईजी ने दिए समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश - रघुनाथ सिंह नेगी

नदी किनारे पिकनिक स्पॉट्स पर चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाने व जागरूकता अभियान चलाने का था मामला |

नदी-नालों में नहाते वक्त हो चुकी कई युवकों की मौत |

अति उत्साहित युवा बगैर वास्तविकता जाने लगाते हैं नदियों में छलांग |

इनकी नासमझी की कीमत भुगत रहे परिजन|

मोर्चा को मिली बड़ी जीत I

जनपक्ष आजकल

विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा दो-तीन माह पहले राजभवन को पत्र प्रेषित कर प्रदेश भर में नदी-नालों के किनारे स्थित पिकनिक स्पॉट्स वह अन्य स्थानों आदि पर चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाने व जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया था,

जिसके क्रम में शासन ने पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई के निर्देश दिए थे |उक्त के क्रम में पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल द्वारा गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/ पुलिस अधीक्षकों को जागरूकता अभियान चलाने व चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाने के निर्देश दिए | नेगी ने कहा कि जानकारी न होने के कारण युवा जाने-अनजाने में नदियों में नहाने लगते हैं तथा नदी- नालों की गहराई तथा उनमें बड़े-बड़े पत्थरों के नीचे खाईनुमा गड्ढों में फंस कर अपनी जान गवां बैठते थे, जिससे उनके परिजनों को ताउम्र दुख झेलने के सिवा कोई चारा नहीं रहता | अब तक दर्जनों युवा अपनी जान गंवा चुके हैं | प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेशों के युवा भी नासमझी में इन नदी- नालों में नहाने लगते थे तथा जानकारी के अभाव में अपनी जान से हाथ धो बैठते थे | पत्रकार वार्ता में -मोर्चा उपाध्यक्ष विजय राम शर्मा तथा वीरेंद्र सिंह थे |

Wednesday, April 14, 2021

टूट गया 14 अप्रैल का श्रापित मिथक, बैशाखी का शाही स्नान हुआ सकुशल सम्पन्न

टूट गया 14 अप्रैल का श्रापित मिथक, बैशाखी का शाही स्नान हुआ सकुशल सम्पन्न

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,सदैव ही महाकुम्भ का बैशाखी स्नान विवादों में ओर मिथक से भरा रहा है, इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ कि बैशाखी पर्व बिना किसी विवाद, दुर्घटना अथवा रंजिश पूर्ण घटनाओं से परे रहा हो।यदि हम आजादी के बाद प्रथम कुम्भ जो 1950 में सम्पन्न हुआ को देखे तो जानकारी मिलती है कि बैसाखी पर्व 14 अप्रेल के शाही स्नान में हरकीपेडी में बेरियर टूटने से *लगभग 50 से 60 श्रद्धालुओं* की मृत्यु हुई थी। *वही1986 के महाकुम्भ में बैशाखी पर्व में भीड़ के दवाब बढ़ने से 50 से 52 भक्त असमय ही काल ग्रसित* हो गए थे। वर्ष 1998 का कुम्भ भी इस बुरी छाया से दूर न रह सका इस महाकुम्भ के 14 अप्रेल के शाही स्नान पर भी श्रापित छाया नजर आती है जब दो बड़े अखाड़ो के आपसी विवाद और लड़ाई से शाही स्नान बाधित हो गया, जबकि 2010 के बैशाखी पर्व शाही स्नान पर दुर्घटना में 07 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी,
इस प्रकार हम देखते हैं कि आजादी के पश्चात महाकुम्भ के बैशाखी पर्व के शाही स्नान सदैव श्रापित रहा है पूर्व में निर्मल अखाड़ो का शाही स्नान समय सामंजस्य सही न होने के कारण अंधेरे में सम्पन्न होता था जबकि इस महाकुम्भ में सभी शाही स्नान न वरन समय से पूर्ण हुए बल्कि आम श्रद्धालुओं को भी हरकीपेडी में स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह इतिहास का प्रथम स्नान है जिसमे सभी शाही स्नान में भव्य पुष्प वर्षा हेलीकॉप्टर के माध्यम से हुई है। साथ ही महाकुम्भ के सभी स्नान विवादरहित रहे और आम जनता में आकर्षक का केंद्र भी क्योकि पूर्व इतिहास में हम नजर डालते हैं तो पाते हैं कि पूर्व में शाही अखाड़ो के जुलूस इतने विराट और भव्य नही होते थे न ही इतनी अधिक संख्या में शाही रथ ओर वाहन इस्तेमाल होते हैं इस महाकुम्भ में कुछ शाही अखाड़ों ने रिकॉर्ड 1100 से 1157 शाही वाहन अपने शाही स्नान जुलूस में इस्तेमाल किये किन्तु *आई जी कुम्भ श्री संजय गुंज्याल* द्वारा तैयार अचूक रणनीति से कहीं भी कोई अप्रिय घटना नही हुई।

कुम्भ मेला पुलिस ने पेश की कोविड गाइड लाइंस के अनुपालन और कोरोना संक्रमण से बचाव की अनुकरणीय मिसाल।

कुम्भ मेला पुलिस ने पेश की कोविड गाइड लाइंस के अनुपालन और कोरोना संक्रमण से बचाव की अनुकरणीय मिसाल।

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,कुम्भ मेला 2021 में उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ, पीएसी, अर्धसैनिक बलों, होमगार्ड, पीआरडी, संचार, घुड़सवार, जीआरपी, अभिसूचना, अग्निशमन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित लगभग 15 हजार अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा ड्यूटी की गई। कोरोना काल मे होने वाला यह विश्व का सबसे बड़ा आयोजन था, जिसे कराना अपने आप मे एक नई और अकल्पनीय चुनौती था। मेले के दौरान लाखों-करोड़ों की भीड़ में स्वयं को कोरोना संक्रमण से बचाते हुए आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और संक्रमण मुक्त स्नान करवाना समझ से परे था।

लेकिन जहाँ चाह वहां राह बन ही जाती है, कुम्भ मेला ड्यूटी में आने वाले अधिकांस अधिकारी और जवान इसे सामान्य मेला ड्यूटी न मानते हुए गंगा माँ की सेवा करने का अवसर समझ कर हरिद्वार आये थे। कुम्भ पुलिस के उच्चाधिकारियों को पहले ही समझ मे आ चुका था कि यदि कुम्भ मेला सकुशल सम्पन्न कराना है तो मेला ड्यूटी में लगे पुलिस बल का कोरोना से बचे रहना अतिआवश्यक है। एक छोटी सी भी चूक बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती थी।

इसलिए कुम्भ मेला पुलिस के उच्चाधिकारियों के द्वारा सर्वप्रथम एक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को कोरोना सम्बंधित मामलों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया, जिसका काम ड्यूटी हेतु आने वाले समस्त पुलिस बल का सबसे पहले RTPCR टेस्ट करवाना, केंद्र और राज्य के द्वारा जारी SOP का अनुपालन करवाना और कोरोना संक्रमित पुलिस के जवानों के उपचार और देखभाल की उत्तम व्यवस्था कराना।

इसके अलावा कुम्भ ड्यूटी हेतु आये समस्त पुलिस बल को ततपरता दिखाते हुए कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज भी समय से लगवा दी गई। बाकी जब भी कुम्भ का कोई स्नान सम्पन्न होता था तो उसके तुरंत बाद ही ड्यूटी में लगे समस्त पुलिस बल का RTPCR टेस्ट कराया जाता ताकि ड्यूटी के दौरान हुए संक्रमण का समय रहते पता लग सके।

इन सभी उठाये गए कदमो और कोरोना संक्रमण के विरुद्ध पालन किये गए सख्त अनुशासन का ही परिणाम रहा कि पूरी कुम्भ अवधि के दौरान लगभग 15 हजार पुलिसकर्मियों के विशालकाय बेड़े में से मात्र 20 पुलिस कर्मी ही कोरोना संक्रमित हो पाए। इन 20 पुलिसकर्मियों में से भी अधिकांशतः पुलिसकर्मी सही उपचार और देखभाल के चलते ठीक हो चुके हैं।

इस प्रकार कुम्भ मेला पुलिस के द्वारा कोरोना के विरुद्ध अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति और विभागीय अनुशासन के बलबूते न सिर्फ अपने आपको कोरोना संक्रमण से बचाया गया बल्कि ड्यूटी के दौरान लगातार आम श्रद्धालुओं से भी कोरोना से सम्बंधित आचरण का पालन करवाया गया।

कुम्भ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं को खिलाया खाना, बांटे मास्क बिस्किट, ओर ग्लूकोज पानी, इंस्पेक्टर की हो रही है जमकर तारीफ

कुम्भ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं को खिलाया खाना, बांटे मास्क बिस्किट, ओर ग्लूकोज पानी, इंस्पेक्टर की हो रही है जमकर तारीफ

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,मानव सेवा ही अध्यात्म का प्रतिफल है दया प्रेम करुणा ओर उदारता सेवा के अलंकार है खाकी जिसका यह पक्ष सदैव ही आम जन से छुपा है खाकी को लोग कठोर ह्रदय समझ व्यवहार में लाते हैं किंतु ऐसा कहना न्यायसंगत नही है खाकी द्वारा समय समय पर कर्तव्य निर्वहन के साथ ही मानवीय कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है महाकुम्भ जिसका मूल ही मानव सेवा , त्याग दान और उदारता की सीढ़ियों पर हैं कुम्भ मेला पुलिस द्वारा अनेक प्रशंसनीय ओर सराहनीय किये जा रहे है फिर चाहे वो बिछुडो को मिलाने की कोशिश हो या सामान खोने पर वापसी की, श्रद्धलुओं को गोदी में उठा कर स्नान कराना हो या भटकों को राह दिखाने की, सभी जगह कुम्भ मेला पुलिस के अपनी मानवीय छवि से भक्तों का मन मोह रही है
नया मामला लाल जी वाला के इंस्पेक्टर होशियार सिंह पंखोली से जुड़ा हुआ है जिन्होंने अपने क्षेत्र में मां गंगा के भक्तों को अपने हिस्से से खाना खिलाया, जब भक्त और आ गए तो इंस्पेक्टर ने सभी के लिए स्वयं के खर्चे से भोजन बनवाया ओर दुवाएँ प्राप्त की,इसके साथ ही सेकड़ो भक्तो को गुलकोज पानी पिलाया ,बिस्कुट बंटवाए ओर मास्क वितरित किये।
कुम्भ मेला पुलिस के इंस्पेक्टर होशियार सिंह का कहना है कि उन्हें इन कामो से बड़ा सुकून मिलता है, श्री होशियार के द्वारा अनेक असहाय ओर गरीब लोगों की मदद की है श्रद्धालुओ के द्वारा इस कार्य की जमकर तारीफ की जा रही है आज एक अन्य घटना में vip घाट में एक कबूतर को कौओ द्वारा घायल किये जाने पर भी होशियार सिंह द्वारा कबूतर की मफहम पट्टी की ओर डॉक्टर को बुलाया। अभी हाल में ही एक कुष्ट रोग से पीड़ित व्यक्ति को गोदी में उठाकर ले जाती फोटो वायरल हुई थी।।

वही चंडीघाट कुम्भ थाने की एक अन्य घटना में एक नेपाली परिवार को रुपयों से भरा बैग गायब हो गया जिसके बाद उनके समक्ष नेपाल वापसी जाने की समस्या पैदा हो गयी।जिस पर कुम्भ मेला पुलिस थाने के जवानों के द्वारा 08 हजार रुपया इकठ्ठा करके परिवार को दिए और उन्हें टनकपुर की गाड़ी में बिठाया।

बैंक खाते से हुआ मिलाप ,बिछुडो को मिलाती हरिद्वार कुंभ मेला पुलिस

हरिशंकर सैनी

बैंक खाते से हुआ मिलाप

बिछुडो को मिलाती  हरिद्वार कुंभ मेला पुलिस

हरिद्वार,  बिछुडो को मिलाती  हरिद्वार कुंभ मेला पुलिस, पुलिस द्वारा सराहनीय कार्य किए जा रहे आईजी कुंभ संजय गुंज्याल के नेतृत्व में पुलिस सराहनीय कार्य कर रही है , अपनेे परिजनों से बिछड़ गई महिला क कुंभ पुलिस ने उसके आधार कार्ड से उसके बैंक खाते का पता लगाकर परिवार से संपर्क किया और महिला को उसकेे उसके परिवार से मिलवाया,

शान्ति देवी पत्नी श्री सुरेश राय, उम्र- 47 वर्ष, निवासी- इकौना दुबोली थाना-शिमरी, जिला-बक्सर, राज्य-बिहार अपने परिजनो से मंशा देवी मन्दिर के दर्शन करने के उपरान्त लौटते हुए बिछुड़ गयी जो काफी परेशान व नये स्थान पर होने के कारण डरी व सहमी सी थी व व्रत होने के कारण उपरोक्त महिला को चक्कर व कमजोरी भी महसूस हो रही थी। उपरोक्त महिला को हिन्दी का ज्ञान भी नाममात्र था व लिखने व पढने में असमर्थ थी तथा उक्त महिला के पास कोई मोबाईल भी नही था व ना ही साथ आये हुए परिजनों में से किसी का भी मो0नं0 उसको ज्ञात था। उक्त गुमशुदा महिला को खोया-पाया केंद्र थाना सप्तसरोवर में लाया गया, जहाॅ खोया-पाया केंद्र में नियुक्त का0 दीपक कोठियाल, का0 गौरव रावत व का0 विवेक बलूनी द्वारा उक्त को परिजनों से मिलाने का पूर्ण विश्वास दिला कर उक्त महिला को व्रतआहार देकर उस महिला से उसका आधार कार्ड प्राप्त कर विभिन्न बैंको में टेलिफोनिक/स्वयं जा कर आधार कार्ड से लिंक महिला के अकाउन्ट को तस्दीक किया लेकिन महिला के अकाउन्ट में भी कोई मो0नं0/सम्पर्क नं0 रजिस्टर्ड नही था जिसके बाद उक्त महिला से उसके पुत्र का नाम पूछा गया जिसका नाम गुड्डू बताया गया व एक अनुमान लगाकर उसके पुत्र के नाम से उसी बैंक में सर्च कराया जिससे उसके पुत्र का मो0नं0 मिल गया जिस पर सम्पर्क किया गया व उसे पूरी स्थिति से अवगत कराया गया व उसकी माॅ से बात करायी गयी जिसके बाद महिला के पुत्र से महिला के साथ आये हुये अन्य परिजनों का मो0नं0 लिया गया तथा उनसे सम्पर्क कर उनका लोकेशन ज्ञात कर स्थानीय पुलिस की मदद से एक आॅटो भिजवाया गया तथा आॅटो चालक लक्ष्मण सिंह निवासी-भूपतवाला हरिद्वार को सप्तसरोवर थाने में उसके परिजनो को लाने के लिये बताया गया। जिसके बाद आॅटो चालक उक्त महिला के परिजनों को लेकर थाना कार्यालय में आया तथा उक्त गुमशुदा महिला को खोया-पाया टीम सप्तसरोवर द्वारा सम्पूर्ण औपचारिकता पूर्ण करने के बाद गुमशुदा महिला को सकुशल परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस द्वारा किए गए उक्त कार्य की परिजनों एवं स्थानीय नागरिकों द्वारा भूरी-भूरी प्रशंसा की गई।

*खोया-पाया टीम थाना सप्तसरोवर*

का0 1388 ना0पु0 दीपक कोठियाल,
का0 25 स0पु0 गौरव रावत
का0 35 ना0पु0 विवेक बलूनी

Tuesday, April 13, 2021

कुम्भ मेला पुलिस की ततपरता और जनता के प्रति संवेदनशील व्यवहार का एक उदाहरण देखने मे आया।

 कुम्भ मेला पुलिस की ततपरता और जनता के प्रति संवेदनशील व्यवहार का एक उदाहरण देखने मे आया।

हरिद्वार, लड़की भावना मनराल हड़बड़ाहट में रायवाला स्थित कुम्भ मेला खोया पाया केंद्र पर पहुंची और बताया कि मैं नन्दप्रयाग से हरिद्वार के लिए आ रही उबर कम्पनी की एक कैब से सफर कर रही थी और नेपाली फार्म पर उतर गई। लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे पता चला कि मेरे दो लेपटॉप उस गाड़ी मे ही छूट गए हैं। कृपया मेरे लैपटॉप मुझे वापस दिलवाने की कार्यवाही करें।

भावना की समस्या जानते ही रायवाला कुम्भ मेला के खोया-पाया केंद्र पर ड्यूटीरत उ0नि0 कृष्णा ज्याड़ा, कां0 संजय, कां0 सचिन द्वारा ततपरता दिखाते हुए भावना को उस समय की CCTV फुटेज दिखाकर गाड़ी के नम्बर की पहचान की गई और उबर कम्पनी से बात करके उस गाड़ी के चालक का नाम और मोबाइल नम्बर का पता किया गया।

जब तक ये कार्यवाही हो पाती तब तक वह गाड़ी गाजियाबाद पहुंच चुकी थी, गाड़ी के चालक से बात करने पर चालक द्वारा भी ईमानदारी दिखाते हुए दोनो लेपटॉप के गाड़ी में मौजूद होने तस्दीक की। पुलिस के कहने पर गाड़ी चालक ने भावना के दोनो लेपटॉप उसके गाजियाबाद में रहने वाले परिजनों के सुपर्द कर दिये।

पुलिस की तत्काल की गई कार्यवाही से प्रभावित होकर भावना ने कहा कि मैं तो अपने दोनो लेपटॉप वापस पाने की उम्मीद खो चुकी थी, लेकिन कुम्भ मेला पुलिस की ततपरता और जनता की सेवा के लिए समर्पण भाव की बदौलत मेरे दोनो लैपटॉप मुझे वापस मिल गए।मैं तहेदिल से कुम्भ मेला पुलिस का धन्यवाद करती हूं।

मशहूर चित्रकार ने केनवास में उकेरी खाकी की संवेदना, संजय गुंज्याल आईजी कुम्भ को की भेंट

 

मशहूर चित्रकार ने केनवास में उकेरी खाकी की संवेदना,  संजय गुंज्याल आईजी कुम्भ को की भेंट

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,तश्वीरें बोलती है अपनी सम्वेदनाओं को व्यक्त करने के लिए पेंटिंग एक उपयुक्त साधन है यदि केनवास में उकेरा चित्र सकारात्मक हो तो इसे सौभाग्य और ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है, वास्तव में सिर्फ एक चित्रकार ही बता सकता है कि उसकी कूची के रंग क्या कहते है आज ऐसी ही केनवास पर उकेरी रंगों की कहानी व्यक्त की चित्रकार जाकिर हुसैन ने।

जाकिर हुसैन ने खाकी पर बनाई एक तश्वीर पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ श्री सजंय गुंज्याल को भेंट की, खाकी का बेहतरीन चित्रण करता यह केनवास कई मायनों में खास है खाकी के मध्य में आईपीएस ऑफिसर का तिरंगे रगों से रँगा चेहरा जहां ऊर्जा और आत्मविश्वास को दर्शित कर रहा है वही दोनों छोरों में महिला और पुरुष पुलिस कर्मी को उदास ओर मुस्कुराते दिखाया गया है दिखाया गया है उदास चेहरा पुलिस की परिवार से दूरी ओर स्मृति को व्यक्त करता है तो मुस्कुराता चेहरा कर्तव्य पथ पर अडिग सेवा को तत्परता की इंकित करता है सभी धर्मों से समानता , आधुनिक पुलिस, यातायात व्यवस्था के चित्रण इस छोटे से केनवास में है
संविधान की श्रेष्ठता ओर कानून के रक्षक , ओर खूबसूरत उत्तराखंड के भाव लिए यह केनवास स्वयं में खाकी की कहानी है

ये तश्वीर गूंगी है मगर
दास्ता-ए-बयाँ खाकी करती है

बातचीत के दौरान जाकिर ने कहा कि पूर्व में उनकी एक तशवीर एक लाख पिचहत्तर हजार में भी विक्रय हुई , वही अनेक राजनेताओं के आवास में भी उनकी पेंटिंग लगी है इस केनवास को महंगे रंगों से तैयार किया है चित्रकार जाकिर हुसैन का कहना है कि यह रंग 150 साल से भी अधिक समय तक भी ऐसा ही बना रहेगा, इसे पानी से भी धोया जा सकता है श्री सजंय गुंज्याल द्वारा चित्रकार हुसेन की प्रशंसा ओर सराहना की।

मानवीय ओर सराहनीय कार्यों से श्रद्धालुओं पर अपनी छाप छोड़ी कुम्भ मेला पुलिस

 

मानवीय ओर सराहनीय कार्यों से श्रद्धालुओं पर अपनी छाप छोड़ी कुम्भ मेला पुलिस

हरिशंकर सैनी

हरिद्वार ,कुम्भ मात्र एक डुबकी नहीं यह तो सार है अध्यात्म का, फिर चाहे आप मां गंगा के चरणों मे अपनी श्रद्धा पावन स्नान से अर्पित करो या किसी असहाय को मां गंगा के तट पर पहुँचा कर।


कुम्भ मेला पुलिस जो सजग सतर्क ओर अडिग है अपने कर्तव्य पथ पर, फिर चाहे वो कर्तव्य निर्वहन यातायात प्रबन्धन हो या गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करता जवान सभी का अपना महत्व और गुरुता है,
महाकुम्भ अविराम अपने पथ पर अविरल बढ़ रहा है लाखों की संख्या में श्रद्धालु माँ गंगा में डुबकी लगा खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं वही अनेक ऐसे भी श्रद्धालु हैं जो दिव्यांग, बुजर्ग अथवा असहाय होने से सड़क पार कर घाटों में पहुँचने में खुद को असमर्थ महसूस कर रहे हैं
उन सभी को सकुशल पावन स्नान कराने का कार्य कर रहें है कुम्भ मेला पुलिस के जवान जो प्रतिदिन ही अनेक भक्तो को सहायता प्रदान कर पावन पर्व में डुबकी लगवा रहे हैं और कर्तव्य निर्वहन के साथ ही मानवीय कायों से माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त कर रहें है।।

Monday, April 12, 2021

Narayan Seva Sansthan honoured Padma Shri Awardee Dr. B. K. S. Sanjay

Narayan Seva Sansthan honoured Padma Shri Awardee Dr. B. K. S. Sanjay
Dehradun! Sanjay Orthopaedic, Spine and Maternity Centre’s Orthopaedic and Spine Surgeon Padma Shri Awardee Dr. B. K. S. Sanjay has been honoured by Narayan Seva Sansthan President Shri. Prashant Agarwal in presence of Director Palak Agarwal, Public Relations Officer Mahim Jain and other members of Bairagi Camp Narayan Seva Sansthan and anchor Shri Sudhir Sharma editor of Pradhan Times in Haridwar Kumbh Mela 2021. It is matter of great pleasure that Narayan Seva Sansthan is serving to divyangjan for last more than three decades. The sansthan has stablished a temporary surgical hospital in Bairagi camp Haridwar during Maha Kumbh Mela. This act of selfless service is commendable.
Dr. Sanjay, informed to the audiences that the polio, cerebral palsy and road traffic accidents are the main cause of deformity and disabilities in our country. According to the WHO report more than five lakh road traffic accidents are happening in India. Out of them, 1.5 lakh people are killed and similar number of people are being disabled in our country. Being an Orthopaedic Surgeon and seeing the all kind of problems related to road traffic accidents he and his team is doing a road safety campaign to reduce the road traffic accidents. His centre has organised nearly 200 free public awareness lecture which has been recorded in India Book of Records in 2021. Dr. Sanjay appealed to audience to follow the traffic rules and be role model to others so that numbers of accidents can be reduced.
Any kind of disability reduces the efficiency and ability of a person. The capability of a disabled person is always less than that of an able person. Polio, Cerebral Palsy and road accidents are the main cause of orthopaedic disability in our country. Pulse Polio Programme of the Government of India have been very successful, hence there are no new cases of polio since January 2011, but millions of old polio patients are still living in miserable condition. In his address Senior Orthopaedic and Spine Surgeon, Padma Shri awardee, Dr. B. K. S. Sanjay told that the surgeries in polio and C.P patients should be done as early as possible because he believe the philosophy that plants can be straightened and not the trees.

पद्मश्री डाॅ. बी. के. एस. संजय का नारायण सेवा संस्थान द्वारा भव्य स्वागत


नारायण सेवा संस्थान ने पद्मश्री  डाॅ. बी. के. एस. संजय को किया सम्मानित


पद्मश्री डाॅ. बी. के. एस. संजय का नारायण सेवा संस्थान द्वारा भव्य स्वागत

हरिशंकर सैनी

देहरादून! संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर, देहरादून के वरिष्ठ आॅर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. बी. के. एस. संजय, पद्मश्री से सम्मानित को हरिद्वार महाकुंभ मेला के दौरान उदयपुर की नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल, निदेशक पलक अग्रवाल, जनसंपर्क अधिकारी माहिमा जैन, नारायण सेवा संस्थान बैरागी कैंप के अन्य पदाधिकारी एवं कार्यक्रम के संयोजक सुधीर शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया।


यह बड़े हर्ष की बात है कि नारायण सेवा संस्थान विगत 36 वर्षों से देश के दिव्यांगों की निःशुल्क सेवा में लगा हुआ है, और हरिद्वार स्थित बैरागी कैंप में अस्थाई सर्जिकल हास्पिटल स्थापित कर दिव्यांगों की निःशुल्क सेवा का कार्य कर रही है। जो कि बहुत ही सराहनीय कार्य है।
डाॅ. संजय ने बैरागी कैंप हरिद्वार स्थित नारायण सेवा संस्थान के सम्मान समारोह के अवसर पर अपने सम्बोधन में बताया कि वर्तमान में विकृति और विकलांगता के मुख्य कारण पोलियो एवं सी.पी. के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाऐं भी हैं। सड़क दुर्घटनाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाऐं होती हैं। उनमें से लगभग 1.5 लाख लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है और वर्तमान परिदृश्य में सर्वोंत्तम उपलब्ध उपचार के बावजूद भी समान संख्या के लोग विकलांग हो रहे हंै।
डाॅ. संजय ने बताया कि पिछले कई सालों से हमारी संस्था सड़क सुरक्षा अभियान चला रही है। जिसका उद्देश्य यह है कि सड़क दुर्घटनाऐं कम से कम हो। अब तक लगभग 200 निःशुल्क जन जागरूकता व्याख्यान दे चुकी है। जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है जिसको की इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड में उल्लेखित किया जा चुका है। क्योंकि मैं एक आर्थोपीडिक सर्जन हूँ और सड़क दुर्घटनाओं को करीब 40 सालों से देख रहा हूँ इसीलिए मैं आप सभी बैठे हुई महानुभावों से भी अपील करता हूँ कि आप सभी अपने एवं जनहित में यातायात के नियमों का पालन करें।


डाॅ. संजय ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि पोलियो की विकलांगता केवल शारीरिक ही नहीं यह मानसिक, सामाजिक और आर्थिक विकलांगता की जननी भी है। खासतौर से यदि रोगी गरीब है और महिला है, तो यह विकलांगता और विकराल रूप धारण कर लेती है। मेरा मानना कि दिव्यांगजन भी हर ढंग से सक्षम बनाये जाने चाहिए। जिससे यह लोग भी अपने परिवार, समाज और अपने देश की प्रगति में भागीदार हो सकें। यदि हर आदमी अपने देश की प्रगति में भागीदार हो सकेगा, तो अपना देश दिन दुगुनी रात चैगुनी प्रगति कर सकेगा।
डाॅ. संजय ने अपने सम्बोधन में कहा कि आॅपरेशन के परिणाम अपेक्षित होते है। उनके द्वारा अब तक पोलियो के मरीजों में लगभग 5 हजार सफल आॅपरेशन हो चुका है और इतने अनुभव के बाद उनका मानना है कि इन विकलांग मरीजों में आॅपरेशन काफी हद तक कारगार सिद्व होते है। उनका मानना है कि पौधे सीधे किये जा सकते है, पेड ़नहीं। इसलिए पोलियो ग्रस्त बच्चों को जल्दी से जल्दी आॅपरेशन कराने चाहिए।

भारतीय किसान संघ उधम सिंह नगर में बनाएगा 5000 नए सदस्य

भारतीय किसान संघ उधम सिंह नगर में बनाएगा 5000 नए सदस्य

हरिशंकर सैनी

उधम सिंह नगर ,भारतीय किसान संघ उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जनपद में 5000 सदस्य बनाएगा , सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज रुद्रपुर में जिला अध्यक्ष चौधरी कुंवर पाल सिंह की अध्यक्षता में और संयुक्त क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवकांत दीक्षित तथा प्रदेश संगठन मंत्री सुकर्मपालसिँहराणा प्रदेश महामंत्री सुधीर शाही प्रदेश महिला प्रमुख श्रीमती चंद्रकला प्रदेश उपाध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह की उपस्थिति में उपरोक्त 5000 के सदस्यता का लक्ष्य पूर्ण करने का संकल्प लिया गया ,

इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष नवनीत मिश्रा जिला उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता सह प्रांत के प्रमुख श्रीमती संगीता बालम खंड सदस्यता प्रमुख जितेंद्र सिंह, सरदार जोगिंदर सिंह ,सरदार अजीत सिंह ,सरदार बलजिंदर सिंह काशीपुर से टीका राम जसपुर से विक्रम सिंह मौर्य राजकुमार सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने संगठन को मजबूत करने का संकल्प लिया, इस दौरान संयुक्त क्षेत्र संगठन मंत्री शिवकांत दीक्षित ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों में शीघ्र संशोधन की मांग की, गन्ना भुगतान और गेहूं क्रय केंद्रों पर धांधली करने वाले सरकारी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है ,
इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री सुकर्मपालसिँहराणा ने संगठन को मजबूत करने के लिए सक्रिय ग्राम समिति और विकास खंड समितियों के गठन पर जोर दिया,

Saturday, April 10, 2021

जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा द्वारा सीबीएसई देहरादून के रीजनल ऑफिसर रणवीर सिंह को यूनिवर्सिटी के एडवाइजरी बोर्ड में बतौर मेंबर नियुक्त किया

देहरादून ,एस.जी.आर.आर.इण्टर कालेज सहसपुर देहरादून के प्रधानाचार्य रवीन्द्र कुमार सैनी ने सी.बी.एस.ई.के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह से मुलाकात कर उन्हें सम्मान स्वरूप उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर लिखी कविता भेंट की जिसे विशिष्ट शैली मे लिखा गया है। सैनी ने उन्हें शाल उढाकर भी सम्मानित किया क्योंकि जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा द्वारा सीबीएसई देहरादून के रीजनल ऑफिसर रणवीर सिंह को यूनिवर्सिटी के एडवाइजरी बोर्ड में बतौर मेंबर नियुक्त किया गया है,

 यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार अशोक कुमार सिंह की ओर से इस बाबत सूचना जारी कर बताया गया कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर रणवीर सिंह के विशेष प्रयासों और उनके सुझावों के जरिए एजुकेशन सेक्टर में एक नया प्रयास किया जाएगा. रणबीर सिंह सितंबर 2016 से दून में आरओ के पद पर कार्यरत हैं. जिन्हें स्कूली शिक्षा की बेहतरी में सराहनीय सेवाओं के लिए चुरु (राजस्थान) में ओपीजेएस विश्वविद्यालय (राजस्थान) द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित भी किया जा चुका है. देहरादून मंडल की सीबीएसई स्कूली शिक्षा को अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बताया गया.


बतौर आरओ रणवीर सिंह ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार व पारदर्शिता व्यवस्था की दिशा में अनेकों कार्य किए हैं. रणवीर सिंह ने कहा कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर छात्रों के हिताें में बेहतर प्रयास करने की कोशिश की जाएगी, जिससे आने वाले समय में भारतीय शिक्षा को नया आयाम मिले.श्री सिंह द्वारा CBSE देहरादून परिक्षेत्र हे प्रमुख होने से अब तक पूरे परिक्षेत्र में एक बेहतर शेक्षिक वातावरण विकसित किया और किसी विश्वविद्यालय में उसके बोर्ड ओफ़ गवर्नरस में नॉमिनेशन भी , इनके कठिन परिश्रम का नतीजा है।
रणबीर सिंह जी शिक्षा क्षेत्र के अलावा भी सामाजिक क्षेत्र मे अद्वितीय सेवा कर रहे हैं जिससे अन्तर्गत वे सैनी के द्वारा शुरू किऐ जाने वाले अभियान "बेटी बचाओ बेटी पढाओ "मे बालिकाओं के लिए लाखों रुपए का सहयोग करेंगे । 17 अप्रैल को उनके द्वारा अभियान का उद्घाटन किया जाऐगा। 

श्री रणबीर सिंह जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर रविंदर सैनी द्वारा लिखी गई एक रचना जिसे उनके नाम के प्रत्येक अक्षर से लिखा गया है। हर एक पँक्ति उनके नाम के हर एक अक्षर से लिखी गई है।