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Friday, December 3, 2021
विकलांगों को अनुकूल वातावरण की अत्यंत आवश्यकता
Thursday, December 2, 2021
कपिलेश्वर महादेव मन्दिर श्रद्धा व विश्वास का संगम*
Sunday, October 24, 2021
उत्तराखंड सैनी महासभा की पछवादून इकाई का गठन अनमोल सैनी बने पछवादून इकाई अध्यक्ष
उत्तराखंड सैनी महासभा की पछवादून इकाई का गठन अनमोल सैनी बने पछवादून इकाई अध्यक्ष
हरिशंकर सैनी
विकासनगर देहरादून ,उत्तराखंड सैनी महासभा की पछवादून इकाई का गठन किया गया है, आज बैरागी वाला में डॉक्टर नीरज सैनी जी के आवास पर हुई बैठक में सैनी समाज के प्रमुख व्यक्तियोँ की उपस्थिति में सैनी समाज की एकता पर बल देते हुए नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से निम्नानुसार इकाई का गठन किया गया
अध्यक्ष-- श्री अनमोल सैनी (विकासनगर )
उपाध्यक्ष-- श्री प्रवीण सैनी, श्री जगबीर सैनी, श्री विनोद सैनी, डॉक्टर रमेश सैनी, श्री विशंबर सैनी
सचिव-- श्री विनय सैनी, सहसचिव-- श्री सुमित सैनी
कोषाध्यक्ष-- श्री संजय सैनी
मीडिया प्रभारी-- डॉ नीरज सैनी सह मीडिया प्रभारी--श्री अजय सैनी
विधि प्रमुख-- एडवोकेट नरेश सैनी, एडवोकेट सुरेंद्र सैनी, प्रचार प्रमुख-- श्री ऋषिपाल सैनी, सुभाष सैनी, श्री नीरज सैनी, श्री रघुनाथ सिंह सैनी, श्री सचिन सैनी ,श्री रविंद्र सैनी
सोशल मीडिया प्रभारी-- श्री मनोज सैनी
संरक्षक-- श्री यशपाल सैनी, चौधरी जितेंद्र सैनी ,श्री रामनाथ सैनी, श्री रणजीत सैनी, डॉक्टर सुरेश सैनी, श्री भूप सिंह सैनी, श्री रविंद्र सैनी, श्री रमेश सैनी, श्री सुशील सैनी, श्री रविंद्र सैनी ।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 25 दिसंबर को महाराजा शूर सैनी जी की जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी, इस अवसर पर सैनी समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं, विशेष सम्मान प्राप्त व्यक्तियों को, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य जैसे जनप्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगा ।
Sunday, September 12, 2021
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का उद्देश्य ग्राहक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना: भगवती प्रसाद शर्मा
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का मूल उद्देश्य ग्राहक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना: भगवती प्रसाद शर्मा
हरिद्वार (हरिशंकर सैनी) अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत हरिद्वार की एक आवश्यक समीक्षा बैठक आर्य नगर स्थित एक होटल मैं संपन्न हुई । सभा की अध्यक्षता राष्ट्रीय कार्य कारिणी सदस्य व उत्तराखंड प्रभारी भगवती प्रसाद शर्मा तथा संचालन जिला अध्यक्ष अनूप प्रकाश भारद्वाज एडवोकेट नै किया।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत हरिद्वार की उक्त समीक्षा बैठक मैं मुख्य रूप से सदस्यता को लेकर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान भगवती प्रसाद शर्मा नै अपने विचार प्रकट करते हुए बताया कि माननीय बिंदु माधव जोशी जी जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक भी रहे है वह इस अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे है।
उनके दिशा निर्देशों के अंतर्गत ग्राहक पंचायत वर्तमान मैं कार्य कर रही है साथ ही श्री शर्मा जी नै उदाहरण के तौर पर बताया कि पानी के नल लोगो के घरों में लगने के बाद भी पानी न आने व दूषित पानी आने को ग्राहक आंदोलन के द्वारा ग्राहक पचायत से जोड़ा जा सकता है और उस आंदोलन के दौरान जनपद अधिकारियों को अवगत कराते हुए उसका निराकरण कराना होगा ,यदि अवगत कराने के बाद भी उसका निराकरण नहीं होता है तो उसे ग्राहक संरक्षक अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश एवं राष्ट्रीय एकाई के माध्यम से प्रशासन और शासन को अवगत कराकर निराकरण करना होगा। साथ ही साथ अपने विचारो में यह भी बताया कि ग्राहक संरक्षण अधिनियम का प्रस्ताव प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सामने वर्ष 1984 में रखा गया था। 2 वर्ष के मंथन के बाद केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में उक्त प्रस्ताव को शब्दों में फेरबदल करते हुए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 24 दिसंबर 1986 को लोक सभा में पास कराया गया जिसपर महामहिम राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी ने अपने ज्ञान ब विवेक के अन्तर्गत कानूनी विशषज्ञों से सलाह लेते हुए उक्त अधिनियम पर हस्ताक्षर करते हुए लागू कराया जिसका केंद्र सरकार द्वारा 30 दिसम्बर 1986 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर लागू कराया उसी दिन से 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय ग्राहक दिवस के रूप में मनाया जाता है।इसी के तहत उन्होंने ग्राहक व उपभोक्ता शब्दों के अंतर पर भी प्रकाश डाला। ग्राहक के अधिकार का सभी व्यक्तियों को हल मिलना चाहिए। उन्होंने कहा की अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का मूल उद्देश्य ग्राहक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना हैl
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अनूप प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि लोगो को जागरूक करने के लिए शीघ्र ही तहसील व ब्लॉक स्तर का गठन कर ग्राहक पंचायत कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। शिकायत प्राप्त होने पर निसंदेह निराकरण होगा।
इस अवसर पर डॉ राजीव कुरेले एसोसिएट्स प्रोफेसर उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्व विद्यालय के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ ने अपने ग्राहक की भूमिका के अंतर्गत पूर्ण ग्राहक बनने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी वस्तु की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के कर्तव्यों की जानकारी देते हुए उनके अनुसरण पर चलने का आह्वान किया।
इस अवसर पर आशीष भार्गव प्रांत कोषाध्यक्ष उत्तराखंड तथा अमित शर्मा प्रांतीय सह संयोजक एवं विशाल गर्ग एवं समाज सेवक, राजेन्द्र जिंदल उपाध्यक्ष ने भी संभोधित किया। बैठक में मुख्य रूप से प्रतीक त्यागी, मेहरदास, शुशील कुमार,दीपक सैनी, परमिंदर गिल,पवन कुमार,मीनू शर्मा, प्रदीप वर्मा,गोविंद सिंह बिष्ट, अखिलेश शर्मा, हिमांशु सैनी, विश्वाश वशिष्ट,राहुल कुमार, सुधांशु जोशी,चन्द्र मोहन शास्त्री आदि उपस्थित रहे।
Sunday, September 5, 2021
संस्कार भारती द्वारा किया गया श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता के बच्चों को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन
संस्कार भारती द्वारा किया गया श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता के बच्चों को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन
काशीपुर उधम सिंह नगर ( पंकज शर्मा )संस्कार भारती काशीपुर इकाई दृारा 29 एवं 30 अगस्त को श्री कृष्णजन्माष्टमी के अवसर पर “श्री कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता (ओनलाइन वीडियो क्लिप द्वारा) 2021” का आयोजन व्हाट्सएप के माध्यम से किया गया जिसमें बच्चों की प्रतिभाओं के आधार पर उनको पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ गूगल मीट के माध्यम से प्रांतीय कार्यकारी जिसमें इकाई अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा , इकाई महामंत्री सुशील पाठक , इकाई कोषाध्यक्ष कपिल अग्रवाल व इकाई के संगीत विधा संयोजक भोला दत्त पाण्डेय उपस्थित रहे। इसके उपरांत श्री भोला दत्त पाण्डेय द्वारा गणेश वंदना व संस्कार भारती का ध्येय गीत गाकर प्रतियोगिता को विधिवत प्रारंभ किया गया।
प्रतियोगिता दो वर्गों में कराई गयी जिसमें लल्ला वर्ग में 32 व कान्हा वर्ग में 44 प्रतियोगियों ने हिस्सा लिया ,जबकि कुल प्रतिभागियों की संख्या 84 रही।
प्रतियोगिता व्हाट्सएप के माध्यम से लगातार दो दिन तक चली जबकि तीसरे दिन निर्णायक डा. पुष्पा धामा, श्रीमती भावना भट्ट व श्रीमती पूजा अग्रवाल गुप्ता द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से ही मूल्यांकन कर दोनों वर्गों में प्रथम, दिृतीय व् तृतीय स्थान की घोषणा की गयी।
जिसमें लल्ला वर्ग में प्रथम स्थान पर अश्वी गुप्ता पुत्र विवेक गुप्ता व श्रीमती अंजू गुप्ता, दिृतीय स्थान पर सानिध्य त्रिपाठी पुत्र डा. शोभित त्रिपाठी व श्रीमती निधि त्रिपाठी और तृतीय स्थान पर मौलिक मित्तल पुत्र ऋषि मित्तल व श्रीमती प्रियानशी मित्तल, आदिश्री भारद्वाज पुत्र कमल शर्मा व श्रीमती सीमा शर्मा, एकक्ष कपूर पुत्र भरत कपूर व शिवि कपूर और तृतीय स्थान पर ही नकक्षत्र पुत्र श्री राजेश प्रजापति व श्रीमती लता प्रजापति रहे जबकि कान्हा वर्ग में प्रथम स्थान पर त्रिनभ झा पुत्र अमरेंद्र कुमार झा व गुड़िया झा दिृतीय स्थान पर ब्लूमिंग किड्स अकेडेमी से अनवेशा चौधरी पुत्री अभिषेक कुमार व श्रीमती दीक्षा चौधरी और तृतीय स्थान पर निश्चित शर्मा पुत्र अमित कुमार व श्रीमती मनीषा शर्मा रहे। साई पब्लिक स्कूल से सबसे ज्यादा बच्चों ने प्रतिभागिता की। कार्यक्रम का समापन सभी सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय गीत गाकर किया गया। इस अवसर पर प्रांतीय महामंत्री पंकज अग्रवाल (एडवोकेट), अभिषेक पाठक , इकाई के पूर्व अध्यक्ष अमित मित्तल, इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष शेष कुमार सितारा , उपाध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र शर्मा , मीडिया प्रभारी श्री पंकज शर्मा , के. एस. कपूर , कृष्ण कुमार शर्मा, सर्वेश यादव , पंकज अग्रवाल (एनबीसी), अनिल सारस्वत, सुरेन्द्र भारद्वाज, संयोग चावला , वेद प्रकाश विधयार्थी, प्रमोद शर्मा, प्रदीप दनाई , श्रीमती मंजुल मिश्रा , डा० रीता सचान , श्रीमती नूपुर गुप्ता , श्रीमती श्वेता अरोरा , श्रीमती पायल अग्रवाल, श्रीमती सोनल सिंघल, कुमारी उपासना शर्मा, श्रीमती पूनम पाठक, श्रीमती अनीता अग्रवाल, श्रीमती रेखा सक्सेना, श्रीमती रेखा अग्रवाल, श्रीमती शिप्रा अग्रवाल सहित संस्था के समस्त सदस्य उपस्थित रहे।
Saturday, August 21, 2021
पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय का सामूहिक नागरिक अभिनन्दन
पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय का सामूहिक नागरिक अभिनन्दन
हरिशंकर सिंह
देहरादून! वैदिक साधन आश्रम तपोवन नालापानी देहरादून एवं आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तराखण्ड द्वारा आत्मकल्याण का स्वर्णिम अवसर पर सामवेद परायण यज्ञ का विशेष आयोजन अध्यक्ष विजय कुमार गोयल, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा, सचिव प्रेम प्रकाश शर्मा जी द्वारा किया गया। इस आयोजन के दौरान मुख्य अतिथि माननीय मंत्री श्री यतीश्वरानन्द जी माननीय कैबिनेट मंत्री, उत्तराखण्ड एवं पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय जी का आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तराखण्ड एवं वैदिक साधन आश्रम सोसाइटी द्वारा सामूहिक अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आर्यन शत्रुघ्न कुमार मौर्या एवं समाज सेवी योगेश अग्रवाल द्वारा किया गया।
डॉ. संजय ने अपने संबोधन में बताया कि भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की तिकड़ी हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताऐं हैं। किसी भी विचार का प्रचार-प्रसार केवल शिक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है। इस बात को आप समझते होंगे कि संवाद के बिना कोई भी कार्य पूरा नहीं किया जा सकता है और दो व्यक्तियों के बीच में संवाद के लिए एक सांझे की आम भाषा की आवश्यकता होती है जिसको दोनों व्यक्ति समझते हों।
अंग्रेजी शासन एवं अंग्रेजी सभ्यता के आने के बाद, भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के विलुप्तीकरण की आशंका को देखते हुए आर्य समाज संस्था के पृवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज संस्था की स्थापना की।
स्वामी दयानन्द जी के बारे में एक बात बताना चाहूँगा कि उन्होंने शिक्षा के महत्व को बहुत समझा इसीलिए शिक्षा पर वह बहुत जोर देते थे और कहते थे कि माँ-बाप को अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए और उनके उच्च नैतिक मूल्य बढ़ाने चाहिए। इसीलिए आर्य समाज संस्था के अनुयायियों ने स्वामी दयानन्द सरस्वती की याद में 1 जून 1886 को प्रथम डी.ए.वी. स्कूल की लाहौर में स्थापना की और आज पूरे देश में दयानन्द एंग्लो वैदिक यानि कि डी.ए.वी. नाम के हजारों विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय चल रहे हैं। स्वामी जी के बारे में दूसरी बात बताना चाहूँगा कि उन्होंने काम में बहुत महत्व दिया, काम में विश्वास रखा और भाग्य के सिद्धांत का विरोध किया।
आर्य समाजी महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की मैं तीसरी बात और बताना चाहूँगा कि वह भारत के महान दार्शनिक, समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक हैं जिन्होंने वैदिक धर्म में बहुत से बदलाव लाए। मूर्ति पूजा और कर्मकाण्ड की पूजा जैसी कुरीतियों की उन्होंने घनघोर निंदा की और उन्होंने वैदिक या सनातन धर्म को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया। उन्होंने अपने अनुयायियों एवं सभी अन्य धर्मों को मानने वालों से कहा कि सत्य को स्वीकार करना चाहिए और यह विचार सार्वभौमिक होना चाहिए क्योंकि सत्य सब लोगों के लिए समान होता है। इसी सिद्धांत को मानते हुए स्वामी जी ने सत्य को ग्रहण कर असत्य का परित्याग करना ही सब सुधारों का मूल मंत्र माना और और इसी मुल मंत्र को आगे बढा़ने का प्रचार-प्रसार किया। उनका सत्यार्थ प्रकाश ग्रंथ इस बात का प्रमाण है।
लेकिन देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यही कहा जा सकता है, यहाँ पर खाने के दाँत और, दिखाने के दाँत और की कहावत पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। जबकि हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते लिखा तो है लेकिन कुछ लोग सत्यमेव जयते यानि की सत्य ही जीतता के सिद्धांत पर बिल्कुल विश्वास नहीं करते हैं जिसका उदाहरण न्यायालय की घटनाओं से है। सोचने की बात है कि न्यायालय में आए हुए दोनों पक्षों में से कम से कम एक पक्ष तो असत्य बोल ही रहा होता है लेकिन उनसे जुड़े हुए दर्जनों और सैकड़ों लोग भी झूठ बोल रहे होते हैं। ऐेसे समाज का भविष्य कैसे उज्जवल हो सकता है? यह सोचने की बात है।
समाज का विकास एवं राष्ट्र का निर्माण केवल लोगों की शारीरिक निकटता के कारण नहीं होता है बल्कि विचारों की समानता के कारण होता है। हम सब लोग जो आज यहाँ पर इकट्ठे हुए हैं यह इसका साक्षात प्रमाण है। मेरा मानना है शिक्षा सबको मिलनी चाहिए, सस्ती मिलनी चाहिए, अच्छी मिलनी चाहिए और एक सी मिलनी चाहिए। जब हम सबको एक सी शिक्षा मिलेगी तभी हमारे विचार एक से होंगे, हम सब फिर एक सा सोचेंगे, एक सा करेंगे और एक से ही रहेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो देश में विघटन की संभावना बनी रहेगी और पनपती भी रहेगी।
इस कार्यक्रम के दौरान श्री एस. एस. वर्मा, श्री मानपाल सिंह राठी, श्री गोविंद सिंह भण्डारी, श्री भगवान सिंह, डॉ विश्वमित्र शास्त्री, पं. रूवेल सिंह, श्री अशोक वर्मा, श्री हरपाल सिंह, श्री इन्द्रजीत मल्होत्रा, डॉ. विनोद कुमार शर्मा, पं. उम्मेद सिंह विशारद, श्री मनमोहन आर्य, श्री पी. डी. गुप्ता, पं. सूरत राम शर्मा, डॉ. वीरेन्द्र पंवार, आचार्य डॉ. धनन्जय, डॉ. वीरपाल, विद्यालंकार, पं. शैलेशमुनि सत्यार्थी, श्री ओम प्रकाश मल्लिक आदि मौजूद थे,
Sunday, June 20, 2021
उत्तराखण्ड के इस स्थान पर अगंराज कर्ण ने की थी तपस्या
उत्तराखण्ड के इस स्थान पर अगंराज कर्ण ने की थी तपस्या
पंचप्रयागों में एक है, कर्ण प्रयाग
यही की धरती पर विराजमान है, उमादेवी
दानवीर कर्ण की तपोभूमि कर्णप्रयाग
कर्णप्रयाग(चमोली)राजेंद्र पंत रमाकांत
अंगराज कर्ण की तपोभूमि कर्णप्रयाग का आध्यात्मिक महत्व सदियों से आस्था व भक्ति का संगम है। देवात्मा हिमालय के ऑचल में स्थित कर्णप्रयाग में अलकनन्दा व पिण्डर नदी कल- कल धुन में नृत्य करते हुए आपस में मिलकर एक होती है। इसी भूभाग में माँ उमा देवी का मन्दिर जगतमाता की ओर से अपने भक्तों के लिए अलौकिक भेट है। अलकनन्दा व पिण्डर के संगम पर दानवीर कर्ण का प्राचीन मन्दिर पाण्डवकाल की याद को दर्शाता है
अलकनंदा एवं पिंडर नदी के पावन तट पर बसा कर्णप्रयाग पंच प्रयागों में एक है।श्री बद्रीनाथ व श्री केदारनाथ यात्रा पथ का यह सुन्दर पड़ाव सदियों से रहस्य व रोमांच का केन्द्र है। *धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर कर्ण ने भगवान शिव एवं माता पार्वती के साथ-साथ भगवान सूर्य देव की तपस्या की कहते है, कि तपस्या के प्रभाव से दानवीर कर्ण को शिव एवं पार्वती के साथ-साथ भगवान सूर्य देव के दर्शन भी इसी स्थान पर हुए थे*
*🌹💥कर्णप्रयाग क्षेंत्र के आसपास अनेकों दुर्लभ तीर्थ स्थलों की भरमार है गंगा के इन्हीं पावन तटों के क्षेत्रों में ऋषि- मुनियों ने तपस्या करके दुर्लभ सिद्धियों को प्राप्त किया पुराणों में भी इस भूमि का सुन्दर वर्णन मिलता है। स्कंद पुराण के केदारखण्ड के 81 वें अध्याय में यहाँ के तीर्थ.स्थलों का वर्णन करते हुए महर्षि वेद व्यास जी ने कहा है।यह तीर्थ शिवदायक है। यहाँ देवालय में जो रोगी, मूढ़, एवं दरिद्र व्यक्ति देवी की शरण में जाता है, उसकी सम्पूर्ण अभीष्ट सिद्धि निश्चय ही होती है। यहाँ विश्व नामक शिवलिंग विराजमान है यह क्षेत्र अनेक तीर्थों और मुनिजनों से युक्त है। यहाँ लिंगरुपी विश्वेश्वर सदाशिव रहते हैं उनके दर्शन से कोटियज्ञों का फल प्राप्त होता है। यहाँ से उत्तर दिशा में गणकुण्ड है, जहाँ सौम्येश्वर शिव का दर्शन बड़ा ही फलदायी है ऐश्वर्यदायक रम्भाकुण्ड भी इन्हीं क्षेत्रों में है, जहाँ पूर्वकाल में रम्भा ने महादेव की आराधना की थी।यहाँ की पर्वत श्रृखंलाएं रावण की तपोभूमि भी रही है।*
*🌹💥प्रसन्न शिवजी से रावण ने वरदान मांगा था यह क्षेत्र पुण्यदायक हो, हे शिव! आप इसे न छोड़े, जो विशालात्मा इस क्षेत्र का सेवन करे, वह लोकों में धन्य हो तथा अपना परम कल्याण प्राप्त करे। तब से यह क्षेत्र महादेव का आश्रित (निवास स्थान) हो गया पुराणों में वर्णित है ,यहाँ स्नान करने से मनुष्य जो चाहता है, सब पा जाता है। और मरने पर उत्तम गति प्राप्त होती है। जो 'यहाँ' पितरों का तर्पण करता है, उसके पितर मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं। कर्णप्रयाग क्षेत्र के तीर्थ महात्म्य में कपिलक तीर्थ का भी वर्णन आता है।यह सभी तीर्थों में परम उत्तम है। यहाँ सभी देवों से पूजित कपिलेश्वर महादेव रहते हैं इन्ही क्षेत्रों में ब्रह्मसर नामक तीर्थ है, जो सर्वत्र दुर्लभ है।*
*🌹💥इस तीर्थ महात्मय के बारे में पुराणों में कहा गया है। पूर्वकाल में संयमी कर्ण ने यहॉ तपस्या की थी, कैलास पर नन्दपर्वत के निकट गंगा और पिण्डार के संगम पर शिव के क्षेत्र में देवालय में महाराज कर्ण ने महादीक्षा ग्रहण की वहाँ तप करके महादेव (के मंत्र) को जपकर देवी भवन में वास किया, वामदेव, व्यासदेव, शुक पैल, वैशम्पायन, नारद, तुम्बुरु, भृगु, अश्वत्थामा, सुदेव, रन्तिदेव, महाहनु, कश्यप, आनन्द, गालव, उद्दालक, पर्णशन, महानाद, कुम्भधान्य, तपोनिधि |शुनः भरद्वाज, गौतम,सहित तमाम ऋषि मुनियों ने यहाँ कर्ण के यज्ञ में भाग लिया। तभी से वह क्षेत्र कर्णप्रयाग के नाम से स्मरण किया जाने लगा जिन- जिन मुनियों ने यहाँ आकर दानवीर कर्ण के यज्ञ में भाग लिया उन-उन (मुनियों) के नाम से यहाँ अनेक कुण्ड है। उनमें स्नान करने से मनुष्य सूर्यलोक में पूजित होता है यहाँ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रूप फल देनेवाला सूर्यकुण्ड है। यही उमा नाम की महेश्वरी देवी है,जो देवी की अर्चना करता है, उसे उत्तम भोगों तथा अन्त में अपने पुर में वास करने का वर प्रदान करती हैं देवि! उमापति महादेव सकल यज्ञों के फल देने वाले हैं। इस स्थान पर महात्मा कर्ण ने शिव की आराधना की थी। यह शिव लिंग कर्णेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हैं। यहाँ वैनायकी गणेश की परिक्रमा का विधान है। शिला का स्पर्श और परिक्रमा करने से विघ्नों का नाश होता है। यह उत्तम पुण्यतम और सर्वकामनादायक स्थान है। स्कंद पुराण में लिखा है यहाँ जिसका निधन होता है*
*वह कल्पों तक शिवपुर में वास करता है। कर्णप्रयाग में जो मनुष्य एक उरद भर सोना वेद के विद्वान् ब्राह्मण को देता है, वह स्वर्णभागी होता है।इन्हीं क्षेत्रों में पाण्डवों ने भी शिवजी की आराधना की। जहाँ पाण्डेश्वर शिव है। इसी क्षेत्र में मेनका ने भक्तिपूर्वक शिवपूजन किया था। महादेव ने उसे बहुत बड़ा रूप वैभव दिया था।*
*🌹💥कर्णप्रयाग की पर्वत श्रृंखलाओं में यलेश्वर महादेव,भीमेश्वर महादेव, देवेश्वर महादेव, स्वर्णेश्वर शिव इन्द्रेश, कालेश्वर ,आदि विराजमान है,इन्ही क्षेत्रों में हनुमान व भीमसेन का मिलन हुआ था। कुल मिलाकर कर्णप्रयाग तीर्थ का महत्व बड़ा ही अलौकिक है जिसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है पुराणों ने इस तीर्थ को महा दुर्लभ तीर्थ कहा है*@ ///रमाकान्त पन्त/////
Friday, June 18, 2021
काेविड-19 जांच को पूरे देश में जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत सीएसआईआर – आईआईपी बना प्रथम लाइव प्रयोगशाला
काेविड-19 जांच को पूरे देश में जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत सीएसआईआर – आईआईपी बना प्रथम लाइव प्रयोगशाला
- परीक्षण क्षमता बढ़ाने हेतु मोबाइल परीक्षणशालाएं
- परीक्षण क्षमता में वृद्धि से भविष्य में कोविड मामलोंकी स्थिति का शीघ्र और सटीक आंकलन.
देहरादून (हरिशंकर सिंह) सीएसआइआर-आईआईपी में सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत पहली टाटा एमडी चेक कोविड-19 मोबाइल परीक्षणशाला तैनात की गई।इस प्रकार सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी), देहरादून सीएसआईआर की टाटा एमडी के साथ लाइव होने वाली पहली प्रयोगशाला बन गया है।
भारत के प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन ‘सीएसआईआर’ तथा टाटा समूह के नवीन स्वास्थ्य उद्यम ‘टाटा एम डी’ ने यह घोषणा की है कि वे मिलकर सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के अखिल भारतीय नेट्वर्क का उपयोग करते हुए देश के टियर 2 तथा टियर 3 शहरों और गांव - गांव तक कोविड -19 परीक्षण मोबाइल सुविधा को पहुंचाएंगें । सीएसआईआर तथा टाटा एम डी का यह संयुक्त प्रयास भविष्य में किसी भी प्रकार की कोविड -19 परीक्षण की अधिक मांग के प्रबंधन के लिए है । सीएसआईआर तथा टाटा एमडी संयुक्त रूप से इस परीक्षण सुविधा को विकसित करेंगे तथा इस परीक्षणशाला में आर टी - पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण किया जाएगा , जिसमें सीएसाआईआर-आईजीआइबी, दिल्ली की ‘फेलुदा’ तकनीक पर आधारित टाटा एम डी चेक सारस- कोवि- 2 परीक्षण किट प्रयोग की जाएंगी ।
इस अवसर पर डॉ शेखर सी मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर ने कहा “टीकाकरण के अलावा, अधिकाधिक परीक्षण तथा SARS-CoV-2 प्रभावित व्यक्तियों का आइसोलेशन कोविड -19 के विरुद्ध लडाई में सबसे अच्छी रणनीति सिद्ध हुए हैं। टाटा एमडी के साथ मिलकर पूरे राष्ट्र में फैली विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण सुविधा स्थापित करने की यह पहल वास्तव में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कोविड परीक्षण की राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ाएगा और स्थानीय स्तर पर ही इसका पता लगाने में सहायक होगा ” ।
इसके साथ ही टाटा एम डी द्वारा विकसित एक मोबाइल परीक्षणशाला भी तैनात की जा रही है. इस प्रयोगशाला में कुल 3 कक्ष हैं, जिनमें प्रांरभ से परिणाम तक पूर्ण कोविड 19 परीक्षण किया जाएगा. इससे निश्चित रूप से राज्य की परीक्षण क्षमता में वृद्वि होगी.
श्री गिरीश कृष्णमूर्ति, सी ई ओ तथा एम डी, टाटा मेडिकल एंड डाइग्नोस्टिक(एमडी) ने कहा, “हमें यह विश्वास है कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के अखिल भारतीय नेटवर्क के साथ साझेदारी करके तथा पूर्ण सुसज्जित मोबाइल परीक्षणशालाओं की तैनाती के द्वारा हम तेज और विस्तारयोग्य विधि से परीक्षण क्षमता को अल्प समय में आवश्यकतानुसार बढ़ा सकते हैं । इससे राज्य एवं जिला प्रशासन को व्यापक स्तर पर सतत परीक्षण सुविधा सुलभ कराने की क्षमता में वृद्धि होगी ।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान सीएसआईआर की 13 प्रयोगशालाएं आरटी-पीसीआर परीक्षण कार्य कर रही और सीएसआईआर और टाटा-एमडी के बीच इस साझेदारी का उद्देश्य उत्तर में सीएसआईआर-आईआईएम, जम्मू से दक्षिण में सीएसआईआर-निस्ट, तिरुवनंतपुरम तक और पश्चिम में सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई, भावनगर से उत्तर-पूर्व में सीएसआईआर-एनईआईएसटी, जोरहाट तक देश भर में फैली सीएसआईआर की 37 प्रयोगशालाओं के विशाल नेटवर्क के माध्यम से टाटा-एमडी चेक को तैनात करके अगले कुछ महीनों में राष्ट्रीय कोविड19 जांच की क्षमता को बढाना है .
इस मोबाइल प्रयोगशाला की तैनाती और सुविधाओ के बारे में बताते हुए सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डॉ अंजन रे ने कहा 'हमें खुशी है कि सीएसआईआर-आईआईपी से इस राष्ट्र व्यापी प्रयास की शुरुआत हो रही है और इस मोबाइल परीक्षणशाला की वर्तमान परीक्षण क्षमता 800 परीक्षण/प्रतिदिन होगी और इसे आवश्यकतानुसार टाटा एमडी चेक ऑटोमेशन के प्रयोग से बढ़ाया भी जा सकता है। ”
टाटा एमडी एंड-टू-एंड विश्वसनीय COVID-19 परीक्षण समाधान प्रदान करता है-
- टाटा एमडीचेक सारस-कोवि-2 परीक्षण : सीएसआईआर-आईजीआईबी की फेलुदा तकनीक पर संचालित एक पेपर स्ट्रिप आधारित आरटी-पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण है, जिसे आईसीएमआर द्वारा मान्यता दी गई है और यह उच्च सटीकता के साथ सरल भी है. इसके लिए थर्मोसायकलर्स जैसे मानक प्रयोगशाला उपकरणों की आवश्यकता होती है।
- टाटा एमडी ऑटोमेटड परीक्षण सुविधा -टाटा एमडी चेक ऑटोमेटेड परीक्षण सुविधा बिना किसी क्रॉस-संदूषण के परीक्षण क्षमता को हजारों तक बढ़ा सकता है। इस सुविधा को मौजूदा एनएबीएल II मान्यता प्राप्त आणविक प्रयोगशाला में तथा टाटा एमडी मोबाइल परीक्षणशालाओं में आसानी से लगाया जा सकता है।
- टाटा एमडी मोबाइल टेस्टिंग लैब्स- टाटा एमडी एक ट्रेड्मार्क 3 - कक्ष के डिज़ाइन की मोबाइल परीक्षणशाला भी तैनात कर रहा है.यह परीक्षणशाला लोवे और यूनाइटेड वे के साथ साझेदारी में बनी है और शनमुखा एमआईटी द्वारा निर्मित की गई है. इसमें एंड-टू-एंड, ऑन-साइट कोविड- 19 परीक्षण किए जा सक्ते हैं . इससे राज्य में परीक्षण क्षमता में वृद्धि होगी।
टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (टाटा एमडी) के बारे में :
टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (टाटा एमडी), टाटा समूह का नया पूर्ण स्वामित्व वाला स्वास्थ्य सेवा उद्यम है. इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य सेवा को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए अग्रणी, रोग-केंद्रित नैदानिक समाधान प्रदान करना है।
टाटा एमडी के उत्पाद और समाधान तेजी से विकसित हो रही स्वास्थ्य सेवा अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओ पर केंद्रित होंगे. जिनमें सीआरआईएसपीआर-आधारित अभिनव निदान, अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के लिए एकीकृत 'कनेक्टेड केयर' समाधान भी शामिल हैं।
2020 की महामारी के दौरान लॉन्च किए गए टाटा एमडी ने दुनिया के पहले व्यावसायिक रूप से उपलब्ध CRISPR Cas-9 आधारित COVID-19 परीक्षण, Tata MD CHECK को विकसित और लॉन्च किया है, जो प्रमुख भारतीय जीवविज्ञान अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-आईजीआईबी की फेलुदा विधि पर आधारित है .