Sunday, June 20, 2021

उत्तराखण्ड के इस स्थान पर अगंराज कर्ण ने की थी तपस्या

उत्तराखण्ड के इस स्थान पर अगंराज कर्ण ने की थी तपस्या

पंचप्रयागों में एक है, कर्ण प्रयाग

यही की धरती पर विराजमान है, उमादेवी

दानवीर कर्ण की तपोभूमि कर्णप्रयाग
कर्णप्रयाग(चमोली)

राजेंद्र  पंत रमाकांत

अंगराज कर्ण की तपोभूमि कर्णप्रयाग का आध्यात्मिक महत्व सदियों से आस्था व भक्ति का संगम है। देवात्मा हिमालय के ऑचल में स्थित कर्णप्रयाग में अलकनन्दा व पिण्डर नदी कल- कल धुन में नृत्य करते हुए आपस में मिलकर एक होती है। इसी भूभाग में माँ उमा देवी का मन्दिर जगतमाता की ओर से अपने भक्तों के लिए अलौकिक भेट है। अलकनन्दा व पिण्डर के संगम पर दानवीर कर्ण का प्राचीन मन्दिर पाण्डवकाल की याद को दर्शाता है

अलकनंदा एवं पिंडर नदी के पावन तट पर बसा कर्णप्रयाग पंच प्रयागों में एक है।श्री बद्रीनाथ व श्री केदारनाथ यात्रा पथ का यह सुन्दर पड़ाव सदियों से रहस्य व रोमांच का केन्द्र है। *धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर कर्ण ने भगवान शिव एवं माता पार्वती के साथ-साथ भगवान सूर्य देव की तपस्या की कहते है, कि तपस्या के प्रभाव से दानवीर कर्ण को शिव एवं पार्वती के साथ-साथ भगवान सूर्य देव के दर्शन भी इसी स्थान पर हुए थे*
*🌹💥कर्णप्रयाग क्षेंत्र के आसपास अनेकों दुर्लभ तीर्थ स्थलों की भरमार है गंगा के इन्हीं पावन तटों के क्षेत्रों में ऋषि- मुनियों ने तपस्या करके दुर्लभ सिद्धियों को प्राप्त किया पुराणों में भी इस भूमि का सुन्दर वर्णन मिलता है। स्कंद पुराण के केदारखण्ड के 81 वें अध्याय में यहाँ के तीर्थ.स्थलों का वर्णन करते हुए महर्षि वेद व्यास जी ने कहा है।यह तीर्थ शिवदायक है। यहाँ देवालय में जो रोगी, मूढ़, एवं दरिद्र व्यक्ति देवी की शरण में जाता है, उसकी सम्पूर्ण अभीष्ट सिद्धि निश्चय ही होती है। यहाँ विश्व नामक शिवलिंग विराजमान है यह क्षेत्र अनेक तीर्थों और मुनिजनों से युक्त है। यहाँ लिंगरुपी विश्वेश्वर सदाशिव रहते हैं उनके दर्शन से कोटियज्ञों का फल प्राप्त होता है। यहाँ से उत्तर दिशा में गणकुण्ड है, जहाँ सौम्येश्वर शिव का दर्शन बड़ा ही फलदायी है ऐश्वर्यदायक रम्भाकुण्ड भी इन्हीं क्षेत्रों में है, जहाँ पूर्वकाल में रम्भा ने महादेव की आराधना की थी।यहाँ की पर्वत श्रृखंलाएं रावण की तपोभूमि भी रही है।*
*🌹💥प्रसन्न शिवजी से रावण ने वरदान मांगा था यह क्षेत्र पुण्यदायक हो, हे शिव! आप इसे न छोड़े, जो विशालात्मा इस क्षेत्र का सेवन करे, वह लोकों में धन्य हो तथा अपना परम कल्याण प्राप्त करे। तब से यह क्षेत्र महादेव का आश्रित (निवास स्थान) हो गया पुराणों में वर्णित है ,यहाँ स्नान करने से मनुष्य जो चाहता है, सब पा जाता है। और मरने पर उत्तम गति प्राप्त होती है। जो 'यहाँ' पितरों का तर्पण करता है, उसके पितर मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं। कर्णप्रयाग क्षेत्र के तीर्थ महात्म्य में कपिलक तीर्थ का भी वर्णन आता है।यह सभी तीर्थों में परम उत्तम है। यहाँ सभी देवों से पूजित कपिलेश्वर महादेव रहते हैं इन्ही क्षेत्रों में ब्रह्मसर नामक तीर्थ है, जो सर्वत्र दुर्लभ है।*
*🌹💥इस तीर्थ महात्मय के बारे में पुराणों में कहा गया है। पूर्वकाल में संयमी कर्ण ने यहॉ तपस्या की थी, कैलास पर नन्दपर्वत के निकट गंगा और पिण्डार के संगम पर शिव के क्षेत्र में देवालय में महाराज कर्ण ने महादीक्षा ग्रहण की वहाँ तप करके महादेव (के मंत्र) को जपकर देवी भवन में वास किया, वामदेव, व्यासदेव, शुक पैल, वैशम्पायन, नारद, तुम्बुरु, भृगु, अश्वत्थामा, सुदेव, रन्तिदेव, महाहनु, कश्यप, आनन्द, गालव, उद्दालक, पर्णशन, महानाद, कुम्भधान्य, तपोनिधि |शुनः भरद्वाज, गौतम,सहित तमाम ऋषि मुनियों ने यहाँ कर्ण के यज्ञ में भाग लिया। तभी से वह क्षेत्र कर्णप्रयाग के नाम से स्मरण किया जाने लगा जिन- जिन मुनियों ने यहाँ आकर दानवीर कर्ण के यज्ञ में भाग लिया उन-उन (मुनियों) के नाम से यहाँ अनेक कुण्ड है। उनमें स्नान करने से मनुष्य सूर्यलोक में पूजित होता है यहाँ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रूप फल देनेवाला सूर्यकुण्ड है। यही उमा नाम की महेश्वरी देवी है,जो देवी की अर्चना करता है, उसे उत्तम भोगों तथा अन्त में अपने पुर में वास करने का वर प्रदान करती हैं देवि! उमापति महादेव सकल यज्ञों के फल देने वाले हैं। इस स्थान पर महात्मा कर्ण ने शिव की आराधना की थी। यह शिव लिंग कर्णेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हैं। यहाँ वैनायकी गणेश की परिक्रमा का विधान है। शिला का स्पर्श और परिक्रमा करने से विघ्नों का नाश होता है। यह उत्तम पुण्यतम और सर्वकामनादायक स्थान है। स्कंद पुराण में लिखा है यहाँ जिसका निधन होता है*
*वह कल्पों तक शिवपुर में वास करता है। कर्णप्रयाग में जो मनुष्य एक उरद भर सोना वेद के विद्वान् ब्राह्मण को देता है, वह स्वर्णभागी होता है।इन्हीं क्षेत्रों में पाण्डवों ने भी शिवजी की आराधना की। जहाँ पाण्डेश्वर शिव है। इसी क्षेत्र में मेनका ने भक्तिपूर्वक शिवपूजन किया था। महादेव ने उसे बहुत बड़ा रूप वैभव दिया था।*
*🌹💥कर्णप्रयाग की पर्वत श्रृंखलाओं में यलेश्वर महादेव,भीमेश्वर महादेव, देवेश्वर महादेव, स्वर्णेश्वर शिव इन्द्रेश, कालेश्वर ,आदि विराजमान है,इन्ही क्षेत्रों में हनुमान व भीमसेन का मिलन हुआ था। कुल मिलाकर कर्णप्रयाग तीर्थ का महत्व बड़ा ही अलौकिक है जिसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है पुराणों ने इस तीर्थ को महा दुर्लभ तीर्थ कहा है*@ ///रमाकान्त पन्त/////

Friday, June 18, 2021

काेविड-19 जांच को पूरे देश में जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत सीएसआईआर – आईआईपी बना प्रथम लाइव प्रयोगशाला

काेविड-19 जांच को पूरे देश में जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से  सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत सीएसआईआर – आईआईपी बना प्रथम लाइव प्रयोगशाला

  • परीक्षण क्षमता बढ़ाने हेतु मोबाइल परीक्षणशालाएं
  • परीक्षण क्षमता में वृद्धि से भविष्य में कोविड मामलोंकी स्थिति का शीघ्र और सटीक आंकलन.

देहरादून (हरिशंकर सिंह) सीएसआइआर-आईआईपी में सीएसआईआर तथा टाटा एम डी की साझेदारी के अंतर्गत पहली टाटा एमडी चेक कोविड-19 मोबाइल परीक्षणशाला तैनात की गई।इस प्रकार सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी), देहरादून सीएसआईआर की टाटा एमडी के साथ लाइव होने वाली पहली प्रयोगशाला बन गया है।

भारत के प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन ‘सीएसआईआर’ तथा टाटा समूह के नवीन स्‍वास्‍थ्‍य उद्यम ‘टाटा एम डी’ ने यह घोषणा की है कि वे मिलकर सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के अखिल भारतीय नेट्वर्क का उपयोग करते हुए देश के टियर 2 तथा टियर 3 शहरों और गांव - गांव तक कोविड -19 परीक्षण मोबाइल सुविधा को पहुंचाएंगें  । सीएसआईआर तथा टाटा एम डी का यह संयुक्‍त प्रयास भविष्‍य में किसी भी प्रकार की कोविड -19 परीक्षण की अधिक मांग के प्रबंधन के लिए है ।  सीएसआईआर तथा टाटा एमडी संयुक्‍त रूप से इस परीक्षण सुविधा को विकसित करेंगे तथा इस परीक्षणशाला में आर टी - पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण किया जाएगा , जिसमें सीएसाआईआर-आईजीआइबी, दिल्ली  की ‘फेलुदा’ तकनीक पर आधारित टाटा एम डी चेक सारस- कोवि- 2 परीक्षण किट प्रयोग की जाएंगी ।

इस अवसर पर डॉ शेखर सी मांडेमहानिदेशकसीएसआईआर ने कहा “टीकाकरण के अलावाअधिकाधिक परीक्षण तथा SARS-CoV-2 प्रभावित व्यक्तियों का आइसोलेशन कोविड -19 के विरुद्ध लडाई में सबसे अच्छी रणनीति सिद्ध हुए हैं। टाटा एमडी के साथ मिलकर पूरे राष्ट्र में फैली विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण सुविधा स्थापित करने की यह पहल वास्तव में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कोविड परीक्षण की राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ाएगा और स्थानीय स्तर पर ही  इसका पता लगाने में सहायक होगा ” ।

इसके साथ ही टाटा एम डी द्वारा विकसित एक मोबाइल परीक्षणशाला भी तैनात की जा रही है. इस प्रयोगशाला में कुल 3 कक्ष हैं, जिनमें प्रांरभ से परिणाम तक पूर्ण कोविड 19 परीक्षण किया जाएगा. इससे निश्चित रूप से राज्‍य की परीक्षण क्षमता में वृद्वि होगी.

श्री गिरीश कृष्‍णमूर्ति,  सी ई ओ तथा एम डी, टाटा मेडिकल एंड डाइग्‍नोस्टिक(एमडी) ने कहा,  “हमें यह विश्‍वास है कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं के अखिल भारतीय नेटवर्क के साथ साझेदारी करके तथा पूर्ण सुसज्जित मोबाइल परीक्षणशालाओं की तैनाती के द्वारा हम तेज और विस्तारयोग्य विधि से परीक्षण क्षमता को अल्‍प समय में आवश्‍यकतानुसार बढ़ा सकते हैं । इससे राज्‍य एवं जिला प्रशासन को व्यापक स्तर पर सतत परीक्षण सुविधा सुलभ कराने की क्षमता में वृद्धि होगी ।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान सीएसआईआर की 13 प्रयोगशालाएं आरटी-पीसीआर परीक्षण कार्य कर रही और सीएसआईआर और टाटा-एमडी के बीच इस साझेदारी का उद्देश्य उत्तर में सीएसआईआर-आईआईएम, जम्मू से दक्षिण में सीएसआईआर-निस्ट, तिरुवनंतपुरम तक और पश्चिम में सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई, भावनगर से उत्तर-पूर्व में सीएसआईआर-एनईआईएसटी, जोरहाट तक देश भर में फैली  सीएसआईआर की 37 प्रयोगशालाओं के विशाल नेटवर्क के माध्यम से टाटा-एमडी चेक को तैनात करके अगले कुछ महीनों में राष्ट्रीय कोविड19 जांच की क्षमता को बढाना है .

इस मोबाइल प्रयोगशाला की तैनाती और सुविधाओ  के बारे में बताते हुए सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डॉ अंजन रे ने कहा  'हमें खुशी है कि सीएसआईआर-आईआईपी से इस राष्ट्र व्यापी प्रयास की शुरुआत हो रही है और  इस मोबाइल परीक्षणशाला की वर्तमान परीक्षण क्षमता 800 परीक्षण/प्रतिदिन होगी और इसे आवश्यकतानुसार टाटा एमडी चेक ऑटोमेशन के प्रयोग से  बढ़ाया भी जा सकता है। ”

टाटा एमडी एंड-टू-एंड विश्वसनीय COVID-19 परीक्षण समाधान प्रदान करता है-

  • टाटा एमडीचेक सारस-कोवि-2 परीक्षण : सीएसआईआर-आईजीआईबी की फेलुदा तकनीक पर संचालित एक पेपर स्ट्रिप आधारित आरटी-पीसीआर सीआरआईएसपीआर परीक्षण है, जिसे आईसीएमआर  द्वारा मान्यता दी गई है और यह उच्च सटीकता के साथ सरल भी है. इसके लिए थर्मोसायकलर्स जैसे मानक प्रयोगशाला उपकरणों की आवश्यकता होती है।
  • टाटा एमडी ऑटोमेटड परीक्षण सुविधा -टाटा एमडी चेक ऑटोमेटेड परीक्षण सुविधा बिना किसी क्रॉस-संदूषण के परीक्षण क्षमता को हजारों तक बढ़ा सकता है। इस सुविधा को मौजूदा एनएबीएल II मान्यता प्राप्त आणविक प्रयोगशाला में तथा टाटा एमडी मोबाइल परीक्षणशालाओं में आसानी से लगाया जा सकता है।
  • टाटा एमडी मोबाइल टेस्टिंग लैब्स- टाटा एमडी एक ट्रेड्मार्क 3 -  कक्ष के डिज़ाइन की मोबाइल परीक्षणशाला  भी तैनात कर रहा है.यह परीक्षणशाला लोवे और यूनाइटेड वे के साथ साझेदारी में बनी है और शनमुखा एमआईटी द्वारा निर्मित की गई है. इसमें एंड-टू-एंड, ऑन-साइट कोविड- 19 परीक्षण किए जा सक्ते हैं . इससे राज्य में  परीक्षण क्षमता में वृद्धि होगी।

टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (टाटा एमडी) के बारे में :

टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड (टाटा एमडी), टाटा समूह का नया पूर्ण स्वामित्व वाला स्वास्थ्य सेवा उद्यम है.  इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य सेवा को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए अग्रणी, रोग-केंद्रित नैदानिक ​​समाधान प्रदान करना है।

टाटा एमडी के उत्पाद और समाधान तेजी से विकसित हो रही स्वास्थ्य सेवा अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओ पर केंद्रित होंगे.  जिनमें सीआरआईएसपीआर-आधारित अभिनव निदान, अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के लिए एकीकृत 'कनेक्टेड केयर' समाधान भी शामिल हैं।

2020 की महामारी के दौरान लॉन्च किए गए टाटा एमडी ने दुनिया के पहले व्यावसायिक रूप से उपलब्ध CRISPR Cas-9 आधारित COVID-19 परीक्षण, Tata MD CHECK को विकसित और लॉन्च किया है, जो प्रमुख भारतीय जीवविज्ञान अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-आईजीआईबी की फेलुदा विधि पर आधारित है .

 

ज्यादा तनाव से भी किशोरियाँ हो रही पीसीओडी का शिकार: डाॅ0 सुजाता संजय

पीसीओएस की वजह से महिलाओं में कोविड का खतरा अधिक: डाॅ0 सुजाता संजय
 ज्यादा तनाव से भी किशोरियाँ हो रही पीसीओडी का शिकार: डाॅ0 सुजाता संजय
राज्यों से 170 नर्सों व किशोरियों ने आॅनलाइन वेविनार में भाग लिया 
हरिशंकर सैनी
देहरादून:  संजय आॅर्थोपीड़िक,स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर, जाखन, देहरादून द्वारा आयोजित वेविनार में  राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डाॅ0 सुजाता संजय स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञा ने किशोरियों एवं महिलाओं को पाॅलीसिस्टिक ओवरीयन सिंड्रोम पीसीओएस की बढ़ती हुई समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी जिससे की युवतियाॅ इस बढ़ती हुई समस्या से निजात पा सके। इस जन-जागरूकता व्याख्यान में  उत्तरप्रदेश, एउत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश व पंजाब से 170 से अधिक मेडिकल, नर्सिंग छात्रों व किशोरियों ने भाग लिया। 
इस समस्या से किशोरियों को निजात दिलाने हेतु संजय आॅर्थोपीड़िक,स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर व  सेवा एन.जी.ओ. ने एक जागरूकता अभियान चलाया है। सोसाइटी का प्रमुख उद्देश्य यह है कि किशोरियों एवं महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करवाना है। डाॅ0 सुजाता संजय ने कहा कि हार्मोनल असंतुलन पीसीओएस  का एक मुख्य कारण है। आजकल लड़कियों में छोटी सी ही उम्र से पीसीओएस यानी की पोलिसिस्टिक ओवेरीयन सिंड्रोम की समस्या देखने को मिल रही है। चिंता की बात यह है कि कई सालों पहले यह बीमारी केवल 30 के उपर की महिलाओं में ही आम होती थी, लेकिन आज इसका उल्टा ही देखने को मिल रहा है। डाॅक्टरों के अनुसार यह गड़बड़ी पिछले 10 से 15 सालों में दोगुनी हो गई ळें
डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि जब सेक्स हार्मोन में असंुतलन पैदा हो जाती है। हार्मोन में जरा सा भी बदलाव मासिक धर्म चक्र पर तुरंत असर डालता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो न केवल ओवरी और प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है बल्कि यह आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले लेती है। दरअसल महिलाओं और पुरूषों दोनों के शरीरों में प्रजनन संबंधी हार्मोन बनते हैं। एंडोजेंस हार्मोन पुरूषों के शरीर में भी बनते हैं, लेकिन पीसीओएस की समस्या से ग्रस्त महिलाओं के अंडाशय में हार्मोन सामान्य मात्रा से अधिक बनते हैं। यह स्थिति सचमुच में घातक साबित होती है। ये सिस्ट छोटी-छोटी थैलीनुमा रचनाएं होते है, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है जो अंडाशय में ये सिस्ट एकत्र होते रहते हैं और इनका आकार भी धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है। यह स्थिति पाॅलिसिस्टिक ओवेरियन सिंडोम कहलाती है। और यह समस्या ऐसी बन जाती है, जिसकी वजह से महिलाऐं गर्भ धारण नहीं कर पाती हैं।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अपने स्वास्थ्य की अनदेखी कर देती हैं, जिस का खमियाजा उन्हें विवाह के बाद भुगतना पड़ता है। लड़कियों को पीरियड्स शुरू होने के बाद अपने स्वास्थ्य पर खासतौर से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। महिलाओं के चेहरे पर बाल उग आना, बारबार मुहांसे होना, पिगमैंटेशन, अनियमित रूप से पीरियड्स का होना और गर्भधारण में मुश्किल होना महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है। 

डाॅ0 सुजाता संजय का मानना हैं कि पीसीओएस का सही वक्त पर इलाज शुरू न होने से मरीज का वजन तेजी से बढ़नेे लगता है। अनवांटेड हेयर ग्रोथ टीनएजर्स को मेंटली डिस्टर्ब करती है। इसका लाॅन्ग टर्म इफेक्ट डिप्रेशन के रूप में सामने आता है। इस बीमारी की पहचान देरी से होती है। महिलाओं में अक्सर इसकी पहचान तब तक नहीं होती है जब तक उनमें गर्भधारण से संबंधित समस्याएं ना आ जायें। 30ः संतानहीन महिलाओं में पीसीओएस की समस्या होती है। पीसीओएस के सटीक कारण पता नहीं चलते, लेकिन इसका कारण वंशानुगत और जीवनशैली से संबंधित दोनों ही माने जाते है। हो सकता है ओवेरियन कैंसर बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रत्येक घर की महिला तनाव का शिकार हो रही हैं। उनमें से कामकाजी महिलाओं के तनाव का स्तर और भी अधिक होता है

यदि मरीजों को कजरवेटिव इलाज जैसे कि वजन घटाना, हार्मोनल दवाईयों के इस्तेमाल से भी यदि बीमारी ठीक नहीं होती तो ऐसे में इन मरीजों को लैपरोस्कोपिक सर्जरी से प्रभावित सिस्ट को निकाला जा सकता है। अन्ततः डाॅ0 सुजाता संजय ने यह कहा कि लड़कियों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 
चिकनाई रहित एवं जंक फुड का सेंवन कम करना चाहिए। हरी सब्जियां और फल नियमित रूप से खाना चाहिए। टीनएजर्स को क्रैश डाइटिंग, लेट नाइट पार्टी, ंिड्रकिंग और स्मोकिंग से बचना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपको पीसीओएस की बीमारी होने की संभावना है तो तुरंत किसी प्रशिक्षित स्त्री रोग विशेषज्ञा से संपर्क करना चाहिए। यह कोई लाइलाज बीमारी नहीं है।

डाॅ0 सुजाता संजय बताती हैं कि इस समस्या का ठीक से इलाज न किया जाना, एक लड़की को मां बनने की क्षमता से वंचित कर सकता है। साथ ही यह प्रजनन आयु में परेशानियां भी पैदा करता है। जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या होती है उन्हें हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में कोविड -19 इंफेक्शन होने का खतरा अधिक है सही समय पर पीसीओएस का सही इलाज, गंभीर प्रभाव और जोखिम को कम करने में मदद करता है, स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम के जरिये भी इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसके अलावा साल में एक बार मधुमेह अथवा ग्लूकोेज चैलेंज टेस्ट अवश्य कराएं। साथ ही एक स्वस्थ जीवनशैली को बनाऐ रखने के लिए आप चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ से भी परामर्श ले सकते हैं। सही आहार, नियमित व्यायाम और लाइफस्टइल में सुधार कर के इस समस्या को रोका जा सकता है।

Tuesday, June 15, 2021

सैन्यधाम के निर्माण में मदद तथा छावनी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विषयों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी

सैन्यधाम के निर्माण में मदद तथा छावनी क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विषयों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी।
हरिशंकर सिंह सैनी
देहरादून, , राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर राज्य में बनने जा रहे सैन्यधाम को भव्य एवं आकर्षक बनाने बनाने की पूरी योजना प्रस्तुत की तथा आवश्यक सहयोग की मांग की। इसके अतिरिक्त मिठ्ठी बेहड़ी में सेना तथा सरकार के बीच भूमि हस्तांतरण के प्रकरण, विलासपुर कांडली पेयजल योजना तथा गोरखा मिलिट्री कालेज की लीज अवधि विस्तारित करने की मांग को लेकर रक्षा मंत्री को संज्ञापित किया तथा इस समस्त प्रकरणों को त्वरितता से निस्तारित करवाने हेतु सहयोग मांगा। 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी विगत 13 जून से दिल्ली प्रवास पर हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान देहरादून जनपद के कोरोना उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी के तौर पर कोरोना उपचार व्यवस्थाओं में व्यस्त होने के कारण गणेश जोशी राज्य सरकार में मंत्री बनने बाद पहली बार केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात करने तथा अपने अधीन विभागों से संबंधित महत्वाकांक्षी एवं महत्वपूर्ण मामलों की स्वयं पैरवी करने दिल्ली पहुंचे हैं। 

सैन्यधाम निर्माण की योजना साझा कर मांगा सहयोग - काबीना मंत्री गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि राज्य में एक भव्य शहीद स्मारक का निर्माण ‘‘सैन्यधाम‘‘ के रूप में किया जा रहा है। सैन्य धाम में प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर आज तक के युद्धों में शहीद हुए प्रदेश के प्रत्येक शहीद सैनिक के घर के आंगन की मिट्टी को निर्माण स्थल पर लाकर स्मारक के निर्माण में प्रयोग किया जायेगा। उत्तराखण्ड जैसे सैन्य बाहुल्य वाले प्रदेश में बनने जा रहा यह ‘‘सैन्यधाम’’ राज्य के जनमानस की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। ‘‘सैन्यधाम’’ को ना केवल ‘शहीद स्मारक‘ की तरह बल्कि एक आकर्षण एवं प्रेरणादायी पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करने की योजना है। ताकि यह ‘‘सैन्यधाम’’ प्रदेश एवं देशभर के युवाओं भारतीय सेनाओं की वीर गाथाओं से परिचित करवाए तथा यहां पधारने वालों को देश सेवा करने लिए प्रेरित करने का माध्यम बने । ‘‘सैन्यधाम’’ में एक भव्य स्मारक के साथ-साथ म्यूजियम, बहादुरी पदक गैलरी, विभिन्न महत्वपूर्ण लड़ाइयों का विवरण तथा अन्य कई सेना से जुड़े साजो-सामान को भी प्रदर्शित किये जाएंगे। 

‘‘सैन्यधाम’’ को आकर्षण बनाएंगे रक्षा मंत्रालय के ये सैनिक उपकरण - राज्य की मांग पर रक्षा मंत्रालय सेना के निष्प्रयोज्य दो सेना के टैंक, वायुसेना का एक लड़ाकू विमान, नौसेना का एक छोटा वैसल, सेना की दो आर्टिलरी और दो एयर डिफेंस गन प्रदान करेगा। 

जल्द ही सेना के साथ निस्तारित होगा मिठ्ठी बेहड़ी भूमि हस्तांतरण तथा विलासपुर कांडली पेयजल योजना का मामला - 
कैबिनेट मंत्री ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि देहरादून के परगना पछवादून के अर्न्तगत ग्राम कोल्हूपानी में सेना के उपयोग हेतु निःशुल्क कुल 5.00 एकड़ भूमि रक्षा विभाग, भारत सरकार को सर्वाधिकार सहित आवंटित की जा चुकी है। इसके उपरांत ए0एम0ई0ओ0, रक्षा विभाग, मेरठ ने पत्र संख्या 7807 दिनॉक 19 जनवरी 2015 की मांग कि नवीन एवं संशोधित शासनादेश जारी किया जाए। शासन द्वारा 02 दिसम्बर 2016 को संशोधित शासनादेश जारी किये जाने के बाद भी सेना द्वारा मिठ्ठी बेहड़ी के स्थानीय निवासियों को भवनों के निर्माण/मरम्मत इत्यादि कार्य नहीं करने दिये जा रहे हैं। जिससे स्थानीय जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 
     इसी प्रकार विकासखण्ड सहसपुर के अन्तर्गत विलासपुर कांडली पेयजल योजना वर्तमान समय में निर्माणाधीन है, उक्त योजना से विलासपुर कांडली के सैन्य क्षेत्र में भी जलापूर्ति की जानी है उक्त योजना के निर्माण हेतु रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने में भी अनावश्यक देरी होने से ग्रामीणों व क्षेत्र वासियों को पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। इस पर रक्षा मंत्री द्वारा तत्काल इन प्रकरणों पर संबंधितों को निर्देषित कर जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को रूकना नहीं चाहिए। 

गोरखा मिलिट्री कॉलेज के बहाने देशभर के ऐसे सभी प्रकरणों को मिलने वाला है लाभ - कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जब गोरखा इण्टरमीडिएट कॉलेज, देहरादून कैंट की लीज पुनः 90 वर्षों के लिए निर्गत किये जाने हेतु रक्षा मंत्री के समक्ष अनुरोध किया तो रक्षा सम्पदा विभाग की ओर से उन्हें बताया गया कि भारत सरकार द्वारा पुनः पट्टा सृजन के पश्चात् जो भी दर निर्धारित की जाऐगी। पुनः पट्टा सृजन की यह प्रक्रिया देशभर में फैली ऐसी समस्त संपदाओं के लिए प्रारम्भ की जा चुकी है।  
     विदित हो कि विद्यालय को सर्वे नम्बर-142 की बी-3 वर्ग की 03.542 एकड़ भूमि जो 01 अप्रैल 1927 से प्रति 30 वर्श बाद नवीनीकरण के पश्चात् 90 वर्षो हेतु सिड्यूल पर रक्षा सम्पदा और विद्यालय आथोरिटी के मध्य लीज अनुबन्ध द्वारा अनुमोदित की गई थी, जिसकी अवधि 31 मार्च 2017 को समाप्त हो गई थी। रक्षा सम्पदा अधिकारी मेरठ को वर्ष 2017 में प्रेषित पत्र में लीज बढ़ाने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद दिसम्बर 2018 तक लीज बढ़ायी गयी किन्तु लगभग दो वर्ष के लिए बढ़ाई गयी। इस विद्यालय के कई होनहार छात्रों ने देश के भीतर एवं सीमाओं की रक्षा करते समय पर अपनी वीरता का लोहा मनवाकर राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है।

भारत में अब और वृद्धाश्रम न खुले-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

भारत में अब और वृद्धाश्रम न खुले-स्वामी चिदानन्द सरस्वती


ऋषिकेश, 15 जून। सम्पूर्ण विश्व में वृद्धजनों के प्रति सम्मान और सुरक्षा बनाये रखने, अन्याय को समाप्त करने के लिए तथा बुजुर्ग के साथ हो रहेेे दुर्व्यवहार के प्रति जागरूकता करने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वृद्धों की देखभाल करना एक वैश्विक मुद्दा नहीं बल्कि मानवाधिकारों की रक्षा और भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। कोविड-19 के इस दौर में वृद्धजनों को सुरक्षा और सहायता की और अधिक आवश्यकता है। वृद्धजनों को इस समय न केवल वायरस का खतरा है बल्कि जीवन, सुरक्षा के साथ उनका काफी हद तक सामाजिक नेटवर्क समाप्त हो गया है तथा स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच पहले जैसी नहीं रही इसलिये इस समय उन्हें अतिरिक्त सहायता की जरूरत है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वृद्धजनोँ कोे भरण-पोषण, भोजन, कपड़ा, आवास, चिकित्सीय सहायता और उपचार, स्वास्थ्य देखभाल, बचाव, सुरक्षा के साथ प्रेमयुक्त गरिमापूर्ण जीवन देना जरूरी है। वृद्धजनों को एक सम्मानजनक जीवन देना परिवारवालों के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी है।
स्वामी जी ने कहा कि रोजगार और काम के संबंध में युवा अपने मूल स्थान से बाहर जाते हैं तथा बेहतर विकल्पों की तलाश कर रहें हैं ऐसे में परिवार के वृद्ध सदस्यों को साथ ले जाना संभव नहीं हो पाता है जिसके कारण वे वृद्धजन अपने मूल स्थान या फिर स्वदेश में रहकर एकांत में जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं साथ ही वे अकेलेपन के शिकार भी हो जाते हैं परन्तु कोरोना महामारी के कारण शहरों से लोग अपने गांवों को लौटने लगे ऐेसे में कई वृद्धजनों का अकेलापन दूर हुआ और उन्हें परिवारवालों का साथ भी मिल रहा है।
स्वामी जी ने कहा कि वृद्ध होने पर वे पूरी तरह से अपने परिवार पर निर्भर हो जाते हैं। कई बार उत्तम सुविधाओं तथा अच्छी देखभाल के बावजूद भी उनके जीवन में अकेलापन रहता है, जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उम्र के इस पड़ाव पर इंसान को अधिक देखभाल, प्यार और साथ की आवश्यकता होती है, परन्तु वर्तमान की रोजगार व्यवस्था, बदलती जीवन शैली, बदलती सामाजिक व्यवस्था तथा अन्य कारणों से बुजुर्गों एवं युवाओं के मध्य एक खाई गहरी होती जा रही है।
स्वामी जी ने कहा कि समाज की वृद्धजन रूपी अमूल्य धरोहर को सहेजने के लिये हमें अपने बच्चों को संस्कार युक्त जीवन, अपनी जड़ों से जुड़ना, अपने मूल्यों को आत्मसात करना तथा सामाजिक व्यवस्था के सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने की नितांत आवश्यकता है क्योंकि जो आज युवा है भविष्य में इन बुजुर्गों का स्थान वे ही लेने वाले हैं। आईये संकल्प लें कि वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार न करें तथा भारत में अब और वृद्धाश्रम न खुले।

वर्चुअल मोड में योग महोत्सव शुरू , डॉ राजीव कुरेले द्वारा अष्टांग योग तथा योग के उपांग यम एवं नियम पर पर दिया विस्तृत व्याख्यान

वर्चुअल मोड में  योग महोत्सव शुरू , डॉ राजीव कुरेले द्वारा अष्टांग  योग तथा योग के उपांग यम एवं नियम पर पर दिया विस्तृत व्याख्यान 

देहरादून , प्राचीन भारतीय पद्धति योग आज पूरे विश्व में पहचान बना चुकी है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में  मनाया जाता है l आज से एनएसएस काउंसिल डीआईटी विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज के संयुक्त तत्वाधान  में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून के सहयोग से वर्चुअल मोड में  7 दिन तक चलने वाले योग महोत्सव 2021  प्रारंभ हुआ। 

कार्यक्रम का संचालन डीआईडी विश्वविद्यालय से चीफ प्रॉक्टर डॉ नवीन सिंघल एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से डॉ राजीव कुरेले ने किया। पेट्रोलियम विश्वविद्यालय से एनएसएस अधिकारी अमर शुक्ला ने 7 दिन तक चलने वाले योग महोत्सव 2021 की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। 
आज के प्रथम सत्र के अध्यक्षीय संभाषण में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रॉक्टर सुनील जोशी ने वर्तमान परिपेक्ष में योग तथा आयुर्वेद के महत्व को बताया तथा महर्षि पतंजलि और अन्य योगाचार्य द्वारा आयुर्वेद एवं योग की शिक्षा के बारे में विस्तार से वर्णन किया। आयुर्वेद विश्वविद्यालय से एसोसिएट प्रोफेसर स्वस्थ व्रत विभाग डॉक्टर नवीन जोशी जी द्वारा योग प्रदर्शन तथा प्राणायाम अभ्यास कराया गया।


 डॉ राजीव कुरेले द्वारा अष्टांग  योग तथा योग के उपांग यम एवं नियम पर पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया। यह कार्यक्रम रोजाना सुबह 7:00 बजे से 8:00 बजे तक वर्चुअल मोड में होगा। कार्यक्रम में अंत में एनएसएस की नोडल अधिकारी यूपीइएस डॉक्टर शैली सिंघल ने सभी का आभार व्यक्त किया और सभी कार्यक्रमों में सपरिवार अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित किया। शाम के सत्र में मेडिटेशन और एरोबिक्स एक्सरसाइज भी वर्चुअली  आयोजित की जाएगी। आज के कार्यक्रम में डॉ जबरिंदर सिंह, डॉक्टर बृजलता चौहान, शिवम, श्रेया, अभिजीत, आदि उपस्थित थे।

Saturday, June 12, 2021

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए ज्यादा से ज्यादा आरटीआई का इस्तेमाल करें : दुर्गा प्रसाद सैनी

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए ज्यादा से ज्यादा आरटीआई का इस्तेमाल करें : दुर्गा  प्रसाद सैनी 

 ग्राहक सेवा परमात्मा की सेवा है: दुर्गा प्रसाद सैनी
 
देहरादून ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत  उत्तराखंड प्रांत के पदाधिकारियों की आज आयोजित वर्चुअल  बैठक मे  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद  सैनी  ने कहा कि  कोविड-19 काल के बावजूद अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ता सेवा कार्य में लगे हैं और अच्छा कार्य कर रहे हैं ,  अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत संगठन एक परिवार है,
 उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वह एक दूसरे से कोविड-19काल में संवाद बनाए रखें और एक दूसरे का हालचाल जानते रहें, जिला और प्रांत इकाइयां ऑनलाइन बैठक के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं से संपर्क बनाए रखें, श्री दुर्गा  प्रसाद सैनी ने कहा कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का मुख्य काम व्यवस्था में सुधार  कराना है और हमें पीडीएस सिस्टम पर  निगरानी रखनी है , जिससे गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उनको मिले,
 उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार  का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके भ्रष्टाचार  को खत्म किया जा सकता है इसलिए कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा आरटीआई  लगाने का प्रयास करना चाहिए, 
उन्होंने कहा अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत  कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र की  छोटी-छोटी समस्याओं को उठाना चाहिए, ज्ञापन  और शिकायतों के माध्यम से शासन प्रशासन तक   समस्याओं को पहुंचा कर  उसके निराकरण के लिए कार्य करना चाहिए , व्यापक जनहित के मामलों में जनहित याचिका हाईकोर्ट में लगा सकते हैं,

 उन्होंने ग्राहक पंचायत कार्यकर्ताओं  से कहा कि  निगरानी का काम के साथ-साथ ग्राहकों को दक्ष बनाने का काम भी करें ,जिससे ग्राहक दक्ष एवं जागरूक होकर अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक पहुंचा सके,

 उन्होंने कहा कि ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ता भ्रामक विज्ञापनों पर नजर रखें और उसकी शिकायत जिलाधिकारी और विज्ञापन काउंसिल से ऑनलाइन कर सकते हैं,
 इस अवसर पर  क्षेत्र प्रभारी भगवती प्रसाद शर्मा ने कहा कि हमें नए कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क बनाकर रखना चाहिए और उनसे लगातार संवाद करते रहना चाहिए, कोविड-19  काल में सभी कार्यकर्ता अच्छा काम कर रहे हैं ,कुछ कार्यकर्ता तो अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात सेवा कार्य में जुटे हैं,
 बैठक में  उत्तराखंड  प्रांत अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि ग्राहक पंचायत का कार्य ग्राहकों को जागरूक करना है,   इस कोविड-19  काल में  सभी कार्यकर्ता एक दूसरे का ध्यान रखें और सेवा कार्य करते रहें, उन्होंने कहा कि 13 जनपदों के साथ-साथ देहरादून महानगर के प्रत्येक वार्ड में एक  प्रचार प्रमुख बनाया जाएगा,उन्होंने ग्राहकों के हितों को लेकर कारगर कदम उठाए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

 उत्तराखंड प्रांत के संगठन मंत्री लाखन सिंह ने कहा कि सभी समुदाय के लोगों को किसी एक शब्द से संबोधित करना है तो वह ग्राहक से अच्छा कुछ नहीं क्योंकि ग्राहक सभी होते हैं ग्राहक जागेगा और बोलेगा तभी व्यवस्था में परिवर्तन आएगा, उन्होंने संचार के माध्यम के द्वारा किस प्रकार से ग्राहकों को जागरूक किया जाए, इलेक्ट्रॉनिक्स चैनल ,प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया का सहारा लेकर इस विषय को समाज को दिशा दें ,
उन्होंने गैस माप ,रेलवे कैटरिंग मूल्य सूची देखने  कोविड-19 काल में  हॉस्पिटल के स्वागत पटल पर  सेवाओं  के मूल्य की सूची प्रदर्शित करने इत्यादि समस्या का उदाहरण देकर पदाधिकारियों को जानकारी दी एवं ग्राहक आंदोलन की रूपरेखा पर जोर देने को कहा साथ ही उद्यान विभाग के सहयोग से  वृक्षारोपण की बात कही,
बैठक का संचालन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांत उपाध्यक्ष डॉक्टर श्री राजीव कुरेले जी ने रोचकता के साथ किया और बैठक में उपस्थित राष्ट्रीय एवं प्रांत पदाधिकारियों का अभिवादन करते हुए  कोरोना काल में चिकित्सा संबंधी सावधानियां रखने एवं उपचार के बारे में बताया गया

 बैठक में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद सैनी ,क्षेत्र प्रभारी भगवती प्रसाद शर्मा, प्रांतीय अध्यक्ष राजेश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुरेले  आशीष कालरा उधम सिंह नगर जिला अध्यक्ष दीपेश गंगवार  ,वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता यज्ञ  भूषण शर्मा, कमल गुप्ता, रणबीर रावत, हरिशंकर सैनी एडवाेकेट  आदि उपस्थित थे,


Saturday, June 5, 2021

World Environment Day - Plant a tree, save the earth: Dr. Sujata Sanjay

If you want to understand nature, then first make a relationship and see: SHEWA Society
The one who went away from the environment went closer to the disease: Dr. Sujata Sanjay
World Environment Day - Plant a tree, save the earth: Dr. Sujata Sanjay
Harishankar saini
 Dehradun.,If we want to be healthy then it is very important that we protect the environment otherwise our future generations may have to suffer a lot which we cannot even imagine. Tampering with the environment is like inviting tragedy.
To focus on ecosystem restoration, the theme for this year 2021 is Ecosystem Restoration (. This year's theme of World Environment Day is to protect the environment by reducing the level of pollution, planting trees and reducing the increasing pressure on the ecosystem.
The objective of launching this campaign is to focus on the conditions of the atmosphere and ensure a safe future for our planet Earth. Anyway, Covid is going on, in such a situation one cannot even go out. In today's time, our society has become a very modern society, but there is a lot of damage to our environment from them, something must be done for our environment.
As the world is suffering from the COVID-19 crisis and India has seen many casualties in recent times due to lack of oxygen, the farther we go from the environment, the closer we get to diseases and we will become incapable day by day. If we had planted saplings, perhaps today we would not have had to worry so much, but we cut the trees as an obstacle in the way of progress towards modernity. Tampering with the environment is not only proving fatal for our health but is also a red alarm for the future. In moving forward leaving the environment behind, we believed that we will gain a lot, but in the name of losing, we will lose something that our mind and body will have to pay, so by remembering our duty towards the environment, we also take care of our health. You can get a boon. This mistake of ignoring the environment of man is taking him closer to diseases. It becomes the responsibility of every citizen to try to plant trees, so that this deficiency can be removed and the earth can be made a better place to live.
Dr. Sujata Sanjay told that there was a time when we used to run barefoot on the grass for hours and also remain healthy, no diseases and no worries. Everything was controlled from blood pressure to sugar in the lap of nature, but today there is no address around the grass. Even if there is a garden in the society, where does anyone have the time to walk barefoot in it? While walking on the grass barefoot in this way is very beneficial for blood pressure patients. If we feel tired throughout the day, then by going close to nature in this way, our body feels energetic.
Dr. Sujata Sanjay said that, the deteriorating mood of the weather is not only very dangerous for mankind, animals and plants, but it is also a serious threat to the environmental balance. Industrialization, increasing population, decreasing forest area, increasing caravans of vehicles and rapidly changing lifestyles are especially responsible for this problem taking a dire form of weather and environment. For the past few years, there has been an extreme decrease in the amount of rainfall, sometimes excessive rainfall, due to which floods are drying up, rising sea levels, frequent changes in weather patterns, tsunamis and earthquakes have created havoc all over the world. That is, frightening symptoms like the increase in the temperature of the earth are constantly visible.
Meteorologists believe that due to global warming, now every year the summer season is getting excessively hot. On the other hand, the rainfall has been below average for the last several years. 

जो पर्यावरण से दूर गया, वो बीमारी के करीब गया: डाॅ0 सुजाता संजय


विश्व पर्यावरण दिवस प्रकृति को समझना है तो पहले रिता बना के देखोः सेवा सोसाइटी    
जो पर्यावरण से दूर गया, वो बीमारी के करीब गया: डाॅ0 सुजाता संजय
वृक्ष लगाओ धरती बचााओः डाॅ0 सुजाता
हरिशंकर सिंह सैनी
 देहरादून। यदि हमें स्वस्थ रहना है तो बहुत आवश्यक है कि हम पर्यावरण का संरक्षण करें नहीं तो हमारी भावी पीढ़ियों को बहुत कुछ भोगना पड़ सकता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। पर्यावरण से छेड़छाड़ त्रासदी को न्योता देने जैसा है। 
पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस वर्ष 2021 में थीम इकोसिस्टम रेस्टोरेशन (म्बवेलेजमउ त्मेजवतंजपवद) यानी कि पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है। विश्व पर्यावरण दिवस की इस साल की थीम के तहत पर्यावरण की रक्षा कर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना, पेड़ लगाना और इकोसिस्टम पर बढ़ते प्रेशर को कम करना है।
इस अभियान की शुरुआत करने का उद्देश्य वातावरण की स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करने और हमारे ग्रह पृथ्वी को सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए है। वैसे भी कोविड का समय चल रहा है ऐसे में बाहर भी नहीं जा सकते हैं। आज के समय में हमारा समाज बहुत आधुनिक समाज बन गया है लेकिन उनसे हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान है अपने पर्यावरण के लिए कुछ ना कुछ अवश्य करना चाहिए।
जैसा कि दुनिया कोविड-19 संकट से पीड़ित है और हाल के दिनों में भारत ने आक्सीजन की कमी के कारण कई हताहतों को देखा है   हम पर्यावरण से जितना दूर जाएंगे, बीमारियां उतना हमारे करीब आएंगी और हम दिन-ब-दिन असक्षम होते जाएंगे। यदि हमने पौधे लगाए होते तो शायद आज हमको इतना परेशान नहीं होना पड़ता लेकिन पेड़ों को तो हमने आधुनिकता की ओर बढ़ने की राह में अवरोध समझकर काट डाला। पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रही है बल्कि भविष्य के लिए भी रेड अलार्म है। पर्यावरण को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने में हम माना कि बहुत कुछ पा तो लेंगे पर खोने के नाम पर हम ऐसा कुछ खो देंगे जिसकी कीमत हमारे मन और शरीर को अदा करना होगी इसलिए पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्य को याद करके हम अपने स्वास्थ्य के लिए भी वरदान पा सकते हैं। इंसान की पर्यावरण को नजरअंदाज करने की यह गलती उसे बीमारियों के करीब ले जा रही है।  यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह पेड़ लगाने का प्रयास करें, ताकि इस कमी को दूर किया जा सके और पृथ्वी को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाया जा सके।
डाॅ0 सुजाता संजय ने  बताया एक समय था जब हम घंटों नंगे पैर घास पर दौड़ते थे और स्वस्थ भी रहते थे, न कोई बीमारियां और न ही कोई चिंता। प्रति की गोद में रक्तचाप से लेकर शुगर तक सब नियंत्रित होता था लेकिन आज घास के हमारे आसपास पते ही नहीं है। यदि सोसायटी में कोई बगीचा है भी तो उसमें पैदल नंगे पैर चलने की फुर्सत कहां किसी को। जबकि रक्तचाप के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है इस तरह से नंगे पैर घास पर घूमना। यदि दिनभर थकान महसूस होती है तो इस तरह प्रति के करीब जाने से हमारा शरीर ऊर्जावान महसूस करता है। 

डाॅ0 सुजाता संजय ने कहा कि, मौसम का बिगड़ता मिजाज मानव जाति, जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों के लिए तो बहुत खतरनाक है ही, साथ ही पर्यावरण संतुलन के लिए भी गंभीर खतरा है। मौसम एवं पर्यावरण विकराल रूप धारण करती इस समस्या के लिए औघोगिकीकरण बढ़ती आबादी, घटते वनक्षेत्र, वाहनों के बढ़ते कारवां तथा तेजी से बदलती जीवन ौली को खासतौर से जिम्मेदार मानते हैं। पिछले कुछ र्वाो से र्वाा की मात्रा में कहीं अत्यधिक कमी तो कहीं जरूरत से बहुत अधिक र्वाा जिससे कहीं बाढ़ तो कहीं सूख पड़ रहा है, समुद्र का बढ़ता जलस्तर, मौसम के मिजाज में लगातार परिवर्तन, सुनामी और भूकंप ने संपूर्ण विव में तबाही मचा रखी है, पृथ्वी का तापमान बढ़ते जाना जैसे भयावह लक्षण लगातार नजर आ रहे हैं।

मौसम वैज्ञानिको का मानना है कि ग्लोबल वाॅमिंग की वजह से ही अब हर साल गर्मी के मौसम में जरूरत से ज्यादा गर्मी पड़ने लगी है। वहीं बारिा पिछले कई सालों से औसत से कम हो रही है।

Friday, June 4, 2021

कोविड-19 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और इससे जुड़े संगठन भी लोगों को राहत देने में जी-जान से जुटे हैं

कोरोना महामारी के दौरान देश का हेल्थकेयर सिस्टम दबाव में है तो जरूरतमंदों के लिए मदद का हाथ बढ़ाने वालों की भी कमी नहीं है. समाज का हर वर्ग, संगठन, व्यक्तिगत स्तर पर लोग कोविड-19 मरीजों की मदद के लिए जो मुमकिन हो पा रहा है, वो कर रहे हैं. इस कोविड-19 आपदा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और इससे जुड़े संगठन भी लोगों को राहत देने में जी-जान से जुटे हैं. 
हरिशंकर सिंह
देहरादून , कोरोना काल (Covid-19) में हर शख्स डरा और सहमा हुआ है। देशभर में फैली इस बीमारी ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। महामारी से रोजाना सैकड़ों लोगों की जान जा रही है। कुछ तो अस्पताल की चौखट पर ही दम तोड़ रहे हैं। बढ़ते कोरोना संक्रमण ने आम लोगों को संकट में डाल दिया है। गरीब-मजदूर परिवार के लोग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे लोगों के घरों तक मदद पहुंचाने के लिएअखिल भारतीय ग्राहक पंचायत उत्तराखंड  ने हाथ बढ़ाया है।कोरोना संक्रमित मरीजों के घर खाना पहुंचाने की मुहिम शुरू की है। वह संक्रमित मरीज जो आइसोलेशन में हैं और उनके घर से कोई बाहर नहीं निकल सकता, यह युवा वर्ग ऐसे लोगों की मदद कर रहा है। 
सेवा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत कार्यकर्ता और प्रांत अध्यक्ष  राजेश शर्मा एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी द्वारा बाल संस्कार केन्द्रो एवं सेवा वस्तियों मे ब्रिटानिया बिस्कुट गिफ्ट किये गए ,
महर्षि वाल्मीकि संस्कार केंद्र इन्द्रेश नगर, संत शिरोमणि रविदास केंद्र जटिया मोहल्ला, राजीव नगर विजय पार्क और अन्य सैकड़ो बस्ती के बच्चों को बिस्किट गिफ्ट वितरित किये गए,
 कोविड-19 काल में जब सभी तरह-तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में  अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत उत्तराखंड प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शर्मा  दिन रात लोगो  की मदद करने में जुटे हैं। जिनके पूरे परिवार संक्रमित हैं या बुजुर्ग हैं, दवाई या राशन लेने नहीं जा सकते, उनके घर तक राशन और दवाइयां पहुंचा  रहे हैं। इसके अलावा प्लाज्मा, आक्सीजन सिलेंडर और रिफिलिग, रेमडेसिविर, अन्य इंजेक्शन दवाइयों की व्यवस्था करने में मदद कर रही हैं। जरूरतमंदों तक राशन और खाना भी पहुंचा रही हैं।
 राजेश शर्मा  ने बताया कि देहरादून व अन्य जनपदों  मैं अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ता  सेनेटाइजेशन, मास्क, काढ़ा, दवा किट वितरित कर रहे हैं।
 प्रांतीय अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया किकोविड-19 की दूसरी लहर में अधिक सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने  बताया कि ग्राहक पंचायत द्वारा संचालित सेवा कार्यों का विवरण जारी करते हुए बताया कि ,टीकाकरण के लिए प्रेरणा -,ऑनलाइन सक्रिय डाक्टर- , रक्तदान-  प्लाज्मा  , ऑनलाइन परामर्श ,  ऑक्सीजन सिलेंडर व्यवस्था- , संक्रमित परिवारों को भोजन पैकेट-, दवा वितरण- सहित ऑनलाइन चिकित्सा सेवा व परामर्श सेवा से जरूरतमंद लाभान्वित हुए हैं। साथ ही संक्रमित मरीजों के लिए विभिन्न अस्पतालों में बेड व्यवस्था में सहयोग निरंतर जारी है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य सेवा में भी कार्य किया जा रहा है। जरूरतमंद मोबाइल नंबर पर पूर्वाहन 11 बजे से संध्या पांच बजे तक संपर्क कर मन की बातें कर सकते हैं।

Thursday, June 3, 2021

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के 70 वें वर्ष में प्रवेश के पावन अवसर परवैश्विक प्रार्थना सभा का आयोजन

अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार - सांय 7: 30 से लाइव
हरित अवतरण दिवस पर हरियाली संवर्द्धन
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के 70 वें वर्ष में प्रवेश के पावन अवसर पर
वैश्विक प्रार्थना सभा का आयोजन
कोरोना महामारी के कारण जो इस धरा को छोड़कर देवलोक पधार गये उन सभी दिव्य आत्माओं की शान्ति हेतु ’वैश्विक प्रार्थना एवं विशेष हवन’’
एक वर्ष तक चलने वाले पर्यावरण और मानवता की सेवा हेतु किये जा रहें कार्यों का शुभारम्भ
1 वर्ष में 70 हजार पौधों का रोपण और संरक्षण का संकल्प
हरिशंकर सिंह सैनी
3 जून, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के 70 वें वर्ष के प्रवेश के पावन अवसर पर आयोजित ’वैश्विक प्रार्थना सभा’ का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। आॅनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से देश और विदेश से जुड़े पूज्य संतों, राजनेताओं, अभिनेताओं और भक्तों ने स्वामी जी को शुभकामनायें अर्पित की। स्वामी जी ने कहा कि हमने इस कोरोना के दौर में अनेक भाई-बहिनों और प्यारे बच्चों को खोया हंै प्रभु उन सभी को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। मृतकोें की आत्मा की शान्ति के लिये विशेष हवन एवं भण्डारा किया गया। तत्पश्चात स्वामी जी ने गौ पूजन एवं सेवा की और रूद्राक्ष के पवित्र पौधे का रोपण कर हरियाली संर्वद्धन का संदेश दिया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उदारता, सामंजस्यता, सहिष्णुता और प्रेम जीवन के ये चार आधार स्तंभ हैं, आज सम्पूर्ण मानवता और धरा को इसकी जरूरत है। आईये दृढ़ संकल्प लें कि गांवों और शहरों को हरा-भरा करने हेतु पौधा रोपण करेंगे, बंजर और खाली पड़ी जमीनों को बाग-बगीचों में बदलेगे, अपने आस-पास स्वच्छता रखंेगे, तालाबों और नदियों के तटों को स्वच्छ रखेंगे, शुद्ध शाकाहार अपनायंेगे और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे। अपनी धरा को समृद्ध बनाने में योगदान प्रदान करेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला जी, ने परमार्थ निकेतन में पूज्य स्वामी जी के सान्निध्य में बितायेे पलों को याद करते हुये कहा कि परमार्थ निकेतन की गंगा आरती की स्मृतियां आज भी मन को अपार शान्ति का अनुभव कराती हंै। वैश्विक स्तर पर सनातन संस्कृति को पहुंचाने में स्वामी जी का अभूतपूर्व योगदान है। मेरी शुभकमनायें है आप स्वस्थ रहें और हम सब का मार्गदर्शन करते रहें।

 महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय श्री भगत सिंह कोश्यारी जी ने स्वामी जी महाराज को विडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनायें देते हुये कहा कि माँ गंगा की तरह निर्मल हृदय से स्वामी जी ने सनातन धर्म और संस्कृतियों के समन्वय का कार्य किया है। भारतीय परम्परा के हिसाब से प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में उनका अद्भुत योगदान है। अगले वर्ष स्वामी जी के 70 वें जन्म दिवस तक परमार्थ परिवार और भक्तों द्वारा 70 हजार वृक्षों के रोपण का संकल्प लिया गया हैं, मेरा विश्वास है ये पौधे हमें नयी हवा देंगे। स्वामी जी के शब्द हमारे लिये हमेशा प्रेरणादायी होते हंै। जीवेम् शरदः शतम्।
पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के सह-संस्थापक, आचार्य बालकृष्ण जी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी (मुनि जी) के 69 वें प्राकट्य महोत्सव पर अनेक शुभकामनायें प्रदान करते हुये कहा कि आप ने इस धरा पर आकर भारतीय संस्कृति और मूल्यों से इस धरा को सींचा और पूरी दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। धरा के मित्र पूज्य स्वामी जी को अनन्त शुभकामनायें।
डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती जी ने पैनल में विराजमान सभी महानुभावों को भावभरा स्वागत किया और स्वामी जी के मानवता और पर्यावरण को समर्पित जीवन के विशेष संस्मरणों को सभी के साझा किया।
श्री श्री रवि शंकर जी, संस्थापक, आर्ट ऑफ लिविंग, प्रख्यात मानस कथाकार मोरारी बापू जी, जूनापीठाधिश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी, प्रसिद्ध कथाकार, संदीपनी विद्यानिकेतन के संस्थापक रमेश भाई ओझा जी (पूज्य भाईश्री जी), श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष, स्वामी गोविंद देव गिरि जी,, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंदजी, हरिद्वार, श्री माधवप्रिय दास जी स्वामी, छारोड़ी गुरूकुल अहमदाबाद, तिब्बती बौद्ध धर्म श्री ड्रिकुंग चेतसांग रिनपोछे जी, आचार्य लोकेश मुनिजी, संस्थापक अध्यक्ष, अहिंसा विश्व भारती, मौलाना इमाम उमर अहमद इलियासी जी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय इमाम संगठन, श्रीमती अजा करम, सेक्रेट्री जनरल रिलिजन फाॅर पीस, ईज़रायल से रब्बी डेविड रोज़न, अमेरिकी यहूदी समिति, जेरूसलम, इजराइल के अंतर्धार्मिक मामलों के अंतर्राष्ट्रीय निदेशक, ज्ञानी इकबाल सिंहजी, पटना साहब गुरुद्वारा के पूर्व जत्थेदार, सिख विद्वान ज्ञानी गुरुबचन सिंहजी, पूर्व प्रमुख जत्थेदार, अकाल तख्त, फादर पॉल, कार्यकारी निदेशक, कैरिटास इंडिया, साध्वी शिलापी, प्रख्यात जैन साधु, वीरयतन, प्रख्यात मानस कथाकर श्री मुरलीधरजी महाराज, श्री परमजीत सिंह चंडोक बंगला साहिब गुरूद्वारा दिल्ली, गद्दी नशीन - दरगाह अजमेर शरीफ, हाजी सैयद सलमान चिश्ती जी और अन्य पूज्य संत, महापुरूषों,,
लोकसभा अध्यक्ष, माननीय श्री ओम बिरला जी, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री माननीय गजेन्द्र सिंह शेखावत जी, महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय श्री भगत सिंह कोश्यारी जी, उत्तराखंड की माननीय राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री तीरथ सिंह रावत जी, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी और अन्य गणमान्य राजनीतिज्ञ,,,,,
प्रसिद्ध सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा, बॉलीवुड प्रसिद्ध अभिनेता विवेक ओबेरॉय, विश्व प्रसिद्ध तालवादक शिवमणि और सूफी गायिका रूना रिजवी शिवमणि अन्य अनेक गणमान्य अतिथियों एवं विश्व के अनेक देशों से लाइव जुड़कर और विडियो संदेशों के माध्यम से अपनी शुभकामनायें भेंट की।  

Wednesday, June 2, 2021

नील कमल पाठक की प्रेरणा से युवा कर रहे है,नशे का त्याग

राजेंद्र पंत रमाकांत

 नील कमल पाठक की प्रेरणा से युवा कर रहे है,नशे का त्याग
*🌹हनुमान जी की भक्ति का हो रहा है, संचार*
बरेली / *बरेली नगर निवासी हनुमान जी के परम भक्त हनुमान जी के चरणों में गहरी आस्था रखने वाले  1101 (ग्यारह सौ एक) हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित करने का संकल्प लेने वाले श्री नील कमल पाठक की हनुमान जी के प्रति भक्ति का रंग अब युवाओं के लिए भी प्रेरणादायक बनता जा रहा है।
* *अनेक युवाओं ने श्री पाठक जी के संपर्क में आकर मीठ, मांस, व नशे का परित्याग कर हनुमान जी की शरण ले ली है हनुमान जी की भक्ति का ध्वज पताका फहराने वाले श्री नील कमल पाठक की प्रेरणा से श्री हनुमान जी की भक्ति का प्रचार प्रसार अनेक युवा जन भी बड़े ही मनोयोग से कर रहे हैं। कल मंगलवार को बड़े मंगल अर्थात् महामंगल के शुभ अवसर पर श्री पाठक जी के दिशा निर्देशन में अनेक स्थानों पर सुंदरकांड व हनुमान जी के जाप सुमिरन का आयोजन हुआ अनेक स्थानों पर युवाओं ने संकल्प लेकर* *मीट ,मांस ,मदिरा का परित्याग किया तथा हनुमान जी की भक्ति का ध्वज पताका फहराने का संकल्प भी लिया,
*इधर श्री नील कमल पाठक का कहना है, जो भी प्राणी अपने आराधना के श्रद्धा पुष्प श्री हनुमान जी के चरणों में अर्पित करता है उसके रोग, शोक, दुख दरिद्रता एवं विपदाओं का हरण हो जाता है।*
*बड़े मंगल के अवसर पर उत्तर प्रदेश के अनेक स्थानों में जहां हनुमान जी का पूजन सुंदरकांड आदि का आयोजन हुआ वही* *प्रथम गांव सदुल्लागंज में श्री जानकी महाराज के देवस्थान पर भी 1101 श्री हनुमान स्थापना संकल्प की टीम के द्वारा श्री हनुमान जी का विधि विधान सहित पूजन कर श्री सुदरकाण्ड व हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।
 इस अवसर पर*
रामसरन उपाध्याय ,अंकुर उपाध्याय,केशवअग्निहोत्री,
राहुल राघव,अंगनु राघव,
आशुतोष सिंह चौहान,सुमित राघव,स्वदेस राघव,शिवम् गोला,अमन गुप्ता,रिंकू गुप्ता,
कौशल सिंह चौहान,संकित मिश्रा,अजीत कठेरिया,
आकाश गुप्ता,अनमोल राघव,विनय राघव,शिवम् राघव,
सुखदेव राघव सहित अनेकों भक्तजन मौजूद रहे*
//रमाकान्त पन्त////

Tuesday, June 1, 2021

सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा रद्द

सीबीएसई कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द

कक्षा बारहवीं के परिणाम समयबद्ध तरीके से एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के अनुसार किए जाएंगे

कक्षा 12 सीबीएसई परीक्षाओं पर निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है: पीएम

हमारे छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का है अत्यंत महत्व और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा: पीएम

छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता, जिसे समाप्त किया

जाना चाहिए : पीएम छात्रों को ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में परीक्षा देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए: पीएम

सभी हितधारकों को चाहिए छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं : पीएम

हरिशंकर सिंह 
नई दिल्ली,प्रधानमंत्री ने सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की । अधिकारियों ने अब तक हुए व्यापक और व्यापक परामर्श और राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों से प्राप्त विचारों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

COVID के कारण अनिश्चित परिस्थितियों और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि सीबीएसई बारहवीं कक्षा के छात्रों के परिणामों को एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के अनुसार समयबद्ध तरीके से संकलित करने के लिए कदम उठाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए। 

पीएम ने कहा कि देश भर में कोविड की स्थिति एक गतिशील स्थिति है। जबकि देश में संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं, कुछ राज्यों ने अभी भी तालाबंदी का विकल्प चुना है। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में इस तरह की परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं हो सकती हैं.

पीएम ने कहा कि सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। पीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम अच्छी तरह से परिभाषित मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं।

व्यापक परामर्श प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने सराहना की कि भारत के कोने-कोने से सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद छात्र हितैषी निर्णय लिया गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने के लिए राज्यों को भी धन्यवाद दिया।

यह भी निर्णय लिया गया कि पिछले साल की तरह, यदि कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर उन्हें सीबीएसई द्वारा ऐसा विकल्प प्रदान किया जाएगा।

माननीय प्रधान मंत्री ने पहले 21/05/21 को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसमें मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया था। तत्पश्चात 23.05.2021 को केंद्रीय रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। बैठक में सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन के विभिन्न विकल्पों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त फीडबैक पर चर्चा की गई।

आज की बैठक में केंद्रीय गृह, रक्षा, वित्त, वाणिज्य, सूचना और प्रसारण, पेट्रोलियम और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के सचिवों और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।