Thursday, November 12, 2020

निमोनिया छोटे बच्चों के जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन :स्वामी चिदानन्द सरस्वती


विश्व निमोनिया दिवस
आॅक्सीजन सबसे उत्कृष्ट मेडिसन
शुद्ध आॅक्सीजन, स्वस्थ जीवन
पेड़ लगायें हर व्यक्ति तक शुद्ध आॅक्सीजन पहंुचायें
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश, 12 नवम्बर। विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि निमोनिया छोटे बच्चों के जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन है। जिन्होंने निमोनिया के कारण अपने बच्चों को खोया हैं, वे जानते है एक-एक श्वास की कीमत। निमोनिया होने पर आॅक्सीजन का उपयोग दवाई के रूप में किया जाता है तथा प्राणों को बचाने के लिये आॅक्सीजन को खरीदा जाता है फिर भी कई बार बच्चों को बचाया नहीं जा सकता।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की रिपोर्ट के अनुसार भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की कुल मृत्यु में से 14 प्रतिशत मृत्यु का कारण निमोनिया  होता है। निमोनिया के कारण वर्तमान मृत्यु दर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर पाँच है और इसे वर्ष 2025 तक तीन से कम करने का लक्ष्य रखा गया है।  निमोनिया बच्चों के लिये सबसे बड़ा खतरा है। वैश्विक स्तर पर यह 1,53,000 से अधिक नवजात शिशुओं सहित हर वर्ष पाँच वर्ष से कम उम्र के 8,00,000 से अधिक संक्रमित बच्चों के जीवन को प्रभावित करता है। हर 39 सेकंड में एक बच्चा निमोनिया के कारण मौत हो जाती है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कोरोना ने हमें बता दिया और दिखा दिया कि अब जागने की बारी है। हम सभी कितने दिनों तक घरों में बंद रह सकते हैं और मास्क पहन सकते हंै इससे लोगों का जीवन तनाव पूर्ण हो रहा है, अतः यह एक सम्भलने का अवसर है। अब नहीं सम्भलें तो फिर बहुत देर हो जायेगी क्योंकि अभी नहीं, तो कभी नहीं इसलिये जीवन जितना नैसर्गिक और नैचुरल बना सकते हैं उतना ही बेहतर है। हमारे चारों ओर प्रदूषण बढ़ रहा है उसमें भी वायु प्रदूषण तो सबसे बड़ा प्रदूषण है और स्वास्थ्य के लिये सबसे बड़ा खतरा भी है। यह न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि मस्तिष्क को भी नुकसान पहंचाता है इसलिये वायु की गुणवत्ता में सुधार लाकर प्रकृति के अनुसार जीना बहुत जरूरी है।
स्वामी जी ने कहा कि हम सभी जानते है कि श्वास चल रही हंै तो जीवन है और श्वास के लिये आॅक्सीजन की जरूरत है। आॅक्सीजन को बनाया तो नहीं जा सकता परन्तु प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है; शुद्ध रखा जा सकता है इसलिये आईये संकल्प लें कि अपने और अपने बच्चों के जीवन की रक्षा के लिये वृक्षारोपण अवश्य करेंगे।

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