दून में पैर पसारता अवैध नशे का कारोबार
मनोज कुमार / एच एस सैनी
प्रदेश की राजधानी देहरादून में अवैध नशे का कारोबार बेरोकटोक फलता फूलता जा रहा है ।जिसकी गिरफ़्त में अधिकतर यँहा के स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाली युवा पीढी है। जिनके पास ऊंची कीमतों पर जानलेवा नशे की सामग्री आसानी से पहुंच रही है । नशे की लत के आदी हो चुके छात्र छात्राएं किसी भी कीमत पर नशे की सामग्री को खरीद रहे हैं ।जिसे पूरा करने के लिए अनेक छात्र छोटा मोटा जुर्म करने से भी नही हिचकते ।नशे की बुरी लत के शिकार हो चुके अधिकतर युवा वर्ग अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए इसी अवैध कारोबार के दलदल में फंस गए हैं ।
उत्तराखंड की राजधानी पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में सुविख्यात रहा है ।यँहा के स्कूलो में देश की अनेक जानी मानी हस्तियॉ ने शिक्षा ग्रहण कर नाम रोशन किया । वर्तमान में उत्तराखण्ड बनने के पश्चात् देहरादून एवम् इसके आस पास अनेक कॉलेजो का निर्माण हुआ ।जँहा वर्तमान में बाहरी राज्यों के हजारो छात्र उच्च शिक्षा के लिए देहरादून का रुख करतें हैं ।परंतु यह उनका दुर्भाग्य है कि अधिकतर छात्र यँहा पहुंचते ही नशे के सौदागरों के चंगुल में फंस जाते है ।और उनका सुनहरा भविष्य नशे के गर्त में चला जाता है ।
देहरादून के इस नशे के अवैध कारोबार का संचालन उत्तराखण्ड से सटे राज्यो हिमांचल प्रदेश ,हरियाणा ,पंजाब एवम् उत्तरप्रदेश से किया जा रहा है ।इन प्रदेशो से नशे का कारोबार संचालित कर रहे आकाओ के गुर्गे पुलिस चेक पोस्टों से आसानी से नशे की सामग्री देहरादून तक पहुंचा रहे हैं ।जिनके द्वारा बड़ी बड़ी लक्जरी गाडीयो का राजनीतिक दलो के झंडे ,प्लेट लगा कर इस्तेमाल किया जा रहा है ।जिन पर पुलिस भी हाथ डालने से कतराती है ।इसके अतिरिक्त बाहरी राज्यो से आने वाली राज्य परिवहन निगम की बसें भी नशे की सामग्री के तस्करी का जरिया बनी हुई है ।जिसमे कुछ बसों के चालक परिचालक भी संलिप्त हैं ।जो इस तस्करी के खेल में शामिल हैं ।
तस्करी द्वारा देहरादून पहुंचने पर नशे की सामग्री को होटलो ,रेस्टोरेंट एवम् मसूरी रोड पर बने टी पोइटो तक पहुंचा दिया जाता है ।जँहा शाम ढलते ही नशे के सेवन का दौर शुरू हो जाता है ।जो देर रात तक चलता है ।नशे की इस सामग्री में बाहरी राज्यो से लाई हुई शराब ,अफीम ,चरस ,गांजे, और सुल्फे की सिगरेट शामिल होती हैं ।अनेक हुक्का बार तो खुलेआम इन जानलेवा सामग्री को परोसते हैं ।जिन पर पुलिस का कोई नियंत्रण नही है ।यह सब पुलिस की नियमित चेकिंग अभियान के दौरान ही चलता रहता है ।नशे के अवैध कारोबार में राजधानी के कुछ दवा संचालक भी पीछे नही हैं ।इनके द्वारा मेडिकल की आड़ में छात्रो को नशे के इंजेक्शन और गोलियां ऊँची कीमतों पर उपलब्ध कराईं जा रही है ।जबकि सरकार ने इन दवाओ के खरीद फरोख्त पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया हुआ है ।
शाम ढलते ही प्रेम नगर ,बल्लूपुर चौक ,आई एस बीटी ,ओल्ड मसूरी रोड ,राजपुर रोड ,सेलाकुई ,कारगी चौक में अवैध नशे के कारोबारियों के गिरोह सक्रिय हो जाते हैं ।जो आसानी से छात्रो को अपना शिकार बनाते हैं ।ऐसा नही है की पुलिस प्रशासन को दून में फैल रहे इस कारोबार की खबर नही है ।इस नशे केअवैध कारोबार को उच्च स्तर का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है ।इस लिए पुलिस भी इन पर हाथ डालने से कतराती है ।और इनकी तरफ से आँखे मूँद रखी हैं ।
अनेक बार पुलिस द्वारा नशे के अवैध करोबार को रोकने के लिए खाना पूर्ति के लिए अभियान चलाया जाता है जो नाकम साबित होता है ।कभी कभार कोई हादसा होने पर पुलिस द्वारा जो अभियान चलाया जाता है वह भी नशे के अवैध कारोबार पर लगाम नही लगा पाता है ।इसलिए देहरादून के अधिकाँश छात्र नशे के आग़ोश में समाते जा रहे हैं ।
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