Monday, September 21, 2020

सालों की मेहनत और बहुत लोगों का संघर्ष है राज कम्युनिकेशन

राज कम्युनिकेशन स्थापना दिवस- 2020

अभूतपूर्व सफलता के 15 वर्ष हुए पूरे

राज कम्युनिकेशन ने सफलतापूर्वक किये 15 वर्ष पूर्ण

-सालों की मेहनत और बहुत लोगों का संघर्ष है राज कम्युनिकेशन

देहरादून। राज कम्युनिकेशन पब्लिक रिलेशन कंपनी ने अपना पंद्रह सालों का लंबा सफर बहुत ही सफलतपूर्वक पूरा कर लिया है। इस अवसर पर एक सेलिब्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दैनिक भास्कर समाचार पत्र के संपादक व डिजिटल मार्केटिंग से बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इस अवसर पर कंपनी के संस्थापको की ओर से जरूरतमंद लोगों को फूड पैकेटस भी वितरित किए गए।
राज कम्युनिकेशन पब्लिक रिलेशन कंपनी के कार्यक्रम में दैनिक भास्कर समाचार पत्र के संपादक श्री गिरीश तिवारी व डिजिटल मार्केटिंग से शोभित जैन ने केक काट कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया व कंपनी से संबद्ध सभी को शुभकामनाए दी। इस अवसर पर राज कम्यूनिकेशन के संस्थापक राज छाबड़ा ने कहा कि यह सफर आसान नहीं था। जैसा कि हर काम की सफलता के पीछे बहुत से लोगो का संघर्ष छुपा होता है इसके पीछे भी कंपनी से जुड़े सभी लोगों का संघर्ष है। काम के बारे में जानकारी देते हुए राज छाबड़ा ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति अपना व्यवसाय शुरू करता है तो उसका सबसे बड़ा चैलेंज होता है लोगों तक उस व्यवसाय की जानकारी पहंचाना और वह भी कम खर्च में। इसके लिए उसके बहुत सी बातों का अनुमान लगाना होता है कि जैसे  कि वह कौन सा ऐसा तरीका अपनाए जिससे कि वह कम समय से ज्यादा माध्यमों से लोगों तक पहुँच सके और वह तरीका इतना भरोसे मंद हो कि लोग उसे हाथों हाथ ले लें। यहीं नहीं ऐसे समय में जब कि प्रतिस्पर्धा का जमाना है तो लोग आपकी छवि को भी क्षति पहुंचाने की कोशिश कर सकते है वहां पर भी ऐसा क्या माध्यम है जो अपने काम आ सका है। चाहे वह लोगों के बीच अपने व्यवसाय की छवि को बदलना हो या अपने व्यवसाय को हानि से बचाने के लिए तैयार करना हो, जनसंपर्क हमेशा आपके लिए वह माध्यम है जिस पर लोग भरोसा कर सकते है।
पीआर के बारे में बात करते हुए राज कम्युनिकेशन पब्लिक रिलेशन कंपनी की सह संस्थापक निशा राज छाबड़ा कहती हैं कि, “पीआर क्षेत्र बहुत विशाल है। कोई भी कंपनी जब एक निश्चित संकट से गुजर रही होती है, तो उसके लिए विशेष रूप से पीआर का समर्थन बहुत आवश्यक हो जाता है। किसी भी कंपनी को सफलता हासिल करने में कई बार कई साल लग जाते हैं, लेकिन एक पल ही इन सालों की मेहनत और नाम को बर्बाद कर देता है। ऐसे समय में पीआर ही है जो किसी कंपनी को उसके नुकसान से बाहर निकालने में मदद करता है।
इस अवसर पर शिशिर त्रिपाठी, आशीष कुमार, मनोज बडोनी, निशांत भारती, इंद्रा सिंह, महेश्वर सिंह, पुनीत कुमार आदि मौजूद थे।

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