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Monday, September 21, 2020
सालों की मेहनत और बहुत लोगों का संघर्ष है राज कम्युनिकेशन
Saturday, September 19, 2020
मसूरी विधायक गणेष जोशी के नेतृत्व में पूर्व सैन्य अफसरों के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा
मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून, आशा पैन्यूली ने विद्यालयों को दिए दिशा निर्देश
Wednesday, September 16, 2020
Tuesday, September 15, 2020
मसूरी विधायक गणेश जोशी ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं संग सेवा सप्ताह के तहत पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा में स्वच्छता अभियान एवं प्लास्टिक फ्री अभियान चलाया।
Saturday, September 12, 2020
घर-घर जाकर बच्चो को शिक्षा प्रदान कर रहे है शिक्षक श्री राजपूत
भिण्ड/भिण्ड जिले के अटेर विकास खण्ड के शासकीय प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय ग्राम मल्लपुरा के शिक्षक श्री राकेश सिंह राजपूत ने लाउड स्पीकर की व्यवस्था कर उसी पर रेडियो स्कूल कार्यक्रम सुनवाना प्रारंभ किया हैं। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं है उनको लाउडस्पीकर के माध्यम से शिक्षण सामग्री सुनाई जाती है शिक्षक राकेश सिंह ’’हमारा घर हमारा विद्यालय’’ कार्यक्रम के तहत घर-घर जाकर होमवर्क जांचते हैं।
शिक्षक राकेश सिंह राजपूत मोहल्ला क्लासों का नियमित संचालन कर रहे है कोरोना के काल में शिक्षक श्री राजपूत बोर्ड एवं शिक्षण सहायक सामग्री साथ लेकर घर-घर जाकर शिक्षा दे रहे है जिसमें दक्षता उन्नयन की वर्क बुक ’’आओ करें और सीखें’’ पर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। इनके द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम में मोहल्ला क्लास में उपस्थित बिना मास्क के बच्चों को निःशुल्क मास्क वितरण भी किया जाता हैं श्री राकेश सिंह राजपूत को वर्ष 2019 में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
प्रदेश सरकार नौजवानों को नौकरी देने के साथ रोजगार के अन्य अवसर भी खोलेगी-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
प्रदेश सरकार नौजवानों को नौकरी देने के साथ रोजगार के अन्य अवसर भी खोलेगी-मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर व राज्यसभा सांसद श्री सिंधिया के साथ मेहगाँव में किया लगभग 206 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण
भिण्ड -मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम नौजवानों को सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी खोलेंगे। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने पुलिस में भर्ती शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही चंबल एक्सप्रेस-वे जैसी वृहद योजनाओं को गति दी है, जिससे चंबल क्षेत्र का चहुँमुखी विकास होगा। साथ ही यहाँ के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भिण्ड जिले के मेहगाँव में आयोजित हुए विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लगभग 206 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया।
मेहगाँव के कृषि उपज मंडी प्रांगण में गुरूवार को आयोजित हुए इस समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भिण्ड व मुरैना जिले के नौजवान अब सैन्य बलों में केवल सिपाही ही नहीं, अफसर भी बनेंगे। इसके लिये भिण्ड जिले में सैन्य स्कूल खुलने जा रहा है। इस सैन्य स्कूल में पढ़ने के बाद भिण्ड के नौजवान सेना में बड़े अफसर बनकर दुश्मन को करारा जवाब देंगे और भारत माता का मस्तक ऊँचा करेंगे। खासतौर पर मेहगाँव व गोहद क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिये आज हमने 160 करोड़ रूपए लागत की वृहद सिंचाई परियोजना की सौगात दी है। इस परियोजना के मूर्तरूप लेने के बाद कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार हर गरीब को ढूंढ-ढूंढ़कर खाद्यान्न पर्चियाँ देगी और उन्हें एक रूपए प्रतिकिलो की दर से राशन मुहैया करायेगी। इसके लिये आगामी 16 सितम्बर को महाअभियान शुरू होगा। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि मेहगाँव सहित भिण्ड जिले में कोई भी गरीब पात्रता पर्ची से वंचित नहीं रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्जमाफी पर भी किसानों को न्याय देगी। साथ ही सरकार ने किसान व गरीबों के कल्याण के लिये बनी संबल योजना को फिर से चालू करने का फैसला भी लिया है। इसी तरह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों की उच्च शिक्षा में मदद के लिये पूर्व में शुरू की गईं योजनायें भी सरकार ने चालू कर दी हैं। सरकार गरीबों के बच्चों की आईआईटी, आईआईएम व मेडीकल इत्यादि संस्थानों की फीस भरेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा लॉकडाउन की वजह से कठिनाई में आए पथ विक्रेताओं (स्ट्रीट वेंडर) के कल्याण की दिशा में सरकार ने कारगर कदम उठाए हैं। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना से प्रदेश में अब तक एक लाख 8 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर को फिर से व्यवसाय शुरू करने के लिये 10 दृ 10 हजार रूपए की आर्थिक मदद दिलाई गई है। श्री चौहान ने कहा प्रदेश सरकार ने बढ़े हुए बिजली बिलों पर रोक लगाई है। सरकार ने अगस्त तक के बिजली बिल स्थगित कर दिए हैं। अब उपभोक्ताओं को केवल सितम्बर माह का बिल ही अदा करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मेहगाँव विधानसभा क्षेत्र के रौन, अमायन व गोरमी क्षेत्र में विकास के लिये धन की कमी नहीं आने दी जायेगी। इस क्षेत्र के गाँव-गाँव में सड़कों के विस्तार सहित अन्य विकास कार्य अब तेजी से मूर्तरूप लेंगे।
केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर कहा खुशी की बात है कि रतनगढ़ के समीप प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में मंजूर किए गए सिंचाई बांध का काम सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा है। साथ ही वृहद सिंचाई परियोजना भी मंजूर कर दी है। इस बांध व सिंचाई परियोजना से मेहगाँव, गोहद व अटेर क्षेत्र के किसान खुशहाल होंगे। बेहतर सिंचाई सुविधा मिल जाने से यहाँ के किसान पंजाब का मुकाबला करने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने चंबल एक्सप्रेस-वे को गति देने की
पहल कर चंबल अंचल को खुशहाली का नया पैगाम दिया है। श्री तोमर ने कहा कि 8 हजार करोड़ रूपए लागत के चंबल एक्सप्रेस-वे के मूर्तरूप लेने के बाद इस क्षेत्र की तस्वीर व तकदीर दोनों बदलेंगी। उन्होंने कहा भिण्ड की धरती पर खुलने जा रहा सैनिक स्कूल भी विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश सरकार के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान एक सच्चे जनसेवक हैं। जिसका फायदा प्रदेश की जनता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की बड़ी-बड़ी सौगातें देकर मेहगाँव क्षेत्र के विकास के लिये नए दरवाजे खोले हैं। मुख्यमंत्री ने सड़कों के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी वृहद सिंचाई परियोजना के रूप में बड़ी सौगात इस क्षेत्र को दी है। श्री सिंधिया ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद मेहगाँव विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर एक मंत्री मिला है। उन्होंने नौजवान, कर्मठ एवं लगनशील जनप्रतिनिधि श्री ओ पी एस भदौरिया को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। श्री भदौरिया और हम सब मिलकर मेहगाँव के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ भी पूरी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी है। प्रदेश के अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिये बेहतर से बेहतर अधोसंरचना जुटाने का काम सरकार ने किया है।
नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्री ओ पी एस भदौरिया ने स्वागत उदबोधन दिया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि मेहगाँव क्षेत्र के लिये आज गौरवशाली दिन है जो लगभग 206 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगातें मिली हैं। उन्होंने कहा पिछले तीन माह के भीतर मेहगाँव विधानसभा क्षेत्र में 300 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्य मंजूर हो चुके हैं। श्री भदौरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर एवं राज्यसभा सांसद श्री सिंधिया मेहगाँव क्षेत्र के विकास के लिये तत्पर हैं। इसलिये इस क्षेत्र में विकास की लहर अब थमेगी नहीं।
इनकी रही मौजूदगी
मेहगाँव में आयोजित हुए विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण समारोह में नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्री ओपीएस भदौरिया सहित क्षेत्रीय सांसद श्रीमती संध्या राय, पूर्व मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, पूर्व सांसद एवं मुरैना के महापौर श्री अशोक अर्गल, पूर्व विधायकगण सर्वश्री रसाल सिंह, शिवशंकर समाधिया, राकेश शुक्ला, मुकेश चौधरी व नरेन्द्र सिंह कुशवाह तथा श्री नाथू सिंह गुर्जर व श्री केपी सिंह भदौरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे। कार्यक्रम में चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आर के मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक चंबल श्री मनोज शर्मा, कलेक्टर भिण्ड श्री वीरेन्द्र सिंह रावत व पुलिस अधीक्षक श्री मनोज सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इन विकास कार्यों का हुआ लोकार्पण
कृपे के पुरा से चपरा मार्ग लागत 1.21 करोड़, हाईस्कूल भवन सुकाण्ड लागत एक करोड़, हाईस्कूल भवन सोनी लागत एक करोड़, हायर सेकेण्ड्री स्कूल कनाथर लागत एक करोड़ एवं हाईस्कूल भवन गाता लागत एक करोड़ ।
इन विकास कार्यों का हुआ भूमिपूजन
ग्राम कोट से पड़ोरा रायकोट मार्ग पर पुल सहित पहुँचमार्ग का निर्माण लागत 3 करोड़, मिहोना (रोन) में स्टेडियम निर्माण लागत 2 करोड़, मेहगांव में स्टेडियम निर्माण लागत 2 करोड़, स्टॉप डेम सेमरा लागत 2.05 करोड़, मल्लपुरा स्टाप डेम लागत 1.96 करोड़, माँ रतनगढ वृहद परियोजना नहर कार्य 160 करोड़, वार्ड क्र.10 वाईपास रोड पुलिया के पास मुक्तिधाम एवं वार्ड क्र.15 नाथूबाबा रोड के किनारे मुक्तिधाम का सौन्दर्यीकरण कार्य नगर परिषद मेहगांव में 1.34 करोड़, नगर परिषद गोरमी सडक एवं नाली निर्माण कार्य एक करोड़, नल जल योजना सायना 1.541 करोड़, नलजल योजना भारौली कला 1.68 करोड़, नल जल योजना अमायन 2.21 करोड़, नल जल योजना गढपारा लगभग 73 लाख , नल जल योजना सोनी 1.33 करोड़, ग्वालियर-इटावा मार्ग से मेहगांव-गोना-हरदासपुरा मार्ग वाया बघोरा 3.71 करोड़, ग्वालियर-इटावा मार्ग से खेरिया बाया सौधा 5.06 करोड़, मेहदा से इदुर्खी मार्ग 6.98 करोड़, कोट से पडोरा मार्ग 3.37 करोड़, कोट से पडोरा मार्ग में ग्राम पडोरा व रायकोट के मध्य बसरिया नाले पर पहुँचमार्ग सहित पुल का निर्माण 3.09 करोड़ की लागत के कार्य शामिल हैं।
Friday, September 11, 2020
सप्तकुंड!-- दुनिया की नजरों से दूर सात झीलों का मनमोहक संसार, 124 साल बाद इसी ट्रैक पर खिला दुर्लभ लिपिरस पैगमई फूल..
सप्तकुंड!-- दुनिया की नजरों से दूर सात झीलों का मनमोहक संसार, 124 साल बाद इसी ट्रैक पर खिला दुर्लभ लिपिरस पैगमई फूल..
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान
(चमोली जनपद में मौजूद गुमनाम पर्यटक स्थल किस्त-3)
सीमांत जनपद चमोली में पर्यटन की दृष्टि से कई ऐसे गुमनाम पर्यटन स्थल है जो आज भी देश दुनिया की नजरों से दूर हैं। यदि ऐसे स्थानों को उचित प्रचार और प्रसार के जरिये देश, दुनिया को अवगत कराया जाय तो इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा अपितु स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो पायेंगे। जिससे रोजगार की आस में पलायन के लिए मजबूर हो रहे युवाओं के कदम अपने ही पहाड़ में रूक पायेंगे। सीमांत जनपद चमोली की निजमुला घाटी में तडाग ताल के बाद सात झीलों का एक ऐसा ही गुमनाम खजाना अव्यवस्थित है, जिसे पवित्र सप्तकुंड के नाम से जाना जाता है। प्रकृति की इस अनमोल नेमत को देखकर आप भी कह उठेंगे वाहहहहहह।
124 साल बाद सप्तकुंड ट्रैक में मिला दुर्लभ लिपिरस पैगमई फूल..
कोरोना काल हिमालय के लिए संजीवनी साबित हुआ। कोरोना काल में हिमालय के बुग्याल और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मानवीय आवाजाही बंद होने से हिमालयी वनस्पतियों को नवजीवन मिला है। ऐसी ही एक खुशबरी मिलने से मन प्रफुल्लित हो उठा है। सभी पर्यावरणविद्ध और प्रकृति प्रेमी बेहद खुश हैं। देश में 124 सालों के अंतराल के बाद दुर्लभ प्रजाति का फूल ‘लिपरिस पैगमई’ खिला है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सप्तकुंड ट्रेक क्षेत्र में फूल के खिलने की पुष्टि हुई है। उत्तराखंड के चमोली जिले में पहली बार ऑर्किड प्रजाति का दुर्लभ फूल ‘लिपारिस पिगमीआ’ पाया गया है। वन अनुसंधान केंद्र के रिसर्च फेलो मनोज सिंह और रेंजर हरीश नेगी की इस खोज को फ्रांस के प्रतिष्ठित जर्नल रिकार्डियाना में भी प्रकाशित किया गया है। जर्नल में प्रकाशित इस खोज के मुताबिक यह भी पहली बार हुआ कि यह फूल पश्चिम हिमालय में देखा गया है। उत्तराखंड में चमोली जिले में 3800 मीटर की ऊंचाई पर सप्तकुंड ट्रेक पर घनसाल उडियार (गुफा) के पास इस फूल को देखा गया। इससे पहले यह फूल सिक्किम में 1892 और 1877 और फिर बाद में पश्चिम बंगाल में 1896 में देखा गया था। रिसर्च पेपर के अनुसार, ‘लिपरिस पैगमई’ की करीब 320 प्रजातियां है, जिनमें से करीब 48 प्रजातियां देश में है। सप्तकुंड जैव विविधता का खजाना है। पिछले साल भी सप्तकुंड के आस पास दुर्लभ प्रजाति के फेन कमल की क्यारियाँ दिखाई दी थी। जो इस बात के संकेत हैं कि यहां का पर्यावरण पारिस्थितिकी तंत्र हिमालयी वनस्पतियों के लिए मुफीद है।
-- कहाँ है सप्तकुंड !
प्राकृतिक खजानों से भरी पड़ी चमोली की निजमुला घाटी में झींझी गांव से 24 किमी की दूरी पर स्थित है प्रकृति की अनमोल नेमत। सप्तकुंड, सात झीलों या सात कुंडों के समूह को कहते हैं। यहाँ पर ये सभी सात कुंड एक दूसरे से आधे आधे किमी की दूरी पर स्थित है। लगभग 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर हिमालय में मौजूद सात झीलों की मौजूदगी अपने आप में कौतूहल और आश्चर्य का विषय है। वहीं साहसिक पर्यटन और पहाड़ के शौकीनो के लिए सप्तकुंड, रोमांचित कर देने वाला ट्रैक है।
-- ये है सात कुंड !
देवभूमि एडवेंचर एवं ट्रैकर के प्रबंधक और सप्तकुंड ट्रैकिंग कराने वाले युवा मनीष नेगी कहते हैं कि सप्तकुंड में मौजूद सात झीलों में से छः झीलों में पानी बेहद ठंडा जबकि एक झील में पानी गर्म है। गर्म पानी के कुंड में स्नान करने से पर्यटकों की पूरी थकान दूर हो जाती है। सात कुंडों में पार्वती कुंड, गणेश कुंड, शिव कुंड, ऋषि नारद कुंड, नंदी कुंड, भैरव कुंड, शक्ति कुंड के नाम से जाना जाता है। इन सात कुंडों में छह कुण्डों का पानी इतना ठंडा है कि उसमें एक डुबकी लगाना भी मुश्किल हो जाता है, जबकि एक कुंड का पानी इतना गरम है कि उसमें नहाने से पर्यटकों की थकान दूर हो जाती है। सप्तकुंड पहुंचने के लिए एशिया के सबसे कठिन पैदल ट्रैक को पार करना पड़ता है। सप्तकुंड ट्रैक साहसिक ट्रैकिंग के शौकीनो के लिए ऐशगाह से कम नहीं है। लेकिन उचित प्रचार और प्रसार न होने से प्रकृति का ये अनमोल नेमत आज भी देश दुनिया की नजरों से दूर हैं।
- ये है धार्मिक मान्यता!
ईराणी गांव के ग्राम प्रधान मोहन नेगी बताते हैं कि सप्तकुंड भगवान शिव का निवास स्थान है। प्रत्येक साल भादों के महीने आयोजित नंदा अष्टमी के दिन स्थानीय गांव ईराणी, झींझी, पाणा, रामणी, दुर्मी, पगना सहित निजमुला घाटी के ग्रामीण यहाँ पहुंचते हैं और भगवान शिव और भगवती नंदा की पूजा करते हैं। जबकि प्रत्येक 6 वर्ष में माँ नंदा कुरूड की दशोली डोली नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा में नंदा सप्तमी को सप्तकुंड में पराकाष्ठा पर पहुंचती है और लोकजात संपन्न के पश्चात वापस रामणी गांव लौट जाती है। हिमालय के कोने कोने का भ्रमण कर चुके प्रकृति प्रेमी और ट्रैकर बृहषराज तडियाल Briharshraj Tariyal और सुखबीर सिंह कहते हैं कि सप्तकुंड में आकर जो शांति और शुकुन मिलता है वो अन्यत्र कहीं नहीं। यहां अदृश्य दैवीय शक्ति का वास है जो शरीर को नयी ऊर्जा देती है। इन शक्तियों को यहाँ आकर महसूस किया जा सकता है। सप्तकुंड की सुंदरता आपका मन मोह देगी। ऐसी सुंदरता अन्यत्र कहीं नहीं है। ये हिमालय में मौजूद साक्षात स्वर्ग है।
-- मां काली के खप्पर से जुड़ी है लोक मान्यता !
मां काली ने अपने खप्पर पर महाभारत के युद्ध में मारे जाने वाले लोगों के नाम लिखे थे। इनमें अर्जुन का नाम भी शामिल था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को यह बात बताई और उनसे माता पार्वती की तपस्या करने के लिए कहा। द्रोपदी की तपस्या से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने उन्हें दर्शन दिए। तब द्रोपदी ने उनसे मां काली के खप्पर के बारे में पूछा। माता ने उन्हें बताया कि यह खप्पर सप्तकुंड में मौजूद है। इसके बाद माता पार्वती स्वयं सप्तकुंड पहुंचीं और खप्पर से अर्जुन का नाम मिटाकर उसे दो हिस्सों तोड़ डाला। मान्यता है कि इस खप्पर का आधा हिस्सा कोलकाता और आधा सप्तकुंड में मौजूद है। हर साल काफी संख्या में बंगाली ट्रैकर सप्तकुंड पहुंचते हैं। वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि निजमुला घाटी में सात नहीं, बल्कि 11 ताल हैं। लेकिन, लोगों को जानकारी सिर्फ सात तालों के बारे में ही है। शेष चार ताल कहां हैं, यह किसी को नहीं मालूम। सप्तकुंड समूह नंदा घुंघुटी की तलहटी में स्थित है। नंदा घुंघुटी पर्वतमाला की विशेषता यह है कि इसके करीब से कभी भी कोई जहाज नहीं गुजरता, क्योंकि इसकी चुंबकीय क्षमता काफी अधिक है।
- पूरे ट्रैक में होते हैं हिमालय के विह्गंम दीदार!
झींझी गांव और ईराणी गांव से सप्तकुंड की दूरी लगभग 24 किमी पैदल चलकर पूरा किया जा सकता है। स्थानीय निवासी मोहन सिंह नेगी और चंदू नेगी का कहना है ये कि सप्तकुंड ट्रैक में आपको हिमालय के दीदार होते हैं। ट्रैक के दौरान बांज, बुरांस, देवदार, कैल, खोरू, भोज, सहित नाना प्रकार के पेड़ो की छांव में थकान मिटाने का अवसर मिलता है वहीं सप्तकुंड के बीच में झींझी गांव से 10 किमी पर पड़ने वाले सिम्बें के मखमली बुग्याल में सैकड़ों प्रकार के फूलों की खूबसूरती पर्यटकों को रोमांचित करती है साथ ही थकान भी काफूर हो जाती है। सिम्बे बुग्याल को देखकर पर्यटक फूलों की घाटी को भूल जाते हैं। वहीं इस दौरान औषधीय पौधों को भी देखा जा सकता है। जबकि दर्जनों प्रकार के हिमालयी जीव जंतु और पशु पक्षियों की झलक और चहचाहट भी देखने को मिलती है, जो बेहद आनंदित करने वाला होता है। पूरे ट्रैक में प्राकृतिक सुषमा और झरने भी रोमांचित करते हैं। चेज हिमालय के प्रबंधक विमल मलासी कहते हैं कि सप्तकुंड पहुंचते ही पर्यटकों को हिमालय की हिमाच्छादित चोटियों के विह्गंम दृश्यों का दीदार करने का अवसर मिलता है। सप्तकुंड से हिमालय की नंदा घुंघुटी, त्रिशूल, नंदा देवी, चौखम्भा, बंदरपुंछू, सहित हिमालय की बडी श्रृंखलाओं को देखा जा सकता है। यहाँ पहुंचकर ऐसा आभास होता है कि जैसे भगवान नें खुद आकर यहाँ की सुंदरता उकेरी हो। लेकिन तमाम खूबियों के बाद भी सप्तकुंड आज भी देश दुनिया की नजरों से ओझल है। सरकार और पर्यटन विभाग को चाहिए की सप्तकुंड को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
-- ऐसे पहुंचा जा सकता है सप्तकुंड!
ऋषिकेश से चमोली वाहन द्वारा
चमोली से निजमुला वाहन द्वारा
निजमुला से ईराणी/झींझी वाहन द्वारा/ पैदल
झींझी से सप्तकुंड पैदल - 24 किमी
वास्तव में देखा जाए तो उत्तराखंड में सप्तकुंड जैसे अनगिनत गुमनाम स्थल है जिन्हें देश दुनिया के सामने लाना जरूरी है। ताकि उत्तराखंड को नयी पहचान मिल सके। अगर आप भी साहसिक पर्यटन के शौकीन हैं तो चले आइये सप्तकुंड। आप चेज हिमालय के प्रबंधक विमल मलासी Vimal M Malasiऔर देवभूमि एडवेंचर एवं ट्रैकर के Manish Negiके साथ यहाँ जा सकते हैं।
Thursday, September 10, 2020
व्यक्तिगत और घरेलू स्वच्छता के लिए एनआरआरएस ने उत्पादों की आयुर्वेदिक हीलिंग टच रेंज पेश की
देहरादून। दुनिया के सबसे बड़े अगरबत्ती उत्पादक और साइकल प्योर अगरबत्ती के निर्माता, एन. रंगा राव एंड संस (एनआरआरएस) ने “हीलिंग टच” ब्रांड के तहत आयुष प्रमाणित व्यक्तिगत और घरेलू स्वच्छता उत्पादों को लॉन्च किया है। यह रेंज आयुर्वेदिक फार्मूला आधारित हैंड सेनिटाइजर, वेजीटेबल व फ्रूट वाश और मल्टी-सरफेस डिसइन्फेक्टेंट स्प्रे प्रदान करती है। इन उत्पादों को आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है और इन्हें कीटाणुओं व जीवाणुओं से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।स्वस्थ रहने की आदतों को प्रोत्साहित करने और उपभोक्ताओं के लिए घर व सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित बनाने के लिए, इस स्वदेशी ब्रांड ने अपने खानदानी आयुर्वेदिक नुस्खों का उपयोग किया है। कंपनी ने सुगंधित उत्पादों के व्यवसाय से आगे बढ़ कर अब उपभोक्ताओं की रोजमर्रा जरूरतों को पूरा करने वाले गुणवत्ता युक्त उत्पाद पेश किये हैं। लॉन्च पर बोलते हुए, रिप्पल फ्रेगरेंस के प्रबंध निदेशक, किरण रंगा ने कहा, “हम मानते हैं कि सफाई और शारीरिक स्वच्छता स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है। जैसे-जैसे हमारे शहरों की आबादी बढ़ रही है, हमें व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता सुनिश्चित करने वाली आदतों को अपनाना होगा। हीलिंग टच लांच करने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि हम अपने व्यक्तिगत स्थान को कीटाणुओं व रोगजनकों से बचाने का एक तीव्र और सुविधाजनक तरीका प्रदान करें, जिससे शारीरिक स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
देहरादून में अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर उद्धघाटन हेतु तैयार
Wednesday, September 9, 2020
देहरादून-लम्बीधार-किमाड़ी मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग बनाये जाने को लेकर विधायक गणेश जोशी ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा।
हंगामा प्ले ने लॉन्च किया 'रायता फैल गया' कॉमेडी शो
देहरादून। हंगामा डिजिटल मीडिया के स्वामित्व वाले देश के प्रमुख वीडियो ऑन डिमांड प्लेटफॉर्म, हंगामा प्ले ने आज एक नए ऑरिजिनल शो, ‘रायता फैल गया’ को लॉन्च किया है। इस कॉमेडी शो की कहानी दो अविवाहित नवयुवक, शैंकी और हैरी के इर्द-गिर्द घूमती है जो बेफिक्री से जिंदगी बिताते हैं। फिर उनके परिवार के लोग उनकी जिंदगी में दखल देते हैं और नैतिकता के बंधनों से मुक्त उनकी जीवनशैली को संस्कारों की बेड़ियों में बांधने की कोशिश करते हैं, और इसी खींच-तान में कॉमेडी का सिलसिला शुरू होता है जो हर पल और ज्यादा हास्यजनक होता जाता है। अभिषेक परीक ‘रायता फैल गया’ के रचनाकार है और इसे कैफेस्टूडिओज ने प्रस्तुत किया है। इसका निर्माण शिवाय इंटरनेशनल ने किया है। शैंकी और हैरी ऐसी जिंदगी जीते हैं जो अविवाहित नवयुवकों के लिए सपने से कम नहीं - उनके पास एक बड़ा घर है, प्यार करने वाली प्रेमिका है, फ्लैट में उनके साथ रहने वाले दोस्त भी बेमिसाल हैं, सभी खुलकर मौज-मस्ती करते हैं, और उनकी पार्टियां तो कभी खत्म ही नहीं होती हैं; संक्षेप में कहें, तो उनके परिवारों के लिए इन दोनों का हर काम किसी पाप से कम नहीं है। जब शैंकी के पिता, चुन्नीलाल अचानक उनके घर पर पहुँचते हैं, तो शैंकी और हैरी उन सभी चीजों को छिपाने के लिए जी-जान लगा देते हैं, जो चुन्नीलाल की नजरों में अय्याशी है। यहाँ तक कि वे दोनों अपनी-अपनी प्रेमिकाओं को नई पहचान देने की योजना भी बनाते हैं! संस्कारों की मूर्ति, चुन्नीलाल को हैरी की बुआ , विद्या से प्यार हो जाता है, और यहीं से कहानी में एक दिलचस्प मोड़ आता है। हालांकि, ऐसी प्रेम कहानी भी क्या जिसमें कोई उलझन ही ना हो? हैरी और शैंकी के मकान मालिक, लालचंद को भी विद्या बुआ से प्यार हो जाता है, और फिर विद्या बुआ का दिल जीतने के लिए चुन्नीलाल अपने संस्कारों का त्याग कर देता है। अविवाहित नवयुवकों की विलासिता भरी जिंदगी पर ग्रहण लग जाता है, और फिर संस्कारों तथा बंधनों से मुक्त जीवन के बीच हास्यजनक अंदाज में संघर्ष की शुरुआत होती है।
हंगामा डिजिटल मीडिया के सीओओ, सिद्धार्थ रॉय ने इस शो के बारे में बताते हुए कहा, “हमने विभिन्न शैलियों, स्वरूपों, भाषाओं और लक्षित दर्शकों की पसंद के अनुरूप अलग-अलग तरह के शो का एक बड़ा संग्रह बनाने का प्रयास किया है। हमारा यह नवीनतम शो, मुख्यतः 18 से 30 साल के दर्शकों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, लेकिन इसकी कहानी का ताना-बाना कुछ ऐसा है जो बुजुर्गों को काफी पसंद आएगा और वे भी इस कहानी से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। हम आश्वस्त हैं कि, हमारी व्यापक वितरण रणनीति इस शो को दुनिया भर के दर्शकों तक पहुँचाने में मददगार साबित होगी और लोगों को यह शो खूब पसंद आएगा। वितरण की मजबूत रणनीति और अलग-अलग तरह की विषय-वस्तुओं के विशाल संग्रह की सहायता से, हमने इस साल के अंत तक अपनी वैश्विक पहुँच को दोगुना तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।”
शो के रचनाकार, अभिषेक परीक ने इस शो के बारे में बात करते हुए कहा, “इस शो को देखना बेहद मजेदार होगा, क्योंकि इस शो की कहानी बेहद मनोरंजक है जो पहले दृश्य से ही यह दर्शकों को बांधे रखती है। इन सभी प्रतिभाशाली अभिनेताओं के साथ काम करना मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि इस पूरी श्रृंखला में दर्शकों को एक भी पल के लिए बोरियत महसूस नहीं हो। मुझे यकीन है कि इस शो को बनाने में हमें जितना आनंद आया है, दर्शकों को देखने में उतना ही आनंद आएगा।”
कैफेस्टूडिओज के संस्थापक एवं सीईओ, निखिल रायबोले ने कहा, “रायता फैल गया हास्य और मनोरंजन से भरपूर कॉमेडी शो है, जो निश्चित तौर पर युवाओं को बेहद पसंद आएगा। इस शो के जरिए दिखाई गई परिस्थितियों से हर कोई परिचित है, और कहानी में बेहद दिलचस्प मोड़ के साथ इसके हर एपिसोड को और भी ज्यादा मनोरंजक बनाया गया है। हम खुश हैं कि हमें हंगामा प्ले के साथ काम करने और इस शो को दुनिया भर के करोड़ों दर्शकों तक पहुँचाने का अवसर मिला है। अब हमें दर्शकों की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
इस शो को हंगामा के श्वीडियो ऑन डिमांडश् प्लेटफॉर्म, हंगामा प्ले पर देखा जा सकता है। साथ ही हंगामा प्ले के माध्यम से एमएक्स प्लेयर, एयरटेल एक्सस्ट्रीम ऐप, वी मूवीज एंड टीवी, अमेजन फायर टीवी स्टिक, टाटा स्काई बिंज, डिश स्मार्ट स्टिक के साथ-साथ मेघबेला ब्रॉडबैंड, एलायंस ब्रॉडबैंड, एसीटी फाइबरनेट और नेटप्लस जैसे आईएसपी, तथा टीसीएल, वनप्लस टीवी, सोनी ब्राविया, सीवीटीई और क्लाउडवॉकर जैसे एंड्राइड टीवी पर भी ‘रायता फैल गया’ देखा जा सकता है। इसके अलावा, हंगामा ने शाओमी के साथ भी साझेदारी की है, इसलिए शाओमी के उपभोक्ता भी हंगामा प्ले के माध्यम से इस शो को मी टीवी पर देख सकते हैं। आने वाले दिनों में दर्शक सोनी-लिव और फ्लिपकार्ट वीडियो पर भी इस शो का आनंद ले पाएंगे।
Tuesday, September 8, 2020
अनुकरणीय!-- 'शिक्षक दिनेश राणा' नें कोरोना काल को अवसर में बदलकर बेजोड हस्तशिल्प कला से तैयार किये रिंगाल के उत्पाद..
अनुकरणीय!-- 'शिक्षक दिनेश राणा' नें कोरोना काल को अवसर में बदलकर बेजोड हस्तशिल्प कला से तैयार किये रिंगाल के उत्पाद..
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!
जीवन में सबसे बड़ी ख़ुशी उस काम को करने में है, जिसे लोग कहते हैं तुम नहीं कर सकते। अगर सही दिशा में प्रयास किये जाये तो जरूर सफलता मिलती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है शिक्षक दिनेश राणा नें जिन्होंने कोरोना काल का सदुपयोग करते हुए इसको अवसर में बदला और बेजोड़ हस्तशिल्प कला से अपने घर के लिए रिंगाल के विभिन्न उत्पादों को तैयार किया है।
इन उत्पादों को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो रहा है। प्रतिभा के धनी दिनेश राणा नें कोरोना काल में छात्र छात्राओं को न केवल ऑनलाइन पढ़ाई कराई, अपितु बेबीनार के माध्यम से विभिन्न विषयों पर छात्रों को ऑनलाइन महत्वपूर्ण टिप्स भी दिये। दिनेश राणा को शिक्षा के लिए विभिन्न अवसरों पर दर्जनो पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि शिक्षक दिनेश राणा वर्तमान में रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ ब्लाॅक के आदर्श प्राथमिक विद्यालय खुमेरा में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। गुणवत्ता परक शिक्षा से लेकर रचनात्मक गतिविधियों, विषय को सरल व रोचक बनाने, नवाचार, सांस्कृतिक गतिविधियों, वैज्ञानिक पद्धतियों का कैसे उपयोग किया जाता है दिनेश राणा जी से सीखा जा सकता है। दिनेश राणा का नाम प्रदेश के उन बेहतरीन शिक्षकों में लिया जाता है जिन्होंने अपने निजी प्रयासों से विद्यालयों को बेहद अल्प समय में ही सूबे में अग्रणी विद्यालयों में शामिल कराया है। आज खुमेरा विद्यालय लोगो के लिए शिक्षा का एक बेहतरीन माॅडल है। हर कोई इस विद्यालय और यहाँ तैनात शिक्षक/ शिक्षिकाओं की भूरी भूरी प्रशंसा करते हैं। दिनेश राणा आदर्श प्राथमिक विद्यालय खुमेरा से पहले कालीमठ घाटी के जाल तल्ला गांव में कार्यरत थें, जहां इनके भगीरथ प्रयासों ने विद्यालय को सूबे के नामी गिरामी विद्यालयों की तुलना में मीलों आगे खडा किया था और ये विद्यालय उन्हें हर विधा में कड़ी टक्कर देता हुआ नजर आता था। शिक्षण गतिविधियों से लेकर खेलकूद, भाषण प्रतियोगिता, लेखन, कला, सांस्कृतिक गतिविधियाँ, हर विधा में यहाँ के छात्र छात्राये परांगत थे।
वास्तव में देखा जाए तो दिनेश राणा जी जैसे शिक्षक से हमें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कोई भी कार्य छोटा बडा नहीं होता है, सोच बडी होनी चाहिए। भले ही आपको इनका प्रयास छोटा लगता हो परंतु यदि ऐसे छोटे छोटे प्रयासों से हमारी जरूरतमंद चीजों की पूर्ति हो जाती है तो हमें इससे न केवल आर्थिक फायदा होगा साथ में हमारी कला भी जीवित रहेगी। कोरोना काल को अवसर में बदलने वाले शिक्षक दिनेश राणा जी को रिंगाल के उत्पादों को तैयार करनें के लिए ढेरों बधाइयाँ।
Dinesh Rana
Monday, September 7, 2020
देश को आत्मनिर्भर बनाने के क्रम में, भारत सरकार ने अगरबत्ती बनाने के लिए कारीगरों को दिए जाने वाले समर्थन का विस्तार किया
देश को आत्मनिर्भर बनाने के क्रम में, भारत सरकार ने अगरबत्ती बनाने के लिए कारीगरों को दिए जाने वाले समर्थन का विस्तार किया
पहले के 200 के बदले अब अगरबत्ती बनाने की 400 स्वचालित मशीनें उपलब्ध कराई जायेंगी
लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से 5000 कारीगरों को लाभान्वित करने के लिए एसपीयूआरटीआई के तहत 10 क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे
उत्पाद नवाचारों को बढ़ावा देने और मशीन निर्माण को विकसित करने के लिए 2 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, एक केंद्र कन्नौज में होगा
हाथ से अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों और प्रवासी श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी
कार्यक्रम का विस्तार किया गया है, पहले के 2.66 करोड़ रुपये के बदले 55 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे
नई दिल्ली ,समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए और हितधारकों की रुचि को देखते हुए, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) ने अगरबत्ती बनाने में शामिल कारीगरों और अगरबत्ती उद्योग के लिए पहुंच और समर्थन का विस्तार किया है। इसके लिए मंत्रालय ने 4 सितंबर, 2020 को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस उद्योग के लिए 30 जुलाई 2020 को समर्थन कार्यक्रम शुरू करने के बाद मंत्रालय ने सिर्फ अगरबत्ती बनाने के लिए मशीनों की आपूर्ति करने पर ही नहीं, बल्कि उद्योग के सभी पहलुओं पर ध्यान दिया है। इनमें इनपुट और कच्चे माल की आपूर्ति और मांग को सुनिश्चित करना शामिल है। अगरबत्ती की मांग पिछले एक साल में बहुत बढ़ गई है। नए कार्यक्रम के चार प्रमुख स्तंभ हैं –
i) प्रशिक्षण, कच्चे माल, विपणन और वित्तीय सहायता के माध्यम से कारीगरों को लगातार समर्थन देना;
ii) इस उत्पाद के सभी पहलुओं पर काम करना, जैसे सुगंध और पैकेजिंग में नवाचार, नए / वैकल्पिक कच्चे माल का उपयोग, जैसे फूल का फिर से उपयोग, कॉयर पिथ आदि, कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर बांस की आपूर्ति आदि। इस उद्देश्य के लिए एफएफडीसी (फूल और सुगंध विकास केंद्र) कन्नौज में 'उत्कृष्टता केंद्र' स्थापित किया जा रहा है;
iii) एमएसएमई मंत्रालय की एसएफयूआरटीआई (पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए योजना) के तहत उचित विपणन व्यवस्था के साथ कुल 50 करोड़ रुपये की लागत से 10 क्लस्टर स्थापित करना। इससे 5000 कारीगरों को स्थायी रोजगार और बेहतर आय मिलने की उम्मीद है;
iv) आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए देश में मशीन निर्माण क्षमता को मजबूत करना और 2.20 करोड़ रुपये की लागत से आईआईटी / एनआईटी के साथ मिलकर 'उत्कृष्टता केंद्र' स्थापित करना तथा विभिन्न उत्पादों का विकास करना।
4 सितंबर को घोषित कार्यक्रम के तहत, देश भर में 20 पायलट परियोजनाओं के माध्यम से 400 स्वचालित अगरबत्ती बनाने की मशीनें और अतिरिक्त 500 पेडल संचालित मशीनें 'स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)' और व्यक्तियों को वितरित की जाएंगी और उनके लिए कच्चे माल की आपूर्ति और उचित विपणन सुविधा भी सुनिश्चित की जायेगी। इस कार्यक्रम से लगभग 1500 कारीगरों को तत्काल लाभ होगा, उन्हें स्थायी रोजगार मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। कार्यक्रम के तहत हाथ से अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों और प्रवासी श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए, कार्यक्रम के कुल आकार को बढ़ाकर 55 करोड़ रुपये से अधिक का कर दिया गया है। लगभग 1500 कारीगरों को कुल 3.45 करोड़ रुपये का तत्काल समर्थन दिया जायेगा, 2.20 करोड़ रुपये की लागत से दो उत्कृष्टता केंद्र आईआईटी / एनआईटी व एफएफडीसी, कन्नौज में स्थापित किये जायेंगे और लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से 10 नए एसपीयूआरटीआई क्लस्टर का निर्माण किया जायेगा, जिससे लगभग 5000 कारीगरों को लाभ मिलेगा। पहले कार्यक्रम का आकार 2.66 करोड़ रुपये का था, जिससे लगभग 500 कारीगरों को लाभ मिलने की उम्मीद थी।
एमएसएमई मंत्रालय के तहत वैधानिक संगठन, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) कार्यक्रम को कार्यान्वित करेगा और उचित लिंकेज और आवश्यक समर्थन के साथ कारीगरों और एसएचजी को सहायता प्रदान करेगा।
ये परियोजनाएँ, अगरबत्ती उद्योग को बढ़ावा देंगी और अगरबत्ती निर्माण के सभी क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमता के निर्माण में मदद करेंगी। इससे निर्यात में वृद्धि होगी और कारीगरों तथा उद्यमियों के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
उत्तर प्रदेश ने एकीकृत कोविड नियंत्रण एवं कमान केंद्र बनाया और एक एकीकृत राज्य कोविड पोर्टल शुरू किया
कोविड-19 बेहतरीन उपाए
उत्तर प्रदेश ने एकीकृत कोविड नियंत्रण एवं कमान केंद्र बनाया और एक एकीकृत राज्य कोविड पोर्टल शुरू किया
नई दिल्ली ,देश में कोविड महामारी नौवें महीने में प्रवेश कर गया है और इस दौरान केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस महामारी के प्रबंधन पर गहन ध्यान देने के साथ कोविड के लिए प्रतिक्रिया और प्रबंधन रणनीति का दृढ़तापूर्वक नेतृत्व किया है। राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने केंद्र की अगुवाई वाली नीतियों और हालात सुधारने वाले कदमों को आपस में नजदीकी तालमेल और एकीकृत सहयोग से लागू किया है। कई राज्यों ने महामारी से लड़ने के लिए इसके अनुकूल नवीन उपाय भी तैयार किए हैं। इन उपायों को दूसरे राज्यों द्वारा भी लागू किया जा रहा है जिससे क्षेत्रीय विचारों और बेहतरीन उपायों के व्यापक कार्यान्वयन को बढ़ावा मिला है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश की सरकार ने कोविड के पॉजिटिव मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए 18 जुलाई, 2020 को प्रदेश के सभी जिलों में एकीकृत कोविड नियंत्रण एवं कमान केंद्र (आईसीसीसीसी) और साथ ही सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधित्व के साथ राज्य मुख्यालय की स्थापना की है। ये केंद्र मुख्य रूप से गैर फार्मास्युटिकल हस्तक्षेपों (एनपीआई) के लिए प्रासंगिक विभागों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने के लिए हैं। इन केंद्रों पर कोविड-19 रोगियों को जल्द ही इलाज के लिए उचित स्तर के समर्पित कोविड सुविधा केंद्रों तक पहुंचाने की सुविधा मिलती है। ये कमान केंद्र क्षेत्रीय इकाइयों के साथ मिलकर रोग-संबंधी लक्षण वाले मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों का शीघ्र परीक्षण,प्रयोगशाला की स्थिति की जानकारी,अस्पताल में भर्ती की स्थिति में परिवहन सुविधा प्रदान करना और घर में पृथकवास में रहकर इलाज करा रहे मरीजों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करते हैं।
उत्तर प्रदेश ने एक एकीकृत राज्य कोविड पोर्टल http://upcovid19tracks.in भी विकसित किया है जो कोविड रोगियों की निगरानी, परीक्षण और उपचार से संबंधित सभी सूचनाएं एकत्रित करता है। जिला स्तर पर डेटा और डेटा प्रबंधन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अपनी शुरूआत के बाद से यह पोर्टल बीमारी की अधिक समझ, और राज्य तथा जिला स्तर पर उपयोगकर्ताओं की ओर से हस्तक्षेप और प्रतिपुष्टि हासिल करने के साथ अपना विकास किया है। डिजिटल डेटा की उपलब्धता से त्वरित निर्णय लेने तथा प्रतिक्रिया के लिए विकेन्द्रीकृत और साथ ही बारीक विश्लेषण संभव हुआ है। इस पोर्टल ने भारत सरकार के पोर्टल के साथ पारस्परिकता के माध्यम से भी लाभ उठाया है।
यूपी सरकार ने राज्य कोष से 1000 उच्च प्रवाह वाला नासिका संबंधी कैन्यूला (ट्यूब) (एचएफएनसी) भी खरीदे हैं। इनमें से 500 ट्यूब स्थापित किए गए हैं और राज्य में रोगियों के गैर-आक्रामक उपचार में उपयोग किए जा रहे हैं।
एंटरटेनमेंट के लिए एयरटेल की खास पेशकश
एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर की सभी योजनाओं में अब एयरटेल एक्सस्ट्रीम बॉक्स शामिल है जिसकी कीमत 3999 रुपये है, यह किसी भी टीवी को स्मार्ट टीवी में बदल देता है। इससे ग्राहकों को सभी लाइव टीवी चौनलों के साथ-साथ वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स तक पहुंच प्राप्त होती है, जो घर पर मनोरंजन के अलग-अलग उपकरणों की आवश्यकता को समाप्त करने में मदद करता है। एंड्रॉइड 9.0 पर संचालित यह स्मार्ट बॉक्स गूगल असीस्टेंट वॉइस सर्च, प्लेस्टोर पर हजारों एप्लिकेशन तक पहुंच और ऑनलाइन गेमिंग की सुविधा के साथ आता है। एयरटेल एक्सस्ट्रीम एंड्रॉइड 4के टीवी बॉक्स एयरटेल एक्सस्ट्रीम ऐप द्वारा 550 टीवी चौनल और ओटीटी कंटेंट की उपलब्धता प्रदान करता है, इसमें 7 ओटीटी ऐप और 5 स्टूडियो की 10,000 से अधिक फिल्में एवं शो। इसके अलावा, एयरटेल एक्सस्ट्रीम बंडल, एयरटेल एक्सस्ट्रीम बॉक्स के माध्यम से सभी प्रमुख वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप जैसे डिजनी$हॉटस्टार, अमेजन प्राइम वीडियो और जी5 तक पहुंच प्रदान करता है। सभी एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर प्लान अब अनलिमिटेड डेटा अलाउवेंस के साथ आता है। एयरटेल एक्सस्ट्रीम बॉक्स पर उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल सामग्री को देखते समय ग्राहकों को अब अपने डेटा अलाउवेंस के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत में होम ब्रॉडबैंड की सुलभ पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एयरटेल ब्रॉडबैंड को और भी अधिक किफायती बना रहा है। एक्सस्ट्रीम फाइबर प्लान अब सिर्फ 499 रुपये में शुरू होगा और यह एयरटेल की उच्च गुणवत्तापूर्ण नेटवर्क की सुनिश्चितता, विश्वास और बेहतर ग्राहक सहायता के साथ आएगा।
सुनील तलदार, निदेशक, होम, भारती एयरटेल ने कहा, “ग्राहक शिक्षा, अपने काम या मनोरंजन के लिए इंटरनेट पर अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं। एंटरटेनमेंट में हम एक रोमांचक और असीम अवसर देखते हैं। एयरटेल एक्सस्ट्रीम भारत में मनोरंजन के लिए एक प्रमुख प्लेटफार्म है, जो असीमित हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के साथ एकल समाधान के रूप में मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन उपलब्ध कराता है।
Sunday, September 6, 2020
मुख्यमंत्री द्वारा उपलब्ध करवाई गई निः शुल्क परिवहन सुविधा से निर्विघ्न संपन्न हुई मेरी जेईई परीक्षा - आयुष मिश्रा
कहानी सच्ची हैं
मुख्यमंत्री द्वारा उपलब्ध करवाई गई निः शुल्क परिवहन सुविधा से निर्विघ्न संपन्न हुई मेरी जेईई परीक्षा - आयुष मिश्रा
भिंड /प्रदेश सरकार द्वारा जेईई-नीट के परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक ले जाने और लाने के निःशुल्क परिवहन के फैसले से छात्रों में काफी उत्साह है।
कोरोना संक्रमण की वजह से बसों के नहीं चलने से छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की बड़ी समस्या को मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह जी द्वारा दूर किया गया हैं। भिण्ड जिले के रहने वाले आयुष मिश्रा पिता नंदकिशोर मिश्रा कहते हैं कि उनको जेईई की परीक्षा के लिए ग्वालियर स्थित परीक्षा केंद्र जाना था। ऐसे में बसों का नही चलना आयुष के लिए और उसके परिवार के लिए एक बहुत बड़ी समस्या थी।
आयुष कहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में परीक्षा दे रहे मुझ जैसे हजारो छात्रों के हित में परीक्षा केंद्र तक जाने-आने के लिए निःशुल्क वाहन सुविधा उपलब्ध करवाकर बड़ी राहत दी है।
आयुष कहते है। कि प्रदेश के मुखिया की वजह से ही आज मेरी जेईई की परीक्षा निर्विघ्नः संपन्न हुई है। आयुष ने छात्रों की परिवहन संबंधी परेशानी दूर करने के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं जिला प्रशाशन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कोरोना काल में यू-ट्यूूब चैनल बनाकर छात्रों को पढ़ाने वाले सत्यभान सिंह को मिलेगा राज्य स्तरीय पुरस्कार
कहानी सच्ची है
भिण्ड /शासकीय एक्सीलेंस हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमांक 1 के शिक्षक सत्यभान सिंह भदोरिया द्वारा शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और सह शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई प्रयास किए गए हैं।
कोरोना संक्रमण काल में छात्र-छात्राओं को पढ़ाई चलती रहे, इसके लिए यू-ट्यूब पर फिजिक्स मिनाटी चैनल बनाया। इसी के परिणाम स्वरूप उनका चयन राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ है चंबल संभाग से वे एक मात्र ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण काल में स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद हो गए हैं तब शिक्षक सत्यभान द्वारा य-ट्यूूब पर फिजिक्स मिनाटी चैनल बनाया। इससे भौतिक शास्त्र के कक्षा 9 से 12 वीं तक छात्र/छात्राऐं लाभान्वित हो रहे हैं ये यू-ट्यूब चैनल द्वारा सभी कॉंन्सेप्ट को सरल एवं सहज भाषा द्वारा समझाया जाता है।
सत्यभान सिंह दो साल पहले बिलाव के हाईस्कूल में पदस्थ रहने के दौरान पिछड़े एवं गरीब वर्ग के छात्राओं को पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। शिक्षा में नवाचार करने के लिए राज्यपाल सत्यभान सिंह का सम्मान करेंगे।