Friday, July 31, 2020

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में लेखक एवं समीक्षक गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमाॅज का विमोचन भी किया।

    


मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में लेखक एवं समीक्षक  गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमाॅज का विमोचन भी किया।

देहारादून ,मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में लेखक एवं समीक्षक श्री गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमाॅज का विमोचन भी किया। इस पुस्तक में उन्होंने देहरादून में सिनेमाघरों की पहले की स्थिति एवं वर्तमान स्थिति का शोध कर विवरण प्रस्तुत किया है। मनोरंजन के क्षेत्र में तकनीकि के विकास के साथ सिनेमाघरों की स्थिति में आये परिवर्तन के बारे में जानकारी दी गई है। 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह पुस्तक दशकों से मनोरंजन के संसाधन के रूप में सिनेमाघरों के प्रति लोगों की रूचि एवं तकनीक के विकास के साथ हुए परिवर्तन के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सिनेमेटिक स्टडीज की स्थापना करते हुए फिल्म शिक्षा पर कोर्स प्रारम्भ किए जाने के दिए निर्देश

            

देहारादून ,मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल आॅफ सिनेमेटिक स्टडीज की स्थापना करते हुए फिल्म शिक्षा पर कोर्स प्रारम्भ किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विशेषज्ञों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाए। इसमें फिल्म जगत व फिल्म शिक्षा के अनुभवी लोगों को नामित किया जाए। प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर कोर्स डिजाइन किए जाएं। पाठ्यक्रम आने वाले समय में फिल्म उद्योग की मांग के अनुरूप हों और सिनेमा के विविध आयामों को समावेशित करने वाला हो। इसमें स्नातक डिग्री और लाॅजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किए जा सकते हैं। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने फिल्म शूटिंग की आॅनलाईन अनुमति के लिए पोर्टल का शुभारम्भ भी किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, युवाओं की प्रतिभा को कैसे उजागर किया जाय, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। फिल्म के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य भी फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल है। फिल्म के क्षेत्र में राज्य में युवाओं को अच्छा वातावरण मिलना जरूरी है। 

फिल्म एजुकेशन से फिल्म जगत के विभिन्न पहलुओं की जानकारी लोगों को मिलेगी। इस अवसर पर महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य की फिल्म नीति के सबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक  विशाल भारद्वाज, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा  आनंदबर्द्धन, सचिव सूचना  दिलीप जावलकर, कुलपति दून विवि डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक, निदेशक उद्योग  सुधीर नौटियाल, उपनिदेशक  केएस चैहान उपस्थित थे।

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश को नंबर वन रहना है : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

          

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश को नंबर वन रहना है
बैंकों के साथ नियमित मॉनिटरिंग की जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज 1 एवं 2 संबंधी बैठक ली
 
भोपाल : मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश को नंबर वन रहना है। अभी प्रदेश में इस कार्य की गति धीमी है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को एमएसएमई क्षेत्र में इसके अंतर्गत 21 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं, वहीं मध्य प्रदेश को अभी तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए ही मिले हैं। संबंधित विभाग बैंकों के साथ नियमित रूप से मॉनिटरिंग कर कार्य में गति लाएं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज चिरायु अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत पैकेज 01 एवं 02 के अंतर्गत एमएसएमई क्षेत्र में प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वीसी में एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, मुख्य सचिव  इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मनोज गोविल, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी उपस्थित थे।

अन्य राज्यों की प्रगति की समीक्षा करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि एमएसएमई क्षेत्र में अन्य राज्यों द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके हमारे राज्य में इसकी गति धीमी क्यों है।

अनावश्यक स्टांप ड्यूटी न देनी पड़े

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कई प्रकरणों में अनावश्यक स्टांप ड्यूटी लिए जाने की बात सामने आ रही है। इस संबंध में विभाग यह सुनिश्चित करें कि हितग्राही को अनावश्यक स्टांप ड्यूटी न देनी पड़े।

केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई आ रही है अथवा यदि कोई चीज स्पष्ट नहीं है तो इसके लिए उनकी ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री को तुरंत पत्र लिखा जाए।

अब 200 करोड़ तक के लोन के लिए ग्लोबल टेंडर नहीं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित पैकेज के अंतर्गत अब यह प्रावधान किया गया है कि एमएसएमई को 200 करोड़ रुपए तक के लोन के लिए अब ग्लोबल टेंडर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देश दिए आगे एक सप्ताह के अंदर इस संबंध में औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएं।

45 दिन के अंदर ऋण का भुगतान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई उद्योग को स्वीकृत ऋण का भुगतान बैंकों द्वारा 45 दिन के अंदर किए जाने का प्रावधान किया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि कुछ प्रकरण बैंकों में 45 दिन से अधिक समय से लंबित है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए को 45 दिन के अंदर ऋण की राशि का भुगतान हो जाए।

मुद्रा शिशु लोन अनुदान

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई को मुद्रा शिशु लोन अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि अभी इसमें प्रगति बहुत कम है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्य सचिव श्री बैंस को निर्देश दिए कि वे इस संबंध में परीक्षण करें कि ऐसा क्यों है।

बैंकों का पूर्ण सहयोग आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि एमएसएमई क्षेत्र को नियत समयावधि में प्रावधानों के अनुसार बैंकों की ओर से ऋण प्राप्त हो जाए यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर बैंकों की नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो। बैंकों के पूर्ण सहयोग से ही इस कार्य में वांछित प्रगति आ सकती है

पांच अगस्त को ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के अंतर्गत ऋण वितरण प्रारंभ होगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर योजना में मध्य प्रदेश में सबसे पहले कार्य किए जाने पर बैंकर्स को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़े कस्बों एवं ग्रामों के समूहों में भी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ग्रामीण स्टेट बैंक स्ट्रीट वेंडर योजना चालू की गई है, जिसके अंतर्गत उन्हें 10 हजार रूपये का ऋण दिया जाएगा। इसकी गारंटी सरकार देगी तथा ब्याज भी सरकार भरेगी। इस योजना के अंतर्गत 8 लाख पथ विक्रेताओं का पंजीयन किया जा चुका है। यह गरीबों के लिए अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। मध्यप्रदेश में आगामी 5 अगस्त को ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के अंतर्गत ऋण वितरण प्रारंभ किया जाएगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास बैंकर्स के साथ समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।


राज्यपाल ने तीन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई

राज्यपाल ने तीन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज यहां राजभवन में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की उपस्थिति में सादे व गरिमापूर्ण समारोह में तीन नए मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
 
पावंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुख राम, नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राकेश पठानिया व घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजिन्द्र गर्ग ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
 
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कार्यवाही का संचालन किया।
 
सामाजिक दूरी के मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए शपथ ग्रहण समारोह सीमित लोगों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
 
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, शहरी विकास मंत्री सरवीन चैधरी, कृषि मंत्री राम लाल मारकंडा, ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पी.एस. राणा, मुख्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र चैहान, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
 
संक्षिप्त जीवन परिचय
श्री सुख राम
श्री सुख राम का जन्म 15 अप्रैल, 1964 को गांव अमरगढ़ के पांवटा तहसील जिला सिरमौर में हुआ। वह वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश विधान सभा में निर्वाचित हुए और दिसम्बर, 2007 को पुनः निर्वाचित हुए। वह 9 जुलाई, 2009 से दिसम्बर 2012 तक मुख्य संसदीय सचिव (मुख्यमंत्री के साथ कृषि एवं पशु पालन विभाग के लिए जुड़े)। दिसम्बर 2017 में तेरहवीं विधानसभा में पांवटा विधानसभा क्षेत्र से पुनः निर्वाचित हुए। वह कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे।
विशेष रूचिः समाज सेवा
पसंदीदा खेल: हाॅकी, कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट व ऐथलेटिक्स।
भाषा जानकारीः हिन्दी, अंग्रेजी व उर्दू।
 
श्री राकेश पठानिया
श्री राकेश पठानिया सपुत्र कर्नल काहन सिंह का जन्म 15 नवम्बर, 1964 को गांव लदोड़ी जिला कांगड़ा में हुआ।
इन्होंने वर्ष 1991 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और जिला कांगड़ा के भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहे। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राज्य सचिव और भाजपा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य रहे। यह वर्ष 1998 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए और दिसंबर, 2007 में फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुने गए। वह वर्ष 1998-2003 तक पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहे।
दिसंबर 2017 में तेरहवीं विधानसभा के लिए तीसरी बार फिर से राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए।
लोक प्रशासन समिति के अध्यक्ष और लोक लेखा और नियम, पुस्तकालय तथा सुविधा समितियांे के सदस्य रहे।
विशेष रूचिः तैराकी और ऐथलेटिक्स
 
श्री राजिन्द्र गर्ग
श्री राजिन्द्र गर्ग सुपुत्र श्री बलदेव सिंह का जन्म 30 मई, 1966 को तंदोड़ा गांव, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में हुआ।
शिक्षाः एमएससी (वनस्पति विज्ञान) 1990, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में से हुई।
वह 1982 में स्वयंसेवक बने और 1983 में एबीवीपी से जुड़े। 1986-87 तक एबीवीपी जिला बिलासपुर के संयोजक रहे। 1990-97 तक एबीवीपी के पूर्णकालिक संगठन सचिव (एमपी), 2000-06 तक दैनिक भास्कर में स्थानीय संवाददाता के रूप में कार्य किया। 2006-10 तक भाजपा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के संयोजक, 2006-10 तक निदेशक हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा बोर्ड, 2006-10 सदस्य एचपी तकनीकी शिक्षा बोर्ड, और 2009-11 तक भाजपा राष्ट्रीय प्रशिक्षण सैल के सदस्य, और वह दिसंबर, 2017 में 13वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए।
विशेष रुचि: सामाजिक कार्य।
पसंदीदा खेल: कबड्डी।
भाषा की जानकारी: हिंदी और अंग्रेजी।

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल के निर्णय



हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल के निर्णय
शिमला ,मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जल शक्ति विभाग द्वारा वसूले जा रहे पानी के बिलों के सीवरेज शुल्क को 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया, जिससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी।
 
 मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत लाभार्थियों को दो बच्चों तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाने की स्वीकति प्रदान की। अब पहली से आठवीं कक्षा तक की लड़कियों को 7 हजार रुपये के स्थान पर 8 हजार रुपये की और लड़कों को 3 हजार रुपये के स्थान पर 5 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार नौवीं से बाहरवीं कक्षा तक की लड़कियों को 10 हजार रुपये के स्थान पर 11 हजार रुपये और लड़कों को 6 हजार के स्थान पर 8 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
 
स्नातक शिक्षा के लिए लड़कियों को 15 हजार रुपये के स्थान पर 16 हजार रुपये और लड़कों को 10 हजार रुपये के स्थान पर 12 हजार रुपये वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि स्नातकोत्तर और एक से तीन वर्ष तक की अवधि वाले डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए लड़कियों को 20 हजार रुपये के स्थान पर 21 हजार रुपये और लड़कों को 15 हजार रुपये के स्थान पर 17 हजार रुपये दिए जाएंगे। व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/डिग्री और पीएचडी, शोध पाठ्यक्रम के लिए लड़कियों को 35 हजार रुपये के स्थान पर 36 हजार रुपये और लड़कों को 25 हजार के स्थान पर 27 हजार रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। मंत्रिमण्डल ने श्रमिकों की विवाह के लिए वित्तीय सहायता को 35 हजार से 51 हजार रुपये बढ़ाने और केवल दो बच्चों के विवाह के लिए 51 हजार रुपये प्रत्येक की वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। बैठक में हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत लाभार्थियों को 2 हजार रुपये की वित्तीय सहायता की तीसरी किश्त वितरित करने का भी निर्णय लिया।
 
मंत्रिमंडल ने कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में महिला शक्ति केंद्र योजना लागू करने की स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक जिले में महिला कल्याण अधिकारी का एक पद तथा जिला समन्वयक के दो पदों को आउटसोर्स आधार पर सृजित कर भरने को स्वीकृति प्रदान दी।
 
म्ंात्रिमंडल ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की प्रभावी निगरानी और कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए राज्य खाद्य आयोग के गठन को भी स्वीकृति दी।
 
 
 
मंत्रिमंडल ने करूणामूलक रोजगार के मामलों के निपटारे के लिए ‘करूणामूलक रोजगार’ तथा विभाग को शक्तियों के प्रतिनिधान (डेलिगेशन आॅफ पावर) की नीति का सरलीकरण करने का निर्णय लिया। अब लिपिक के स्थान पर यह मामले कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के पद पर माने जाएंगे।  
 
बैठक में जल शक्ति विभाग में अनुबंध आधार पर कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 30 पद, कनिष्ठ अभियंता (मेकेनिकल) के 20 पद और कनिष्ठ अभियंता (इलैक्ट्रिकल) के छह पद भरने को स्वीकृति प्रदान की।
 
मंत्रिमंडल ने अनुबंध आधार पर आशुटंकक के दो पद और उपायुक्त कार्यालय कुल्लू में दैनिक भोगी आधार पर वाहन चालक का एक पद, इसके अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय चम्बा में दैनिक भोगी आधार पर वाहन चालक का एक पद भरने का निर्णय लिया। 
 
बैठक में सहकारी विभाग में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को दिए जाने वाले आरक्षण के तहत बैकलाॅग के लिए अनुबंध आधार पर कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी) के दो पद भरने को स्वीकृति दी।
 
कांगड़ा जिला के इंदौरा विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ी कंदरौडी में विज्ञान कक्षाएं (नाॅन मेडिकल) और ज्वालामुखी विधानसभा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मर में वाणिज्य कक्षाएं तथा इन विषयों में प्रवक्ताओं के 6 पदों के सृजन के साथ भरने का निर्णय लिया।   
 
बागवानी और वानिकी विकास और विस्तार संस्थान थुनाग का नाम वानिकी और बागवानी महाविद्यालय थुनाग करने और महाविद्यालय प्रबंधन के लिए आवश्यक पदों को सृजित करने को भी अपनी सहमति दी।
 
जिला सिरमौर के नारग में जल शक्ति विभाग का उपमंडल खोलने, इसके अलावा इस उपमंडल के अन्तर्गत नारग और दिलमन में नए अनुभाग बनाने का निर्णय भी लिया।
 
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रोगी कल्याण समिति में अनुबंध पर कार्य रही तथा रोस्टर प्वाइंट से शेष रह गई 18 स्टाफ नर्सो को नियुक्ति देने की स्वीकृति प्रदान की, जिसके लिए भर्ती का मामला निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भेजा गया है, जिन्हें पूर्वेक्षण (प्रोस्पेक्टिव) तिथि से माना जाएगा।
 
जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर, केंद्र सरकार ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की कुछ धाराओं में संशोधन किए हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण हिमाचल प्रदेश जीएसटी अधिनियम के तहत संबंधित संशोधन जारी नहीं किए जा सके। अब राज्य मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत किए जाने वाले आवश्यक संशोधन को अध्यादेश के माध्यम से करने की मंजूरी प्रदान की।
 
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के धारा- 31 के उप-धारा (2) के नियम को प्रतिस्थापन करने के लिए अध्यादेश के खंड-7 को स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को सेवाओं आपूर्ति की सेवाओं के वर्गीकरण को अधिसूचित करने के लिए सक्षम बनाया जा सके ताकि टैक्स इन्वाइस जारी करने के लिए आवश्यक नियम बनाए जा सके।
 
    मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश वस्तु और सेवा कर अधिनियम की धारा 51 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के खंड 8 को अपनी मंजूरी दी ताकि सरकार स्रोत पर कर कटौती हेतू प्रारूप तथा प्रणाली के निर्धारण हेतु नियम बना सके। मंत्रिमंडल ने उक्त अधिनियम की धारा 122 ए के अन्तर्गत उप धारा (1ए) को शामिल करने के लिए अध्यादेश के खंड 9 को मंजूरी प्रदान की ताकि कुछ लेनदेन के लाभार्थियों जिनके द्वारा इस प्रकार का लेनदेन किया जाता है को जुर्माना लगाया जा सके।
 
मंत्रिमंडल ने उक्त अधिनियम की धारा 132 में संशोधन हेतु अध्यादेश के खंड 10 को स्वीकृति प्रदान की ताकि इन्वाइस के बिना धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रैडिट हासिल करने के अपराध को उक्त अधिनियम की धारा 69 की उप-धारा 1 के अन्तर्गत संज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित किया जा सके तथा ऐसे व्यक्ति जिसको विशेष लेनदेन का लाभ होता है तथा जिसके कहने पर ऐसा लेनदेन किया जाता है को दंड के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सके।    
 
मंत्रिमंडल ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए स्थानान्तरीय (ट्रांजिशनल) व्यवस्था से संबंधित अधिनियम की धारा 140 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश के खंड 11 को अपनी स्वीकृति दी, ताकि वर्तमान नियमों के अंतर्गत कुछ अनअवेल्ड क्रेडिट्स के मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए समय सीमा और तरीके का निर्धारण किया जा सके। यह संशोधन 1 जुलाई, 2017 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी होगा।
 
बैठक में उक्त अधिनियम में नई धारा 168 ए को शामिल करने के लिए  अध्यादेश की खंड-12 को भी स्वीकृति प्रदान की ताकि सरकार को इस तरह की अधिसूचना को पूर्वव्यापी रूप से जारी करने के लिए सशक्त किया जा सके। जो कोविड-19 महामारी के कारण सार्वजनिक हित में तत्काल जारी नहीं किया जा सका।
 
मंत्रिमंडल ने उक्त अधिनियम के धारा 172 को संशोधित करने के लिए अध्यादेश के खंड-13 को स्वीकृति प्रदान की, ताकि इसके तहत कठिनाइयों को दूर करने के लिए समय सीमा को बढ़ाकर तीन वर्ष से पांच वर्ष किया जा सके, जो अधिनियम के प्रारंभ से प्रभावी होगा।

भारतीय जनता पार्टी राज्य में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेंगी और सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में पार्टी अपने आधार का विस्तार करेगी:भारतीय जनता पार्टी राज्य में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेंगी और सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में पार्टी अपने आधार का विस्तार करेगी


शिमला ,भारतीय जनता पार्टी राज्य में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेंगी और सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में पार्टी अपने आधार का विस्तार करेगी। पार्टी कड़ी मेहनत से वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर, एक बार फिर राज्य में सरकार बनाएगी। यह बात: ने आज संसद सदस्य सुरेश कश्यप द्वारा राज्य भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के अवसर पर पीटरहाॅफ में आयोजित समारोह में कही।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी है और यह राज्य के लोगों के लिए सम्मान की बात है कि अनुसूचित जाति समुदाय का एक नेता आज राज्य में भाजपा का नेतृत्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुरेश कश्यप एक शिक्षित, साधारण और ईमानदार नेता है, जो राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और पार्टी को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेश कश्यप ने वर्ष 2012 में पच्छाद में कांग्रेस के गढ़ को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस ने लगातार सात बार यह सीट जीती है। उन्होंने कहा कि यही नहीं भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने शिमला संसदीय सीट पर लगभग 3.77 लाख मतों के रिकाॅर्ड मार्जन से जीत दर्ज की है।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस कोविड-19 महामारी के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग ने हमें एक-दूसरे से संपर्क करने में मदद की है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विज़न को भी जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने न केवल राज्य के जिला अधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 संकट से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए बैठकें की, बल्कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ भी वर्चुअल मीटिंग कर बातचीत की।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि नेता प्रतिपक्ष सरकार के खिलाफ आधारहीन और अनुचित आरोप लगाने में लगे हैं। उन्होंने उन्हें सलाह दी है कि पड़ोसी राज्य पंजाब की स्थिति की ओर भी एक नजर डालें, जहां कांग्रेस पार्टी का शासन है। उन्होंने कहा कि पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र की स्थिति भयावह है और इन सभी राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकारों का शासन है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को राज्य सरकार के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाने के बजाय इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सलाह देनी चाहिए।
 
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस संकट के बावजूद राज्य सरकार विकास की गति सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा खर्च नहीं की गई राशि का उपयोग विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं, लेकिन फिर भी स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि सामुहिक प्रयासांे से हम निश्चित रूप से इस स्थिति पर विजय पाएंगे।
 
इससे पूर्व मुख्यमंत्री नवनियुक्त राज्य भाजपा अध्यक्ष के साथ राज्य भाजपा कार्यालय गए, जहां अध्यक्ष ने अपना कार्यभार संभाला।
 
राज्य भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने अपने पहले अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, द्वारा उन पर विश्वास जताने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने केन्द्रीय नेतृत्व और राज्य के लोगों को आश्वस्त किया कि वह पार्टी को जमीनी स्तर से मजबूत करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति न केवल उनके लिए सम्मान की बात है, बल्कि यह सम्पूर्ण अनुसूचित जाति समुदाय एवं राज्य के पूर्व सैनिकों के लिए भी गौरव की बात है।
 
सुरेश कश्यप ने कहा कि उनकी नियुक्ति से पुनः यह साबित हुआ है कि भाजपा एक अलग विचारों की पार्टी है और यह सब केवल भाजपा में ही संभव है। उन्होेंने कहा कि वह अपनी नियुक्ति से सम्मानित हैं और केन्द्रीय नेतृत्व एवं राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए दृढं सकल्प के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने अपने सभी पूर्वाधिकारियों को राज्य में पार्टी को सुदृढ़ करने के लिए आभार व्यक्त किया और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए प्रेरित तथा मार्गदर्शन करने का आग्रह किया।
 
राज्य भाजपाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी राज्य सरकार के साथ अधिक समन्वय के साथ कार्य करेगी, ताकि भाजपा का वर्ष 2022 में पुनः सत्ता में आना सुनिश्चित हो।
 
राज्य भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं नाहन विधानसभा क्षेत्र के विधायक डाॅ. राजीव बिन्दल ने कहा कि विशेष रूप से सिरमौर क्षेत्र के लोगों के लिए यह सम्मान की बात है कि राज्य भाजपा अध्यक्ष सिरमौर जिले से हंै। उन्होंने आशा जताई कि राज्य में सुरेश कश्यप के कुशल नेतृत्व में पार्टी अपने आधार का और अधिक विस्तार करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए सत्ता केवल राज्य और देश की सेवा का एक माध्यम है।
 
राज्य भाजपा महासचिव एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
 
पूर्व मंख्यमंत्री शांता कुमार और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल, केन्द्रीय राज्य वित्त एवं कार्पोरेट मामले मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद राम स्वरूप शर्मा, राज्य भाजपा मण्डलों के 74 मण्डलाध्यक्षों ने भी वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से इस अवसर पर सम्मिलित हुए।
 
संगठन सचिव पवन राणा, विधायक एवं राज्य भाजपा महासचिव राकेश जम्वाल, पूर्व सांसद कृपाल परमार, पूर्व राज्य भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती, भाजपा महिला मोचा अध्यक्षा रश्मिधर सूद, पूर्व मंत्री एवं हिमुडा उपाध्यक्ष प्रवीण शर्मा, विधायक कमलेश कुमारी, शिशु कल्याण परिषद की महासचिव पायल वैद्य तथा  शिमला नगर निगम की पूर्व महापौर कुसुम सदरेट भी अन्य सहित इस अवसर पर उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री को ईको-फ्रेंडली राखी भेंट की


मुख्यमंत्री को ईको-फ्रेंडली राखी भेंट की

 
शिमला ,डीआरडीए की परियोजना अधिकारी कल्याणी गुप्ता ने आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को जिला सिरमौर के आशा स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाई गई ईको-फ्रेंडली राखी भेंट की।
 
मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह के चीड़ की पत्तियों से राखियां बनाने के प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने चोपाल विधानसभा क्षेत्र में 188 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए


मुख्यमंत्री ने चोपाल विधानसभा क्षेत्र में 188 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए

शिमला ,मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला शिमला के चोपाल विधानसभा क्षेत्र में लगभग 188 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखी। जय राम ठाकुर ने 1.39 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नागरिक अस्पताल चैपाल, 25 लाख रुपये के व्यय से निर्मित कुपवी तहसील में बागी हैलीपैड, 1.77 करोड़ रुपये की लागत निर्मित तिमावी-लच्छोग सड़क में मशरांहां खड्ड पर 30 मीटर पुल, नाबार्ड के अंतर्गत 3.15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लिहत-सराहन सड़क, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 3.05 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरकाली-क्यारी शिलान सड़क, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 8.91 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कुपवी धोटाली- दैया सड़क, 6.25 करोड़ रुपये की लागत का 33 केवीए कुपवी उप केंद्र, 40 लाख रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नौरा-बौरा के भवन, 40 लाख रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खाफलाह के भवन और 63.29 लाख रुपये की लागत से निर्मित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बहरान समर्पित किए।

मुख्यमंत्री ने तहसील ठियोग की ग्राम पंचायत बलघार के लिए 1.06 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित उठाउ सिंचाई योजना, ग्राम पंचायत मलाट की बस्तियों के लिए 95.66 लाख रुपये की लागत से उठाउ पेयजल आपूर्ति योजना, ग्राम पंचायत मझोली की बस्तियों के लिए 84.21 लाख रुपये की लागत की उठाउ पेयजल आपूर्ति योजना और क्यारी-2, दोची पुजारली-2, धार सवाला और चिलवार तथा ग्राम पंचायत पुजारली और रूलाहा की बस्तियों के लिए 86.54 लाख रुपये की लागत की उठाउ पेयजल आपूर्ति योजना का शुभारंभ किया।


मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने नागरिक अस्पताल नेरवा को 50 बिस्तरों से बढ़ाकर 75 बिस्तर, नागरिक अस्पताल चैपाल को 50 से बढ़ाकर 100 बिस्तर, पुलिस चैकी देहा को पुलिस थाना में स्तरोन्नत तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बलघार को 30 बिस्तर वाले सामुदायिक अस्पताल को स्तरोन्नत कर लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुबड़ के भवन, 9.15 करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत शिरगाह-शलन सड़क के स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य, नाबार्ड के अंतर्गत 3.92 करोड़ रुपये की खिलाड़-मंदाह सड़क, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 10.02 रुपये की लागत से कुपवी धोटली से देहा सड़क के स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य, 1.39 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मड़ावग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 1.65 करोड़ रुपये की लागत से दोची-कनाह सड़क पर निर्मित होने वाला 40 मीटर पुल, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 6.95 करोड़ रुपये की लागत से बिरखाई-रमदारा (टेलाड़) सड़क का निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 5.76 करोड़ रुपये की लागत से सरकाली-क्यारी शिलान सड़क का स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 6.27 करोड़ रुपये की लागत से सराहन-जोरना सड़क के स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य, प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत 13.37 करोड़ रुपये की लागत से सैंज तरहान कुपवी सड़क के स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 6.19 करोड़ रुपये की लागत से धनाट से मनेवटी सड़क के निर्माण, 75 लाख रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बजरोली का भवन, बासाधार खड्ड और देयोठी खड्ड पर पुल के निर्माण के लिए 63.22 लाख रुपये प्रत्येक, नाबार्ड के अंतर्गत 8.28 करोड़ रुपये कुठाड़-पंडेड कथोडी सड़क के स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 के अंतर्गत 24.93 करोड़ रुपये की लागत से नानु कुठाड़-बासाधार कनोडी, ग्यानकोट सड़क के स्तरोन्नयन और मैटलिंग-टारिंग कार्य की आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रेंजा, नगान, बलधार, भाल्ला जोरान के लिए 1.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली पट्टे खड्ड उठाउ पेयजल आपूर्ति योजना, खडोग, बामटा, रूपाड़ी के लिए 1.76 करोड़ रुपये की लागत से उठाउ पेयजल आपूर्ति योजना नराटी खड्ड, गारा, बवारा गांव के लिए 1.61 करोड़ रुपये की उठाउ सिंचाई योजना शालावी खड्ड, तहसील नेरवा में 13.24 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले फिडस पुल और ठियोग तहसील और खंड की बस्तियों के लिए 38.97 करोड़ रुपये की उठाउ पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला रखीं।

शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला शिमला का चैपाल विधानसभा क्षेत्र भौगोलिक व सांस्कृतिक मामले में  मण्डी जिला के सिराज विधानसभा क्षेत्र के समान है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विकास के मामले में कई वर्षों तक उपेक्षित रहा है। लेकिन अब एक मेहनती और युवा नेता के प्रतिनिधित्व में चैपाल क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि जुलाई 2018 में चोपाल विधानसभा क्षेत्र के पिछले दौरे के दौरान 165 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं के शिलान्यास किए थे, जिसमें से अधिकतर का लोकार्पण कर दिया गया है और शेष का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि चैपाल विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर योजनाएं पीएमजीएसवाई और नाबार्ड के अन्तर्गत कार्यान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय विधायक बलबीर वर्मा को भी जाता है, जिन्होंने विभिन्न स्तरों पर इन परियोजनाओं की निगरानी की तथा पूरे होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि चोपाल विधानसभा के क्षेत्र के लोगों ने भी पीएम केयर और मुख्यमंत्री कोविड-19 फंड में उदारता से योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चल रहे सेब सीज़न के दौरान सेब उत्पादन को सुचारू रूप से चलाने के लिए परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि फल उत्पादकों को फसल की पैकिंग और देश की विभिन्न मण्डियों तक पहुंचाने के लिए फलों की पैकिंग के लिए कार्टन बाॅक्स और ट्रे की पर्याप्त व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि किसानों को एन्टीहेल नेट और अन्य पौध सुरक्षा सामग्री काफी रियायती दरों पर प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को नकदी फसलों को उगाने के लिए प्रेरित करने के लिए अधिकतर कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ दिनों कोरोना महामारी के मामलें बढ़े हंै लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार इस महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आग्रह पर केन्द्र सरकार ने राज्य को अतिरिक्त 500 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाएं हैं।

जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि 38.97 करोड़ रुपये की उठाऊ पेय जल आपूर्ति योजना जिसका शिलान्यास आज मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इससे चोपाल क्षेत्र के  साथ ठियोग क्षेत्र की पेयजल समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन में हिमाचल प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में  उभरा है।
स्थानीय विधायक बलबीर वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए क्षेत्र में विभिन्न महत्वकांक्षी विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न विकासात्मक मांगों को विस्तृत रूप से मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।
भाजपा मण्डल अध्यक्ष मंगत राम शर्मा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री व अन्य लोगों का स्वागत किया।

भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप्‍स को प्रोत्साहित कर रही है : नरेंद्र सिंह तोमर

                                       केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री ...

भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप्‍स को प्रोत्साहित कर रही है : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ के नवाचार एवं कृषि-उद्यमिता घटक के तहत स्टार्ट-अप्स को वित्तपोषित कर रहा है कृषि मंत्रालय

पहले चरण में कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य वर्धन के क्षेत्र में 112 स्टार्ट-अप्‍स को 1185.90 लाख रुपये की राशि दी जाएगी
नई दिल्ली ,केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को उच्‍च प्राथमिकता देती है। किसानों को अवसर प्रदान करके उनकी आय बढ़ाने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार प्रदान करने पर भी सरकार का ध्यान है। इसी तारतम्य में कृषि से जुड़े स्टार्ट-अप्‍स को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी का जोर कृ‍षि और संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार एवं प्रौद्यो‍गि‍की का उपयोग सुनिश्चि‍त करने के लिए स्टार्ट-अप्‍स और कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने पर है। इसी के तहत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के अंतर्गत ‘नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास’ कार्यक्रम को अपनाया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में पहले चरण में कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य वर्धन के क्षेत्र में 112 स्टार्ट-अप्‍स को 1,185.90 लाख रुपये की सहायता किस्तों में दी जाएगी, जो किसानों की आय बढ़ाने में योगदान देंगे।

 केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में देश में कृषि अनुसंधान, विस्तार और शिक्षा की प्रगति‍ की समीक्षा की थी। प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने कहा था कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्टार्ट-अप और कृषि-उद्यमियों (एग्री-एंटरप्रेन्योर) को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों को मांग पर जानकारियां प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था।

 प्रधानमंत्री श्री मोदी का कहना है कि भारतीय समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को युवा और कृषि स्नातकों के कौशल व प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ा जाना चाहिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भारतीय कृषि की पूर्ण क्षमता का लाभ लिया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि चिन्हित समस्याओं को सुलझाने और कलपुर्जों एवं उपकरणों के लिए डिजाइन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए हैकाथॉन का आयोजन साल में दो बार किया जा सकता है जिससे खेती-बाड़ी में कठिन परिश्रम को कम किया जा सकता है।

श्री तोमर ने मंत्रालय स्तर पर आयोजित बैठकों में कृषि को प्रतिस्‍पर्धी बनाने, कृ‍षि-आधारित गतिवि‍धियों के लिए आवश्‍यक संबल प्रदान करने और नई तकनीक को जल्द से जल्द अपनाने  को कहा है। सरकार का जोर कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने पर है, इसलिए श्री तोमर ने मूल्य वर्धन और स्टार्ट-अप्‍स की जरूरत बताते हुए युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने व इस क्षेत्र का कायाकल्प करने की बात कही। कृषि व संबद्ध गतिविधियों तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और बु‍नियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्‍य से आरकेवीवाई-रफ्तार, जो कृषि मंत्रालय की महत्वपूर्ण योजना है, का पुनरीक्षण किया गया है।
श्री तोमर ने बताया कि योजना के तहत नवाचार व कृषि-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘इनोवेशन एंड एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट’ कार्यक्रम को जोड़ा गया है। इसके तहत ज्यादा स्टार्ट-अप को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसी सिलसिले में मंत्रालय ने उत्‍कृष्‍टता केंद्र के रूप में 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई-रफ्तार एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स (आरएबीआई) देशभर से चुने हैं। 112 स्टार्ट-अप्‍स को कृषि प्रसंस्करण, खाद्य प्रौद्योगिकी और मूल्य वर्धन के क्षेत्र में विभिन्न नॉलेज पार्टनर और कृषि व्यवसाय इन्क्यूबेटर्स द्वारा चुना गया।
चालू वित्‍त वर्ष में इन 112 स्टार्ट-अप्‍स को अनुदान के रूप में 1,185.90 लाख रुपये किस्तों में दिए जाएंगे। इन स्टार्ट-अप को 29 कृ‍षि व्यवसाय ऊष्‍मायन केंद्रों (केपी और आरएबीआई) में दो माह प्रशिक्षण दिया गया है। ये स्टार्ट-अप युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगे व प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होंगे। इससे संबंधित विस्‍तृत जानकारी वेबसाइट: https://rkvy.nic.in पर उपलब्ध है।  

 

प्रधानमंत्री स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करेंगे



प्रधानमंत्री स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करेंगे

नई दिल्ली ,प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी 1 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वे छात्रों के साथ बातचीत भी करेंगे।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन एक राष्ट्रव्यापी पहल है जो छात्रों को हमारे दैनिक जीवन में आने वाली बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करता है और इस प्रकार उत्पाद नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है और समस्या को सुलझाने की मानसिकता विकसित करता है। यह युवा दिमाग में जरा हटकर सोचने को बढ़ावा देने में बेहद सफल साबित हुआ है।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 के पहले संस्करण में 42,000 छात्रों की भागीदारी देखी गई जो 2018 में बढ़कर 1 लाख और 2019 में 2 लाख के पार हो गई। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के पहले दौर में 4.5 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस वर्ष सॉफ्टवेयर संस्करण का ग्रैंड फिनाले पूरे देश में सभी प्रतिभागियों को एक विशेष रूप से निर्मित उन्नत प्लेटफॉर्म पर एक साथ जोड़कर ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। 37 केंद्रीय सरकारी विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को हल करने के लिए 10,000 से अधिक छात्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

||चल पथिक निरंतर||


||चल पथिक निरंतर||

चल चला चल पथिक निरंतर, तनिक नहीं विश्राम करो।
मंजिल को पाने की खातिर, स्वपथ का निर्माण करो।।

अर्जुन सा लक्ष्य तुम साधों, एकलव्य सी साधना।
चन्द्रगुप्त मौर्य बन जाओ, संकटों से ना हारना।
प्रहलाद सी भक्ति हो तुझमें, ध्रुव सा निश्चय अडिग करो

चल चला चल पथिक निरंतर, तनिक नहीं विश्राम करो।
मंजिल को पाने की खातिर, स्वपथ का निर्माण करो।।

राह में कंटक लाख मिलेंगे, राही मन का धैर्य ना खोना।
शंकाओं को छोड दो पीछे, भाग्य की तुम बाट ना जोहना।
होगा लक्ष्य सुनिश्चित इक दिन, मन भीतर विश्वास धरो।

चल चला चल पथिक निरंतर, तनिक नहीं विश्राम करो।
मंजिल को पाने की खातिर, स्वपथ का निर्माण करो।।

नया दौर आयेगा फिर से, युग निर्माता कहलाओगे।
बटोही बढ़ना आगे-आगे, पीछे दुनिया को पाओगे।
उद्देश्यजनित, उत्साहपूर्ण,उत्कृष्ट कर्माें की नींव धरो।

चल चला चल पथिक निरंतर, तनिक नहीं विश्राम करो।
मंजिल को पाने की खातिर, स्वपथ का निर्माण करो।।

यह कविता सम्पूर्ण सर्वाधिकार सुरक्षित है कृपया प्रकाशन से पूर्व लेखिका की संस्तुति अनिवार्य है।

 

Wednesday, July 29, 2020

D.D. COLLEGE DEHRADUN B.A ;B.Sc(Ag/PCM/CBZ/C.S)B.Com.B.Com(Hon's)

Image may contain: 1 person, text that says "D.D. COLLEGE HNB Garhwal and Dev Garhwal. Dept. Science OUR COURSES B.sc. (Agriculture) B.sc (Computer (Physics/Chemistry/Maths) Dept. Humanity Arts B.A. M.A. (English/History) Dept. Commerce Management B.B.A. B.com B.com (Hon's) M com Dept. Yoga (Yoga) PG Diploma ACCA Avallable COLLEGE Yoga London UK Admission Announcement for 2020-21 Note Also Prepare for SAuN Competitive like NEET/JEE, NDA, CDS, 達英教美 Defence Services, Services Jobs During N Courses. "Save your Time and Money" தல Ph. 79003 54930 25, Nimbuwala Dehradun www.ddcollege.in info@ddcollege.in 0135-2750929, +91-7417555666, 9936794929"


Image may contain: 1 person, text that says "COLLEGE Affiliated to HNB Garhwal Central University Online Registration Open COURSES OFFERED BA with defence civil/ BSc (PCM/CBZ) with JEE and NEET coaching.. B.Com with B.Com (Hon's) with ACCA. BSc (Agriculture). (Computer MA (English/History). MA (Yoga), PGD (Yoga). MSc (Physics Chemistry, Math). The only college which the said exams prepared through the DD Academy the Defence,NEET/Civil Services the Graduate students. 25,N1MBUWALA, GARH1 DEHRADUN CONTACT 7417555666, 0135-2750929 Email.dcolggarhi@gmail.com www.ddcollege.in"






हंस फाउण्डेशन के अध्यक्ष भोले जी महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, माता मंगला जी और भोले जी महाराज ने हंस फाउंडेशन की 100 करोड़ रूपये की योजनाओं का संयुक्त रूप से लोकार्पण



        
 मुख्यमंत्री आवास में हंस फाउण्डेशन के अध्यक्ष भोले जी महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, माता मंगला जी और भोले जी महाराज ने हंस फाउंडेशन की 100 करोड़ रूपये की योजनाओं का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।

देहारादून , मुख्यमंत्री आवास में हंस फाउण्डेशन के अध्यक्ष भोले जी महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, माता मंगला जी और भोले जी महाराज ने हंस फाउंडेशन की 100 करोड़ रूपये की योजनाओं का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। इनमें पौड़ी के लवाड़ में ‘नेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ का निर्माण होगा। कोविड19 से लड़ने के लिए उत्तराखंड में 10 कोविड टेसिं्टग सेंटरों की स्थापना की जा रही है।

 विद्यालय रथ योजना के तहत उत्तराखंड के चार विद्यालयों के लिए बसों का लोकार्पण भी किया। शिक्षा अभियान के तहत उत्तराखंड स्थित कई राजकीय महाविद्यालों में पुस्तकालयों के नवीनीकरण की परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई। जीवन रक्षक अभियान के तहत जिला अस्पताल टिहरी, रूद्रप्रयाग और भारत माता मंदिर हरिद्वार को एम्बुलेंस प्रदान की गई। मुख्यमंत्री द्वारा इन बसों एवं एम्बुलेंसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। हंस फाण्डेशन द्वारा कोविड19 महामारी से निपटने के लिए उत्तराखंड के 250 गैर सरकारी विद्यालयों के स्टाफ को 15 दिनों का वेतन देने की योजना की शुरूआत की गई।

 उत्तराखंड महिला पुलिस बल को सक्षम बनाने की योजना के अतंर्गत नैनीताल महिला पुलिस बल को शीघ्र ही दुपहिया वाहन प्रदान किए जाने की योजना को भी हरी झंड़ी दिखाई गई। हंस फाउंडेशन के सौजन्य से उत्तरकाशी के दूरस्थ ग्रांमों के 110 परिवारों के जीवन में रोशनी की किरण पहुंचाने के लिए हंस ऊर्जा अभियान के तहत सोलर लाईट उपहार स्वरूप प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भोले जी महाराज को उनके जन्म दिवस पर उनके सुदीर्घ जीवन की कामना करते हुए कहा कि श्रद्धेय भोले जी महाराज का व्यक्तित्व हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन गरीबों की निस्वार्थ सेवा में समर्पित है। 

राज्य सरकार को भी हमेशा उनका सहयोग मिला है। माता मंगला जी व भोले जी महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही आत्मनिर्भरता के लिये अनेक गांवों को कृषि व बागवानी के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाने के लिये प्रभावी मदद दी जा रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभा रहा है।
                Image may contain: 1 person, text that says "D.D. COLLEGE HNB Garhwal and Dev Garhwal. Dept. Science OUR COURSES B.sc. (Agriculture) B.sc (Computer (Physics/Chemistry/Maths) Dept. Humanity Arts B.A. M.A. (English/History) Dept. Commerce Management B.B.A. B.com B.com (Hon's) M com Dept. Yoga (Yoga) PG Diploma ACCA Avallable COLLEGE Yoga London UK Admission Announcement for 2020-21 Note Also Prepare for SAuN Competitive like NEET/JEE, NDA, CDS, 達英教美 Defence Services, Services Jobs During N Courses. "Save your Time and Money" தல Ph. 79003 54930 25, Nimbuwala Dehradun www.ddcollege.in info@ddcollege.in 0135-2750929, +91-7417555666, 9936794929"

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आरसीएस उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादून नई टिहरी श्रीनगर गौचर हैली सेवा का आनलाईन शुभारम्भ किया।

           
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आरसीएस उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादूननई टिहरी श्रीनगर गौचर हैली सेवा का आनलाईन शुभारम्भ किया।

देहारादून ,केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री  हरदीप सिंह पुरी एवं मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को आरसीएस उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादून नई टिहरी श्रीनगर गौचर हैली सेवा का आनलाईन शुभारम्भ किया। यह सेवा पवन हंस लि. द्वारा दी जा रही है। 

इस सेवा के शुभारम्भ के अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी,  राजकुमार,  विनय कण्डवाल,  मनवीर नेगी एवं जगमोहन ने हवाई यात्रा की। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि उड़ान योजना के अन्तर्गत जो हेली सेवाएं चलाई जा रही हैं, स्थानीय लोगों द्वारा इसे काफी पंसद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात कि इस पवन हंस लि. की यह सेवा प्रति सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को चालू रहेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उड़ान योजना से देहरादून, देश के दर्जनों शहरों से एयर कनेक्टिविटी से जुड़ा है। हिण्डन,गाजियाबाद से पिथौरागढ़ के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू की गई है।

 प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित किये गये है। क्षेत्रीय सम्पर्क योजना में देहरादून को पंतनगर, पिथौरागढ़ चिन्यालीसौड़ और गौचर से जोड़ा गया है। पंतनगर हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया कि हल्द्वानीअल्मोड़ाधारचूला हेतु भी मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को सेवा प्रारम्भ की जानी है। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत गुप्तकाशी एवं बड़कोट में भी हेली सेवाएं प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर्षिल के लिए भी हेली सेवा शुरू हो, इससे गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधा होगी। हर्षिल का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानक जटिल हैं। उत्तराखण्ड की परिस्थितियों के दृष्टिगत सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानकों में परिवर्तन के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक बोझ भी कम होगा।
 केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादूननई टिहरीश्रीनगरगौचर हवाई सेवा शुरू होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने उड़ान सेवा के अन्तर्गत जिन नये यात्रा मार्गों के लिए हेली सेवा शुरू करने के लिए सुझाव दिया गया है। उस पर जल्द ही मुख्यमंत्री से बैठक कर चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानकों के बारे अधिकारियों के साथ चर्चा कर नियमानुसार उचित समाधान किया जायेगा।

 इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, सचिव नागरिक उड्यन, भारत सरकार  प्रदीप सिंह खरोला,सीएमडी पवन हंस लि.  संजीव राजदान, सचिव  दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार  दीप श्रीवास्तव, यूकाडा की सीईओ श्रीमती सोनिका, पवनहंस लि. के  राजीव अग्निहोत्री,  रमेश के. आदि उपस्थित थे। 
                 Image may contain: 1 person, text that says "D.D. COLLEGE HNB Garhwal and Dev Garhwal. Dept. Science OUR COURSES B.sc. (Agriculture) B.sc (Computer (Physics/Chemistry/Maths) Dept. Humanity Arts B.A. M.A. (English/History) Dept. Commerce Management B.B.A. B.com B.com (Hon's) M com Dept. Yoga (Yoga) PG Diploma ACCA Avallable COLLEGE Yoga London UK Admission Announcement for 2020-21 Note Also Prepare for SAuN Competitive like NEET/JEE, NDA, CDS, 達英教美 Defence Services, Services Jobs During N Courses. "Save your Time and Money" தல Ph. 79003 54930 25, Nimbuwala Dehradun www.ddcollege.in info@ddcollege.in 0135-2750929, +91-7417555666, 9936794929"

पहाड की प्रतिभा!-- हिमालय के अंतिम गांव 'वाण' के होनहार 'दीपक' को दसवीं में 81% फीसदी अंक, पहाड़ के छात्रों के लिए बनें प्रेरणास्रोत...

                      Image may contain: one or more people, people standing, mountain, sky, cloud, grass, outdoor and nature
पहाड की प्रतिभा!-- हिमालय के अंतिम गांव 'वाण' के होनहार 'दीपक' को दसवीं में 81% फीसदी अंक, पहाड़ के छात्रों के लिए बनें प्रेरणास्रोत...
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!
प्रतिभा किसी चीज की मोहताज नहीं होती है। मैं कभी भी अंको की दौड़ का पक्षधर और हिमायती नहीं रहाँ हूँ। क्योंकि मेरा मानना है कि अंको की दौड और मेरिट सूची में स्थान बनाने की चाहत से छात्र बेवजह तनाव में आ जाते हैं और छात्रों की प्रतिभा से न्याय भी नहीं हो पाता है। आज उत्तराखंड बोर्ड के 10 वीं और 12 वीं के नतीजे घोषित हो गये हैं। पूरे परीक्षाफल पर सरसरी निगाहें डालेंगे तो पता चलेगा एक बार फिर पहाड़ के गुदडी के लालों नें कमाल कर दिखाया है। विपरीत परिस्थितियों, पढाई के बेहतर माहौल न होंने और शिक्षकों की कमी के बाबजूद पहाड़ की प्रतिभाओं नें अपना लोहा मनवाया है। साथ ही उन लोगों के लिए भी एक सीख है जो शहरों में रहकर बेहतर सुख सुविधाओं के बाबजूद भी बमुश्किल से 80% अंकों तक पहुंच पाते हैं।
आज घोषित उत्तराखंड की बोर्ड परीक्षा में सफल हुये एक छात्रों में से एक छात्र है दीपक सिंह। दीपक सीमांत जनपद चमोली के देवाल ब्लाॅक के सबसे दूरस्थ गांव जो हिमालय का अंतिम बसागत गांव वाण गांव का रहने वाला है। साढे आठ हजार फिट की ऊचाई पर स्थित इस गांव से आगे केवल बुग्याल और बर्फ से ढके पहाड़ नजर आते हैं। यह गांव तीन महीने बर्फ से ढका रहता है। दीपक के पिता किसान और मां गृहणी है। दीपक गांव के इंटर कॉलेज वाण में कक्षा 10 वीं का छात्र है। दीपक नें हाईस्कूल की परीक्षा में 81 फीसदी अंक प्राप्त किये। दीपक नें 500 में से 405 अंक लेकर राजकीय इंटर कॉलेज वाण में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दीपक की बहिन रेखा नें भी 12 वीं की परीक्षा में द्वितीय स्थान हासिल किया। दीपक के पिताजी भगत सिंह और मां उमा देवी अपने बेटे की सफलता पर बेहद खुश हैं। दीपक अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को देते हैं, जिनके प्रयासों से ही वो 81% अंक हासिल कर पाया।
पहाड़ के दीपक का पहाड़ सा हौंसला ..
भले ही आपको दीपक के ये 81% फीसदी अंक कम नजर आयें लेकिन मेरी नजर में ये अंक 95% के बराबर हैं । क्योकि दीपक पहाड के उस गाँव का रहने वाला है जहाँ परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत है। हिमालय के अंतिम गांव जो तीन महीने बर्फ से ढका हुआ रहता हो। जहां पर लाइट से ज्यादा भरोसा ढेबरी लालटेन (सौर ऊर्जा) पर हो, जिसके सहारे पढ़ाई की जाती हो। एक किताब, एक अखबार खरीदने और बाल बनाने के लिए 40 किमी दूर देवाल जाना पडता हो। तो आप सोच सकते हैं कैसी विषम परिस्थिति होगी उस गांव की। ऐसी विपरीत परिस्थितियों और पढाई के अनुकूल बेहतर माहौल न होने के बाद भी रोज घर से दो किमी पैदल स्कूल आना और फिर वापस घर जाना। घर जाकर घर के कार्यों में भी हाथ बटाना और फिर पढ़ाई करना। और फिर 81% अंक हासिल करना वाकई काबिलेतारीफ है। यदि यही छात्र देहरादून जैसे शहर में होता तो यही छात्र वहां 95% अक हासिल करता।
पहाड़ के छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत और सरकारी स्कूलों में भरोसा जगाता है दीपक की सफलता!
विपरीत परिस्थितियों में भी दीपक के प्राप्त किये गए 81% अंक पहाड़ के होनहार प्रतिभाशाली छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत हैं तो वहीं शहरों में रह रहे लोगों के लिये एक मिशाल भी है की यदि प्रतिभा हो तो पहाड़ में भी रहकर भी सुनहरे भविष्य की नींव रखी जा सकती है। शिक्षा के लिए पहाड़ से पलायन करने वालों के लिए भी दीपक नें एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि प्रतिभा के लिए पहाड़ और मैदान मायने नहीं रखता है। दूसरी ओर दीपक की सफलता सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास और भरोसा भी जगाता है। दीपक की सफलता में राजकीय इंटर कॉलेज वाण में कार्यरत शिक्षकों की भी अहम भूमिका है जिन्होंने दीपक को बेहतर शैक्षिक परिवेश दिया साथ ही मार्गदर्शन भी किया। शिक्षकों के द्वारा दिए गए गुणवत्तापरक शिक्षा नें भी दीपक को प्रोत्साहित किया। दीपक के पिताजी भगत सिंह किसान हैं और मां उमा देवी गृहणी हैं। दोनों ने अपने बेटे के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। दोनों अपने बेटे की सफलता पर बेहद खुश हैं। विगत दिनों दीपक के छोटे भाई का भी चयन नवोदय विद्यालय पीपलकोटी के लिए हुआ था। 
वास्तव में देखा जाए तो पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यदि इन्हें पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल और उचित अवसर मिले तो ये भी मेरिट लिस्ट में पहले स्थान पर आ सकते हैं। आवश्यकता है ऐसी प्रतिभाओं को उचित मार्गदर्शन की। 
हमारी ओर से भी ढेरों बधाइयाँ दीपक..
Heera Bisht Garhwali
Surendra S Danu

साइकिल प्योर अगरबत्ती के निर्माता एन रंगा राव एंड संस एवं असम सरकार अगरबत्ती निर्माण के लिए बांस विकास परियोजना में सहयोगी बने



साइकिल प्योर अगरबत्ती के निर्माता एन रंगा राव एंड संस एवं असम सरकार अगरबत्ती निर्माण के लिए बांस विकास परियोजना में सहयोगी बने

देहरादून । एन रंगा राव एंड संस (एनआरआरएस), भारत की सबसे बड़ी अगरबत्ती उत्पादक और साइकिल प्योर अगरबत्ती के निर्माताओं ने असम सरकार के साथ मिलकर अगरबत्ती निर्माण  के लिए बांस उत्पादन के लिए एक समर्पित परियोजना स्थापित करने की घोषणा की। एनआरआरएस इस एसोसिएशन के माध्यम से, बांस की छड़ें बनाने के लिए परिचालन सहायता और तकनीकी जानकारी का विस्तार करेगा। 
यह पहल आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगी और उत्तर पूर्व क्षेत्र में बाँस की लकड़ियों के उत्पादन के लिए मूल्य श्रृंखला को बढ़ाएगी जो अटमा निर्भार भारत पहल के अनुरूप है। उत्तर पूर्व में बांस उद्योग के सभी हितधारक, जिनमें बांस की फसल लगाने वाले किसान और उद्यमी शामिल हैं, इस पहल से लाभान्वित होंगे। एन रंगा राव एंड संस और असम की सरकार ने छब्बीस (26) स्थानीय उद्यमियों की पहचान की है जिनके माध्यम से इस पहल को शुरू किया जाएगा। ये 26 सूक्ष्म उद्यमी उत्तर पूर्व के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े रोजगार की सुविधा प्रदान करेंगे और इस परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह एक क्लस्टर विकास दृष्टिकोण है जो वृक्षारोपण, परिवहन, प्रसंस्करण, मूल्य परिवर्धन और अंततः बांस की छड़ की बिक्री से शुरू होकर, बांस की आपूर्ति श्रृंखला के सभी मुद्दों को संबोधित करेगा।
  एनआरआरएस एक कामकाजी मॉडल स्थापित करने के लिए राज्य बांस विकास एजेंसी के साथ मिलकर काम करेगा जो विशेष रूप से क्लस्टर विकास दृष्टिकोण के साथ डिजाइन किया जाएगा। स्थिरता की कुंजी होने के कारण, ये क्लस्टर संसाधनों के सामूहिक उपयोग को प्रोत्साहित करेंगे जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में समावेशी विकास और रोजगार में वृद्धि होगी। असम सरकार के उद्योग और वाणिज्य मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी ने एसोसिएशन के बारे में बात करते हुए कहा, ‘असम अगरबत्ती परियोजना बांस आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में असम का पहला बड़ा कदम होगा। साइकिल प्योर अगरबत्ती के साथ सहयोग सुनिश्चित बाजार और गुणवत्ता के उत्पाद के विकास को सुनिश्चित करेगा जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था का उत्थान होगा। यह परियोजना बाँस उत्पादकों और उद्यमियों को एक प्रमुख अगरबत्ती के साथ जोड़ेगी जो आत्म निर्भर भारत की तर्ज पर ब्रांड बनाती है। ’बिम्पी बोरा, डिप्टी मिशन डायरेक्टर और सीईओ, स्टेट बैम्बू डेवलपमेंट एजेंसी, असम ने कहा, ‘असम अगरबत्ती परियोजना का उद्देश्य संगठित खेती, प्रसंस्करण और विपणन को एक साथ जोड़कर असम में अगरबत्ती सेक्टर का विकास होगा।’ ग्रामीण रोजगार पैदा करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देगा ”। एसोसिएशन के बारे में बोलते हुए, साइकिल प्योर अगरबत्ती के प्रबंध निदेशक, अर्जुन रंगा ने कहा, हम अपनी सरकार में आत्म निर्भर भारत के दृष्टिकोण पर विश्वास करते हैं। असम सरकार के साथ हमारी असम राज्य बांस विकास एजेंसी उत्तर पूर्व क्षेत्र में बांस की छड़ के निर्माण को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी।  सुनील जैन, मुदित मार्केटिंग, इस पहल से जुड़े उद्यमी में से एक ने कहा, “हम इस अनुबंध से रोमांचित हैं, बांस की छड़ की खेती और निर्माण में क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण। हमारी ओर से एनआरआरएस और राज्य सरकार के साथ, हम विकास में निवेश करने में सुरक्षित हो सकते हैं। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि हम अपने प्रयासों को समर्पित करें। हमें अपने देश में अगरबत्ती उद्योग के विकास में योगदान करने की खुशी है।
               Image may contain: 1 person, text that says "D.D. COLLEGE HNB Garhwal and Dev Garhwal. Dept. Science OUR COURSES B.sc. (Agriculture) B.sc (Computer (Physics/Chemistry/Maths) Dept. Humanity Arts B.A. M.A. (English/History) Dept. Commerce Management B.B.A. B.com B.com (Hon's) M com Dept. Yoga (Yoga) PG Diploma ACCA Avallable COLLEGE Yoga London UK Admission Announcement for 2020-21 Note Also Prepare for SAuN Competitive like NEET/JEE, NDA, CDS, 達英教美 Defence Services, Services Jobs During N Courses. "Save your Time and Money" தல Ph. 79003 54930 25, Nimbuwala Dehradun www.ddcollege.in info@ddcollege.in 0135-2750929, +91-7417555666, 9936794929"


Tuesday, July 28, 2020

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवसहमारा लक्ष्य केवल विकास ही नहीं बल्कि स्थायी, सतत, सुरक्षित और हरित विकास हो - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस
हमारा लक्ष्य केवल विकास ही नहीं बल्कि स्थायी, सतत, सुरक्षित और हरित विकास हो - 
स्वामी चिदानन्द सरस्वती
 ऋषिकेश। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस प्रतिवर्ष 28 जुलाई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर स्वच्छ वातावरण के साथ स्वस्थ और स्थायी समाज के निर्माण हेतु लोगांे को जागरूक करना और पृथ्वी, प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों केे संरक्षण के लिए सतत प्रयास करने हेतु जनमानस को प्रेरित करना।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि हमारे जीवन में होने वाली प्रत्येक क्रिया और गतिविधि प्रकृति पर निर्भर करती है। मानव द्वारा किये जा रहे प्रत्येक कार्य और व्यवहार का असर पर्यावरण और पृथ्वी पर पड़ता है जिससे वे प्रभावित होते हैं। पृथ्वी पर उपस्थित सभी मनुष्यों और प्राणियों के जीवन के लिए जल, वायु, पेड़,  भोजन, मिट्टी, खनिज तत्व अत्यंत आवश्यक है और यह हमें प्रकृति से ही प्राप्त होेेते हैं इसलिये प्रकृति का संरक्षण जरूरी है। प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु अपना योगदान प्रदान करें। हम सभी का कर्तव्य है कि पर्यावरण को स्वच्छ, सुरक्षित और संरक्षित करें ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण का निर्माण किया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के आँकड़ों के अनुसार, पृथ्वी पर पाए जाने वाले कुल जीव-जंतुओं में से लगभग 7-8 प्रतिशत भारत में पाए जाते हैं। साथ ही भारत की जनसंख्या विश्व की कुल आबादी का लगभग 17 प्रतिशत है, जबकि भारत का क्षेत्रफल पृथ्वी के कुल भू-भाग का मात्र 2.4 प्रतिशत ही है। ऐसे में विकास के लिये जो भी योजनाओं बनायी जाती है और उनका कार्यान्वयन किया जाता है, उस समय  प्रकृति और पर्यावरण पर विपरित प्रभाव पड़ता है, इसलिये हमें सतत और हरित विकास पर जोर देना होगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने तेजी से विकास किया और अभी भी जारी है परन्तु इस दौरान प्रकृति के क्षरण, पर्यावरण प्रदूषण और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। हमें यह बात याद रखना होगा कि विकास हो और आर्थिक हितों को भी ध्यान में रखा जाये परन्तु सबसे जरूरी है पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखना।
स्वामी जी ने कहा कि बदलते वैश्विक परिवेश में किसी भी देश के विकास के लिये भरपूर प्राकृतिक संसाधनों का होना नितांत आवश्यक है। वहां के नागरिकों को भी मूलभूत सुविधायें और विकास के नए अवसर प्रदान करने के साथ पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखना नितांत आवश्यक है, विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिये और यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हर व्यक्ति की परम कर्तव्य है। हम छोटे-छोटे प्रयास करें यथा पालिथिन, थर्मोकोल और एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग न करें। पीपल, वट, नीम, पाकर तथा जड़दार, जलदार, छायादार, फलदार आदि पौधों का रोपण करंे, कम से कम तुलसी का पौधा तो अवश्य लगायें, पर्यावरणविद्ों ने भी तुलसी के पौधों को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक माना है पर्यावरण को शुद्ध करने वाला पौधा माना है और इसमें मानव को स्वस्थ करने के चमत्कारी गुण भी है।
स्वामी जी ने कहा कि हमें ग्रीन कल्चर को बढ़ावा देना होगा। प्रकृति के साथ जीना होगा और प्रकृति के अनुरूप विकास करना होगा तभी हम आगे आने वाली पीढ़ियों को सुखद भविष्य दे सकते हैं। आईये आज संकल्प ले कि प्रतिवर्ष कम से कम एक पौधे का रोपण और संरक्षण अवश्य करेंगे। प्रत्येक व्यक्ति प्रतिवर्ष एक पौधे का रोपण और संरक्षण करें तो भी विलक्षण परिवर्तन हो सकता है।

    Image may contain: 1 person, text that says "D.D. COLLEGE HNB Garhwal and Dev Garhwal. Dept. Science OUR COURSES B.sc. (Agriculture) B.sc (Computer (Physics/Chemistry/Maths) Dept. Humanity Arts B.A. M.A. (English/History) Dept. Commerce Management B.B.A. B.com B.com (Hon's) M com Dept. Yoga (Yoga) PG Diploma ACCA Avallable COLLEGE Yoga London UK Admission Announcement for 2020-21 Note Also Prepare for SAuN Competitive like NEET/JEE, NDA, CDS, 達英教美 Defence Services, Services Jobs During N Courses. "Save your Time and Money" தல Ph. 79003 54930 25, Nimbuwala Dehradun www.ddcollege.in info@ddcollege.in 0135-2750929, +91-7417555666, 9936794929"

ओरिएंट बेल लिमिटेड ने वर्तमान समय की जरूरत के अनुरूप जर्म-फ्री टाईल प्रस्तुत किया

                                   
देहरादून। टाईल निर्माण व्यवसाय में एक भरोसेमंद नाम ओरिएंट बेल लिमिटेड आपके लिए जर्म-फ्री टाईल लेकर आया है। सामाजिक दायित्व वाली कंपनी ओरिएंट बेल को महसूस हुआ कि बीमारी करने वाले जर्म्स के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए यह समय इन टाईल्स को प्रस्तुत करने के लिए उपयुक्त है। स्वास्थ्य एवं सुरक्षा बनाए रखने के इस दौर में घर ही वह स्थान है, जहां पर व्यक्ति सुकून व आराम चाहता है।
ओरिएंट बेल की जर्म-फ्री टाईल्स को स्वास्थ्य के संकट से जूझ रही दुनिया में उपभोक्ताओं की जरूरत को ध्यान में रखकर डिज़ाईन किया गया है। इन अत्यधिक फंक्शनल टाईल में इनऑर्गेनिक कोटिंग के साथ नैनो पार्टिकल्स हैं, जो लंबी शेल्फ लाईफ सुनिश्चित करते हैं। परिणाम यह है कि ये टाईल ज्यादा टिकाऊ हैं और मौसम व अन्य प्रकार की क्षति को सहन कर सकते हैं। इसके अलावा मॉपिंग के चक्र के बीच ये एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करते हैं। ओरिएंट बेल टाईल्स को भारत की सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक टेस्टिंग व रिसर्च लैब्स (एनएबीएल अनुमोदित) में से एक, बायोटेक सर्विसेस मुंबई द्वारा जापानी औद्योगिक स्टैंडर्ड के लिए जाँचा गया है। इस स्टैंडर्ड में 2 सबसे खतरनाक बैक्टीरिया - इशेरिशिया कोली (ई.कोली) और स्ट्रेफाईलोकोकस औरियस के खिलाफ प्रभावशीलता की जाँच की गई। जब 99 प्रतिशत बैक्टीरिया खत्म हो गए, तब टाईल को जर्म-फ्री का सर्टिफिकेशन दिया गया। अपनी विस्तृत उत्पाद श्रृंखला के साथ ओरिएंट बेल उन लोगों की पहली पसंद है, जो डिज़ाईन को समझते हैं तथा हाईज़ीन व सुरक्षा को महत्व देते हैं। सेरेमिक एवं ग्लेज़्ड विट्रिफाईड बॉडी में उपलब्ध, ये टाईल दीवार एवं फर्श दोनों के लिए आते हैं। ग्राहकों को जीवीटी में  600x600mm     तथा सेरेमिक में  300x600mm, 300x450mm व 300X300mm   के साथ अनेक डिज़ाईन व साईज़ मिलते हैं। जर्म-फ्री टाईल घरों, प्राथमिक स्कूलों, अस्पतालों, ऑफिसेस एवं वाणिज्यिक संस्थानों में विभिन्न तरह के इंटीरियर के लिए उपयुक्त हैं।
हाल ही में फैली महामारी ने हमें स्वच्छ वातावरण बनाए रखने का महत्व समझा दिया। जर्म-फ्री टाईल इसी का एक समाधान हैं। अपनी नई श्रृंखला के साथ ओरिएंट बेल कोविड के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रहा है। जर्म-फ्री वातावरण में सेहतमंद जिंदगी पर हर किसी का अधिकार है।


लोगों को गुणवत्तापूर्वक और व बेहतर चिकित्सा सुविधिाएं हरहाल में मुहैया करायी जाय:जिलाधिकारी


देहरादून ,  जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा वीडियो कान्फे्रसिंग के माध्यम से प0 दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय (कोरोनेशन) और महात्मा गांधी नेत्र चिकित्सालय की चिकित्सा प्रबन्धन समिति की बैठक आयोजित की गयी।
जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को निर्देशित किया कि कोरोनेशन एवं गांधी नेत्र चिकित्सालय दोनों में चिकित्सा सुविधाओं को बढाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाय तथा लोगों को गुणवत्तापूर्वक और व बेहतर चिकित्सा सुविधिाएं हरहाल में मुहैया करायी जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि कोरोना कोविड-19 को देखते हुए इस बात का ध्यान रखें की चिकित्सालय में सभी स्टाफ और आगन्तुक अनिवार्य रूप से मास्क पहने हों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करतें हो। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के सभी अस्पतालों में कोरोना से बचाव व इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शासन प्रशासन स्तर से जारी एस.ओ.पी तथा गाईडलाईन का पूर्णतः पालन किया जाय तथा इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की लापरवाही ना की जाय।

बैठक में चिकित्सा प्रबन्धन समिति के सदस्यों में दोनो चिकित्सालयों में  चिकित्सा सुविधाओं को बढाने दवाई, जांच मशीनें, उपकरण, फर्नीचर, मानव संसाधन तथा अतिरिक्त चिकित्सा यूनिट-कक्ष बढाने से सम्बन्धित प्रस्ताव सामने रखे, जिसका समिति द्वारा अनुमोदन किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस बरसाती सीजन में डेंगू मलेरिया और कोविड-19 को देखते हुए जो भी जरूरी मेडिकल सुविधाएं बढानी जरूरी हैं उनको बढाया जाय। उन्होनंे बरसाती सीजन के लिए डेंगू-मलेरिया के दृष्टिगत समिति द्वारा प्रस्तुत 2 लैब टैक्निशियन कोरोनेशन अस्पताल तथा 2 गांधी नेत्र चिकित्सालय में पीआरडी के माध्यम से नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुमोदन भी किया। जिलाधिकारी ने कोरोनेशन अस्पताल में फोर्टिज अस्पताल की संचालित कैंटीन को खाली करवाने तथा उनसे अब-तक का सम्पूर्ण किराया वसूल करने के भी मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये।
इस दौरान वीडियों कान्फ्रसिंग से सम्पन्न हुई बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ बी.सी रमोला, मुख्य कोषाधिकारी नरेन्द्र सिंह सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

‘‘उद्योग मित्र समस्या निस्तारण हेतु ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएः जिलाधिकारी’’


देहरादून, जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एनआईसी सभागार में जिला उद्योग मित्र समिति की बैठक हुई। जिसमें औद्योगिक क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।बैठक में जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्रों की तथा उद्योग मित्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए पार्टल बनाया जाए ताकि उनकी समस्याओं का ऑनलाइन ही निस्तारण किया जा सके। वाहनों के मुचलके भी ऑनलाइन ही जमा करवाने की व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने औद्योगिक क्षेत्र पटेल नगर, सेलाकुई तथा  मोहब्बेवाला में मार्गो, नालियों, सड़कों की नियमित साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट लगाने व उसका रख-रखाव के नगर निगम देहरादून को निर्देश दिए।

‘‘औद्योगिक क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम हेतु जारी की जाने वाली गाईलाइन के अनुपालन के लिए औद्योगिक एसोसिएशन भी प्रोक्टिव तरीके से कार्य करें’’
जिलाधिकारी ने उद्योग मित्र समिति के सदस्यों को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखने के लिए और औद्योगिक एसोसिएशन गंभीरता से कार्य करेंगीं, इसके लिए एक सुपरविजन कमेटी का गठन भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं पर कोई कोरोना पॉजिटिव मामला संज्ञान में आता है तो औद्योगिक क्षेत्र में पूरी कांटेक्ट ट्रेसिंग होनी चाहिए। इससे संबंधित कोई भी बात शासन-प्रशासन से छुपाई ना जाए, तत्काल प्राइमरी और सेकंड्री कंाटेंक्ट को आइसोलेट करते हुए संबंधित पूरे क्षेत्र को पूर्ण सैनिटाइज किया जाए। कार्मिकों/मजदूरों के आने-जाने, काम करने, लंच करने और छुट्टी के टाइम को इस तरह मैनेज किया जाए ताकि पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। फैक्ट्री में कार्मिक मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो तथा सैनिटाइज भी करते रहे। उन्होंने कहा कि यदि कोई मजदूर छुट्टी से लौटता है तो उसको सीधे प्रवेश ना दें पहले उसकी जांच और पर्याप्त आइसोलेशन का पालन करवाएं ।
मजदूरों के आवासीय कमरों में यदि अन्य व्यक्ति साथ रहता है तो उसकी भी सूचना रखें। इसके अतिरिक्त समय-समय पर मजदूरों कार्मिकों को काउंसलिंग करते रहे उनको क्व्ष्े और कवदष्ज   बताएं तथा औद्योगिक क्षेत्र में इसका होर्डिंग, ब्रोशर्स लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार भी करवाएं।

औद्योगिक एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक में कहा कि जो फैक्ट्रियां कोरोना से प्रभावित हुई हैं लंबे समय से बंद है उनके व व्यवसायिक कर, जलकर व  भवन कर इत्यादि में यथासंभव छूट दी जाए, जिस पर जिलाधिकारी ने इस मामले को उच्च स्तर पर संदर्भित करने का आश्वासन दिया। सदस्यों ने सोलर पावर प्रोजेक्ट में बैंक ऋण गारंटी में छूट देने की मांग की, ईएसआई के 100 बेड हॉस्पिटल निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने की मांग की तथा विकासनगर और लांगा क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने की बात कही, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों से तथा उचित स्तर पर उसके समाधान करने का आश्वासन दिया।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र शिखर सक्सेना, उद्योग एसोसिएशन से पंकज गुप्ता, हेमंत पुरी, अनिल मारवा, राकेश, महेश आदि उपस्थित थे।   
      

हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है टैटू: डाॅ0 सुजाता


  • जानलेवा है हेपेटाइटिस की बीमारीः डाॅ0 सुजाता संजय
  • हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है टैटू: डाॅ0 सुजाता
  • हेपेटाइटिस से रहें बचकर!: डाॅ0 सुजाता संजय
  • केरोनाकाल का हेपेटाइटिस डेरू लिवर की सूजन हैं तो कोरोना का संक्रमण जानलेवा है: डाॅ0 सुजाता
  • जानलेता है हेपेटाइटिस की बीमारी, बचाव के लिए सतर्कता है जरूरी: डाॅ0 सुजाता
 देहरादून।  वल्र्ड हेपेटाईटिस डे के अवसर पर सोसायटी फाॅर हैल्थ एजुकेशन एंड वूमैन इमपावरमेन्ट ऐवेरनेस  द्वारा संजय आॅर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर में गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस रोग के बारे में मरीजों व स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूक किया गया।  इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति सम्मानित डाॅ0 सुजाता संजय स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। हेपेटाइटिस जानलेवा बीमारी है। जिसमें हेपटाइटिस बी सबसे अधिक प्रभावित करने वाली बीमारी है। हर साल 28 जुलाई को वल्र्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस बार हेपेटाइटिस डे की थीम हेपेटाइटिस फ्री फयूचर रखा गया है।


उन्होनें बताया कि लीवर में वायरल संक्रमण से होने वाली सूजन को हेपेटाइटिस कहते है। यह लीवर कैंसर का सबसे बड़ा कारण हैै। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पूरी दुनिया में 40 लाख लोग हेपेटाइटिस बी या सी से पीडित हैं। हेपेटाइटिस से पीडित व्यक्ति के लीवर में गंभीर छति हो सकती है जो कुछ समय बाद जानवेला साबित हो सकती है। इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा रास्ता जाग़रूकता है। विशेष के अनुसार अधिकांश लोगों को यह नहीं पता है कि हेपेटाइटिस पुरूषों में नपुंसकता का कारण भी बन सकता है। हेपेटाइटिस के लिए पांच किस्म के वायरस ए बी सी डी ई और जी जिम्मेदार होते हैं। जांच के लिए आने वाले 90 प्रतिशत ए बी या सी के होते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सी श्रेणी के हेपेटाइटिस ज्यादा होने की संभावना रहती है। 

विश्व भर में लगभग 500 मिलियन व्यक्ति हेपेटाइटिस ‘बी’ अथवा हेपेटाइटिस ‘सी’(प्रत्येक 12 व्यक्ति में 1) नामक वायरस से प्रभावित हैं एवं वर्ष भर में लगभग 1 मिलियन व्यक्ति इसके कारण मौत का शिवार हो रहे है। ज्यादातर व्यक्तियों को इस प्रकार के पुराने वायरस से प्रभावित होने का पता ही नही चल पाता। विश्व हेपेटाटिस दिवस(28 जुलाई) को मनाने के पीछे इसका उद्देश्य लोगों को इस प्रकार के हेपेटाइटिस बी व सी के बारे में जागरूक करना, रोकथाम करना, निदान एवं उपचार करना है।हर साल भारत में लगभग ढ़ाई लाख लोग इस बीमारी से मौत का शिकार बनते हैं। 70 से 80 फीसदी लोगों में हेपेटाइटिस के लक्षण नहीं दिखाई देते, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। लीवर या जिगर शरीर के सबसे बड़े आंतरिक अंगों में से एक है और यह शरीर को विषाक्त पदार्थो से छुटकारा दिलाने सहित 500 से अधिक तरह के कार्य करता है। आदर्श रूप से, लीवर को खुद को सवत साफ करना चाहिए। हालांकि, ज्यादातर लोगों में, लीवर बेहतर तरीके से कार्य नहीं करता है क्योंकि यह पर्यावरण और आहार दोनों तरह के विषाक्त पदार्थो से बुरी तरह से घिरा हुआ है। 


खराब जीवनशैली, खाने की अस्वास्थ्यकर आदतें और भोजन में प्रयोग किये जाने वाले खतरनाख कीटनाशक और भारी धातुओं की उपस्थिति के कारण हमारे लीवर पर अधिक जोर पड़ता है। ऐसे में, प्राकृतिक विषाकतता (डिटाॅक्सिफिकेशन) विधियों के साथ अपने महत्वपूर्ण अंगों की मदद करे रसायनों और प्रदूषकों के हानिकारक प्रभावों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। यहां कुछ सुरक्षित और प्रभावी तरीके बताये जा रहे हैं जो आपके लीवर को स्वस्थ रखेंगे और इसे बेहतर तरीके से कार्य करने में मदद करेंगे। 
डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि पीलिया खुद में बीमारी नहीं है, बल्कि अन्य किसी रोग की ओर इशारा है। गर्भावस्था में वैसे भी काफी सतर्कता बरती जाती है। फिर भी किसी तरह के रोग या उसके लक्षणों को कदापि हल्के में नहीं लेना चाहिए। आगे चलकर पीलिया ही हेपेटाइटिस का रूप ले लेता है। जिसके कई रूप हैं इसके प्रति जागरूकता से ही बचाव संभव है।

हेपेटाइटिस बी का संक्रमण अधिकतर दूषित सीरिंज, खून या यौन संबंध से हो सकता है। युवाओं में शरीर पर टैटू बनवाना फैशन का हिस्सा बन चुका है। पर शरीर बने टैटू हेपेटाइटिस सी का कारण बन सकते हैं। यही नहीं निडिल से कान छेदवाना या गली मोहल्ले के डेंटल क्लिनिक में दांत साफ करना हेपेटाइटिस बी व सी का कारण बन सकता हैं। उन्होंने कहा कि आजकर शरीर पर टैटू बनवाने का चलन खूब है। एक ही निडिल से कई लोगों को टैटू बनाने से हेपेटाइटिस सी हो सकता है।यह संक्रमित मां से गर्भ में बच्चे को हो सकता है। मां केवल कैरियर भी हो सकती है। बच्चे में  इसका संक्रमण रोकने के लिए जन्म के उपरांत 12 घंटे के अंदर हेपेटाटिस-बी वैक्सीन की पहली खुराक एवं इम्मूनोग्लोबुलिंन के इंजेक्शन दिये जाते हैं। शिशु को स्तनपान कराने में परहेज नहीं करना चाहिए। पीलिया होने पर आराम करें एवं डाॅक्टर की निगरानी मेें रहें। हेपेटाइटिस से प्रेगनेन्सी में यह असर होता है कि शुरूआती दिनों में गर्भपात का खतरा, समय से पहले डिलीवरी की चांस, डिलीवरी के बाद रक्तस्राव का डर, गर्भावस्था में गंभीर रूप धारण कर सकता है। 

अधिकतर व्यक्ति जो इस वायरस से प्रभावित होते हैं उनको इसके लक्षणों के बारे में पता ही नही चल पाता यहां तक कि उनका लिवर भी क्षतिग्रस्त हो जाता है। अधिक समय पश्चात् उनका लिवर पूरी तरह से खराब हो चुका होता है।जिसको सिरोसिस कहते है। यदि आपको लिवर सिरासिस है तो आपकी जान को खतरा बन जाता है जो रक्तस्राव, पेट में पानी भर जाना, लिवर  कैंसर अथवा कोमा में चले जाना आदि हो सकता है।खून की सामान्य जांच से हेपेटाइटिस बी और सी का पता लगाया जा सकता है, क्योंकि मरीज में शुरूआती लक्षण न दिखने के कारण इस बीमारी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। इस संक्रमण के हाईरिस्क ग्रुप में संक्रमित मां से बच्चे, चिकित्सा पेशे से जुड़े लोग, ऐसे मरीज जिन्हें रक्त चढ़ाया गया हो, सिरिंज से ड्रग लेने वाले आते हैं। इसलिए संक्रमण का पता लगाने के स्कीनिंग सबसे जरूरी है। हेपेटाइटिस बी वायरस से बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण है।

हेपेटाइटिस के खिलाफ अपना प्रतिरक्षण अवश्य करवाएं।अल्कोहल, तबांकू और मनोरंजक दवाओं से बचाव करें। कम वसा और उच्च रेशा युक्त आहार का सेवन करें।अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाजों को शामिल करें। सतृप्त वसा से बचें। हाइड्रेटेड रहें तथा अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें। अधिक नमक युक्त अथवा लिपटे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। स्वस्थ कैलोरी के सेवन को बनाए रखें। यह आपके शरीर के वज़न को संतुलन रखता है। सिके पैक्ड आहार, सोडा, केक और कुकीज जैसे मीठे आहार का सेवन करने से बचें।कम कैलोरी और गैर दुग्ध उत्पादों का सेवन करें व तनाव से बचें।

भारत बाघ संरक्षण के मामले में अब नेतृत्व की भूमिका में : प्रकाश जावड़ेकर


केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने वैश्विक बाघ दिवस की पूर्व संध्या पर बाघों की गणना पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की


भारत बाघ संरक्षण के मामले में अब नेतृत्व की भूमिका में, बाघ वाले देशों के साथ संरक्षण के सर्वोत्तम तरीके साझा करेगा: श्री प्रकाश जावड़ेकर


वन क्षेत्र में चारे और पानी की बढ़ोतरी के लिए पहली बार एलआईडीएआर सर्वेक्षण तकनीक का इस्तेमाल होगा: पर्यावरण मंत्री

नई दिल्ली ,केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज वैश्विक बाघ दिवस की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में बाघों की गणना पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि बाघ प्रकृति का एक असाधारण हिस्सा है और भारत में इनकी बढ़ी संख्या प्रकृति में संतुलन को दर्शाती है।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि बाघ और अन्य वन्य जीव भारत की एक प्रकार की ताकत हैं जिसे भारत अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के पास धरती का काफी कम हिस्सा होने जैसी कई बाधाओं के बावजूद, भारत में जैव-विविधता का आठ प्रतिशत हिस्सा है क्योंकि हमारे देश में प्रकृति, पेड़ों और इसके वन्य जीवन को बचाने और उन्हें संरक्षित करने की संस्कृति है। वन्यजीवों को हमारी प्राकृतिक संपदा बताते हुए श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह प्रशंसा की बात है कि भारत में दुनिया की बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत बाघों के पोषण की दिशा में बाघ वाले सभी 13 देशों के साथ मिलकर अथक प्रयास कर रहा है।

 

श्री जावड़ेकर ने यह भी घोषणा की है कि उनका मंत्रालय एक ऐसे कार्यक्रम पर काम कर रहा है जिसमें मानव और जानवरों के बीच टकराव की चुनौती से निपटने के लिए जंगल में ही जानवरों को पानी और चारा उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। इस टकराव से कई जानवरों की मौत हो रही है। इसके लिए पहली बार एलआईडीएआर (लिडार) आधारित सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। लिडार लेजर प्रकाश से लक्ष्य को रोशन करके और एक सेंसर के साथ प्रतिबिंब को मापने के जरिए दूरी को मापने की एक विधि है।

बाघ की प्रमुख प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण मंत्री द्वारा छोटी बिल्लियों की उपस्थिति पर एक पोस्टर भी जारी किया गया। बाघ अभयारण्यों के बाहर भारत के कुल बाघों के लगभग 30 प्रतिशत बाघ रहते हैं। इसे देखते हुए भारत ने वैश्विक रूप से विकसित संरक्षण आश्वासन / बाघ मानकों (सीए /टीएस) के माध्यम से इनके प्रबंधन तरीके का आकलन करन शुरू किया था जिसे अब देश भर के सभी पचास बाघ अभयारण्यों तक विस्तारित किया जाएगा।

 

इस अवसर पर पर्यावरण राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि मानव–पशु टकराव से बचा जा सकता है लेकिन देश में इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष काम कर रहे अधिकारियों ने देश में बाघों की संख्या बढ़ाने का सराहनीय काम किया है।

चौथे अखिल भारतीय बाघ अनुमान की विस्तृत रिपोर्ट निम्नलिखित मायने में अद्वितीय है;

 

  • सह-शिकारियों और अन्य प्रजातियों के जानवरों के बहुतायत सूचकांक तैयार किए गए हैं, जिन्हें अब तक सिर्फ रहने भर तक सीमित किया गया है।
  • सभी कैमरा लगे इलाकों में बाघों का लिंगानुपात पहली बार किया गया है।
  • बाघों की आबादी पर मानवजनित प्रभावों का विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है।
  • बाघ अभयारण्यों के भीतर बाघों की मौजूदगी का पहली बार प्रदर्शन किया गया है।

 

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ क्षेत्र वाले देशों के शासनाध्यक्षों ने बाघ संरक्षण पर तैयार किए गए सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर करके 2022 तक अपने-अपने देशों में बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया था। उस बैठक के दौरान दुनिया भर में 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया। तभी से हर साल बाघ संरक्षण पर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और उसके प्रसार के लिए वैश्विक बाघ दिवस मनाया जा रहा है।

 

पिछले साल वैश्विक बाघ दिवस, 2019 के दौरान यह भारत के लिए गर्व का क्षण था क्योंकि प्रधानमंत्री ने दुनिया के सामने बाघों की संख्या दोगुना करने के भारत के अपने संकल्प को लक्ष्य वर्ष से चार साल पहले पूरा करने की घोषणा की। भारत में बाघों की कुल आबादी अब 2967 है जो दुनिया भर में बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है। भारत की झोली में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की उपलब्धि आई है जो विश्व में कैमरे का विशाल जाल बिछाकर वन्यजीवों के सर्वेक्षण के रूप में देश की कोशिशों को मान्यता देता है।

आज जारी विस्तृत रिपोर्ट में पूरे भारत में स्थानिक अध्यावास और घनत्व के संदर्भ में बाघों की स्थिति का आकलन किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जुलाई, 2019 में ‘भारत में बाघों की स्थिति’ पर जारी संक्षिप्त रिपोर्ट के अलावा, आज जारी इस विस्तृत रिपोर्ट में पिछले तीन सर्वेक्षणों (2006, 2010 और 2014) से प्राप्त जानकारी की तुलना देश में बाघों की संख्या के रुझान का अनुमान लगाने के लिए 2018-19 में किए सर्वेक्षण से मिली जानकारी से की गई है। इसमें 100 किलोमीटर के दायरे में बाघ की स्थिति में बदलाव के लिए जिम्मेदार संभावित कारकों की जानकारी के साथ-साथ वास्तविक परिदृश्य, बाघों के उपनिवेश और उनके विलुप्त होने की दर के बारे में भी विशेष रूप से जानकारी दी गई है।

 

रिपोर्ट में बाघ आबादी वाले प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने वाले निवास स्थानों की स्थिति का मूल्यांकन किया गया है और वैसे क्षेत्रों की पहचान की गई है जिन्हें हर हाल में संरक्षण की आवश्यकता होती है। रिपोर्ट में प्रमुख मांसाहारी जानवरों के बारे में जानकारी दी गई है और उनके विचरण क्षेत्र और सापेक्ष बहुतायत के बारे में बताया गया है।