
मेरे हिस्से की फुलवारी
चमोली (संजय चौहान )मानसून में अपनी फुलवारी बनाने की सोची। थोड़ी सी जगह थी तो आज कुछ फूलों के पौधों का पौधारोपण किया। उम्मीद है की जब ये फूल खेलेंगे तो अपनी सुंदरता और खुशबू से सबका मन मोह लेंगे। फूलों की बात करें तो फूल शायद सुंदरता के सबसे पुराने प्रतीक हैं। फूलों की अपनी दुनिया है। सभ्यता के किसी बहुत प्राचीन आंगन में जंगल और झाड़ियों के बीच उगे हुए फूल ही होंगे जो इंसान को उस ख़ासे मुश्किल वक़्त में राहत देते होंगे। इन फूलों से पहली बार उसने रंग पहचाने होंगे। ख़ुशबू को जाना होगा। पहली बार सौंदर्य का अहसास किया होगा। फूलों की सुंदरता और खुशबू हमारे जीवन में सकारात्मक विचार लाते हैं। फूल उदासी को मुस्कान में बदल देती है। इन फूलों की सबसे खूबी ये है कि वो किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। हर किसी को अपनी सुंदरता और खुशबू से आनंदित करती हैं।

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