Monday, May 24, 2021

पूज्य स्वामीजी बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसरपर वैश्विक परिवार को संदेश

स्वामी चिदानन्द सरस्वती बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर
पर वैश्विक परिवार को संदेश

बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने वैश्विक परिवार को संदेश देते हुए कहा कि "बुद्ध बने, शुद्ध बने"।


“व्यक्ति का चित्त जब शांत और स्थिर होता है तब उसे सत्य का दर्शन होता है। हमारा जीवन शुद्धि, बुद्धि और सिद्धि का संगम है। लेकिन आज के परिवेश में बुद्धि तो बढ़ती जा रही है परन्तु शुद्धि खोती जा रही है और बुद्धि बढ़ती है तब जीवन में समृद्धि बढ़ती है परन्तु जब जीवन में शुद्धि बढ़ती है तो जीवन में सिद्धि बढ़ने लगती है। इसलिए अगर हम जीवन में बुद्ध नहीं बन सके तो शुद्ध तो बने।

हमारा जीवन जब भीतर से स्थित होगा तभी बाहर से व्यवस्थित होगा क्यूंकि भीतर की यात्रा बेहतर बनने की यात्रा है, शुद्धि की यात्रा है। भगवान बुद्ध की इस पावन जयंती पर उनकी तरह अपने जीवन को भी स्थिर और शांत करे क्यूंकि स्थिर चित्त से ही सत्य कि प्राप्ति हो सकती है। कोरोना के इस संकट काल में जब व्यक्ति इतना अशांत है और इतनी समस्याओं से घिरा हुआ है।

ऐसे समय में अगर हम अपने चित्त को केवल वित्त की ओर नहीं अपितु स्वयं को निमित्त मानकर प्रभु से प्रार्थना करें तो धीरे-धीरे बहुत से रास्ते निकलेंगे और कोरोना का रोना भी समाप्त हो जाएगा। परन्तु इस परीक्षा की घड़ी में हमें संकल्प लेना है कि हम अपने को शांत बनाएं रखें, परिवार के साथ रहें, घर पर रहें, घरवालों के साथ रहें और सुरक्षित रहे। बुद्धं शरणं गच्छामि ।

धम्मं शरणं गच्छामि। संघं शरणं गच्छामि । सत्यं शरणं गच्छामि।” Click here to watch.

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