छुट्टी के दिनों में भी राष्ट्रीय धर्म सर्वोपरि -चाणक्य
विषम परिस्थितियों में भी राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना है -सुनील RSS
हरिशंकर सैनी
देहरादून।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में प्रांत के शारीरिक शिक्षण प्रमुख सुनील का प्रवास आज पिथौरागढ़ नगर की माधव शाखा में रहा, जिसमें उनके द्वारा शाखा के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की एक बोध कथा सुनाई गई, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि एक बार राजा चंद्रगुप्त से 2 महीने की छुट्टी लेकर चाणक्य एकांतवास में चले गए थे, इसी बीच सेल्यूकस जोकि चंद्रगुप्त का ससुर था ,वह मिलने के लिए चंद्रगुप्त से आया और उसने चाणक्य से भेंट वार्ता की इच्छा जताई ,जब वह चाणक्य के पास पहुंचा तब चाणक्य ने उसको यह बताया कि तुम्हारी राज्य में आने के बाद, किन किन लोगों से बात हुई और क्या-क्या बात हुई ,इस पर सेल्यूकस नाराज हो गया कि आप अतिथि का सत्कार इस प्रकार से करते हैं , तब चाणक्य ने कहा कि मैं एक महामंत्री भी हूं और राज्य में कौन आ रहा है ,क्या कर रहा है ? इस बात की चिंता करना भी मेरा अधिकार क्षेत्र है, छुट्टी पर होने का मतलब यह नहीं है कि मैं अपना राष्ट्रीय धर्म भूल जाऊं।
इस बोध कथा के माध्यम से शाखा के स्वयंसेवकों को राष्ट्रहित के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर राष्ट्रधर्म को समाज के लिए समर्पित करने का पाठ सिखाया गया,
ई शाखा में पिथौरागढ़ विभाग के विभाग प्रचारक नारायण और जिला प्रचारक राहुल जी के अलावा नगर प्रचारक हरदीप और नगर विस्तारक सुमन के अलावा विभाग के संघचालक आदि लोग उपस्थित रहे।
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