Monday, May 31, 2021

विषम परिस्थितियों में भी राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना है -सुनील RSS

छुट्टी के दिनों में भी राष्ट्रीय धर्म सर्वोपरि -चाणक्य

विषम परिस्थितियों में भी राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना है -सुनील RSS

हरिशंकर सैनी

देहरादून।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में प्रांत के शारीरिक शिक्षण प्रमुख सुनील का प्रवास आज पिथौरागढ़ नगर की माधव शाखा में रहा, जिसमें उनके द्वारा शाखा के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की एक बोध कथा सुनाई गई, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि एक बार राजा चंद्रगुप्त से 2 महीने की छुट्टी लेकर चाणक्य एकांतवास में चले गए थे, इसी बीच सेल्यूकस जोकि चंद्रगुप्त का ससुर था ,वह मिलने के लिए चंद्रगुप्त से आया और उसने चाणक्य से भेंट वार्ता की इच्छा जताई ,जब वह चाणक्य के पास पहुंचा तब चाणक्य ने उसको यह बताया कि तुम्हारी राज्य में आने के बाद, किन किन लोगों से बात हुई और क्या-क्या बात हुई ,इस पर सेल्यूकस नाराज हो गया कि आप अतिथि का सत्कार इस प्रकार से करते हैं , तब चाणक्य ने कहा कि मैं एक महामंत्री भी हूं और राज्य में कौन आ रहा है ,क्या कर रहा है ? इस बात की चिंता करना भी मेरा अधिकार क्षेत्र है, छुट्टी पर होने का मतलब यह नहीं है कि मैं अपना राष्ट्रीय धर्म भूल जाऊं।

इस बोध कथा के माध्यम से शाखा के स्वयंसेवकों को राष्ट्रहित के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर राष्ट्रधर्म को समाज के लिए समर्पित करने का पाठ सिखाया गया,

ई शाखा में पिथौरागढ़ विभाग के विभाग प्रचारक नारायण और जिला प्रचारक राहुल जी के अलावा नगर प्रचारक हरदीप और नगर विस्तारक सुमन के अलावा विभाग के संघचालक आदि लोग उपस्थित रहे।

 

Sunday, May 30, 2021

प्रेस क्लब लालकुआं द्वारा जूम एप के माध्यम से कोरोना काल में पत्रकारों की भूमिका विषय पर वर्चुअल गोष्ठी

फोटो परिचय- पत्रकारिता दिवस पर प्रेस क्लब लालकुआं द्वारा आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में प्रतिभाग करते जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं पत्रकार।

प्रेस क्लब लालकुआं द्वारा जूम एप के माध्यम से कोरोना काल में पत्रकारों की भूमिका विषय पर वर्चुअल गोष्ठी

राजेंद्र पंत रमाकांत की रिपोर्ट

लालकुआं। हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब लालकुआं द्वारा जूम एप के माध्यम से कोरोना काल में पत्रकारों की भूमिका विषय पर वर्चुअल गोष्ठी में क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट, सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल के सीईओ जेपी नारायण, विधायक नवीन दुम्का, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ जगदीश चंद्र, उप जिलाधिकारी रिचा सिंह पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह सहित तमाम जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने अपनी बात रखी वहीं वरिष्ठ पत्रकारों ने युवा एवं जूनियर पत्रकारों को कोरोना काल में रिपोर्टिंग के गुर सिखाए।
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर प्रेस क्लब लालकुआं के तत्वावधान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वर्चुअल गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट ने कहा कि कोरोना काल में पत्रकारों की भूमिका प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि पत्रकार जिस प्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कार्य संपादित कर रहे हैं इसके लिए बधाई के पात्र हैं। संसद भट्ट ने कहा कि राजनीति से पूर्व वह पत्रकारिता के क्षेत्र में ही थे जिससे वह भली-भांति पत्रकारिता के महत्व को समझते हैं। क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का ने कहा कि कोरोना काल में पत्रकार स्वयं को बचाते हुये पत्रकारिता करे। विधायक ने कहा कि कोरोना काल के दौरान पत्रकार प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को आईना भी दिखा रहे हैं। तथा जनप्रतिनिधियों को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं जो कि जागरूक पत्रकारिता है। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट ने कहा कि सच्चे कोरोना वॉरियर्स तो पत्रकार ही है क्योंकि वही देश दुनिया में कोरोना का क्या प्रभाव है जन-जन को बता रहे हैं।
सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल के सीईओ जेपी नारायण ने कहा कि इसको कोरोना काल में सेंचुरी पेपर मिल परिस्थितियां विपरीत होने के बावजूद भी तमाम प्रकार से लोगों की मदद का बीड़ा उठाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर की अत्यंत कमी है जिसे पूरा करने के लिए पत्रकारों की अहम भूमिका होगी, पत्रकार उक्त ग्रामीण अंचल को अपनी आंख बनाकर वहां का समुचित विकास करवा सकते हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक डॉ जगदीश चंद्र ने कहा कि आज के समय में पत्रकार मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रहा है उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समसामयिक समाज का दर्पण होने के नाते अपने कार्य का बखूबी निर्वहन करना है। उप जिलाधिकारी ऋचा सिंह ने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण है वह प्रशासन को भी मनोबल ऊंचा रखने के लिए प्रेरित करते हैं। पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह ने कहा कि आज पत्रकारों को एकजुट होकर अपने हितों के लिए संघर्ष करने एवं अपने आप को चौथे स्तंभ के रूप में वास्तविक रूप से स्थापित करने की जरूरत है।
लगभग 4 घंटे चली वर्चुअल संगोष्ठी के दौरान तमाम वरिष्ठ पत्रकारों ने जूनियर एवं युवा पत्रकारों को कोरोना काल मे रिपोर्टिंग करने को लेकर प्रशिक्षित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब के अध्यक्ष बीसी भट्ट ने सभी आगंतुक अतिथियों एवं अधिकारियों का आभार जताया साथ ही कोरोना कॉल में दिवंगत हुए पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 2 मिनट का मौन धारण किया गया।
गोष्ठी में उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष डॉ विपिन चंद्रा, नगर पंचायत अध्यक्ष लालकुआं लाल चंद्र सिंह, नगर अध्यक्ष रणजीत बोरा, महामंत्री दीप जोशी, वरिष्ठ पत्रकार तेजपाल नेगी, रमाकांत पंत, बसंत पांडे, दिनेश पांडे, अजय उप्रेती, गीता भट्ट, प्रमोद बमेटा, राजू अनेजा, अभिसेक सिंह, संजय जोशी, योगेश दुम्का, पंकज पांडे सहित कई पत्रकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार प्रकाश जोशी ने किया।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत व उषा नेगी द्वारा संस्कार केंद्रों व बस्तियों में बच्चों को बिस्किट वितरित किए गए

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत व उषा नेगी द्वारा संस्कार केंद्रों व बस्तियों में बच्चों को बिस्किट वितरित किए गए

देहरादून , सेवा दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी द्वारा बाल संस्कार केन्द्रो एवं सेवा वस्तियों मे ब्रिटानिया बिस्कुट गिफ्ट किये गए ,
महर्षि वाल्मीकि संस्कार केंद्र इन्द्रेश नगर, संत शिरोमणि रविदास केंद्र जटिया मोहल्ला, राजीव नगर विजय पार्क और अन्य सैकड़ो बस्ती के बच्चों को बिस्किट गिफ्ट वितरित किये गए,

इस अवसर पर ऊषा नेगी ने कहां की मुख्यमंत्री व प्रधान मंत्री बच्चों के प्रति संवेदनशील है, उनके द्वारा अनेक कार्य बच्चों के हित मे किये जा रहे है ,
प्रधानमंत्री जी ने कोरोना मे अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई के साथ -साथ 10 लाख रुपया 18 साल की उम्र पूरा होने पर देने की घोषणा की है ,वही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा ऐसे बच्चों को हर महीने 3 हज़ार रु देने के साथ निशुल्क इलाज, शिक्षा व 5 प्रतिशत सरकारी सेवा मे आरक्षण दिया जा रहा है ,बस्ती मे ऐसे लोगों की सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर सूचित करे और किसी भी बच्चे को कोई परेशानी हो तो भी 1098 तथा मुझे भी फोन कर सकते है ,किसी भी बालक बालिका के साथ छेडछाड़ या दुर्व्यवहार की सूचना भी दे सकते है या कोई भी गलत व्यक्ति या अपराध के बारे मे जानकारी दे, बच्चों को कोरोना से बचने के लिए मास्क, साबुन से हाथ धोना, सैनिटाइज़र का प्रयोग करना है घर पर रहकर पढ़ाई करनी है और बेवजह घर से बाहर नहीं जाना है, व मम्मी, पापा को भी सब बाते बतानी है, बुखार, सर्दी जुकाम होने पर पुलिस या अस्पताल को सूचना देनी है या आंगनवाड़ी शिक्षिका को बताना है ,

कार्यक्रम मे अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष राजेश शर्मा, कमल गुप्ता शिक्षिका सुधा, रेखा रावत, मोनी आदि सामजिक कार्यकर्त्ता भी उपस्थित हुए ,कल से अन्य बस्तियों मे गुब्बारा बेचने बाले, कूड़ा बीनने बाले बच्चों को चिन्हित कर सप्ताह भर कार्यक्रम चलाया जायेगा,

Saturday, May 29, 2021

वास्तव में योग है क्या इसे समझना बेहद जरूरी है : योगाचार्य खुशीराम

योगाचार्य खुशीराम

वास्तव में योग है क्या इसे समझना बेहद जरूरी है : योगाचार्य खुशीराम

योग क्या है ? आज इस बात को समझने की भी बेहद जरूरत है ।
योग केवल मात्र शरीर को हिलना- डूलाना ,मोड़ना नहीं है । इसमें शारीरिक अभ्यास भी सात्विक विचार , सात्विक आहार, श्रद्धा, समर्पण और अनुष्ठान, पूजा समझ कर के ईश्वर की उपासना किस तरह किया जाता है।
आजकल सभी लोग योग के ऊपर अपनी बड़ी-बड़ी टिप्पणियां/ व्याख्यान दे रहे हैं।
लेकिन वास्तव में योग है क्या इसे समझना बेहद जरूरी है???
योग मनुष्य योनि का प्रथम एवं मूल उद्देश्य है।
मनुष्य के अलावा सभी योनियां केवल भोग योनियां है।
परमात्मा ने केवल मनुष्य को योग करने का अधिकार दिया है।
योग के अर्थ एवं योग की व्याख्या करने के लिए में समर्थ नहीं हूं। और इसकी व्याख्या किसी समय सीमा में नहीं बांधी जा सकती है योग अनंत है।
फिर भी अपनी छोटी बुद्धि और परमपिता द्वारा प्रदत्त सामर्थ्य एवम् वेदों के अनुसार :-
#योग_आत्मा_का_परमात्मा_से_मिलन_है।#
हमारे शरीर में निर्विकार, अनादि ,शाश्वत उस परमात्मा का अंश रूपी आत्मा हमारे शरीर को संचालित करती है।
लेकिन अनंत जन्मों के कर्माश्य हमें उस परमात्मा से युक्त होने के लिए हमें बाधित करते हैं । इस प्रकार कर्मफलों से मुक्त होने का साधन है योग।
जिसके लिए हम अनंत जन्मों से भिन्न-भिन्न योनियों में विचरण करके मनुष्य योनि मैं इस अधिकार को प्राप्त करते हैं।
इसलिए मोक्ष और मुक्ति का साधन है योग
योग के उत्पत्ति और उद्गम की बात अगर करें तो योग अनादि है आदि देव भगवान शिव से लेकर त्रेता युग में भगवान श्री राम और द्वापर युग में योगेश्वर भगवान कृष्ण और कलयुग में भगवान बुद्ध तथा इसे सूत्रों में पिरोने वाले महर्षि पतंजलि इस योग की गंगा को जनमानस के कल्याण के लिए मुक्ति के लिए मोक्ष के लिए निरंतर प्रवाहित करते रहे हैं और अब व्यापक रूप से श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी इस पावन पुनीत कार्य को अपने अनवरत पुरुषार्थ से संचालित कर रहे हैं।
योग अध्यात्म है।योग वेदों का मूल स्तंभ है श्रीमदभगवत गीता का सार है।
सनातन संस्कृति का आधार है योग साधना है भारतीय संस्कृति का गौरव है हमारा सम्मान है हमारी अस्मिता है हमारा स्वाभिमान है हमारी आत्मा है हमारा अस्तित्व है हमारी पहचान है।
(योगाचार्य खुशीराम )

Friday, May 28, 2021

कोरोना महामारी में अनाथ हो चुके 100 बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देगा सीआईएमएस & यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज

कोरोना महामारी में अनाथ हो चुके 100 बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देगा सीआईएमएस & यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज

 राजेंद्र  पंत  रमाकांत  
हल्द्वानी / देहरादून ,कोरोना महामारी में हजारों बच्चों के सर से माता पिता का साया उठ गया है। देश के साथ प्रदेश में भी ऐसे कई बच्चे हैं जिनके माता पिता और रिश्तेदारों की मौत हुई है। ऐसे में उनके सामने आजीविका से लेकर शिक्षा जारी रखने का गंभीर संकट पैदा हो गया है। खासतौर से उच्च शिक्षा की मोटी फीस जुटाना इन बच्चों के लिए मुनासिब नहीं हो रहा है। ऐसे ही बच्चों की मदद के लिए देहरादून स्थित CIMS और UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज ने लाजवाब पहल की है। इस ग्रुप ने कोरोना त्रासदी में अनाथ हो चुके बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा देने की घोषणा की है।

देहरादून में स्थित सीआईएमएस & यूआईएचएमटी ग्रुप ने कोरोना में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा देने की घोषणा की है। ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने बताया कि कोरोना त्रासदी से लड़ने के लिए एक नागरिक के तौर पर उन्हें अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का एहसास है। इसलिए  कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को वह अपने कॉलेज में विभिन्न कोर्सेस में नि:शुल्क प्रवेश के साथ साथ उनकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे। संस्थान ऐसे 100 अनाथ बच्चों को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करेगा, जो कोरोना के कारण अनाथ हुए हैं। एडवोकेट ललित जोशी ने बताया कि उनका समूह पहले भी ऐसा करता आ रहा है। संस्थान में गत 8 वर्षों से प्रतिवर्ष 30 से अधिक गरीब व अनाथ बच्चों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है। सीआईएमएस विगत 20 वर्षों से प्रदेश मेडिकल और पैरा मेडिकल के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है, जबकि यूआईएचएमटी होलट मैनेजमेंट के क्षेत्र में लगभग 8 साल उच्च शिक्षा प्रदान कराता है। 

UIHMT और CIMS प्रदेश के युवाओं के लिए बेहतर और किफायती ऑप्शन साबित होता है। खासकर उन बच्चों के लिए जो हाई रैंक कॉलेजों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। या जो मोटी फीस के कारण ऐसे कॉलेजों में पढ़ाई नहीं कर पाते। ऐसे बच्चों को यह ग्रुप किफायती और गुनवत्तापरख शिक्षा उपलब्ध करवाकर उन्हें रोजगार के अवसर भी देता है।

आई॰ टी बी पी ओर जोगेंदर पुंडीर फाउंडेशन के सहयोग से 20 ऑक्सिजन बेड के निशुल्क कोविड केयर अस्पताल का शुभारंभ

आई॰ टी बी पी ओर  जोगेंदर पुंडीर फाउंडेशन के सहयोग से 20 ऑक्सिजन बेड के निशुल्क कोविड केयर अस्पताल का शुभारंभ

सेवा ही संगठन के भाव को आगे बढ़ाते हुए जोगेंदर सिंह पुंडीर ने किया कोविड के मरीज़ों लिए एक और सराहनीय काम

क्षेत्र की जनता को अब नहीं होगी ऑक्सिजन की समस्या

आम जनता की सेवा के लिए तैयार है यह निःशुल्क कोविड केयर अस्पताल
हरिशंकर सिंह
देहरादून, : देहरादून के आई॰टी॰बी॰पी॰ परिसर सीमाद्वार में आज आई॰ टी बी पी ओर  जोगेंदर पुंडीर फाउंडेशन के सहयोग से 20 ऑक्सिजन बेड के निशुल्क कोविड केयर अस्पताल का शुभारंभ किया गया। 
कोविड केयर अस्पताल का उद्घाटन प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा जोगेंदर सिंह पुंडीर द्वारा किया गया ।  जोगेंदर सिंह पुंडीर ने बताया कि आज से ही कोरोना से पीड़ित मरीज इस कोविड केयर सेंटर में भर्ती किए जा सकेंगे जिनका इलाज निःशुल्क किया जाएगा। इसके साथ ही कोविड में दी जाने वाली दवाइयाँ और दो समय का खाना भी खिलाया जाएगा ।
 यह कोविड केयर अस्पताल जोगेंदर पुंडीर, आई॰टी॰बी॰पी॰, उत्तराखंड पुलिस और स्वदेशी तत्त्व ऑर्गैनिकस कम्पनी के सामुहिक प्रयासों से कार्य करेगा। ऑक्सिजन सिलेंडर ख़ाली होने पर उत्तराखंड पुलिस की मदद से उन्हें भरने की व्यवस्था की जाएगी और पुनः इस्तेमाल के लिए तैयार किया जाएगा। कोविड केयर सेंटर में अस्पताल की  भाँति हर सुविधा उपलब्ध है जिसमें योग्य डॉक्टर, नर्स व अन्य हर तकनीकी ज़रूरत का सामान उपलब्ध है। 
कोरोनाकाल में सभी सहयोगी अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी तत्परता के साथ लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं. निःशुल्क कोविड केयर सेंटर प्रारंभ करने से पूर्व ही जोगेंदर सिंह पुंडीर व उनकी टीम द्वारा गुजरात से 60 छोटे व 50 बड़े ऑक्सिजन सिलेंडर मंगवाए गए थे । क्षेत्र के कोविड से पीड़ित मरीज़ों के लिए इन ऑक्सिजन सिलेंडर का उपयोग लगातार जारी है ।  जोगेंदर सिंह पुंडीर व सभी सहयोगियों ने मिल कर कोरोना मरीजों की दिक्कत को देखते हुए गुजरात से 60 ऑक्सीजन सिलेंडर आयात किए थे जो क्षेत्र वासियों को निःशुल्क आवंटित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कोविड केयर अस्पताल के लिए ऑक्सीमीटर और ऑक्सिजन कंसंट्रेटर भी आयात किए हैं  जिन्हें जरूरतमंद लोगों को आवंटित किया जा रहा है। जोगेंदेर सिंह पुंडीर का कहना है कि हम सबकी भागीदारी और सहयोग से हम कोरोना को पराजित करेंगे। हर एक जीवन महत्वपूर्ण है जिसके लिए सभी सेवा ही संगठन के भाव से आगे बढ़ते रहेंगे और राज्य पर आइ इस आपदा का डट कर सामना करेंगे ।
इस कार्यक्रम में आईटीबीपी, डी॰आई॰जी॰ अशोक कुमार नेगी , डी॰आई॰जी॰ मेडिकल डॉ०  बहादुर सिंह, सेनानायक श्री शेन्दिल कुमार , सेनानायक ए॰के॰ धूल, डॉ० वीना, डॉ० निमिशा , पी॰आर॰ओ॰ राजीव नेगी व स्वदेशी तत्त्व ऑर्गैनिकस के बोर्ड मेम्बर उपेन्द्र अन्थवाल मजूद रहे ।

वेक्सीन ही कोविड-19 बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय है गरिमा पांडे

वेक्सीन ही कोविड-19 बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय है गरिमा पांडे 
राजेंद्र पंत रमाकांत की रिपोर्ट 
हल्द्वानी (नैनीताल) जयपुरखीमा पदमपुर देवलिया क्षेत्र पंचायत सदस्या गरिमा पांडे ने स्थानीय विधायक नवीन दुम्का से मुलाक़ात कर मोटाहल्दू वैक्सीनेशन सेंटर में 18  वर्ष से ऊपर आयु के लोगो को वेक्सीन लगाने हेतु एक मांग पत्र दिया,
 गरिमा पांडे ने कहा की  मोटाहल्दू पूरे बरेली रोड का एक मात्र वेक्सीन सेंटर है और अभी तक वहां युवाओं को वैक्सीन लगनी सुरू नही हुई है ,जिससे हजारों युवा अपनी बारी के इंतजार में बैठे है ,
गरिमा पांडे ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए जल्द से जल्द वैक्सीनशन सुरू होना चाहिए, जिससे युवाओं को इस माहमारी से बचाया जाए ,
उन्होंने कहा कि वेक्सीन ही इस बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय है गरिमा पांडे ने जल्द से जल्द वैक्सीनशन सुरू करने की मांग की।

सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल ने कोरोना महामारी के नियत्रंण हेतु जिला प्रशासन को पाँच सौ पीपीई किट प्रदान किये

राजेंद्र पंत रमाकांत की रिपोर्ट
हल्द्वानी/ *सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल ने  कोरोना महामारी के नियत्रंण हेतु जिला प्रशासन को पाँच सौ पीपीई किट प्रदान किये।जिनको उपजिलाधिकारी ऋचा सिंह ने प्राप्त कर कार्यालय महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र हल्द्वानी को भेजा सेंचुरी पल्प एंव पेपर मिल ने अमर उजाला के फाउण्डेशन के साथ मिलकर दूर- दराज के क्षेत्रों में कोरोना किट वितरित करनें का निर्णय किया गया है। जिस हेतु मास्क, हैण्ड सैनेटाइजर,थर्मामीटर,पल्स आक्सीमीटर, एंव दवाइयां प्रदान की गयी।इसके अतिरिक्त राजकीय चिकित्सालय कार रोड़ बिन्दुखत्ता को आक्सीमीटर,हैण्ड सेनेटाइजर, मास्क ,पीपीई किट एंव स्प्रे मशीन सोडियम हाईपोक्लोराइड सहित प्रदान किया गया।वरिष्ठ महाप्रबंधक नरेश चन्द्रा ने बताया कोरोना महामारी पर नियत्रंण के उपाय भविष्य में भी चलते रहेगे*/ रमाकान्त पन्त///

कोविड केयर सेंटरों में मरीजों को फल देंगी भावना पांडे

कोविड केयर सेंटरों में मरीजों को फल देंगी भावना पांडे
- कंटेनमेंट जोन में जरूरत की रसद पहुंचाने का काम जारी
- मदद मांगने वाले जरूरतमंद की हर हालत में होगी मदद
राजेंद्र पंत रामाकांत की रिपोर्ट
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि वो अब प्रदेश के कोविड केयर सेंटरों में मरीजों को फल और जूस पहुंचाएंगी। उन्होंने कहा कि कोविड सेंटरों के मरीज उनसे फल और जूस मांग रहे हैं। इस कारण सभी सेंटरों में फल और जूस की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश की जिन विधानसभाओं के कंटेनमेंट जोन में रसद नहीं जा पा रही है और किसी को जरूरत है तो वह उनसे संपर्क कर मदद हासिल कर सकता है।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे प्रदेश की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के कंटेनमेंट जोन में राशन, सब्जी, मास्क, सेनेटाइजर आदि भेजने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं के कई इलाकों में रसद पहुंचाई है। भावना के मुताबिक जहां से भी उनसे मदद मांगी जा रही है वह लोगों की मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं। ऐसे में हर जगह मदद संभव नहीं हो पा रही है। ऐसे में यदि कोई उनसे मदद मांगता है तो वह वहां राशन और अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराएंगी। इसके लिए ब्लाक प्रमुख, कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख या ग्राम प्रधान या राशन दुकानदार के माध्यम से बात करायी जा सकती है। ताकि जरूरतमंद को आन द स्पाट ही राशन व अन्य जरूरी वस्तुएं मिल सकें।

भावना पांडे ने कहा कि उनके पास कई लोगों द्वारा मदद के प्रस्ताव आ रहे हैं। लेकिन वो इससे इनकार कर रही हैं। भावना का मानना है कि मां अन्नपूर्णा की उन पर कृपा है और जितनी भी मदद वह लोगों की कर रही हैं, वह अपने स्तर पर ही कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे से धन लेकर समाजसेवा करने से पुण्य नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह देवभूमि की बेटी है और देवभूमि पूरे विश्व को हवा और पानी देता है तो राशन भी दे सकता है। उन्होंने कहा कि वह जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करेंगी।

गौरतलब है कि समाजसेवी भावना पांडे पिछले साल के कोरोना काल से लेकर लगातार जरूरतमंदों की मदद करती रही हैं। उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए देहरादून प्रशासन ने उनको कोरोना वारियर घोषित किया था। इस साल भी वह प्रदेश के अनेक विधानसभाओं में बने कंटेनमेंट जोन में राशन, सब्जी, मास्क और सेनेटाइजर, कोरेाना मेडिसिन किट आदि पहुंचाने का काम कर रही हैं।

Thursday, May 27, 2021

मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने किया चांदपुर में नवसृजित महिला थाने का लोकापर्ण

मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने किया चांदपुर में नवसृजित महिला थाने का लोकापर्ण/ उद्घाटन किया गया तथा अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

चांदपुर  (बिजनौर) से हर्षित भारद्वाज की रिपोर्ट


चांदपुर नव स्थापित महिला थाने का लोकार्पण करने मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक  शलभ माथुर ने यहां पहुंचकर ठीक साढ़े छ:बजे महिला थाने का फीता काटकर लोकार्पण किया ,तत्पश्चात महिला थाने के आॅफिस थानाध्यक्ष कक्ष का बारीकि से निरीक्षण करने के बाद बाहर आकर मीडिया के समक्ष आकर जानकारी देते हुए कहा कि चांदपुर नगर की बढ़ती जनसंख्या के अलावा महिलाओं पर बढते अपराधों को देखते हुए महिला थाने की आवश्यकता समय की मांग थी.

कोरोना संक्रमण में शासन की गाइड लाइन का सादगी पूर्ण रूप से इस सरकारी कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. इस मौके पर पुलिसअधीक्षक डां .धर्मवीर सिंह .एसपी सिटी डां. प्रवीण रंजन .सीओं शुभ सुचित कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पंकज तोमर व थाने का स्टाफ था. पुलिस अधिकारियों का काफिला ठीक सात बजे नूरपूर साइड़ को चल दिया.

नव महिला थाने के स्टाफ में एसआई श्री मति वन्दना रस्तैगी.हैड कास्टेबिल महिपाल सिंह. एचसी १४० सुरेश चन्द त्यागी. सचिन पवार. अमित कुमार. सुमित चौधरी कार्यालय ७८६ ममता.९६० गुंजन. ५५४ सरिता. ७७२ सदैश मौर्य.८८२ प्रतिभा.और महिला थाने के वाहन चालक के रूप में सुभाष की पौस्टिंग हुई है.

Wednesday, May 26, 2021

युद्ध नहीं बुद्ध बनें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

कोरोना से युद्ध करें, करूणा से बुद्ध बनें

परिस्थिति नहीं मनःस्थिति बदलें

युद्ध नहीं बुद्ध बनें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

बुद्ध पूर्णिमा आंतरिक मंथन और जागृति का पर्व

एक ऐसा दीप्तिमान व्यक्तित्व जो दुनिया को प्रेम, शान्ति, करूणा और  अहिंसा की शिक्षा दे गये

हरि शंकर सिंह

26 मई, ऋषिकेश। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को स्थायी शान्ति, संयम और समता का सूत्र देकर जीवन को एक नया अर्थ दिया है। वे करूणा और प्रेम के अथाह सागर थे, आज बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर भगवान बुद्ध को भावभरा प्रणाम। बुद्ध अर्थात जागृत अवस्था! सभी दोषों से मुक्त जीवन। जो मनुष्य अज्ञानता रूपी नींद से जागृत अवस्था को प्राप्त कर लिया हो, वही बुद्ध है। भगवान बुद्ध का ज्ञान अन्तर्मन का है; अन्तस् को जागृत करने का ज्ञान है। बुद्ध ने लोगों की परिस्थितियों को नहीं बल्कि मनःस्थितियों को बदला।
भगवान बुद्ध ने बिना भेदभाव के पूर्ण निष्पक्षता के साथ सभी को करूणा से गले लगाया और संदेश दिया कि बुद्धम् शरणम् गच्छामि अर्थात बुद्ध की शरण में आइये। न तो अतीत के पूर्वाग्रहों में फंसे रहो और न भविष्य को लेकर चिंतित रहो, बल्कि जो वर्तमान क्षण है जीवन, केवल उस में ही जियो, अतः जागृत होकर केवल वर्तमान में जीना ही जीवन की सार्थकता है।
स्वामी जी ने कहा कि आज इस धरा को  बुद्ध की करुणा की नितांत आवश्यकता है। जो इस संसार को कष्टों से मुक्त कर बुद्धत्व के परम आनंद की ओर ले जा सके। भगवान बुद्ध ने अपनी करुणा से दूसरों की सेवा, सहायता और समझ पैदा की।
स्वामी जी ने कहा कि भगवान बुद्ध मानवता को दिशा प्रदान करने वाले एक महान विभूति हुये जिन्होंने अपने जीवन से संदेश दिया और समाज को एक नई राह दिखाई है। ‘आत्म दीपो भवः’ ‘अप्प दीपो भवः’ अर्थात ‘अपने दीपक स्वयं बनो’ का दिव्य सूत्र दिया। भगवान बुद्ध का दर्शन ‘संवेदनशीलता’ पर अत्यंत जोर देता है और आज के इस दौर में भी संवेदनशील व्यक्तित्व चाहिये जो दूसरों के दुखों को अनुभव कर सके; समझ सके और मदद के लिये हाथ आगे बढ़ा सके क्योंकि सहानुभूति और संवेदनशीलता ही इस धरती पर मानवता को जिंदा रख सकती है। भगवान बुद्ध ने अहंकार से मुक्त जीवन जीने का सूत्र दिया है। ‘मैं’ की भावना से ऊपर उठकर ‘हम’ की भावना जागृत करने का सूत्र दिया।
स्वामी जी ने कहा कि आज दुनिया में जितनी भी समस्यायें हैं उन सब के मूल में कहीं न कही ‘मैं’ और उपभोक्तावादी विचारधारा है। हम दुनिया में यह सांप्रदायिकता, आतंकवाद, नक्सलवाद, नस्लवाद, जातिवाद आदि कई समस्याओं को देख रहें हैं उसके पीछे ‘मैं’ रूपी ‘अहंकार’ ही तो छुपा हुआ है ना अतः हमें मैं से हम की ओर बढ़ना होगा और अहम् से वयम् की ओर बढ़ना होगा।
वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है प्राकृतिक संसाधनों का दोहन। जितना मिला है, उससे अधिक पाने की इच्छा के कारण प्राकृतिक संसाधन व सामाजिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है, जिसके कारण मानवता खतरे में है, अतः अब हमें नैतिकता और सृजनात्मकता के सिद्धान्तों के साथ संतुलित जीवन शैली को अपनाना होगा। भगवान बुद्ध के संदेश हर युग के लिये प्रासंगिक हैं, आईये आज बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर ध्यान करें; स्वयं से जुड़ें और बुद्धत्व की ओर बढ़ें।

Tuesday, May 25, 2021

श्री गुरूद्वरा प्रबंधक कमेटी डाकरा द्वारा छावनी परिषद के अस्थाई कोविड सेंटर को रेफ़्रिजरेटर और दो वाशिंग मशीन भेंट की

श्री गुरूद्वरा प्रबंधक कमेटी डाकरा देहरादून द्वारा छावनी परिषद देहरादून के अस्थाई कोविड सेंटर को दवाइयों के लिए एक रेफ़्रिजरेटर और दो वाशिंग मशीन भेंट की गई,
हरिशंकर सिंह
देहरादून  :श्री गुरूद्वरा साहिब, डाकरा, देहरादून कोरोना काल के इस दौर में सामाजिक एवं धर्मिक संगठन लगातार अपना सहियोग सरकार एवं समाज को दे रहे है। और जब बात हो सिख कौम की तो सिखों ने जब भी समाज पर कोई विपत्ति आई उन्होंने अपने सामाजिक दायित्वो को बखूबी निर्वहन किया।

श्री गुरूद्वरा डाकरा प्रबंधक कमेटी के सदस्य देवेंद्र पाल सिंह ने जनकारी दी की श्री गुरूद्वरा प्रबंधक कमेटी डाकरा देहरादून द्वारा छावनी परिषद देहरादून के अस्थाई कोविड सेंटर को दवाइयों के लिए एक रेफ़्रिजरेटर और दो वाशिंग मशीन भेंट की गई है। छावनी परिषद की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन ने खुद श्री गुरूद्वरा साहिब डाकरा पहुँच कर सामान प्राप्त किया तथा पवित्र  श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के समक्ष समाज पर आई कोरोना महामारी से बचने के लिए अरदास की। श्री गुरूद्वरा साहिब द्वारा ऐसे सभी लोगो की पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने के लिए अरदास की गई जिनकी कोरोना से मृत्यु हुई है।

महासचिव सरदार गुरमीत सिंह ने कहा गुरूद्वरा प्रबंधक कमेटी छावनी परिषद को हरसंभव सहियोग के लिए हमेशा तैयार है। इस दौरान प्रबंधक कमेटी ने छावनी परिषद की मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन को   सरोपा भेंट किया गया। तनु जैन ने गुरूद्वरा प्रबंधक कमेटी का आभार प्रकट करते हुए कहा उन्होंने देखा है कि पिछले कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी गुरूद्वरा डाकरा द्वारा समाज के कमजोर वर्ग के लिए 71 दिनों तक लंगर सेवा की थी और आज दवाइयों के रेफ़्रिजरेटर आदि सामान उपलब्ध करवाया है इसके लिए वह कमेटी का आभार प्रकट करती है।

इस दौरान गुरूद्वरा प्रबंधक कमेटी के प्रधान दलीप सिंह, महासचिव गुरमीत सिंह, देवेंद्र पाल सिंह, अमरजीत सिंह, जगजीत सिंह, राजेन्द्र कौर सोंधी, हरमिंदर सिंह, गुरदीप सिंह, अंगददीप सिंह, मनीष कुमार, मंजीत सिंह मौजूद रहे।

अतुल्य भारत-अद्भुत संस्कृति-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

प्यारे देशवासियों को भक्तवल्सल नरसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस की अनंत शुभकामनायें

प्रहार और प्यार के बीच में प्रभु का अवतार

अतुल्य भारत-अद्भुत संस्कृति-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेेेश, 25 मई। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस पर देशवासियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि यह भारत देश बड़ा महान है। अतुल्य भारत है हमारा और अद्भुत संस्कृति है इसकी। भारतीय संस्कृति, इसकी दिव्यता और इसकी भव्यता अद्भुत है। यहां पर प्रति दिन उत्सव है और प्रत्येक उत्सव; प्रत्येक पर्व शान्ति और भाईचारे का संदेश देता है।
वैशाख मास में शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान नरसिंह को समर्पित है, जिन्हें भगवान विष्णु का एक उग्र अवतार माना जाता है। जो आधे शेर एवं आधे मानव के रूप में अवतरित हुए थे। नृसिंह अवतार भगवान विष्णु ने अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने हेतु लिया था।  नृसिंह अवतार भगवान विष्णु जी के चैथे अवतार माने गये हैं।
जब जब होई, धरम कै हानि। बाढ़हि असुर ,अधम अभिमानी।। तब तब प्रभु धरि,विविध शरीरा। हरहु कृपा निधि,सज्जन पीरा।।  अर्थात जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, दुष्टों का प्रभाव बढ़ने लगता है, तब सज्जनों की पीड़ा हरने के लिए प्रभु का अवतार होता है। स्वामी जी ने कहा कि हिरण्याकशिपु जिसने अर्धम किया और अपने बेटे प्रह्लाद तक को अनेक कष्ट दिये लेकिन उसके लिये प्रभु ने उस पर प्रहार किया और प्रह्लाद को बचाकर उसे प्यार दिया। रावण पर प्रहार किया और रावण का संहार किया लेकिन उसी के भाई विभीषण को कितना प्यार दिया। बाली पर प्रहार किया और उनके बेटे अंगद को अपनी शरण में लेकर के और प्यार किया। प्रहार और प्यार के बीच, वार और प्यार के बीच, एक ओर उग्रता तो दूसरी ओर व्याग्रता है इसके पीछे यह संदेश है कि मैं हूँ और हर पल हूँ यह भी आश्वासन है कि धर्म की रक्षा हेतु सदैव प्रभु हमारे साथ है।
आज इस कोरोना काल में भी हमें यही करना है घबराना नहीं है, हिम्मत रखना है, नियमों का पालन करना है, सबका साथ देना है और सबका सहयोग करना है।  ’’जब दुःख से मन घबरा जायेे, हर ओर निराशा छा जाये प्रार्थना कर; प्रभु से प्रार्थना कर। प्रार्थना ही एक उपाय है। पाॅजिटिविटी ही एक उपाय है। इस संकट के समय में भी हमारे दिलों में करूणा का स्पर्श दे सकती है तो वह है भक्ति; वह है प्रभु की शरण और प्रभु के प्रति समर्पण। आईये इस कोरोना काल में हम सब मिलकर प्रभु के प्रेम का अनुभव करे। यह जो प्रकृति का प्रहार है यह कोरोना टू करूणा है; ये उनकी कम्पैशन है कि हम जागें, भागे नहीं डरे नहीं डटे रहें प्रह्लाद की तरह प्रभु भक्ति में लीन हो जाये। आज कोरोना के प्रहार के बीच प्रभु के प्यार का अनुभव करे और प्रभु का अवतार है इसी का दर्शन करे।

प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र सरोना स्थित राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय का किया निरीक्षण

प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र सरोना स्थित राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय का किया निरीक्षण 
सरोना अस्पताल में होगी 04 आक्सीजन युक्त बैड की सुविधा : प्रभारी मंत्री 

देहरादून, 25 मई 2021, सहस्त्रधारा से तकरीबन 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित सरोना गांव पहुंचे देहरादून जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी मंत्री तथा सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने राजकीय ऐलोपैथिक चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारीगण तथा अस्थल से जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित रहे। 
     अस्पताल के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अस्पताल में 04 आक्सीजन युक्त बैड के माध्यम से कोविड उपचार सुविधाएं अविलम्ब प्रारम्भ की जा सकती हैं। काबीना मंत्री द्वारा रायपुर के सी0एम0एस0 डा0 आनन्द शुक्ला को निर्देशित किया कि अस्पताल में 04 आक्सीजन बैड संचालित करने हेतु 02 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, दो बेड तथा 04 ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था वह कर रहे हैं, आप यह सुनिश्चित कीजिए कि यहां चिकित्सकीय स्टॉफ 24 घंटे उपलब्ध हो। साथ ही प्रधान, जिपं सदस्य व अन्य जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि चिकित्सकों की सहायता हेतु क्षेत्रीय युवाओं को स्वयंसेवक के तौर पर उपलब्ध करवाएंगे। इस अस्पताल से क्षेत्र की छमरोली, सरोना, नांलीकलां, सिल्ला, क्यारा इत्यादि क्षेत्रों के लगभग 1600 परिवारों को लाभ मिलेगा। 
     इस दौरान काबीना मंत्री द्वारा क्षेत्र में कोविड पाजिटिव आए 16 व्यक्तियों को ग्राम प्रधान के माध्यम से आयुष कोरोना उपचार किट प्रदान की। उन्होंने मौके पर उपस्थित ग्राम प्रधान तथा क्षेत्र पंचायत सदस्यों को अत्यधिक गरीब तथा ऐसे परिवार जिनके रोजगार वर्तमान कोविड संकट के चलते आजीविका का संकट खड़ा हो गया है ऐसे परिवारों की सूची बनाने को कहा। ताकि ऐसे परिवारों को राशन किट उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार को भाप लेने का यंत्र प्रदान हो, इसकी दिशा में भी कार्यवाही की जा रही है।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान, ग्राम प्रधान भारती पयाल, भारती जवाड़ी, बीडीसी सुरेश पयाल, सुन्दर सिंह पयाल, सीएमएस रायपुर डा0 आनन्द शुक्ला, जिला आयुर्वेद तथा युनानी अधिकारी डा0 मिथिलेश कुमार, डा0 त्रिपाठी, डा0 डीएस चौहान आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोरोना-किल रणनीति आई.टी.आई.टी.वी.

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोरोना-किल रणनीति आई.टी.आई.टी.वी.

भिण्ड /प्रदेश में कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिये 5 सूत्रीय रणनीति अपनाई है। इस रणनीति के पाँच पहलू हैं- आइडेंटिफाई, टेस्ट, आइसोलेट, ट्रीट एवं वैक्सीनेशन अर्थात आई.टी.आई.टी.वी.।

आइडेंटिफाई से तात्पर्य है कि कोविड के संभावित प्रकरणों का डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से सक्रिय चिन्हांकन करना जिससे बीमारी के प्रारंभिक चरण में ही मरीज की पहचान कर उसे आइसोलेट कर इलाज प्रारंभ किया जा सके।

विगत माह अप्रैल एवं मई में शनिवार तक किल-कोरोना अभियान अंतर्गत लगभग 3 लाख कोविड संदिग्ध व्यक्तियों का चिन्हांकन कर, उन्हें मेडिसिन किट वितरित की गई है तथा उनका प्रभावी आइसोलेशन सुनिश्चित किया गया है। इस अभियान के दौरान चिन्हित प्रकरणों के लगभग 4 लाख 3 हजार निरूशुल्क टेस्ट कराये गये हैं। इसमें 77 हजार 800 संदिग्ध मरीजों को फीवर क्लीनिक तथा 7,838 मरीज को कोविड केयर सेंटर में रिफर किया गया है।

टेस्टिंग क्षमता 77 हजार से अधिक

प्रदेश में नागरिकों को निरूशुल्क टेस्टिंग का मूल अधिकार उपलब्ध है। इसके लिये राज्य में 2518 फीवर क्लीनिक क्रियाशील किये गये हैं, जहाँ पर 6353 टच-पाइंट के माध्यम से नागरिकों को निरूशुल्क टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है। प्रदेश में स्थापित आरटीपीसीआर टेस्टिंग क्षमता का भी निरंतर संवर्धन किया गया है। विगत वर्ष माह अप्रैल 2020 में प्रदेश की लैब में टेस्टिंग क्षमता 1100 जाँच प्रतिदिन की थी, जिसमें वृद्धि करते हुए माह सितम्बर-2020 में लैब टेस्टिंग क्षमता 30 हजार कर ली गयी थी। वर्तमान में प्रदेश की लैब एवं निजी लैब में लैब टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन 77 हजार से अधिक कर ली गई है।

होम आइसोलेशन में हुए 75 प्रतिशत ठीक

कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों तथा संदिग्ध व्यक्तियों का प्रभावी आइसोलेशन ही संक्रमण की चेन को तोड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम है। वर्तमान समय में प्रदेश के कुल सक्रिय प्रकरणों में से 75 प्रतिशत प्रकरण होम आइसोलेशन में रहकर ही ठीक हो रहे हैं। होम आइसोलेशन मरीजों को शहरी क्षेत्र में 2 लाख 92 हजार 751 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 83 हजार 478 मेडिकल किट बाँटे गये हैं। मरीजों को दिन में दो बार कॉल किये जा रहे हैं। संस्थागत आइसोलेशन के लिये 353 शासकीय कोविड केयर सेंटर में 18 हजार 310 आइसोलेशन एवं 3,638 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं।

ट्रीट-अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था

ट्रीट के प्रथम भाग में कोविड अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था एवं निरूशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रदेश में अब तक लगभग 17 हजार 134 ऑक्सीजन युक्त बेड्स और 5,398 आईसीयू/एचडीयू बेड्स पर निरूशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है। कोविड उपचार के लिये 135 शासकीय एवं 434 आयुष्मान भारत में अनुबंधित निजी संस्थाएँ उपचार कर रही हैं। इसके अलावा 434 निजी और 13 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं 7 निजी संस्थाएँ अनुबंधित हैं।

कोविड-19 महामारी के बढ़ते हुए प्रकरणों के दृष्टिगत अस्थायी मानव संसाधन के रूप में लगभग 14 हजार 103 अस्थायी मानव संसाधन को विशेष रूप से कोविड प्रबंधन के लिये पदस्थ किया गया है। इसमें 258 बँध-पत्र चिकित्सक एवं नर्सिंग संवर्ग की अंतिम वर्ष में  अध्ययनरत 643 छात्राएँ शामिल हैं।

इसके अलावा राज्य शासन ने प्रदेश के निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा संचालित अस्पतालों के साथ भी अनुबंध किये हैं। मरीजों के निरूशुल्क इलाज के लिये आयुष्मान योजना लागू की है। राज्य शासन ने आयुष्मान योजना अंतर्गत कोविड-19 के इलाज का विशेष पैकेज तैयार किया है, जिससे अस्पताल आर्थिक रूप से साध्य तरीके से इस पैकेज के अनुसार आयुष्मान हितग्राहियों का इलाज सुनिश्चित कर सकें। आयुष्मान संबद्ध कुल 494 अस्पताल अब इस योजना अंतर्गत कोविड-19 के इलाज के लिये तैयार हो गये हैं, जिस पर कुल 10 हजार 294 हितग्राही निरूशुल्क इलाज का लाभ ले रहे हैं।

ऑक्सीजन की उपलब्धता

पूर्व में राज्य में केवल आईनाक्स लिमिटेड द्वारा ही ऑक्सीजन परिवहन का कार्य किया जा रहा था। परिवहन की चुनौती को ध्यान में रखते हुए अब 7 नये ऑक्सीजन परिवहनकर्ता भी तैयार किये गये हैं। आज प्रदेश में गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय में एलएमओ भंडार क्षमता 30 हजार 323 मीट्रिक टन तथा 595 मीट्रिक टन निजी क्षेत्र में उपलब्ध हैं।

टैंकर्स की कमी को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि कम से कम समय में टैंकर्स ऑक्सीजन लेकर प्रदेश में आ सकें। इसके लिये मध्यप्रदेश में 20 अप्रैल, 2021 से खाली टैंकर्स को सोर्स तक पहुँचने के लिये वायुयान और भारतीय रेल का उपयोग भी किया जा रहा है। निजी क्षेत्र में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिये इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये उद्योग विभाग द्वारा प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसमें 50 प्रतिशत तक केपिटल सब्सिडी का प्रावधान है।

वैक्सीनेशन

प्रदेश में अभी तक 90 लाख 44 हजार डोज वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। इसमें से 72 लाख 93 हजार पहली डोज हैं। शेष 17 लाख 51 हजार दूसरी डोज है। 45 वर्ष से ऊपर के 64 लाख 33 हजार नागरिकों को पहली डोज तथा 11 लाख 45 हजार को दोनों डोज लग चुकी हैं। 18 से 44 वर्ष आयु के 4 लाख 59 हजार लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।

सभी विभाग  मुस्तैदी से  अपना कार्य करना सुनिश्चित करें : एडीजी श्री सागर

वर्चुअल ट्रेनिंग के दूसरे दिन 650 अधिकारी हुए शामिल

भिण्ड /पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान  के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक  एवं नोडल अधिकारी  दिनेश चंद्र सागर ने  सभी  विभागों से  आईआरएडी एप पर सभी आवश्यक प्रविष्ठियाँ समय पर  करना सुनिश्चित करने को कहा है। वे दो दिवसीय वर्चुअल ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में 650से अधिक अधिकारी-कर्मचारी वर्चुअली सम्मिलित हुए।

एडीजी श्री सागर ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों से  पुलिस  विभाग के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों को अवगत कराया। पुलिस द्वारा प्त्।क् ।च्च् में सड़क दुर्घटनाओं की प्रविष्टियाँ नियमित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्त्।क् ।च्च् के आगामी  क्रियान्वयन के लिए अन्य विभाग  जैसे स्वास्थ्य, परिवहन, राजमार्ग आदि को उनके क्षेत्राधिकार की सड़क दुर्घटनाओ से संबंधित प्रविष्टियों को पुलिस विभाग से समन्वय कर निरंतर अध्ययन करना है।   इससे एप द्वारा दुर्घटनाओं के सम्पूर्ण आँकड़ो का विश्लेषण किया जा सकेगा।

एडीजी श्री सागर ने पुलिस अधीक्षक से लेकर जमीनी स्तर के कॉन्स्टेबल तक से सीधे चर्चा की और इस एप के उपयोग में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए  आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

Monday, May 24, 2021

प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने किया टीकाकरण केन्द्र का निरीक्षण, कहा- 5.89 लाख लोगों का हुआ है अब तक टीकाकरण : कोविड प्रभारी मंत्री

प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने किया टीकाकरण केन्द्र का निरीक्षण, कहा- 5.89 लाख लोगों का हुआ है अब तक टीकाकरण : कोविड प्रभारी मंत्री

देहरादून,  जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी मंत्री तथा सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के राजपुर रोड़ स्थित एक होटल परिसर में आयोजित टीकाकरण केन्द्र का निरीक्षण किया। 
स्थानीय पार्षद भूपेन्द्र कठैत ने बताया कि आज के इस टीकाकरण में कुल 98 लोगों का टीकाकरण किया गया। पार्षद ने मंत्री को अवगत कराया कि 1977 एवं 1975 जन्मवर्ष के कारण कई लोगों को टीकाकरण में दिक्कत हो रही है। मंत्री ने जिले के टीकाकरण नोडल अधिकारी डा0 आदित्य को दूरभाष पर निर्देशित किया कि टीकाकरण स्थल पर जाकर इस समस्या का समाधान करें ताकि आमजन को दिक्कत न हो। 
मंत्री ने टीकाकरण हो चुके व्यक्तियों से भी मुलाकात की और उनका हाल जाना। मंत्री ने बताया कि देहरादून में अब तक कुल टीकाकरण 5 लाख 89 हजार तीन सौ सत्रह लोगों का टीकाकरण हुआ है। जिसमें 45 वर्ष से ऊपर 494612 एवं 18 वर्ष से ऊपर 32602 लोगों का टीकाकरण हुआ है। साथ ही, 40908 फ्रंट लाईन वर्कस एवं 61195 हेल्थ केयर वर्कस का टीकाकरण हो चुका है।
       इस अवसर पर भाजपा मण्डल महामंत्री सुरेन्द्र राणा, पार्षद भूपेन्द्र कठैत, कांता बर्थवाल, रवीन्द्र शर्मा, योगेश घाघट, मुकेश शर्मा, संजीव अरोड़ा, कमल रतन आदि उपस्थित रहे।

भारत ने टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 साल के आयु वर्ग समूह को एक करोड़ टीके देने के साथ एक बड़ा ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया

भारत ने टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 साल के आयु वर्ग समूह को एक करोड़ टीके देने के साथ एक बड़ा ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया

लगातार 11वें दिन कोविड-19 से दैनिक स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमण के दैनिकनये मामलों से ज्यादा

लगातार आठवें दिन कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या तीन लाख से कम

साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट गिरकर 12.66 प्रतिशत हुआ

नई दिल्ली,भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में आज एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। देश में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत 18-44 वर्ष आयु समूह के लोगों को एक करोड़ से ज्यादा (1,06,21,235) खुराक दे दी गयीं। जांच, बीमारी का पता लगाने, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए टीकाकरण भारत सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है। कोविड-19 टीकाकरण की तीसरे चरण की उदारीकृत और त्वरित रणनीति का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हो गया है।

क्रम संख्या

राज्य

Total

1

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह

4,082

2

आंध्र प्रदेश

8,891

3

अरुणाचल प्रदेश

17,777

4

असम

4,33,615

5

बिहार

12,27,279

6

चंडीगढ़

18,613

7

छत्तीसगढ़

7,01,945

8

दादरा-नगर हवेली

18,269

9

दमन-दीव

19,802

10

दिल्ली

9,15,275

11

गोवा

30,983

12

गुजरात

6,89,234

13

हरियाणा

7,20,681

14

हिमाचल प्रदेश

40,272

15

जम्मू-कश्मीर

37,562

16

झारखंड

3,69,847

17

कर्नाटक

1,97,693

18

केरल

30,555

19

लद्दाख      

3,845

20

लक्षद्वीप

1,770

21

मध्य प्रदेश

7,72,873

22

महाराष्ट्र

7,06,853

23

मणिपुर

9,110

24

मेघालय

23,142

25

मिजोरम

10,676

26

नगालैंड

7,376

27

ओडिशा

3,06,167

28

पुदुचेरी

5,411

29

पंजाब

3,70,413

30

राजस्थान

13,17,060

31

सिक्किम

6,712

32

तमिलनाडु

53,216

33

तेलंगाना

654

34

त्रिपुरा

53,957

35

उत्तर प्रदेश

10,70,642

36

उत्तराखंड

2,20,249

37

पश्चिम बंगाल

1,98,734

कुल

1,06,21,235

        

भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण का विस्तार होने के साथ अब तक दिए गए कोविड-19 टीके की कुल खुराक की संख्या आज 19.60 करोड़ से ज्यादा हो गयी।

अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह सात बजे तक 28,16,725 सत्रों में कोविड-19 के टीके की कुल 19,60,51,962 खुराक दी जा चुकी हैं। इनमें वे 97,60,444 स्वास्थ्य सेवा कर्मी (एचसीडब्ल्यू) शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक ली है और 67,06,890 ऐसे एचसीडब्ल्यू भी शामिल हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी खुराक ले ली है। इसके अलावा पहली खुराक लेने वाले 1,49,91,357 अग्रिम पंक्ति के कर्मी (एफएलडब्ल्यू), दूसरी खुराक लेने 83,33,774 एफएलडब्ल्यू, और 18 से 44 साल के आयु समूह में पहली खुराक लेने वाले 1,06,21,235 लोग शामिल हैं। इसके साथ-साथ 45 से 60 वर्ष की आयु के पहली खुराक लेने वाले और दूसरी 6,09,11,756 खुराक लेने वाले 98,18,384 लाभार्थियों के साथ-साथ 5,66,45,457 पहली खुराक लेने वाले और 1,82,62,665 दूसरी खुराक लेने वाले 60 वर्ष की आयु से ज्यादा के लाभार्थी भी शामिल हैं।

एससीडब्ल्यू

पहली खुराक

97,60,444

 

दूसरी खुराक

67,06,890

एएफडब्ल्यू

पहली खुराक

1,49,91,357

 

दूसरी खुराक

83,33,774

आयु वर्ग 18-44 वर्ष

पहली खुराक

1,06,21,235

आयु वर्ग 45-60 वर्ष

पहली खुराक

6,09,11,756

 

दूसरी खुराक

98,18,384

60 वर्ष से ज्यादा

पहली खुराक

5,66,45,457

 

दूसरी खुराक

1,82,62,665

कुल

 

19,60,51,962

 

देश में अभी तक दी गई कुल खुराक में 10 राज्यों का 66.30 प्रतिशत योगदान है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001FEJC.jpg

भारत में लगातार 11वें दिन कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या संक्रमण के नये मामलों से ज्यादा थी। पिछले 24 घंटे में बीमारी से 3,02,544 लोग स्वस्थ हुए।

बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की कुल संख्या आज 2,37,28,011 हो गयी। बीमारी से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 88.69 प्रतिशत हो गयी।

स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में 10 राज्यों की 72.23 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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एक और सकारात्मक घटनाक्रम के तहत भारत में दर्ज किए जा रहे कोविड-19 के दैनिक नए मामले लगातार आठवें दिन तीन लाख से कम हैं। कोविड-19 संक्रमण के दैनिक नये मामलों और बीमारी से स्वस्थ होने के दैनिक मामलों के बीच का अंतर आज कम होकर 80,229 हो गया।

नीचे दिया गया ग्राफ संक्रमण के दैनिक नये मामलों और बीमारी से स्वस्थ होने के दैनिक मामलों से जुड़ी इस स्थिति को दिखाता है।

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पिछले 24 घंटे में 2,22,315 नए मामले दर्ज किए गए।

पिछले 24 घंटे में सामने आए नए मामलों में 10 राज्यों की 81.08 प्रतिशत हिस्सेदारी है। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 35,483 और उसके बाद महाराष्ट्र में 26,672 नए मामले दर्ज किए गए।

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नीचे दिया गया ग्राफ भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों से जुड़ी स्थिति को दिखाता है। 10 मई 2021 को अपने आखिरी चरम पर पहुंचने के बाद से सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आयी है।

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भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या गिरकर आज 27,20,716 हो गयी। यह देश के कुल कोविडपॉजिटिव मामलों का 10.17 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या में कुल 84,683 की कमी आयी है।

देश के कुल सक्रिय मामलों में आठ राज्यों की हिस्सेदारी 71.62 प्रतिशत है।

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     भारत में पिछले 24 घंटे में कुल 19,28,127 जांच हुई जिसके साथ अब तक हुए जांच की कुल संख्या 33,05,36,064 है। आज पॉजिटिविटी रेट 8.09 प्रतिशत है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट भी गिरकर 12.66 प्रतिशत हो गया।

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राष्ट्रीय मृत्यु दर इस समय 1.14 प्रतिशत है।

पिछले 24 घंटों में 4,454 मौतें हुई हैं।

नई मौतों में दस राज्यों की हिस्सेदारी 79.52 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,320 लोगों की मृत्यु हुई। इसके बाद कर्नाटक में 624 मौतें हुईं।

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18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत (1.14 प्रतिशत) से कम है।

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18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।

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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 21.80 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन की खुराक मुहैया कराई गईं

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 21.80 करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन की खुराक मुहैया कराई गईं

1.80 करोड़ से ज्यादा खुराक अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध

नई दिल्ली,देश भर में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत भारत सरकार सभी राज्यों और केंद्र-शासित राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन मुहैया करवा रही है। इसके अलावा भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे तौर पर वैक्सीन खरीदने में भी मदद कर रही है। 'टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट' की रणनीति और उचित कोविड व्यवहार के साथ-साथ टीकाकरण भी भारत सरकार की कोविड महामारी के नियंत्रण और प्रबंधन की रणनीति का अहम हिस्सा है।

कोविड-19 टीकाकरण की रणनीति 'उदारीकृत और त्वरित चरण-3' का कार्यान्वयन 1 मई 2021 से शुरू हो गया है।

इस रणनीति के तहत, हर महीने किसी भी निर्माता की कुल सेंट्रल ड्रग्स लैबरेट्री (सीडीएल) द्वारा स्वीकृत वैक्सीन खुराक का 50 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। सरकार इन खुराकों को राज्य सरकारों को पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध कराना जारी रखेगी जैसा कि पहले किया जा रहा था।

भारत सरकार ने अब तक राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को 21.80 करोड़ से अधिक टीके की खुराक (21,80,51,890) नि:शुल्क श्रेणी और राज्य द्वारा सीधी खरीद श्रेणी के माध्यम से प्रदान की है।

23 मई 2021 तक 20,00,08,875 खुराक की कुल खपत हुई है जिसे इस दिन तक औसत के आधार पर निकाला गया है और इसमें अपव्यय हुईं खुराक भी शामिल हैं। यह आंकड़ा आज सुबह (24 मई) 8 बजे तक का है।

1.80 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन खुराक (1,80,43,015) अभी भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं जिन्हें अभी लगाया जाना बाकी है।

इसके अलावा, 48 लाख (48,00,650) से अधिक वैक्सीन खुराक पाइपलाइन में हैं और अगले 3 दिनों के भीतर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को प्राप्त होंगी।

कोविन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर 18-44 आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण के लिए अब ऑनलाइन समय निर्धारण के अतिरिक्त टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/समूह पंजीकरण की सुविधा भी दी गई

कोविन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर 18-44 आयुवर्ग के लोगों का टीकाकरण के लिए अब ऑनलाइन समय निर्धारण के अतिरिक्त टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/समूह पंजीकरण की सुविधा भी दी गई

वर्तमान में यह सुविधा केवल सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) पर ही उपलब्ध है

नई दिल्ली,टीकाकारण देश जनसंख्या के सबसे संवेदनशील जनसंख्या समूहों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने की ऐसी प्रक्रिया है और इसकी सर्वोच्च स्तर पर लगातार समीक्षा और निगरानी की जाती हैI सभी हितधारकों के साथ व्यापक विमर्श के बाद वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप इस प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए एक वर्गीकृत, समय-पूर्व एवं पहले से ही तैयारी के साथ कार्यवाही की अनुमति दी गई है।

01 मार्च 2021 को राष्ट्रीय टीकाकारण अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत के साथ ही कोविन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर केवल 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों के ऑनलाइन पंजीकरण एवं टीकाकरण की तिथि और समय के निर्धारण की सुविधा दी गई थीI बाद में इन प्राथमिकता समूहों के लिए टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण और समय निर्धारण समूह पंजीकरण सुविधा को भी जोड़ा गया थाI इसके बाद 01 मई 2021 से उदारीकृत मूल्य निर्धारण एवं त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति के क्रियान्वयन के साथ ही 18-44 आयु वर्ग की जनसंख्या के लिए भी टीकाकरण के कार्य क्षेत्र का विस्तार किया गया हैI 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए शुरू में केवल ऑनलाइन समय निर्धारण से टीकाकरण केन्द्रों में अधिक भीड़ एकत्र होने से बचना सम्भव हो पायाI

इस सम्बन्ध में राज्यों द्वारा किए गए विभिन्न अनुरोधों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए प्राप्त  जानकारियों के आधार पर, केंद्र सरकार ने अब निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करते हुए 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/सहायक समूह पंजीकरण की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है:

(i) ऑनलाइन स्लॉट के साथ विशेष रूप से आयोजित टीकाकरण सत्रों के दौरान   उस दिन समय की समाप्ति के समय तक यदि कुछ ऑनलाइन समय पाए हुए लाभार्थी किसी कारण से टीकाकरण के दिन नहीं आ पाते हैं। तब ऐसी स्थिति में  टीकों की बर्बादी को कम से कम करने के लिए कुछ लाभार्थियों का टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण आवश्यक हो सकता है।

(ii) भले ही कोविन इस समय एक मोबाइल नंबर पर आरोग्य सेतु और उमंग जैसे ऐप्स और सामान्य सेवा केन्द्रों आदि के माध्यम से 4 लाभार्थियों के पंजीकरण और समय दिए जाने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन समूह में सुविधा की आवश्यकता वाले लोगों या जिन लोगों की पहुँच अभी भी इंटरनेट या स्मार्ट फोन या मोबाइल फोन तक नहीं है, के लिए अभी भी टीकाकरण के विकल्प  बहुत सीमित हैं।

      इसलिए अब 18-44 आयुवर्ग के लिए कोविन प्लेटफ़ॉर्म पर टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण एवं समय निर्धारण की सुविधा दी जा रही है।

      हालाँकि, यह सुविधा वर्तमान समय में केवल सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के लिए ही सक्षम की जा रही है।

      वर्तमान में यह सुविधा निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) के लिए उपलब्ध नहीं होगी और निजी क्षेत्र के टीकाकरण केन्द्रों को अपने टीकाकरण कार्यक्रम को विशेष रूप से ऑनलाइन समय निर्धारण के लिए स्लॉट के साथ प्रकाशित करना होगा।

      संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के बाद ही इस सुविधा का उपयोग किया जा सकेग। ऐसा करने के लिए राज्य सरकार /केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को 18-44 आयु वर्ग के पात्र लाभार्थियों के सामूहिक पंजीकरण और समय निर्धारण में स्थानीय सन्दर्भ के आधार पर एक अतिरिक्त उपाय टीकाकरण स्थल पर ही पंजीकरण/समूह में पंजीकरण की सुविधा शुरू करने  का निर्णय करना होगा ताकि टीकों की बर्बादी कम से कम हो सकेI

      केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 18 से 44 वर्ष की आयु समूह के लिए ऑन-साइट पंजीकरण और नियुक्ति सुविधा का उपयोग करने की सीमा और तरीके के संबंध में संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकार के निर्णय का सख्ती से पालन करने के लिए सभी जिला टीकाकरण अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी करने की सलाह दी है।

      सुविधा समूहों से संबंधित लाभार्थियों को टीकाकरण सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से आरक्षित सत्र भी आयोजित किए जा सकते हैं। जहां कहीं भी इस तरह के पूर्ण आरक्षित सत्र आयोजित किए जाते हैं, ऐसे लाभार्थियों को पर्याप्त संख्या में बुलवाने  के लिए भी सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

      केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी है कि टीकाकरण केंद्रों पर भीड़भाड़ से बचने के लिए 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए साइट पर पंजीकरण और टीकाकरण के लिए समय निर्धारित किए जाते समय अत्यधिक अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए।

क्षेत्रिय मान्यता प्राप्त डाक्टरों को भी कोविड इलाज की अनुमति मिले-संघर्षी

क्षेत्रिय मान्यता प्राप्त डाक्टरों को भी कोविड इलाज की अनुमति मिले-संघर्षी
                   सरकार को चाहिए, कि वह सभी  "निजी अस्पतालों" तथा मान्यता प्राप्त क्षेत्रिय डाक्टरों को भी कोविड इलाज के इलाज करने की अनुमति प्रदान करे, ताकि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले के सभी "सक्षम एवं इच्छुक" निजी अस्पताल भी  कोविड के इलाज मे जनता को "चिकित्सा तथा सरकार का सहयोग" कर सकें। सरकारी अस्पतालों में "अनदेखी एवं अव्यवस्थाओ" के चलते जितना भी मरीजों का उत्पीड़न हो रहा है, उसे हम सब भली भांति जानते हैं। इतना कोविड से मृत्यु दर मे इजाफा नहीं हुआ है, जितना कि कुछ अस्पतालों मे मरीजों की "अनदेखी एवं अव्यवस्थाओ" से हो रहा है। वर्तमान समय में जितना अनुभव हम सब को हुआ है,शायद ही उतना पहले कभी हुआ हो, इस कारण सरकार जनता के स्वास्थ्य को देखते हुए, "निजी अस्पतालों" को भी जनता के इलाज की अनुमति प्रदान करे। क्योंकि वर्तमान समय में केवल कोविड से ही खतरा नहीं है,कुछ लोग अन्य रोगों से भी ग्रस्त है, जैसे, शुगर,बैल्डप्रेसर, टी0 वी0,लीवर, इत्यादि, जिनके क्षेत्रिय लगे- बंधे "फैमली डाक्टर" है। जिनसे एक दूसरे के पहले से ही इलाज चलते आ रहे है, किन्तु वर्तमान में उन सभी के अस्पताल बन्द होने के कारण जनता को बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है‌। जरुरी तो नही है,कि सभी लोग कोविड से ही मर रहे हो।क्या? अन्य रोगों के इलाज की "अनदेखी एवं अव्यवस्थाओ" से भी तो मौत हो रही हैं।जिन पर हम गम्भीर ही नहीं है। इसीलिए मैं वर्तमान सरकार का इस और भी ध्यान चाहता हूं। 
        महंत-पं0रविन्द्र भारद्वाज संघर्षी जी महाराज
     श्री विष्णु धाम मंदिर व आश्रम मौ0गोकुल नगर
                   चांदपुर बिजनौर उत्तर प्रदेश
(ये लेखक के अपने निजी विचार हैं)

भगवान बुद्ध का जीवन मनुष्य को यह संदेश देता है कि वह शांति, करुणा ,संवेदना के मर्म को समझें

 बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष

देवेंद्र सैनी देव

भगवान  बुद्ध का जीवन मनुष्य को यह संदेश देता है कि वह शांति, करुणा ,संवेदना के मर्म को समझें ,आतंकवाद ,दंगे ,युद्ध, आदि समाज की वे भीषण  बीमारियां हैं, जिनके दुष्परिणाम देश के हर नागरिक को झेलने पड़ते हैं , इन सबसे किसी का कल्याण , किसी का हित नहीं होता बल्कि इनसे दुख अशांति व पीड़ा का दर्द ही फैलता है ,

कुछ ऐसी ही स्थिति समाज की तब थी ,जब भगवान बुद्ध इस  धरा पर आए ,उन्होंने मानव मन को समझा उसके दुख के कारणों को जाना और अपनी करुणा का स्रोत बहाते हुए उन सभी दु:खते मनो को शांत किया ,जो भटक गए थे ,गलत मार्ग पर अग्रसर थे, और स्वयं काे तथा दूसरों को अकारण   कष्ट  दे रहे थे ,यही  कारण था  कि बुद्ध के समय मैं  एक  नवीन तरह की क्रांति हुई, शांति व करुणा की क्रांति, जिसने युद्धाें को समाप्त किया, शांति का साम्राज्य स्थापित किया और मानव जीवन  को नई दिशा दिखायी,


 आज की विभीषिकाओं से जूझते मानव को सही राह दिखाने के लिए भगवान बुद्ध की उन्हीं  शिक्षाओं पर चलने की आवश्यकता है जो उसे आतंक, हिंसा, युद्ध व नकारात्मक   प्रवृत्ति के मार्ग से हटाकर  शांति, सेवा, सुचिता के मार्ग की ओर ले चले, जो स्थिति वह समस्याएं भगवान बुद्ध के समय थी , वे आज भी है और पहले भी की तुलना में अधिक  विकृत रूप में है ,काल की गति ने  पुनः ऐसे ही दिव्य प्रयास की आवश्यकता हममें से प्रत्येक अनुभव कर सकता है,


 आतंकवाद युद्ध दंगे आदि को देखकर ऐसा लगता है कि मानव के अंदर अब संवेदना ही नहीं बची, अब उसके अंदर इंसानियत ही नहीं रही,  जिसके कारण उसे मानव कहा जा सके,
 अब तो इंसान की हैवान बन गया है ,न तो उसे  प्रकृति का ध्यान है और न ही प्रकृति में बसने वाले पशु ,पक्षियों, जीव -जंतुओं का, यहां तक कि  अब तो मानव को अपना ही ध्यान नहीं है ,
अपने ही स्वार्थ ,लोभ, लालच में वह मानवता के अस्तित्व को  गंवाने में लगा लग गया है ,
ऐसी परिस्थितियाें में भगवान बुद्ध की दी गयी सीख  मनुष्य के लिए अत्यंत  प्रासंगिक  सिद्ध होती नजर आ रही रही हैं ,


भगवान बुद्ध कहा करते थे कि मनुष्याें की महानता युद्ध को जीतने से नही वरन स्वयं पर विजय प्राप्त होने से प्रमाणित होती है ,
दूसरों पर बर्बरता दिखाकर कोई भी मनुष्य अपनी अंतरात्मा को, परमात्मा की ओर नहीं ले जा सकता है ,यदि प्रत्येक व्यक्ति इसी करुणा के पथ का पालन करें तो मनुष्य को युद्ध एवं आतंकवाद की छाया से मुक्त किया जा सकता है ,

भगवान बुद्ध का बहुत लोकप्रिय और प्रसिद्ध संदेश है कि यथार्थ जगत में दुखों और पीड़ाओ को संघर्ष के जरिए नहीं ,मानसिक  प्रत्यनाे के द्वारा ही दूर किया जा सकता है,
 मनुष्य अन्य प्राणियों से इस आधार पर श्रेष्ठ है कि उसके पास बुद्धि है, विवेक है ,वह सोच समझ सकता है और अपनी सोच के अनुसार कुछ भी कर सकता है, जिस व्यक्ति की सोच जितनी परिपक्व होगी ,उसका जीवन उतना ही अधिक व्यवस्थित होगा, भगवान बुद्ध का यह भी कहना था कि सितार के तार को अधिक कसने पर अथवा उसे ढीला छोड़ने पर सितार में से बेसुरी आवाजें  ही निकलती हैं ,
संगीत को जन्म देने के लिए उसे सम्यक रूप में उसे कसना आवश्यक होता है ,इसी प्रकार जीवन को भी  सम्यक मार्ग पर ले जाने से ही जीवन के मर्म को समझा जा सकता है ,

भगवान बुद्ध ने दुख से मुक्ति के आठ उपायों  को अष्टांगिक मार्ग कहा है ,जिनके नाम सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प ,सम्यक वाणी, सम्यक  कंर्मात ,सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति एवं सम्यक समाधि है ,

आज बुद्ध की वाणी उनके कहे गए वचन व संदेश मानव जीवन के लिए उतनी ही प्रेरणाप्रद हैं,जितने वे सदियों पूर्व थे , जिन भगवान बुद्ध की वाणी सुनकर  दुर्दांत दैत्य  उंगलिमाल का जीवन बदल सकता है,  बर्बर अधिपति अधिपति अज्ञात शत्रु और  प्रजावत्सल सम्राट अशोक में बदलाव आ सकता है ,उनके जीवन व संदेश से प्रेरणा पाकर आज भी मानवता को नई सोच व नई दिशा दे पाना संभव है ,

                       देवेंद्र सैनी देव 
(लेखक चिंगारी बिजनौर टाइम्स ग्रुप मैं वरिष्ठ पत्रकार हैं.ये विचार लेखक के अपने हैं)