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Monday, August 17, 2020
जीआईए ने ‘नवरत्न’ पर नॉलेज वेबिनार पेश किया
देहरादून। जीआईए इंडिया ने देहरादून, उत्तराखंड में सर्राफा मंडल के सदस्यों के लिए “नवरत्न” पर एक नॉलेज वेबिनार पेश किया। इन नौ रत्नों के बारे में ज्ञान अर्जित करने के लिए 90 से अधिक सहभागियों ने इस वेबिनार में भाग लिया। जीआईए इंडिया के शिक्षक मोहित अग्रवाल ने भारतीय ज्योतिषशास्त्र में दिव्य पिंडों का निरूपण करने वाले नौ रत्नों के बारे में बारीक परखों को साझा कियाः सूर्य (माणिक), चन्द्रमा (मोती), बुध (पन्ना), मंगल (मूँगा), बृहस्पति (पुखराज), शुक्र (हीरा), शनि (नीलम) और राहू (ज़र्कौन या हीसोनाइट) और केतु (लहसुनिया)। इस अवसर पर अमित गुप्ता, मालिक, कुंदन माला ज्यूवेल्स और सर्राफा मंडल के एक सदस्य का कहना था, “हमें लगता था कि हम नवरत्नों के बारे में काफी कुछ जानते हैं। लेकिन जीआईए इंडिया के वेबिनार ने मेरी आँखें खोल दी और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी एसोसिएशन के सभी सदस्यों को प्रत्येक नवरत्न के ओरिजिन, स्पीसिस और उससे जुड़ी धारणओं के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल हुई है।“ आगे अपूर्व देशिंगकर, सीरियर डायरेक्टर - सेल्स, जीआईए इंडिया का कहना था, “अच्छी सहभागिता को देखना काफी हर्षदायक है और हम देहरादून में सर्राफा मंडल के आभारी हैं। जीआईए के लगभग 90 वर्ष के रत्नविज्ञानी अनुसंधान के चलते, रत्न एवं आभूषण उद्योग के सदस्य ज्ञान के इस भंडार का लाभ उठा सकते हैं, और इससे उन्हें आत्मविश्वास के साथ खरीदारी करने और बेचने में मदद मिलेगी।“इस अवसर पर श्रीराम नटराजन, मैनेजिंग डायरेक्टर, जीआईए इंडिया का कहना था, “भारतीय संस्कृति में नवरत्नों का अत्यधिक महत्त्व है और ये इन्हें धारण करने वाले व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य, धन-संपदा, मानसिक शक्ति और विवेक के प्रतीक माने जाते हैं। जीआईए विभिन्न रत्नविज्ञानी विषयों पर अनुसंधान करता है और हमें नवरत्नों का ज्ञान व्यापारजगत के साथ साझा करके बेहद खुशी हो रही है। जीआईए के नॉलेज वेबिनार सहभागियों के लिए कोविड-19 के हालात में शिक्षित होने और व्यापार का सशक्तीकरण करने का अवससर उपलब्ध कराते हैं।“
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