-इन्दौर | कोरोना के कहर ने छोटे व्यापारियों का जीवन उजाड़ दिया। लोगों के सपने चकनाचूर हो गये। जीवनभर की जमा पूंजी लॉकडाउन के दौरान परिवार के पालन-पोषण में स्वाहा हो गई। समय की मार झेल रहे ऐसे ही टूटे परिवार दोबारा मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना के सहारे लड़खड़ाते कदमों से फिर चलने लगे हैं। शासन की मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना ने दस-दस हजार रुपये ऋण देकर पथ विक्रेताओं को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है।
जिंसी हॉट मैदान में सब्जी का ठेला लगाने वाले ओमप्रकाश आर्य निवासी बड़ा गणपति को पंजाब नेशनल बैंक की राज मोहल्ला शाखा से सब्जी व्यवसाय पुन: खड़ा करने के लिए दस हजार रुपये का ऋण मिला है। वह आस-पास के मोहल्लों में सब्जी बेचते है। उनके दो लड़कियां है, जो स्कूल में पढ़ती है। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल-मई, 2020 में सारी जमा पूंजी परिवार के भरण-पोषण में खर्च हो गई थी। व्यवसाय करने की लिए उनके पास जमा पूंजी नहीं थी। उनका भविष्य अन्धकारमय में था। शासन की मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना उनके लिए डूबते को तिनके का सहारा साबित हुई है। उन्होंने नगर निगम के माध्यम से इस योजना का सहारा लेकर अपना सब्जी व्यवसाय पुन: शुरु कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री पथ विक्रेता सहायता योजना के तहत पथ विक्रेताओं का दस हजार रुपये का ऋण बैंक के माध्यम से दिया जा रहा है। ब्याज की रशि का भुगतान बैंक को शासन द्वारा किया जायेगा। इस अभिनव योजना का लाभ इस समय सैकड़ो हितग्राहियों द्वारा लिया जा रहा है। यह योजना राज्य शासन द्वारा जनपद पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम इंदौर के माध्यम से लागू की जा रही है।
चर्चा के दौरान श्री ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि हमारा भविष्यि अंधकारमय था। मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना से हमें नई राह मिली और हम नए रास्ते पर चल पड़े। मैं इस अनूठी योजना के लिए राज्य शासन के शुक्रगुजार हूँ। इस योजना से इंदौर में हम जैसे सैकड़ों पथ विक्रेताओं को नई राह मिली है। इसे कहते हैं-“हिम्मते मर्द, मददे खुदा’’।
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