Thursday, August 13, 2020

नि:शक्तता बाधा नहीं बनी मनोज ठाकुर की कामयाबी में "सफलता की कहानी"

पहले स्वयं करते थे नौकरी अब एक व्यक्ति को दे रहे हैं रोजगार

नरसिंहपुर |जिले की नरसिंहपुर तहसील के ग्राम मुंगवानी टोला के आदिवासी वर्ग के नि:शक्त मनोज कुमार ठाकुर की जिंदगी में नि:शक्तता बाधा नहीं बनी। पहले वे अपने निवास स्थान के पास स्टोन क्रेशर पर पारिश्रमिक के रूप में लिखा- पढ़ी का काम करते थे। इससे उन्हें बहुत कम आमदनी होती थी। इसके बाद उन्हें मप्र आदिवासी वित्त एवं विकास निगम की स्वरोजगार योजना के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया। उनके लिए 3 लाख रूपये का ऋण सेंट्रल बैंक मुंगवानी ने मंजूर किया, जिसमें 90 हजार रूपये का अनुदान भी उन्हें मिला। इस राशि से मनोज ने स्वयं की रेडीमेड कपड़ा दुकान का व्यवसाय शुरू किया। उनकी दुकान चल पड़ी। अब वे हर महिने 15 से 20 हजार रूपये तक का मुनाफा दुकान से प्राप्त कर रहे हैं। वे दुकान का किराया, बैंक की किश्त और एक व्यक्ति के वेतन का भुगतान भी कर रहे हैं। इस तरह पहले जहां मनोज कुमार ठाकुर दूसरे के यहां नौकरी कर रहे थे, अब वे स्वयं एक व्यक्ति को रोजगार दे रहे हैं।

         आदिवासी वर्ग के नि:शक्त मनोज कुमार ठाकुर कहते हैं कि मैं मध्यप्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और आदिवासी वित्त विकास निगम का सदैव आभारी रहूंगा, क्योंकि आज मैं मजदूर से मालिक बन गया हूं। पहले जहां मैं स्वयं दूसरे के यहां नौकरी करता था, अब मैं एक व्यक्ति को अपनी दुकान पर रोजगार दे रहा हूं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया है कि वे स्वयं का रोजगार स्थापित करें और दूसरों को भी रोजगार दें। इसके लिए मध्यप्रदेश शासन बहुत सी योजनायें चला रही हैं, इनका लाभ लें।

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