-छिन्दवाड़ा |जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित पारिवारिक विवाद समाधान केन्द्र के प्रयासों से आवेदिका श्रीमती हिना कौशर और अनावेदक इरशाद शेख के पारिवारिक विवाद का समाधान हो गया है। दोनों पक्षों द्वारा सहमति पत्र लिखकर हस्ताक्षर करने के बाद आवेदिका श्रीमती हिना कौशर राजी-खुशी अपने पति इरशाद के साथ अपने ससुराल चली गई है तथा लगभग टूट चुके एक परिवार का घर फिर से बस गया है। पुन: घर बस जाने पर दोनों परिवारों में हर्ष और खुशी की लहर व्याप्त हो गई है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बी.एस.भदौरिया के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिन्दवाड़ा के अन्तर्गत जिले में पारिवारिक विवाद समाधान केन्द्र संचालित किया जा रहा हैं। पारिवारिक विवाद समाधान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रहते हैं और प्रत्येक माह इस केन्द्र में विभिन्न प्रकार के पारिवारिक विवादों के निराकरण के आवेदन प्राप्त होते रहते हैं। इसी क्रम में 22 जुलाई 2020 को आवेदिका श्रीमती हिना कौशर पति श्री इरशाद शेख ने एक आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत किया कि वह अपने पति श्री इरशाद शेख व ससुराल के साथ पारिवारिक विवाद के कारण विगत एक वर्ष 2 माह से अपने मायके में रह रही है। ससुराल वाले उसे लेने नहीं आते, जबकि वह ससुराल जाना चाहती है। उसकी समस्या का समाधान किया जाये। इस आवेदन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अरविंद कुमार गोयल ने आवेदिका के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बात कर समस्या की विस्तृत जानकारी ली जिसमें यह तथ्य सामने आया कि आवेदिका नॉनवेज नहीं खाती जबकि उसकी ससुराल में उसे नॉनवेज खाने के लिये प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा आवेदिका के पिता के डब्ल्यू.सी.एल.से रिटायर होने के बाद प्राप्त फण्ड में से ससुराल वालों द्वारा रूपयों की मांग करने, आवेदिका की बच्ची को ससुराल पक्ष के रिश्तेदारों द्वारा आवेदिका की मर्जी के खिलाफ गोद देने के प्रयास करने आदि का भी विवाद था।
कोरोना वायरस के कारण नागपुर से अनावेदकगण का आना संभव नहीं होने के कारण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आवेदक व अनावेदक से चर्चा करने का निर्णय लिया और इसी क्रम में आवेदिका एवं अनावेदकगण के फोन में गूगल मीट एप इंस्टॉल कराकर उनसे चर्चा की तिथि नियत की। आवेदिका, उसके पति व ससुरालवालों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में लंबी काऊंसलिंग कर हर पहलू पर चर्चा की गई और दोनों पक्षों की शिकायतों को सुना गया। ससुराल वालों को इस बात पर तैयार किया गया कि यदि आवेदिका नॉनवेज नहीं खाती तो उसे मजबूर नहीं किया जाये और वह शाकाहारी भोजन स्वयं बनाकर खा सकती है। आवेदिका पर बच्ची को गोद देने का कोई दबाव नहीं बनाया जायेगा और किसी प्रकार की कोई मांग करना या आपस में दुर्व्यवहार करना उचित नहीं है। इस पर अनावेदक पक्ष का कहना था कि आवेदिका के मायके वाले अनावश्यक लड़ाई-झगड़ा और मारपीट करते हैं तथा लगभग 15 माह की पोती अलिस्वा फातिमा को उन्होंने आज तक देखा नहीं है। अनावेदक पक्ष ने अपनी पोती से एक बार मिलवाने की प्रार्थना की। इस प्रार्थना पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री गोयल द्वारा तत्काल वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही अलिस्वा से उसके पिता व दादा-दादी की मुलाकात कराई गई। अलिस्वा को देखते ही उसके पिता और दादा-दादी भाव विह्वल हो गये और यहीं से उनके समझौते का मार्ग पक्का हो गया। दोनों पक्षों ने अपनी गलती स्वीकार की और एक साथ रहने की इच्छा व्यक्त की। दोनों पक्षों से बात करने के बाद 10 अगस्त 2020 को अनावेदक द्वारा छिन्दवाडा में उपस्थित होकर आवेदिका को अपने घर ले जाने की बात कही गई। इसी क्रम में आवेदिका श्रीमती हिना कौशर तथा अनावेदक श्री इरशाद शेख 10 अगस्त 2020 को अपने परिवार के साथ पारिवारिक समाधान केन्द्र छिन्दवाड़ा में उपस्थित हुये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री गोयल ने दोनों पक्षों की एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई कर दोनों पक्षों को आपस में प्रेम व सद्भाव के साथ रहने की समझाईश दी जिस पर दोनों पक्ष सहमत हुये और उनका लगभग टूट चुके परिवार का घर फिर से बस गया।
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