भिण्ड /भिण्ड निवासी 33 वर्षीय श्री राजेश यादव ने जब से होश संभाला तब से परिवार के भरण-पोषण के लिये होजरी कपड़ों का ठेला लगाने लगे। भिण्ड में होजरी कपडो का ठेला लगाकर वह जैसे-तैसे अपना जीवन-यापन कर रहे थे।
लेकिन बीते दिनों कोरोना महामारी के कारण उनकी आमदनी के एकमात्र जरिये पर भी मानो ग्रहण-सा लग गया था। लॉकडाउन के कारण दो से तीन महीने लगातार वे होजरी कपडो का ठेला नहीं लगा पा रहे थे। इस वजह से उनका पूरा व्यवसाय चौपट हो गया था। कुछ समय लॉकडाउन के दो महीने बाद तो स्थिति यह हो गई थी कि परिवार के सदस्यों को थोड़े में गुजारा करना पड़ता था। कई बार बच्चों को दो समय की रोटी देने पर मां-बाप को भूखे पेट सोना पड़ता था। श्री राजेश यादव ऐसे समय में काफी परेशान हो गये थे। उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आगे उनके परिवार का क्या होगा, क्योंकि अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ होने के बावजूद उनके व्यवसाय की हालत इतनी बुरी हो गई थी कि दोबारा उसे पटरी पर लाना बहुत मुश्किल था।
ऐसे में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना के बारे में राजेश को जानकारी मिली। उन्हें लगा कि शासन की यह योजना उनके डूबते हुए व्यवसाय के लिये कश्ती साबित हो सकती है। राजेश ने बिना देर किये नगर पालिका कार्यालय में जाकर योजना की जानकारी ली। नगरपालिका द्वारा भी पूरा सहयोग करते हुए राजेश को योजना की जानकारी दी गई तथा उनसे योजना के अन्तर्गत ऋण हेतु आवेदन प्राप्त किया गया। आवेदन करने के कुछ ही दिनों के बाद उनके खाते में 10 हजार रुपये की राशि आ गई, जिससे वे दोबारा अपने व्यवसाय को प्रारम्भ करने में सफल हो सके।
राजेश ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत ऋण दिये जाने पर बैंक द्वारा उनसे कोई सिक्योरिटी नहीं ली गई। इस योजना की वजह से राजेश की बेपटरी हुई जिन्दगी दोबारा पटरी पर न केवल आई, बल्कि अब धीरे-धीरे उसने रफ्तार भी पकड़ ली है। अब होजरी कपडे विक्रय से राजेश को प्रतिदिन 300 से 400 रुपये का लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना की वजह से उन्हें किसी के आगे रुपयों के लिये हाथ नहीं फैलाने पड़े। वास्तव में यह योजना आत्मनिर्भर बनने की ओर एक सहायक के रूप में साबित हुई है। राजेश और उनके पूरे परिवार ने मुश्किल समय में साथ देने के लिये मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
No comments:
Post a Comment