Thursday, August 13, 2020

आयुष्मान भारत निरामयम योजना देवेन्द्र के लिये बनी वरदान

-मुरैना | आयुष्मान भारत निरामयम योजना देवेन्द्र राजपूत के लिये वरदान साबित हो रही है।    

गीतांजली भवन के पास नया आमपुरा निवासी देवेन्द्र पिता बाल किशन राजपूत की किडनी खराब हो जाने से बहुत परेशान था। देवेन्द्र एक प्रायवेट फैक्ट्री में काम करता था जहां से उसे 8 हजार रूपये का वेतन मिलता था।

      देवेन्द्र राजपूत ने बताया कि मेरे सिर में दर्द और उल्टी होती थी। मैंने जब ग्वालियर के डॉक्टर मनीष गुप्ता को दिखाया तो उन्होंने मेरी जांच कराई। जांच में मेरी किडनी में खराबी बताई। मेरी किडनी काम नहीं कर रही थी। मुझे डॉक्टर ने डायलेसिस कराने को कहा। डायलेसिस कराना मेरे बस की बात नहीं थीं। डायलेसिस में पैसा बहुत लगता है। कोरोना लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद रहने से मैं भी घर बैठा हूं। मेरे पास जो भी जमा पूंजी थी उसमें मैंने महेश्वरी हॉस्पीटल में 21 नवंबर 2019 में लगातार 10 दिन डायलेसिस कराई। इस पर 12 हजार रूपये खर्च हुये। पैसे न होने के कारण मैं आगे की डायलेसिस कराने में असमर्थ हो गया। मैं परेशान रहने लगा।

      कुछ समय बाद मैं जिला अस्पताल गया वहां मुझे आयुष्मान भारत निरामयम योजना का कार्ड बनवाने की सलाह दी। मैंने आयुष्मान मित्र से संपर्क किया। उन्होंने मेरे से दस्तावेज लेकर मुझे आयुष्मान भारत निरामयम का कार्ड बनाकर दे दिया। अब मैं इसी कार्ड से जिला चिकित्सालय में निःशुल्क डायलेसिस करा रहा हूं। 

      देवेन्द्र ने कहा कि आयुष्मान भारत निरामयम योजना मेरे लिये बरदान बन गई है। अगर यह योजना नहीं होती तो मैं जिंदा भी नहीं रह पाता। घर में 8 से 9 सदस्य और मेरी आर्थिक तंगी से मैं स्वयं परेशान था और ऐसे में ही किडनी खराब हो गई। अब में आयुष्मान भारत निरामयम कार्ड से निःशुल्क डायलेसिस कराकर अपना उपचार करा रहा हूं। इस योजना के लिये देवेन्द्र ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हुये कहा कि वास्तव में आयुष्मान भारत निरामयम योजना गरीबों, बीमारों के लिये वरदान बन गई है। मुख्यमंत्री जी ने यह योजना चलाकर बीमार व्यक्तियों को बहुत बड़ा सहारा दिया है। 

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