महिला प्रशिक्षक ने समझी जिम्मेदारी, दिया सद्भावना का परिचय
सैंपल देने से मना करने वाले परिवार को बचाया संक्रमण से
खरगौन | हालात जो भी हो, अगर आपके मन में निस्वार्थ भाव, कर्म और मानवता बसी है, तो आप किसी का बुरा नहीं कर सकते। ऐसा ही निस्वार्थ भाव, कर्म एवं मानवता कसरावद की खंड विस्तार प्रशिक्षक श्रीमती उमा यादव के मन में भी जागी। जब 14 जुलाई को उमा यादव अपने नियमित कार्य दस्तक अभियान के दौरान निरीक्षण के लिए अपने कर्तव्य स्थल पर पहुंची। यहां उन्हें एएनएम कल्पना लोले और सुपरवाईजर मनोज पाटीदार ने समस्या बताई। उनकी बात सुनकर उमा से रहा नहीं गया और कसरावद के वार्ड क्र.10 में आएं आरिफ (बदला हुआ नाम) की पॉजिटिव रिपोर्ट आ चुकी थी, लेकिन उनके परिवार वाले संपर्क में आने के बावजूद भी सैंपल देने से मना कर दिया। यह जानकारी बीएमओ राकेश पाटीदार, तहसीलदार राहुल सोलंकी, थाना प्रभारी माधवसिंह ठाकुर, जनपद पंचायत सीईओ मोहन वास्कले को दी। उन्होंने भी कोशिश, लेकिन आरिफ के परिवार के सदस्य नहीं मानें। जबकि सैंपल लेने के लिए पूरा अमला पहुंच चुका था। सभी समझाकर थक, हार चुके थे, लेकिन उमा यादव हारी नहीं।
“एक को होगा, तो अनेक को होगा“
आरिफ के परिवार ने सभी की बात को नकार दिया था, लेकिन उमा यादव ने आखरी प्रयास करते हुए कोरोना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि “एक को होगा, तो अनेक को होगा“। पहले अपने परिवार, समुदाय और मोहल्ले को, उसके बाद कसरावद को बचाने की जिम्मेदारी तुम्हारी भी है। कसरावद में दिनों-दिन मरीज बढ़ते जा रहे है, लेकिन आज तुम आगे नहीं आएं, तो आसपास और मोहल्ले के नागरिकों के मन में छवि अच्छी नहीं जाएगी। हम स्वास्थ्यकर्मी भी हताश हो जाएंगे। याद रखों कोरोना से हम सभी को मिलकर लड़ना है और यह बीमारी इतनी गंभीर भी नहीं है कि जान ले सके। बस हमें दूरी बनाकर रहना है। यहीं हम सबके लिए ठीक होगा। यहीं बात आरिफ के परिवार क सदस्यों को भा गई और आरिफ के परिवार सहित आसपास के 7 सैंपल लिए। आरिफ के ही 2 छोटे भाईयों मकसूद, मोईन (दोनों के नाम बदले) की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पॉजिटिव होने के बाद उन्हें महेश्वर के कोविड सेंटर में रखा गया। निरंतर उपचार व देख-रेख के बीच अब वे स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके है। वास्तव में उमा यादव की मेहनत रंग लाई और संक्रमण वार्ड क्र.10 में आगे नहीं बड़ा।
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