Saturday, August 22, 2020

श्री महासू देवता न्याय और आस्था के प्रतीक !

  
 खुशीराम
!श्री महासू देवता न्याय और आस्था का प्रतीक !
देहरादून ,आज जौनसार ,बावर , रवाइं,जौनपुर में(कंडारी, बिरोड मियानी) हिमाचल प्रदेश में( सिरमौर ,जुब्बल ,शिमला) आदि क्षेत्रों में जागड़े (जागरण)के पर्व को सभी क्षेत्रवासियों ने अपने अपने घरों में रहकर पूजा अर्चना कर श्रद्धा और भाव से मनाया ।
 ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन चार महासू देवता अपने चार मुख्य वीरू 52 अन्य वीरों के साथ माता काली के अन्य रूपों सहित सुनाक नगरी (महेंद्रथ) मैं माता देवलड़ी के साथ धरती से प्रकट हुए थे।
 क्षेत्र में अनेक राक्षसों और बुरी शक्तियों के प्रभाव को खत्म करने के लिए हुना भाट नामक ब्राह्मण के द्वारा अपने अंतिम पुत्र को बचाने और समूचे क्षेत्र की रक्षा के निमित्त तप जप करके कुरु कश्मीर से हुनाभट की प्रार्थना पर इस क्षेत्र में चार महासूओं का प्राकट्य हुआ । भाद्र मास की शुक्ल तृतीय और चतुर्थी को पूरे क्षेत्र में सभी देवालयम से भक्तों के दर्शन के लिए मंदिरों से चल सिहासन (पालकी) गर्भ ग्रह से बाहर आती हैं।कराेना महामारी के चलते आज के इस पर्व पर भी लोगों का जनसैलाब देखने को नहीं मिला । 
किंतु आस्था और श्रद्धा में लोगों की किसी प्रकार से कोई कम नहीं हुई लोगों ने अपने अपने घरों में विधिवत अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना की ।मंदिरों में केवल पुजारियों एवं मुख्य कार सेवकों के द्वारा ही देवता की आदि काल से चली आ रही परंपरा का निर्वाह किया गया।

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