अगला चयन आपका है यह आपको तय करना है। 
 सुशील कुमार सिंह 
 फिलहाल कई लोग मुझसे यह सवाल पूछेंगे कि हिन्दी माध्यम का चयन दर क्या है और कितना है? अन्य भारतीय भाषाओं की क्या स्थिति है, क्या रिजल्ट में अंग्रेजी माध्यम का वर्चस्व कायम है, कोचिंग संस्थान के आप भी डायरेक्टर हैं, आप रिजल्ट को कैसे देखते हैं साथ ही आपके संस्थान का परिणाम क्या है वगैरह-वगैंरह। तो मैं सभी को यह कहना चाहूंगा कि अगर किसी भी अभ्यर्थी ने लिखावट के बजाय बनावट और समर्पण तथा संकल्प के बजाय केवल संसाधन संकलन और गैर उत्पादक ऊर्जा के साथ परीक्षा की मांग के अनुरूप कार्य नहीं किया गया होगा तो कोचिंग संस्था हो या कोई महान शिक्षक वो परिणाम गढ़ ही नहीं सकता।
 ऐसे में मैं यहां स्पष्ट कर दूं कि मैं अपने हिस्से का काम करता हूँ परिणाम प्रतियोगी देता है। यदि 829 के इस रिजल्ट में इक्का-दुक्का परिणाम किसी संस्था ने हासिल भी कर लिया तो भी संस्था से अधिक अभ्यर्थी ही महत्चपूर्ण है। मैं 18 वर्षों से इस बात का पक्षधर रहा हूँ कि कोचिंग और शिक्षक कितनी भी सूचिता विकसित कर लें  मगर परीक्षा हाॅल और साक्षात्कार कक्ष में प्रतियोगी ने क्या भूमिका निभाई उसी पर परिणाम टिकता है।
ऐसे में बहुत कुछ इस बात पर निभर््र है कि आप क्या सोचते हैं और क्या कर रहे हैं।  फिलहाल मैं सभी  सफल प्रतियोगी को बधाई देता हूं और जो सफल नहीं है उनके लिए शुभकामनाएं बचा कर रखा हूं  और समय आने पर यह उनके सुपुर्द करूंगा। फिलहाल कुछ विशिष्ट जानकारी इस साल के परिणाम से जुड़ी दे रहा हूँ।
 गौरतलब है कि सिविल सेवा परीक्षा 2019 का साक्षात्कार कोविड-19 के चलते दो चरणों में सम्पन्न हुआ। जिसकी यात्रा फरवरी से अगस्त के बीच देखी जा सकती है। फिलहाल कुल 829 उम्मीदवारों को इसमें सफल घोषित किया गया है जिसमें आईएएस 180 और आईपीएस 150 हैं। परिणाम में प्रदीप सिंह का पूरे देश में पहला, जतिन किशोर का दूसरा और तीसरे स्थान पर प्रतिभा वर्मा हैं जिन्हें लड़कियों में टाॅपर कहा जायेगा। इसी प्रकार क्रमशः हिमांशु जैन, जेयदेव सीएस और विशाखा यादव, गणेश कुमार भास्कर व रवि जैन समेत संजिता महापात्रा आदि की क्रमिक सूची देख सकते हैं। प्रथम 10 परिणाम में तीन नाम लड़कियों का है। हालांकि प्रथम 20 में 8 लड़कियों का चयन हुआ है। कुछ बरस पहले ऐसा भी था जब प्रथम चार स्थान पर केवल लड़कियों का चयन हुआ था।





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