आईवीआर आधारित यह नि:शुल्क मोबाइल ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रम “स्वच्छ भारत मिशन–ग्रामीण” के दूसरे चरण में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में काफी महत्वपूर्ण साबित होगा
नई दिल्ली ,सप्ताह भर चलने वाले “गंदगी मुक्त भारत अभियान” के तहत केन्द्रीय जल मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज यहां “स्वच्छ भारत मिशन अकादमी” का शुभारंभ किया। गंदगी मुक्त भारत अभियान का उददेश्य स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए उनके व्यवहार में बदलाव लाना है। श्री सिंह ने इस अवसर पर एसबीएम अकादमी का आईवीआर टोल-फ्री नंबर डायल करके अकादमी का स्वागत संदेश सुना। खुले में शौच से मुक्त वातावरण के लिए व्यवहार में परिवर्तन लाने और इस बारे में प्रमुख हितधारकों यानी स्वच्छाग्रहियों और अन्य क्षेत्र के अधिकारियों की क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए, यह आईवीआर आधारित मुफ्त मोबाइल ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रम एसबीएम(जी) के चरण 2 में रेखांकित लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण होगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने स्वच्छता के लिए एक जन आंदोलन का रूप लेकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल दी है। इसने 2 अक्टूबर, 2019 को देश के सभी गांवों, जिलों और राज्यों द्वारा खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषणा की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जिससे ग्रामीण भारत खुले में शौच की समस्या से पूरी तरह से मुक्त हो चुका है। इस असाधारण सफलता को आगे बढ़ाते हुए, एसबीएम(जी) के दूसरे चरण को इस साल की शुरुआत में लागू किया गया था, जो ओडीएफ स्थिरता और ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर केन्द्रित है। यह कार्यक्रम यह सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम करेगा कि “कोई भी पीछे न छूट जाए और हर कोई शौचालय का इस्तेमाल करे”। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अकादमी, अपनी मोबाइल आधारित तकनीक के साथ स्वच्छाग्रहियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ पीआरआई सदस्यों, समुदाय-आधारित संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों, एसएचजी और अन्य लोगों की क्षमता निर्माण के प्रयासों को भी बढ़ावा देगी जो एसबीएम (जी) के चरण 2 से जुड़े हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने देशभर में ग्रामीण समुदाय के व्यवहार परिवर्तन को गति देने और कार्यक्रम को एक जन-आंदोलन का रूप देने के लिए पिछले पांच वर्षों में किए गए अथक प्रयासों के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों की एसबीएम (जी) टीम को बधाई दी। उन्होंने इन लोगों से एसबीएम (जी) चरण 2 में भी इसी भावना के साथ काम करना जारी रखने का आग्रह किया।
पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के सचिव, परमेस्वरन अय्यर ने एसबीएम एकेडमी की चरण 2 के तहत परिकल्पित कार्यक्षमताओं और मुख्य भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अकादमी की फोन-आधारित ऑनलाइन सेवा नि:शुल्क तरीके से मांग के अनुसार कहीं भी और कभी भी उपलब्ध होगी। यह बेसिक मोबाइल फोन पर उच्च गुणवत्ता और मानकीकृत सामग्री के साथ प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के माध्यम से ज्ञान और लाभार्थियों के साथ पारस्परिक संवाद कौशल में सुधार करेगी। आईवीआर आधारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ओडीएफ-एस के साथ-साथ एसएलडब्ल्यूएम के तहत विभिन्न विषयों में 60 मिनट का एक पाठ्यक्रम शामिल है। एसबीएम अकादमी पाठ्यक्रम में चार अध्याय हैं, प्रत्येक में चार ऑडियो पाठ और अध्याय के अंत में एक बहु-विकल्प प्रश्नोत्तरी है। पाठ्यक्रम में सफल माने जाने के लिए, उपयोगकर्ता को कम से कम 50 प्रतिशत प्रश्नों का सही उत्तर देना होगा।
अभी तक एसबीएम अकादमी की पाठ्य सामग्री केवल हिंदी में उपलब्ध है। उपयोगकर्ताओं से उम्मीद की जाती है कि वह टोल फ्री नंबर (18001800404) पर डायल करके अपने मोबाइल फोन पर पाठ्य सामग्री का पूरा विवरण प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने कुछ स्वच्छाग्रहियों, क्षेत्र और राज्य स्तर के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बातचीत भी की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस नि:शुल्क शिक्षा पाठ्यक्रम का समुचित उपयोग करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें।
No comments:
Post a Comment